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असम में “Advantage Assam 2.0” समिट से पहले निवेश प्रस्तावों की बाढ़, असम कैबिनेट ने मंजूर किए 1.22 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव

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असम में "Advantage Assam 2.0" समिट से पहले निवेश प्रस्तावों की बाढ़, असम कैबिनेट ने मंजूर किए 1.22 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को घोषणा की कि असम सरकार ने राज्य में आयोजित होने वाली “Advantage Assam 2.0” समिट से पहले 1.22 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है। यह समिट मंगलवार और बुधवार को असम की राजधानी गुवाहाटी में आयोजित होने जा रही है। इस समिट में निवेशकों से और अधिक प्रस्ताव आने की संभावना जताई जा रही है।

निवेश प्रस्तावों का कड़ा चयन

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि असम कैबिनेट ने करीब 35,000 से 45,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को अस्वीकृत कर दिया, क्योंकि ये प्रस्ताव पर्याप्त रूप से मजबूत नहीं थे। सरमा ने कहा कि “हमने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रस्तावों को कैबिनेट के पास भेजा है ताकि उनका उचित तरीके से मूल्यांकन किया जा सके। इस प्रक्रिया से हम कमजोर प्रस्तावों को बाहर कर पाएंगे और केवल उन निवेशों को प्रोत्साहित करेंगे जो वास्तव में राज्य के विकास में योगदान कर सकते हैं।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि “हम निवेशकों को बेवजह उत्तेजित नहीं करना चाहते। हम इस प्रक्रिया को अत्यधिक सोच-समझ कर कर रहे हैं। असम सरकार का मानना है कि पहले कैबिनेट के पास प्रस्ताव भेजने से बाद में हमें वास्तविक निवेश जमीन पर मिलेंगे।”

असम में "Advantage Assam 2.0" समिट से पहले निवेश प्रस्तावों की बाढ़, असम कैबिनेट ने मंजूर किए 1.22 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव

लगातार आ रहे निवेश प्रस्ताव

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि समिट के दौरान कई बड़े व्यापारिक नेताओं से निवेश की घोषणाएं की उम्मीद जताई जा रही है। समिट के दौरान लगभग 2,600 MoU (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन होंगे, जो छोटे निवेशों से संबंधित होंगे। इन निवेशों की रेंज 5 लाख रुपये से 50 करोड़ रुपये तक होगी। इन MoUs की पुष्टि पहले ही की जा चुकी है, जिनमें से 15,900 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी असम कैबिनेट द्वारा दी जा चुकी है।

Advantage Assam समिट 2018 की पुनरावृत्ति

इससे पहले, 2018 में भी असम में एक ऐसा ही समिट आयोजित किया गया था, जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सरबानंद सोनोवाल के नेतृत्व में कई बड़े सरकारी और निजी निवेश किए गए थे। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उम्मीद जताई कि इस समिट के दौरान भी राज्य में बड़े निवेश होंगे, जिससे असम की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी करेंगे समिट का उद्घाटन

2025 में आयोजित होने वाली इस समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे, जो मंगलवार सुबह समिट की शुरुआत करेंगे। इस समिट में केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अश्विनी वैष्णव, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, हरदीप पुरी, सरबानंद सोनोवाल और पवित्रा मरघेरिता सहित कई प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे।

बड़े उद्योगपतियों की भागीदारी

समिट में कई प्रमुख उद्योगपति भी शामिल होंगे, जिनमें एन चंद्रशेखरन, मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, सज्जन जिंदल, प्रशांत रूईया, अनिल अग्रवाल और अनिल कुमार चालमलासetty जैसे नाम शामिल हैं। इनके अलावा, विदेशों से भी उच्च-स्तरीय डेलीगेशन शामिल होंगे, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया, ताइवान, इंडोनेशिया, थाईलैंड, भूटान और जापान जैसे देशों के उद्योगपति गुवाहाटी आएंगे। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि असम सरकार ने समिट से पहले भारत के शीर्ष शहरों के अलावा ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, भूटान और यूएई में भी रोड शो किए थे। मुख्यमंत्री स्वयं भूटान, जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में इन डेलीगेशनों के साथ गए थे।

समिट में होगी 20 सत्रों की श्रृंखला

इस समिट में 20 सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें उद्योग जगत के नेता, विशेषज्ञ और सरकारी अधिकारी साथ मिलकर राज्य के लिए महत्वपूर्ण विकास के अवसरों पर चर्चा करेंगे। इन सत्रों का उद्देश्य राज्य में संभावित निवेश के क्षेत्रों की पहचान करना और उन्हें आकर्षित करने के लिए रणनीतियां बनाना है।

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए नीति में बदलाव

असम सरकार ने रविवार को राज्य की बायोटेक्नोलॉजी, वस्त्र और परिधान नीतियों में संशोधन को मंजूरी दी, ताकि इन क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि इन संशोधनों से असम को बायोटेक्नोलॉजी और वस्त्र उद्योग में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।

असम में निवेश की बढ़ती संभावनाएं

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार की लगातार कोशिशों के कारण असम में निवेश की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सरकार ने न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी राज्य को निवेश के लिए एक आकर्षक केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया है। यह समिट इसके परिणामस्वरूप एक बड़ी सफलता बन सकती है, जो असम के विकास को एक नई दिशा देगी।

“Advantage Assam 2.0” समिट राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां बड़े निवेशकों और व्यापारिक नेताओं से राज्य में निवेश को बढ़ावा देने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उनकी टीम की यह रणनीति असम को विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

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Delhi Blast: DNA रिपोर्ट ने खोला राज! लाल किला ब्लास्ट की कार में कौन था ड्राइवर?”

