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Failure to disclose foreign assets, income to invite ₹10 lakh penalty: I-T dept

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Failure to disclose foreign assets, income to invite ₹10 lakh penalty: I-T dept
प्रतिनिधित्व के लिए उपयोग की गई छवि

प्रतिनिधित्व के लिए प्रयुक्त छवि | फोटो साभार: गेटी इमेजेज़

आयकर विभाग ने रविवार (17 नवंबर, 2024) को करदाताओं को आगाह किया कि आईटीआर में विदेश में रखी गई संपत्ति या विदेशी तटों पर अर्जित आय का खुलासा करने में विफलता पर ₹10 लाख का जुर्माना लग सकता है। काला धन विरोधी कानून.

यह भी पढ़ें: आईटी विभाग ने काला धन विरोधी कानून के तहत 400 से अधिक मामलों में नोटिस दिए हैं

विभाग ने हाल ही में शनिवार (16 नवंबर, 2024) को शुरू किए गए अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान के हिस्से के रूप में एक सार्वजनिक सलाह जारी की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि करदाता द्वारा मूल्यांकन वर्ष के लिए अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में ऐसी जानकारी दी जाए। निर्धारण वर्ष) 2024-25।

सलाह में निर्दिष्ट किया गया है कि पिछले वर्ष में भारत के कर निवासी के लिए विदेशी संपत्ति में बैंक खाते, नकद मूल्य बीमा अनुबंध या वार्षिकी अनुबंध, किसी इकाई या व्यवसाय में वित्तीय हित, अचल संपत्ति, संरक्षक खाता, इक्विटी और ऋण ब्याज, ट्रस्ट शामिल हैं। जिसमें एक व्यक्ति ट्रस्टी, सेटलर का लाभार्थी, गायन प्राधिकरण के साथ खाते, विदेश में रखी गई कोई पूंजीगत संपत्ति आदि शामिल है।

विभाग ने कहा कि इस मानदंड के तहत आने वाले करदाताओं को अपने आईटीआर में विदेशी संपत्ति (एफए) या विदेशी स्रोत आय (एफएसआई) अनुसूची को “अनिवार्य रूप से” भरना होगा, भले ही उनकी आय “कर योग्य सीमा से नीचे” हो या विदेश में संपत्ति “खुलासे से अर्जित की गई हो” स्रोत।”

एडवाइजरी में कहा गया है, “आईटीआर में विदेशी संपत्ति/आय का खुलासा करने में विफल रहने पर काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।”

कर विभाग के प्रशासनिक निकाय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा था कि अभियान के हिस्से के रूप में वह उन निवासी करदाताओं को “सूचनात्मक” एसएमएस और ईमेल भेजेगा, जिन्होंने पहले ही निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए अपना आईटीआर दाखिल कर दिया है। .

संचार ऐसे व्यक्तियों को भेजा जाएगा जिनकी द्विपक्षीय और बहु-पक्षीय समझौतों के तहत प्राप्त जानकारी के माध्यम से “पहचान” की गई है, “सुझाव” दिया गया है कि ये व्यक्ति विदेशी खाते या संपत्ति रख सकते हैं, या विदेशी न्यायालयों से आय प्राप्त कर सकते हैं।

सीबीडीटी ने कहा था कि अभियान का उद्देश्य उन लोगों को याद दिलाना और मार्गदर्शन करना है, जिन्होंने अपने जमा किए गए आईटीआर (एवाई 2024-25) में विदेशी संपत्तियों की अनुसूची पूरी तरह से पूरी नहीं की है, खासकर उच्च मूल्य वाली विदेशी संपत्तियों से जुड़े मामलों में।

विलंबित और संशोधित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।

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National Highway: मेवात की सड़क से खुलेगा विकास का दरवाज़ा, दो साल में बनकर तैयार होगा 45 किमी लंबा हाईवे

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National Highway: मेवात की सड़क से खुलेगा विकास का दरवाज़ा, दो साल में बनकर तैयार होगा 45 किमी लंबा हाईवे

