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Delhi: RPF की मदद से ट्रेन में महिला ने दिया बच्ची को जन्म, दोनों स्वस्थ

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Delhi: RPF की मदद से ट्रेन में महिला ने दिया बच्ची को जन्म, दोनों स्वस्थ

Delhi के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को एक महिला ने ट्रेन कोच में अपनी बेटी को जन्म दिया। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के निरीक्षक शैलेन्द्र कुमार ने जानकारी दी कि उन्हें आनंद विहार से साहarsa जाने वाली ट्रेन में एक महिला के प्रसव पीड़ा से संबंधित सूचना मिली थी। इस पर हमारी महिला उप-निरीक्षक अन्य स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचीं और कोच में मौजूद महिलाओं की मदद से डिलीवरी करवाई गई। इसके बाद एंबुलेंस भी मौके पर पहुंची और महिला तथा नवजात को अस्पताल भेजा गया। महिला और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं।

RPF महिला उप-निरीक्षक की मदद से हुई डिलीवरी

RPF की महिला उप-निरीक्षक नवीन कुमारी ने बताया कि जब उन्हें सूचना मिली, तब वह ड्यूटी पर थीं। एक यात्री उनके पास आया और बताया कि प्लेटफॉर्म नंबर सात पर एक महिला को प्रसव पीड़ा हो रही है। इसके बाद उन्होंने तुरंत एंबुलेंस को कॉल किया। यह घटना रात 11:15 बजे की है। नवीन कुमारी ने कहा कि वह महिला कांस्टेबल के साथ मौके पर पहुंची। वहां एक महिला ट्रेन के D-9 कोच में फर्श पर लेटी हुई थी। महिला समस्तीपुर, बिहार की निवासी थी और प्रसव पीड़ा से जूझ रही थी। महिलाओं की मदद से डिलीवरी करवाई गई और बाद में महिला और बच्ची को अस्पताल भेजा गया।

डिलीवरी के दौरान डॉक्टर नहीं थे मौजूद

नवीन कुमारी ने बताया कि महिला ने ट्रेन कोच में ही बच्ची को जन्म दिया। उस समय मौके पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। हालांकि, महिला और नवजात दोनों स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पहले भी ट्रेन में हो चुकी है बच्चे की जन्म

यह पहली बार नहीं है जब किसी ट्रेन में डिलीवरी हुई हो। इससे पहले जून 2024 में एक 28 वर्षीय महिला ने ठाणे के पास चलती ट्रेन के शौचालय में अपनी बेटी को जन्म दिया था। महिला अपने पति मोहम्मद फारूक (30) और छोटी बेटी के साथ पवन एक्सप्रेस के दोहरी एसी कोच में यात्रा कर रही थी। वे दरभंगा में एक पारिवारिक कार्यक्रम के लिए जा रहे थे। फारूक ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी के डॉक्टर से लंबी यात्रा के लिए मंजूरी ली थी। ट्रेन चलने के कुछ ही मिनटों बाद, उनकी पत्नी को पेट में तेज दर्द हुआ और उन्होंने अपने पति से शौचालय जाने के लिए कहा।

महिला और बच्चे की हालत स्थिर, मदद से घटी घटना

महिला की डिलीवरी के बाद, RPF और अन्य यात्रियों की मदद से समय पर अस्पताल में भर्ती कराना संभव हुआ। यह घटना उस समय घटी जब महिला के पास कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, लेकिन RPF की महिला उप-निरीक्षक और यात्रियों की मदद से सुरक्षित रूप से डिलीवरी हो पाई। महिला को अस्पताल भेजा गया और उसके बाद उसका और नवजात का स्वास्थ्य स्थिर पाया गया। इस घटना ने यह भी साबित किया कि मुश्किल हालात में भी आपातकालीन स्थितियों में मानवता और एकता की शक्ति से मदद मिल सकती है।

समाज में मानवता की मिसाल बनी RPF की टीम

RPF के अधिकारियों ने इस घटना को एक उदाहरण बताया, जिसमें रेलवे सुरक्षा बल और सामान्य यात्रियों ने मिलकर एक जीवन बचाने की कोशिश की। जब कोई अन्य सहायता उपलब्ध नहीं थी, तब ट्रेन के अंदर मौजूद लोगों की मदद से डिलीवरी करवाई गई। महिला उप-निरीक्षक और पुलिस कांस्टेबल ने अपने अनुभव और सूझबूझ से यह सुनिश्चित किया कि महिला को और उसके बच्चे को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि कभी-कभी आपातकालीन परिस्थितियों में समाज की एकजुटता और तत्परता से बुरी स्थिति में भी मदद मिल सकती है।

