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Cyber attack on X: एलन मस्क ने किया खुलासा, X (पूर्व में ट्विटर) पर हुआ बड़ा साइबर अटैक, जाने बार-बार डाउन होने का कारण

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Cyber attack on X: एलन मस्क ने किया खुलासा, X (पूर्व में ट्विटर) पर हुआ बड़ा साइबर अटैक, जाने बार-बार डाउन होने का कारण

Cyber attack on X: सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व में ट्विटर), जो अब उद्योगपति एलन मस्क के स्वामित्व में है, सोमवार (10 मार्च) को एक बड़े साइबर हमले का शिकार हुआ। एलन मस्क ने खुद इस साइबर अटैक के बारे में खुलासा किया और कहा कि यह हमला इतना शक्तिशाली था कि इससे प्लेटफार्म की सेवाएँ कई बार बाधित हुईं। मस्क ने यह भी बताया कि X पर प्रतिदिन साइबर अटैक होते हैं, लेकिन सोमवार को किया गया हमला अन्य हमलों से कहीं अधिक बड़े पैमाने पर था। उनका कहना था कि इस हमले के पीछे किसी बड़े संगठित समूह या एक देश का हाथ हो सकता है।

X की सेवाएँ कई घंटों तक रही बाधित

सोशल मीडिया प्लेटफार्म X की सेवाएँ सोमवार को कई घंटों तक बाधित रहीं। दुनिया भर के हजारों उपयोगकर्ताओं ने X पर समस्याओं की शिकायत की। डाउनडिटेक्टर (Downdetector), जो रियल टाइम में समस्याओं और सेवा विघटन की निगरानी करता है, के अनुसार, सबसे अधिक शिकायतें 3:30 बजे आईं। भारत से लगभग 2,200 रिपोर्ट्स प्राप्त हुईं। इसके बाद, 7:30 बजे फिर से समस्या बढ़ गई, जब 1,500 रिपोर्ट्स वेबसाइट पर आईं। हालांकि कुछ समय बाद यह समस्या हल हो गई और सेवाएँ सामान्य होती दिखीं।

Cyber attack on X: एलन मस्क ने किया खुलासा, X (पूर्व में ट्विटर) पर हुआ बड़ा साइबर अटैक, जाने बार-बार डाउन होने का कारण

ग्लोबल स्तर पर प्रभावित हुआ X

सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर सोमवार को वैश्विक स्तर पर समस्याएँ सामने आईं। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में लगभग 20,000 लोगों ने X पर समस्याओं की शिकायत की, जबकि यूके में 10,000 उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की। डाउनडिटेक्टर के अनुसार, लगभग 53 प्रतिशत समस्याएँ वेबसाइट से संबंधित थीं, 41 प्रतिशत समस्याएँ ऐप से जुड़ी थीं और 6 प्रतिशत समस्याएँ सर्वर कनेक्शन से जुड़ी थीं। डाउनटाइम के दौरान उपयोगकर्ताओं को ‘Something went wrong, try reloading’ जैसे संदेश दिख रहे थे और उन्हें ‘फीड’ को रिफ्रेश करने, पोस्ट अपलोड करने में समस्याएँ आ रही थीं।

साइबर अटैक की जांच जारी

रात 10:55 बजे भारतीय समयानुसार, एलन मस्क ने X पर एक पोस्ट के जरिए इस बड़े साइबर अटैक का खुलासा किया। मस्क ने लिखा, “X पर एक विशाल साइबर अटैक हुआ (अभी भी हो रहा है)। हम प्रतिदिन साइबर अटैक का सामना करते हैं, लेकिन यह हमला बहुत अधिक संसाधनों के साथ किया गया है। इसमें या तो किसी बड़े, समन्वित समूह या किसी देश का हाथ हो सकता है।” मस्क ने यह भी कहा कि फिलहाल यह पता लगाया जा रहा है कि यह साइबर अटैक किसने किया।

एलन मस्क का यह पोस्ट डॉग डिज़ाइनर नामक एक उपयोगकर्ता द्वारा की गई पोस्ट के जवाब में था, जिसमें कहा गया था, “पहले डोज़ के खिलाफ विरोध हुआ। फिर टेस्ला स्टोर पर हमला हुआ। अब X डाउन हो गया। मुझे लगता है कि X पर डाउनटाइम उस हमले का परिणाम हो सकता है।”