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Delhi Blast: DNA रिपोर्ट ने खोला राज! लाल किला ब्लास्ट की कार में कौन था ड्राइवर?"

Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार को हुए भीषण कार धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, जिस i20 कार में धमाका हुआ था, उसे डॉ. उमर चला रहे थे। इस बात की पुष्टि डीएनए टेस्ट के बाद हुई है। सूत्रों का कहना है कि जिस शव के अवशेष कार से बरामद हुए थे, वह किसी और के नहीं बल्कि डॉ. उमर के ही थे। इस विस्फोट के बाद से ही पुलिस और एनआईए की टीमें लगातार मामले की तहकीकात में जुटी हुई हैं।

डीएनए टेस्ट ने खोला राज — हड्डियों और दाँतों के नमूने से हुई पहचान

पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों ने कार से मिले हड्डियों और दाँतों के नमूने डॉ. उमर की माँ के डीएनए सैंपल से मिलाए। जब दोनों नमूनों की तुलना की गई, तो रिपोर्ट ने 100 प्रतिशत मैच की पुष्टि की। यह टेस्ट रोहिणी एफएसएल लैब में किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि इस डीएनए मैच के बाद यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया है कि धमाके के समय कार चला रहे व्यक्ति की पहचान डॉ. उमर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि डॉ. उमर ही वह व्यक्ति थे जो 10 नवंबर की शाम लाल किले के पास सुभाष मार्ग सिग्नल पर विस्फोटक से भरी i20 चला रहे थे।

Delhi Blast: DNA रिपोर्ट ने खोला राज! लाल किला ब्लास्ट की कार में कौन था ड्राइवर?"

धमाके की तीव्रता ने मचाया हाहाकार, उमर की मौत मौके पर ही

रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों में आग लग गई और पूरा इलाका दहशत में आ गया। पुलिस को कार के अंदर से डॉ. उमर की टांग एक्सिलरेटर में फंसी हुई मिली, जिससे अंदाज़ा लगाया गया कि वह विस्फोट के समय वाहन चला रहे थे। कार पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी थी और अंदर मौजूद व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना इतनी भयावह थी कि कई मीटर दूर तक धमाके की गूंज सुनाई दी। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि विस्फोटक कैसे और कहाँ से लाया गया तथा इसमें और कौन-कौन शामिल हो सकता है।

अब तक 12 की मौत, प्रधानमंत्री मोदी ने घायलों से की मुलाकात

इस दिल्ली ब्लास्ट में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 29 लोग घायल हुए हैं। इनमें से पाँच की हालत अभी भी नाज़ुक बताई जा रही है। घायलों का इलाज लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में जारी है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और अधिकारियों को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए। राजधानी के कई इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जबकि एनआईए और दिल्ली पुलिस की टीमें मिलकर मामले की हर कड़ी को जोड़ने में लगी हैं। फिलहाल, यह साफ है कि धमाके में मारे गए व्यक्ति की पहचान अब पूरी तरह से डॉ. उमर के रूप में हो चुकी है, जिससे जांच का एक महत्वपूर्ण चरण पूरा हो गया है।

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ED Raids: ED की बड़ी कार्रवाई! मुंबई और ठाणे में 13 जगहों पर छापेमारी, ₹85 करोड़ के फ्रॉड का खुलासा

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ED Raids: ED की बड़ी कार्रवाई! मुंबई और ठाणे में 13 जगहों पर छापेमारी, ₹85 करोड़ के फ्रॉड का खुलासा

ED Raids: बुधवार, 12 नवंबर 2025 को Enforcement Directorate (ईडी) ने महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई और ठाणे जिले में 13 स्थानों पर छापेमारी की। ये छापे मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों में, जैसे वर्ली और डोंबिवली, के अलावा ठाणे जिले में भी किए गए। यह कार्रवाई Lodha Developers Limited (अब Macrotech Developers Limited) के पूर्व निदेशक राजेंद्र लोढ़ा से जुड़ी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई।

ईडी जांच में क्या सामने आया

सूत्रों के अनुसार, ये छापेमारी Lodha Developers द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई। एफआईआर में आरोप है कि राजेंद्र लोढ़ा ने 2013 से 2025 के बीच अपने पद का दुरुपयोग कर कंपनी को लगभग ₹85 करोड़ का नुकसान पहुँचाया। इस नुकसान का कारण कथित तौर पर अनधिकृत जमीन के सौदे, कम कीमत पर प्लॉट बेचना और धोखाधड़ीपूर्ण खरीदारी बताई गई है।