RPF की तत्परता और कार्यवाही पर सवाल उठाए गए

हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने यह भी सवाल उठाया कि यदि इस प्रकार की घटनाएं ज्यादा होती हैं, तो क्या रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में पर्याप्त मेडिकल सुविधा की व्यवस्था होनी चाहिए। रेलवे सुरक्षा बल की महिला उप-निरीक्षक ने इस घटना के बाद एक बार फिर से यह बताया कि रेलवे ट्रेनों में मेडिकल सुविधाओं का अभाव होता है, जिससे आपातकालीन स्थितियों में यात्रियों को कठिनाई होती है। इसलिए इस तरह की परिस्थितियों में तत्काल मदद की आवश्यकता होती है।

यह घटना एक ऐसी मिसाल है, जिसमें रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने ट्रेन में डिलीवरी करवाकर एक जीवन को बचाया। महिला उप-निरीक्षक नवीन कुमारी और अन्य यात्रियों की मदद से यह प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हुई। यह घटना न केवल RPF के समर्पण और तत्परता को दर्शाती है, बल्कि समाज में मानवता की भी एक बड़ी मिसाल बन गई है। हम सभी को इस प्रकार की स्थितियों में मदद करने और संकट के समय एक-दूसरे का साथ देने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

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Eid-Ul-Zuha 2025: : मंत्री के एलान के बाद कोलकाता में खुशी की लहर! रेड रोड पर फिर गूंजेगी ईद की तकबीर

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Eid-Ul-Azha: मंत्री के एलान के बाद कोलकाता में खुशी की लहर! रेड रोड पर फिर गूंजेगी ईद की तकबीर

Eid-Ul-Zuha 2025: कोलकाता के रेड रोड यानी इंदिरा गांधी सारणी पर ईद-उल-अजहा की मस्स नमाज के लिए सेना ने अनुमति दे दी है। यह अनुमति पहले एक दिन पहले रद्द कर दी गई थी। तब से चर्चा चल रही थी कि मुस्लिम समुदाय अदालत का रुख कर सकता है। लेकिन सेना ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव करके नमाज की अनुमति दी।

नमाज की परंपरा और सांप्रदायिक सद्भाव

रेड रोड पर यह नमाज दशकों से होती आ रही है। इसे सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक माना जाता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी हर साल ईद-उल-अजहा की नमाज में मौजूद रहती हैं। पूरे पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक लोग इस जगह एक साथ नमाज पढ़ते हैं। यह स्थान मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत खास है।

Eid-Ul-Azha: मंत्री के एलान के बाद कोलकाता में खुशी की लहर! रेड रोड पर फिर गूंजेगी ईद की तकबीर

अन्य कार्यक्रमों की अनुमति से इंकार

कुछ महीने पहले हिंदू संगठनों ने भी रेड रोड पर कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन सेना और अदालत ने दोनों ही बार अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इससे साफ हो गया था कि रेड रोड पर सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए कड़ी निगरानी है और अनुमति सीमित है।

बातचीत से सुलझा मामला

सोमवार को बताया गया कि सेना अधिकारियों ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में थोड़े बदलाव करने का फैसला किया है। ऐसा ईद-उल-अजहा की नमाज के लिए किया गया है। पश्चिम बंगाल के मंत्री जावेद अहमद खान ने बताया कि अनुमति संबंधी समस्याएं थीं क्योंकि सेना की अपनी व्यस्तताएं थीं। लेकिन आयोजकों और रक्षा अधिकारियों के बीच बातचीत से मामला सुलझ गया।

सेना ने बदल दिया प्रशिक्षण कार्यक्रम

सूत्रों के अनुसार सेना ने रेड रोड पर अपनी प्रशिक्षण व्यवस्था में मामूली बदलाव किए हैं ताकि दशकों पुरानी ईद की नमाज की परंपरा जारी रह सके। रेड रोड एक रक्षा क्षेत्र है जो मैदान इलाके से गुजरता है। यह फोर्ट विलियम और ईस्टर्न कमांड मुख्यालय के पास है। यहां एक साथ बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करते हैं जो एक अनोखा दृश्य होता है।

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Brij Bhushan Sharan Singh: राहुल गांधी पर गंभीर आरोप! क्या कांग्रेस की नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं जानिए बृजभूषण की जुबानी

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Brij Bhushan Sharan Singh: राहुल गांधी पर गंभीर आरोप! क्या कांग्रेस की नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं जानिए बृजभूषण की जुबानी

पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष Brij Bhushan Sharan Singh ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पीओके अब ज्यादा दिनों तक एक नहीं रहेगा और जल्द ही उसके टुकड़े होने वाले हैं। यह बयान उनके सख्त रुख को दिखाता है जो उन्होंने हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयानों के जवाब में दिया।