साइबर अटैक के कारण X का डाउन होना

यह पहली बार नहीं है कि X (पूर्व में ट्विटर) पर साइबर अटैक हुआ हो। लेकिन इस बार हमले की तीव्रता और पैमाना बहुत बड़ा था। इस हमले ने वेबसाइट और ऐप की कार्यप्रणाली को प्रभावित किया, जिससे दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसे हमलों को आमतौर पर DDoS (डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस) अटैक कहा जाता है, जिसमें सर्वर को अत्यधिक ट्रैफिक भेजकर उसे नाकाम कर दिया जाता है। इससे साइट अस्थायी रूप से डाउन हो जाती है।

इस अटैक ने न केवल X की कार्यप्रणाली को प्रभावित किया बल्कि यह भी संकेत दिया कि यह एक संगठित प्रयास था, जिसे बड़ी संख्या में लोग या किसी देश द्वारा अंजाम दिया जा सकता है।

एलन मस्क का भविष्य में साइबर सुरक्षा पर ध्यान

एलन मस्क के द्वारा किए गए खुलासे के बाद यह सवाल उठता है कि X को अपनी साइबर सुरक्षा में सुधार करने की जरूरत है। साइबर हमले अब सिर्फ छोटे प्लेटफार्म्स पर ही नहीं, बल्कि बड़े और महत्वपूर्ण सोशल मीडिया नेटवर्क्स पर भी हो रहे हैं। मस्क और उनकी टीम को अब इस समस्या से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता होगी।

एक मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचे के बिना, प्लेटफार्म पर डेटा उल्लंघन, उपयोगकर्ताओं की जानकारी चोरी और अन्य सुरक्षा जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, यह जरूरी हो जाता है कि X अपने नेटवर्क को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए निवेश करे और इस तरह के हमलों से बचने के लिए प्रभावी उपाय अपनाए।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के लिए बढ़ती सुरक्षा चुनौतियाँ

साइबर हमले अब हर जगह हो रहे हैं, और सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स इसके सबसे बड़े लक्ष्य बन चुके हैं। Facebook, Instagram, WhatsApp, और अब X जैसे प्लेटफार्म्स पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। इन प्लेटफार्म्स का उपयोग दुनिया भर में करोड़ों लोग करते हैं, और इनमें व्यक्तिगत जानकारी, संवाद, और बहुत सारे महत्वपूर्ण डेटा होते हैं। ऐसे में, इन प्लेटफार्म्स की सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है।

एलन मस्क द्वारा की गई यह घोषणा यह स्पष्ट करती है कि X को अब अपनी सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। साइबर हमले तेजी से बढ़ रहे हैं और सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को इसके लिए तैयारी करनी होगी। X के लिए यह समय है कि वह अपनी प्रणाली को और अधिक सुरक्षित बनाए और भविष्य में ऐसे हमलों को रोकने के लिए प्रभावी उपायों को लागू करे। यह घटना एक चेतावनी है कि साइबर सुरक्षा को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए, खासकर जब बात दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स की हो।

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Airtel Outage: एयरटेल नेटवर्क ठप, देश के कई हिस्सों में मोबाइल डेटा और कॉल सेवाओं में अचानक बाधा

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Airtel Outage: एयरटेल नेटवर्क ठप, देश के कई हिस्सों में मोबाइल डेटा और कॉल सेवाओं में अचानक बाधा

Airtel Outage: सोमवार को भारत के कई हिस्सों में एयरटेल यूजर्स को अचानक नेटवर्क डिस्टर्बेंस का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में ग्राहकों ने मोबाइल डेटा और वॉइस कॉल सेवाओं के काम न करने की शिकायत की। आउटेज ट्रैकिंग वेबसाइट Downdetector के अनुसार, दोपहर 4:04 बजे तक एयरटेल की सेवाओं में गड़बड़ी के बारे में 2,300 से अधिक रिपोर्ट्स दर्ज की गईं। इस समस्या का असर केवल मोबाइल डेटा पर ही नहीं बल्कि वॉइस कॉल और SMS सेवाओं पर भी पड़ा।

