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Dilip Doshi: भारत के दिग्गज स्पिनर दिलीप दोषी अब नहीं रहे, लंदन में हार्ट अटैक से हुआ निधन
Dilip Doshi: भारत और इंग्लैंड के बीच हेडिंग्ले में चल रहे पहले टेस्ट मैच के दौरान जहां एक ओर केएल राहुल और ऋषभ पंत की शानदार शतकीय पारियों ने टीम इंडिया को नई उम्मीद दी, वहीं दिन के अंत में एक दुखद खबर ने सभी क्रिकेट प्रेमियों को झकझोर दिया। भारत के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर दिलीप दोषी का 77 वर्ष की उम्र में लंदन में निधन हो गया। ESPNcricinfo की रिपोर्ट के अनुसार, दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका निधन हुआ। लंबे समय से वह लंदन में ही रह रहे थे।
BCCI और क्रिकेट जगत ने दी श्रद्धांजलि
बीसीसीआई ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बोर्ड ने लिखा, “बीसीसीआई पूर्व भारतीय स्पिनर दिलीप दोषी के निधन पर शोक व्यक्त करता है। वह लंदन में अंतिम सांस ली।” क्रिकेट जगत में उनकी पहचान एक ऐसे खिलाड़ी की रही जो अपने खेल से ज़्यादा, अपने अनुशासन और गंभीरता के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में भी शोक की लहर दौड़ गई है।
The BCCI mourns the sad demise of former India spinner, Dilip Doshi, who has unfortunately passed away in London.
May his soul rest in peace 🙏 pic.twitter.com/odvkxV2s9a
— BCCI (@BCCI) June 23, 2025
देर से किया डेब्यू, लेकिन असरदार रहा करियर
दिलीप दोषी ने भारत के लिए 32 साल की उम्र में डेब्यू किया था। यह उम्र आम तौर पर क्रिकेट करियर के ढलान की मानी जाती है, लेकिन दोषी ने इसे गलत साबित किया। उन्होंने भारत के लिए कुल 33 टेस्ट मैच खेले और 114 विकेट लिए। इसमें 6 बार उन्होंने पारी में 5 विकेट भी झटके। वहीं, 15 एकदिवसीय मैचों में उन्होंने 22 विकेट चटकाए। घरेलू क्रिकेट में वह सौराष्ट्र और बंगाल की ओर से खेले और इंग्लैंड में वार्विकशायर और नॉटिंघमशायर की ओर से भी उन्होंने क्रिकेट खेला।
क्रिकेट से मोहभंग और आत्मकथा ‘Spin Punch’
दिलीप दोषी का क्रिकेट से मोह धीरे-धीरे खत्म होने लगा था। 1980 के दशक में उन्होंने चुपचाप क्रिकेट को अलविदा कह दिया क्योंकि उस समय भारतीय क्रिकेट के प्रबंधन से वह खासे असंतुष्ट थे। उन्होंने अपनी आत्मकथा भी लिखी जिसका नाम है ‘Spin He is a Punch’। इसमें उन्होंने न केवल अपने क्रिकेट करियर की यादें साझा कीं बल्कि क्रिकेट प्रशासन और खेल के बदलते स्वरूप पर भी तीखी टिप्पणियां कीं। 1981 में मेलबर्न में खेले गए टेस्ट मैच में उनकी गेंदबाजी ने भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
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ICC Academy दुबई में भारत-पाक मुकाबला: टीम इंडिया का टारगेट पीछा करना हुआ मुश्किल
ICC Academy, दुबई में खेले जा रहे अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हैं। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 348 रन का विशाल लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और कप्तान आयुष म्हात्रे का बल्ला इस मैच में बिल्कुल नहीं चला। टीम को पहले ही झटके का सामना करना पड़ा, जब कप्तान महत्रे तीसरे ओवर की दूसरी गेंद पर फरहान युसूफ के हाथों कैच होकर आउट हो गए।
आयुष म्हात्रे और अली राजा के बीच बहस
आउट होने के बाद पाकिस्तानी गेंदबाज अली राजा और आयुष म्हात्रे के बीच बहस हुई। राजा ने विकेट लेने के बाद कप्तान से कुछ कहा, जिससे माहौल गर्मा गया और आयुष भी उनके पास गए। हालांकि, अंपायर ने बीच में आकर मामला शांत करवाया। इस ओवर में आयुष ने ड्राइव खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद हवा में गई और मिड-ऑफ पर फरहान युसूफ ने शानदार कैच पकड़ा। इस विकेट ने भारतीय टीम की चुनौती पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया।
What is Ayush Mhatre saying 🫣#INDvsPAK pic.twitter.com/OZYtKOkWym
— Himanshu Singh Rajput (@theDakshRajput_) December 21, 2025
टूर्नामेंट में आयुष का प्रदर्शन