कुल 10 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज

ईडी अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य अवैध धन के स्रोत और उसके उपयोग को ट्रैक करना है। इस मामले में कुल 10 आरोपियों पर केस दर्ज किया गया है, जिनमें राजेंद्र लोढ़ा भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि राजेंद्र लोढ़ा को पहले इसी मामले में सितंबर 2025 में मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था।

जांच जारी, अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय

ईडी की टीमें मंगलवार की देर रात (11 नवंबर 2025) तक वर्ली, डोंबिवली और ठाणे के आवासीय और व्यावसायिक ठिकानों पर छापेमारी करती रहीं। एजेंसी अधिकारियों के अनुसार, इस जांच में अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय किया जा रहा है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत और अवैध धन से खरीदी गई संपत्तियों की पहचान स्पष्ट रूप से की जा सके।

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Delhi Bomb Blast: दिल्ली पुलिस और एजेंसियों ने लाल किले के बम धमाके की जांच में तीन महत्वपूर्ण तथ्य खोजे

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Delhi Bomb Blast: दिल्ली पुलिस और एजेंसियों ने लाल किले के बम धमाके की जांच में तीन महत्वपूर्ण तथ्य खोजे

Delhi Bomb Blast: दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए कार बम विस्फोट की जांच तेज़ी से जारी है। इस भयंकर हमले में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 20 से अधिक लोग घायल हैं और अस्पतालों में इलाजरत हैं। कई घायल गंभीर हालत में हैं। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इस घटना से जुड़े कई पहलुओं की छानबीन कर रही हैं। अब जांच मुख्य रूप से तीन अहम बिंदुओं पर केंद्रित हो गई है, जिन्हें समझना बेहद जरूरी है।

पहला महत्वपूर्ण बिंदु: डॉ. उमर के तीन घंटे

इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि डॉ. उमर लाल किले के पार्किंग स्थल पर तीन घंटे कहां थे। शाम 3:19 बजे उनकी कार पार्किंग में आई और 6:22 बजे कार पार्किंग से बाहर निकली। इस तीन घंटे के दौरान डॉ. उमर कहां थे? क्या वे पार्किंग स्थल पर ही थे या किसी से मिलने गए थे? क्या वे इलाके की जाँच-पड़ताल कर रहे थे? या फिर उस समय भीड़ बढ़ने का इंतजार कर रहे थे ताकि विस्फोट का प्रभाव ज्यादा हो?
जानकारी मिली है कि डॉ. उमर को पता था कि उनके साथी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं और पुलिस किसी भी वक्त उनके पास पहुंच सकती है। फिर भी उन्होंने इतनी संवेदनशील जगह पर इतने लंबे समय तक रहना क्यों चुना? क्या वे किसी स्लीपर सेल या सपोर्ट टीम के आने का इंतजार कर रहे थे? यह भी जांच का महत्वपूर्ण हिस्सा है कि उन्होंने तीन घंटे में किसी से संपर्क किया या नहीं।

दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु: संदिग्ध नेटवर्क और हथियार

जांच में यह बात सामने आई है कि फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के तीन डॉक्टरों के नाम इस मामले में जुड़े हुए हैं। इसके अलावा इस नेटवर्क में और कितने सक्रिय या निष्क्रिय सदस्य थे, जिन्हें स्लीपर सेल कहा जाता है? यह भी जांच का विषय है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और हथियार कहां से आए? क्या ये अलग-अलग समय पर विभिन्न कंसाइनमेंट के रूप में भेजे गए थे?
कौन इस विस्फोटकों और हथियारों की आपूर्ति कर रहा था? टेलीग्राम समूह में कौन-कौन से सदस्य जुड़े थे? यह नेटवर्क कब से सक्रिय था? क्या दिल्ली की जाँच डॉ. उमर, मुझम्मिल या आदिल ने की थी या कोई और? इन सवालों के जवाब भी जांच की महत्वपूर्ण कड़ियां हैं।

तीसरा महत्वपूर्ण बिंदु: विस्फोट का तरीका और प्रभाव

दिल्ली में अब तक हुए लगभग सभी बम विस्फोटों में ब्लंट ऑब्जेक्ट्स जैसे कि कीलें, गेंद के बीयरिंग्स, तेज धार वाले ब्लेड आदि का इस्तेमाल किया गया है ताकि विस्फोट का असर ज्यादा और व्यापक हो सके। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। पुलिस ने विस्फोट स्थल से किसी भी प्रकार के ब्लंट ऑब्जेक्ट्स नहीं पाए। फिर सवाल उठता है कि इतनी ताकतवर धमाके का प्रभाव बिना सड़क पर गड्ढा बने या विस्फोट स्थल पर गहरा गड्ढा बने कैसे हुआ? विस्फोट ने आसपास के वाहनों को पूरी तरह तबाह कर दिया, केवल विस्फोट वाली गाड़ी ही नहीं, बल्कि आसपास की अन्य गाड़ियां भी प्रभावित हुईं। यह विस्फोट का तरीका और इसका असर जांच के लिए एक रहस्य बना हुआ है।

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