National Highway: सरकार देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत कर विकास की गति को तेज करने में जुटी हुई है। इसी कड़ी में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नूंह से फिरोज़पुर झिरका होते हुए राजस्थान सीमा तक 45 किलोमीटर लंबे फोर-लेन नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए ₹325 करोड़ का टेंडर जारी किया है। यह सड़क नेशनल हाईवे-248A का हिस्सा होगी जो मेवात और आसपास के इलाकों को राजस्थान से जोड़ेगी।

फ्लाईओवर और अंडरपास से मिलेगा आराम

इस नए नेशनल हाईवे पर कुल 9 फ्लाईओवर और 6 अंडरपास बनाए जाएंगे। साथ ही नूंह के मालब और भादस गांवों में बाईपास की भी योजना है जिससे ट्रैफिक दबाव कम होगा और स्थानीय लोगों को सुविधा मिलेगी। सड़क को आधुनिक तकनीक से तैयार किया जाएगा ताकि भारी वाहनों और लंबी दूरी के यात्रियों को भी दिक्कत न हो।

National Highway: मेवात की सड़क से खुलेगा विकास का दरवाज़ा, दो साल में बनकर तैयार होगा 45 किमी लंबा हाईवे

दो साल में पूरा होगा काम

सरकार ने इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 24 महीने यानी दो साल की समयसीमा तय की है। ₹325 करोड़ की इस योजना में ₹310.44 करोड़ निर्माण कार्य के लिए और ₹40,000 टेंडर फीस के रूप में शामिल हैं। इसके साथ ही इस सड़क की देखरेख और रखरखाव की जिम्मेदारी भी 60 महीने यानी पांच साल के लिए तय की गई है।

आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

इस नेशनल हाईवे के बनने से मेवात क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिलेगी। बेहतर कनेक्टिविटी से न सिर्फ खेती और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि पर्यटन और उद्योगों के लिए भी यह इलाका और अधिक आकर्षक बन जाएगा। इससे निवेशकों की रुचि बढ़ेगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

करीब 50 गांवों को होगा सीधा लाभ

इस हाईवे से नूंह और आसपास के लगभग 50 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। गांवों के लोगों को शहरों से बेहतर जुड़ाव मिलेगा जिससे स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और व्यापार में सुविधा होगी। सड़क बनने के बाद राजस्थान की ओर जाने वाले यात्रियों का समय बचेगा और ट्रैफिक भी सुगम होगा।

 

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India and UK Free Trade Agreement: FTA के जरिए ब्रिटेन से सीधे जुड़ेगा भारत, क्या यूरोप में बनेगा नया इंडियन हब?

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India and UK Free Trade Agreement: FTA के जरिए ब्रिटेन से सीधे जुड़ेगा भारत, क्या यूरोप में बनेगा नया इंडियन हब?

India and UK Free Trade Agreement: भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ यह मुक्त व्यापार समझौता भारत के लिए एक बहुत बड़ा आर्थिक अवसर बन सकता है। इसमें भारत को ब्रिटेन के बाजार में 99 प्रतिशत सामान पर ड्यूटी-फ्री एक्सेस मिलेगा। इससे भारत की कंपनियों को यूरोप तक पहुंच आसान हो जाएगी और उनका लागत खर्च भी कम होगा।

ग्लोबल कंपनियों के लिए भारत बनेगा नई पसंद

‘चाइना + वन स्ट्रेटेजी’ के तहत अब कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन के अलावा दूसरे देशों में सप्लाई चेन सेट कर रही हैं। ऐसे में भारत एक भरोसेमंद और सस्ता विकल्प बनकर उभर रहा है। इस समझौते के बाद भारत को विदेशी कंपनियों से निवेश मिलने की संभावना काफी बढ़ जाएगी जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा।

India and UK Free Trade Agreement: FTA के जरिए ब्रिटेन से सीधे जुड़ेगा भारत, क्या यूरोप में बनेगा नया इंडियन हब?