कांग्रेस पर तीखा हमला

बृजभूषण शरण सिंह ने रेवंत रेड्डी के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री होते तो पीओके आज भारत का हिस्सा होता। बृजभूषण ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पीओके किसने दिया और देश के टुकड़े किसके शासन में हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हुई थी और कांग्रेस कभी पीओके वापस नहीं ले सकती।

राहुल गांधी पर बृजभूषण की टिप्पणी

जब बृजभूषण से राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कभी इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। उन्होंने राहुल को एक कठपुतली बताया जिसकी सोच अभी तक साफ नहीं है। बृजभूषण ने कहा कि राहुल गांधी की विचारधारा टुकड़े टुकड़े गैंग से मेल खाती है और वे पाकिस्तान को खुश करने के लिए बयान देते हैं।

रेवंत रेड्डी के आरोप

29 मई को हैदराबाद में रेवंत रेड्डी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए कि पाकिस्तान ने भारत के कितने राफेल विमान गिराए। उन्होंने आरोप लगाया कि 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाओं के बावजूद मोदी सरकार पाकिस्तान से कश्मीर नहीं ले पाई। रेवंत रेड्डी ने इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका के दबाव के बावजूद उन्होंने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांटकर दम लिया था।

विपक्ष की मांगें और सवाल

रेवंत रेड्डी के अलावा कांग्रेस और विपक्ष के कई नेताओं ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार को ऑपरेशन सिंदूर पर सवालों के जवाब देने के लिए विशेष सत्र बुलाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की जांच की मांग भी की जैसे कारगिल युद्ध की जांच हुई थी।

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ISI Agent कासिम के बाद अब भाई असीम हिरासत में, दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई

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ISI Agent कासिम के बाद अब भाई असीम हिरासत में, दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई

कुछ दिन पहले राजस्थान के दीग से ISI Agent कासिम को गिरफ्तार किया गया था। अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कासिम के भाई आसिम को राजस्थान से हिरासत में लिया है। हालांकि आसिम को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि उसे फिलहाल पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया है। आसिम पर भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने का शक है। पुलिस इस मामले में दोनों भाइयों से पूछताछ कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या आसिम भी पहले से पाकिस्तान के लिए जासूसी करता रहा है।

कासिम तक पहुंचा था ISI का जाल आसिम के जरिए

पुलिस जांच में सामने आया है कि ISI ने कासिम को अपने जाल में फंसाने के लिए उसके भाई आसिम का इस्तेमाल किया। कासिम मौलवी है इसलिए इसे जासूसी के लिए इस्तेमाल करना आसान था क्योंकि कोई उस पर शक नहीं करता। पुलिस के मुताबिक, कासिम और आसिम दोनों के बीच ISI ने एक खास नेटवर्क बनाया था। अब दोनों भाइयों से लगातार पूछताछ जारी है ताकि इस जासूसी के पूरे षड़यंत्र का पता लगाया जा सके।

ISI Agent कासिम के बाद अब भाई असीम हिरासत में, दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई

कासिम ने पूछताछ में बड़ी बातें बताईं

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में कासिम ने पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं। उसने बताया कि उसे पाकिस्तान के लाहौर में सेना के एक कैंप में ट्रेनिंग दी गई थी। उसे तीन ISI अधिकारियों ने ट्रेनिंग दी। जांच में यह भी पता चला कि कासिम समेत कुछ आरोपियों को पाकिस्तान में तीन ISI अफसर ट्रेनिंग दे रहे थे। इनमें से दो अफसरों के कोडनेम शाहजी और ताउजी हैं, जबकि एक ISI अधिकारी का नाम वकास बताया गया है। इन अधिकारियों का मकसद भारत के खिलाफ खुफिया जानकारी इकट्ठा करना और जासूसी करना था।

आसिम का कासिम के ISI कनेक्शन से जुड़ाव

कासिम की पूछताछ के आधार पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम आसिम की तलाश में थी। अब आसिम को भी हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी गई है। पुलिस को शक है कि आसिम ने ISI के लिए कई सालों से जासूसी की है। वह अलवर में सेना की चौकी की रेक्की करता था और सेना की गाड़ियों की हर गतिविधि पर नजर रखता था। उसने सेना के वाहन की तस्वीरें भी खींची। पुलिस ने आसिम के फोन को लैब में भेजा है ताकि उसकी व्हाट्सएप चैट और अन्य डेटा निकाले जा सकें। इससे पता चलेगा कि आसिम ने पाकिस्तान में अपने हैंडलर को कौन-कौन सी जानकारी भेजी। पूछताछ के बाद और भी बड़े राज खुलने की उम्मीद है।

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