कंपनी का बयान

एयरटेल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बयान जारी किया, “हम वर्तमान में नेटवर्क आउटेज की समस्या का सामना कर रहे हैं। हमारी टीम इसे जल्द से जल्द ठीक करने के लिए काम कर रही है। इसके कारण हुए असुविधा के लिए हम सच्चे दिल से क्षमा चाहते हैं।” कंपनी ने यह भी कहा कि तकनीकी टीम पूरी तरह से स्थिति को नियंत्रित करने में लगी हुई है और जल्द ही सेवाओं को सामान्य किया जाएगा।

Airtel Outage: एयरटेल नेटवर्क ठप, देश के कई हिस्सों में मोबाइल डेटा और कॉल सेवाओं में अचानक बाधा

ग्राहकों में गुस्सा

कई ग्राहकों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने बताया कि कॉल और SMS लंबे समय तक प्रभावित रही, इसके अलावा 4G नेटवर्क पर डेटा कट की समस्या भी रही, जबकि उन्होंने 5G प्लान लिया हुआ था। इस पर लोग एयरटेल की नेटवर्क क्वालिटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सवाल उठा रहे हैं। इसके अलावा, यूजर्स को एयरटेल की अन्य सेवाओं का उपयोग करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। हालांकि कंपनी ने कहा कि समस्या को जल्द ठीक किया जाएगा, लेकिन ऐसे तकनीकी समस्याएं उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत परेशानी का कारण बनती हैं और कभी-कभी आर्थिक नुकसान भी कर देती हैं।

भरोसेमंद सेवाओं की मांग

लगातार ऐसी तकनीकी समस्याओं ने ग्राहकों को निराश कर दिया है। अधिकांश यूजर्स का कहना है कि अब वे बेहतर और स्थिर नेटवर्क कनेक्टिविटी की उम्मीद रखते हैं ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न हों। एयरटेल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यूजर्स को भविष्य में ऐसी परेशानियों का सामना न करना पड़े। नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने और तकनीकी समस्याओं को समय पर हल करने के लिए कंपनी को गंभीर कदम उठाने होंगे।

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Google को बड़ा झटका! कोर्ट ने फिर बताया Play Store सिस्टम को अवैध, बढ़ी मोनोपॉली की मुश्किलें

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Google को बड़ा झटका! कोर्ट ने फिर बताया Play Store सिस्टम को अवैध, बढ़ी मोनोपॉली की मुश्किलें

दुनिया की जानी-मानी टेक कंपनी गूगल (Google) को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। कई देशों में पहले से ही एकाधिकार (monopoly) के आरोपों का सामना कर रही गूगल अब अमेरिका में एपिक गेम्स (Epic Games) के साथ चल रहे मामले में हार गई है। 2023 में आए फैसले के खिलाफ गूगल ने सैन फ्रांसिस्को की 9वीं यूएस सर्किट कोर्ट में अपील की थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया है। 2023 के फैसले में कोर्ट ने गूगल प्ले स्टोर की पेमेंट प्रणाली को अवैध और एकाधिकार वाला बताया था। इस फैसले के बाद गूगल के एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम में अब एपिक गेम्स स्टोर को भी एक्सेस किया जा सकेगा।

एपिक गेम्स की जीत, ऐप स्टोर की दुनिया में नया मोड़

कोर्ट के इस फैसले के बाद एपिक गेम्स के सीईओ टिम स्वीनी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “Epic Vs Google केस में पूरी जीत!” यह फैसला टेक इंडस्ट्री में एक ऐतिहासिक मोड़ माना जा रहा है क्योंकि अब गूगल को अपने प्लेटफॉर्म पर थर्ड पार्टी ऐप स्टोर्स को जगह देनी होगी। इसका सीधा असर गूगल प्ले स्टोर के बिजनेस पर पड़ेगा, जो अब तक एंड्रॉइड यूजर्स के लिए डिफॉल्ट ऐप डाउनलोड प्लेटफॉर्म था। अब यूजर्स एपिक गेम्स स्टोर को सीधे epicgames.com वेबसाइट के माध्यम से एक्सेस कर सकेंगे और गूगल की पेमेंट प्रणाली से बचते हुए इन-ऐप खरीदारी कर सकेंगे।