अंडर-19 एशिया कप में आयुष म्हात्रे का बल्ला पूरे टूर्नामेंट में ठीक नहीं चला। उन्होंने पांच मैचों में से सिर्फ दो मैचों में डबल डिजिट स्कोर बनाया, जबकि तीन मैचों में उन्हें सिंगल डिजिट स्कोर पर आउट होना पड़ा। उनका सबसे उच्च स्कोर 38 रन रहा, जो लीग स्टेज में पाकिस्तान के खिलाफ आया था। फाइनल में आयुष सिर्फ 2 रन बनाकर 7 गेंदों में आउट हुए। इस प्रदर्शन ने भारत के लिए फाइनल की चुनौती और कठिन कर दी।
पाकिस्तान की जबरदस्त बल्लेबाजी और भारत की गेंदबाजी
पाकिस्तान की पारी में समीर मिन्हास ने शानदार बल्लेबाजी की और 17 चौकों और 9 छक्कों की मदद से 113 गेंदों में 172 रन बनाकर आउट हुए। इसके अलावा अहमद हुसैन ने 72 गेंदों में 56 रन की पारी खेली। पाकिस्तान की टीम ने 50 ओवर बैटिंग के बाद 8 विकेट के नुकसान पर 247 रन बनाए। भारत की ओर से दीपेश देवेंद्रन ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए। ऐसे में भारत को जीत के लिए अपनी पूरी टीम पारी और गेंदबाजी में बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
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IPL 2026 से पहले केकेआर को झटका, मुस्तफिजुर रहमान सीजन के बीच लौट सकते घर
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क्या IPL 2026 शेड्यूल पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिए चिंता का कारण बन सकता है?
IPL 2026 मिनी ऑक्शन के बाद सभी 10 टीमों के स्क्वाड तैयार हो चुके हैं। इसी बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सभी टीमों को जानकारी दे दी है कि IPL 2026 का आगाज 26 मार्च से होगा और फाइनल मुकाबला 31 मई को खेला जाएगा। यह शेड्यूल आने के बाद से ही क्रिकेट जगत में चर्चा तेज हो गई है। IPL की यह तारीखें इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसी समय पाकिस्तान में होने वाले पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) पर भी असर पड़ सकता है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के लिए यह चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि IPL और PSL का एक ही समय पर होना उनकी लीग की व्यूअरशिप और व्यापारिक गतिविधियों पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
IPL और PSL का समय सीमा संघर्ष
PSL का 11वां संस्करण यानी PSL 2026 भी 26 मार्च से शुरू होने वाला है और इसका फाइनल 3 मई को खेला जाएगा। इसका मतलब है कि PSL का पूरा टूर्नामेंट उसी समय आयोजित होगा जब भारत में IPL का रोमांच चरम पर होगा। आमतौर पर PSL फरवरी-मार्च में आयोजित होता है, लेकिन 2025 में चैंपियंस ट्रॉफी के कारण उसका आयोजन मार्च में कर दिया गया था। इस बार भी टी20 वर्ल्ड कप 7 फरवरी से 8 मार्च तक खेला जाएगा, इसलिए PSL को उसके पारंपरिक समय से पीछे खिसकाकर आयोजित करना पड़ा। इस समय सीमा संघर्ष के कारण PSL की व्यूअरशिप में गिरावट देखने को मिल सकती है और कई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर IPL एग्रीमेंट के कारण PSL में खेल नहीं पाएंगे।
IPL 2026 मिनी ऑक्शन का रोमांच
IPL 2026 के लिए ऑक्शन संपन्न हो चुका है। इस बार कुल 77 खिलाड़ियों पर कुल 215.45 करोड़ रुपये खर्च किए गए। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन इस नीलामी के सबसे महंगे खिलाड़ी बने, जिन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने 25.2 करोड़ रुपये में खरीदा। इसके अलावा मथीशा पाथिराना और लियाम लिविंगस्टोन पर भी टीमों ने भारी रकम खर्च की। मिनी ऑक्शन के बाद टीमों का संतुलन और रणनीति साफ हो गई है, और फैंस अब नई टीमों और उनके प्रदर्शन के लिए उत्साहित हैं।
IPL और PSL के साथ भविष्य की चुनौतियां
इस बार IPL और PSL के एक साथ होने के कारण कई चुनौतियां सामने आ सकती हैं। PSL के लिए व्यूअरशिप में गिरावट और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों की अनुपस्थिति जैसे मुद्दे पैदा हो सकते हैं। वहीं, IPL के लिए यह अवसर भी बन सकता है कि वह पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचे। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अपनी रणनीति पहले ही साफ कर दी है कि वह IPL के आयोजन पर फोकस करेगा। वहीं, PSL आयोजकों को अपनी लीग के समय और खिलाड़ियों की उपलब्धता पर नए सिरे से विचार करना होगा। इस साल का IPL और PSL दोनों ही क्रिकेट प्रेमियों के लिए रोमांचक और चुनौतीपूर्ण साबित होने वाले हैं।
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