टेक्सटाइल और फार्मा सेक्टर को मिलेगा बूस्ट

इस समझौते का सबसे ज्यादा फायदा उन सेक्टरों को होगा जो श्रम पर आधारित हैं जैसे कपड़ा उद्योग, रत्न और आभूषण, चमड़ा उद्योग, कृषि और समुद्री उत्पाद। इसके साथ ही इंजीनियरिंग सामान और फार्मा सेक्टर को भी नया जीवन मिलेगा। इससे देश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे जो युवाओं के लिए राहत की खबर है।

निवेश के लिए अलग करार पर भी काम जारी

पूर्व वाणिज्य सचिव राजीव खेर के अनुसार भारत और ब्रिटेन के बीच पहले से ही आर्थिक संबंध हैं लेकिन इस समझौते के बाद ये संबंध और मजबूत होंगे। इसके साथ एक अलग निवेश समझौता भी किया जा रहा है जिससे विदेशी निवेश को लेकर स्पष्टता आएगी और कंपनियों को भारत में निवेश करने में सुविधा होगी।

अभी बाकी है अंतिम शर्तों का इंतज़ार

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता कई अवसर लेकर आएगा लेकिन इसकी असली तस्वीर तो अंतिम शर्तों के सामने आने के बाद ही साफ होगी। फिर भी इतना तय है कि यह एफटीए भारत को निवेश, रोजगार और विकास की नई दिशा दे सकता है।

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Credit Card बना वरदान या अभिशाप? जानिए कैसे बचें ब्याज के दलदल से!

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Credit Card बना वरदान या अभिशाप? जानिए कैसे बचें ब्याज के दलदल से!

Credit Card का सबसे जरूरी नियम है समय पर पूरा भुगतान करना। जब आप हर महीने का पूरा बिल समय पर चुकाते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है और किसी भी तरह के ब्याज से आप बच जाते हैं। अगर पूरा भुगतान करना संभव नहीं हो तो कम से कम मिनिमम अमाउंट से ज्यादा रकम जरूर चुकाएं। इससे ब्याज का बोझ कम होता है और कर्ज़ जल्दी खत्म होता है।

बड़े खर्चों को बनाएं आसान EMI में

अगर आपने कोई बड़ा खर्च किया है जैसे मोबाइल फोन या यात्रा का भुगतान तो उसे EMI में बदलना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। EMI में भुगतान करने से आपको हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा चुकाना होता है जिससे आपके बजट पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता। इसके साथ ही EMI का ब्याज दर भी सामान्य क्रेडिट कार्ड ब्याज दर से कम होता है जिससे आप पैसे की बचत कर सकते हैं।

कैश निकालना है सबसे महंगा सौदा

क्रेडिट कार्ड से कैश निकालना बहुत महंगा पड़ सकता है। जैसे ही आप पैसे निकालते हैं उसी पल से उस पर ब्याज लगना शुरू हो जाता है और इसमें कोई ब्याज-मुक्त अवधि नहीं होती। इसके अलावा कैश विदड्रॉल चार्ज भी बहुत ज्यादा होता है। इस वजह से क्रेडिट कार्ड से कैश सिर्फ बेहद जरूरी स्थिति में ही निकालें और वह भी सोच-समझकर।

खर्चों पर रखें नजर वरना फिसल जाएगा बजट

क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करना जितना आसान है उतना ही जरूरी है कि आप अपने खर्चों पर नजर भी रखें। हर महीने अपने कार्ड का स्टेटमेंट ध्यान से पढ़ें और बैंक से आने वाले SMS अलर्ट को अनदेखा न करें। इससे आपको यह पता चलता रहेगा कि आपने कितना खर्च किया और कहां किया। इसके अलावा समय-समय पर क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहना भी जरूरी है ताकि कोई गलती या फर्जी लेन-देन जल्दी पकड़ा जा सके।

कई कार्ड के चक्कर में ना पड़ें

बहुत सारे लोग एक साथ कई क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर देते हैं ताकि ज्यादा ऑफर और कैशबैक का फायदा ले सकें। लेकिन ऐसा करना गलत हो सकता है क्योंकि इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है। हर नए कार्ड पर बैंक एक हार्ड इन्क्वायरी करता है और ज्यादा इन्क्वायरी से स्कोर नीचे चला जाता है। इसलिए वही कार्ड चुनें जो आपकी जरूरत और खर्च करने की आदत के अनुसार हो।

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