Google को बड़ा झटका! कोर्ट ने फिर बताया Play Store सिस्टम को अवैध, बढ़ी मोनोपॉली की मुश्किलें

गूगल की बंदिशें हटेंगी, प्रतिस्पर्धा को मिलेगा बढ़ावा

कोर्ट के इस निर्णय के अनुसार, गूगल को अगले तीन साल तक अपने एंड्रॉइड सिस्टम में अन्य ऐप स्टोर्स को जगह देनी होगी। थर्ड पार्टी स्टोर्स को अब गूगल प्ले स्टोर के पूरे कैटलॉग तक पहुंच मिलेगी और गूगल की वह सभी नीतियां जो प्रतिस्पर्धा को रोकती थीं, उन्हें भी प्रतिबंधित किया जाएगा। इससे ऐप डेवलपर्स को ज्यादा विकल्प मिलेंगे और वे गूगल के बिलिंग सिस्टम को मजबूरी में अपनाने से बच सकेंगे। अब गूगल अपने प्लेटफॉर्म पर एकाधिकार नहीं जमा पाएगा, जिससे तकनीकी नवाचार और उपभोक्ताओं की पसंद में बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही है।

गूगल का विरोध, सुरक्षा और नवाचार पर चिंता जताई

गूगल ने कोर्ट के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि यह निर्णय यूजर्स की सुरक्षा, डेवलपर्स की स्वतंत्रता और नवाचार को नुकसान पहुंचा सकता है। कंपनी ने बयान में कहा, “हमारा पहला उद्देश्य हमेशा से ही यूजर्स, डेवलपर्स और हमारे पार्टनर्स की सुरक्षा रहा है। हम अपने प्लेटफॉर्म को सुरक्षित बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस फैसले को चुनौती देने के लिए आगे भी अपील करेंगे।” यह विवाद 2020 में तब शुरू हुआ जब एपिक गेम्स ने अपने फेमस गेम ‘Fortnite’ में गूगल की पेमेंट प्रणाली को बायपास करने का एक सीक्रेट कोड इस्तेमाल किया, जिसके बाद गूगल ने इस गेम को प्ले स्टोर से हटा दिया था। बाद में एक लीक हुई ईमेल से खुलासा हुआ कि एपिक गेम्स अन्य गेम डेवेलपर्स के साथ मिलकर एक अलग स्टोर लाने की योजना बना रहा था। इसी के चलते एपिक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अब गूगल को कानूनन झुकना पड़ा है।

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हर भारतीय के फोन में ज़रूरी हैं ये 5 सरकारी ऐप्स, वरना रह सकते हैं पीछे

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हर भारतीय के फोन में ज़रूरी हैं ये 5 सरकारी ऐप्स, वरना रह सकते हैं पीछे

हममें से ज्यादातर लोगों के फोन में दर्जनों ऐप्स होते हैं: कोई ऑनलाइन शॉपिंग के लिए, कोई सोशल मीडिया के लिए, तो कुछ गेमिंग के लिए। लेकिन इन तमाम ऐप्स में कितने ऐसे हैं जो वाकई आपके दिनभर के जरूरी कामों में मदद करते हैं? शायद गिनती के।

अब सोचिए, अगर सरकार ही आपको ऐसे ऐप्स दे दे जो आपकी पढ़ाई, सुरक्षा, ड्राइविंग, फाइनेंस और इमरजेंसी—हर पहलू में मदद करें, तो क्या आप उन्हें नज़रअंदाज़ करेंगे?

यहां हम बात कर रहे हैं 5 बेहतरीन सरकारी एप्स की, जिन्हें DigiLocker और mAadhaar के अलावा हर भारतीय को जानना और अपने फोन में रखना चाहिए।

DIKSHA App – बच्चों से लेकर टीचर तक सभी के लिए वरदान

अगर आप माता-पिता हैं, स्टूडेंट हैं या टीचर, तो DIKSHA आपके लिए बहुत काम का ऐप है। इसमें CBSE और राज्य बोर्ड्स के सिलेबस के हिसाब से वीडियो, असाइनमेंट्स, प्रोजेक्ट आइडियाज और टीचिंग टिप्स मिलते हैं। इसका कंटेंट न सिर्फ मजेदार है, बल्कि सीखने का तरीका भी आसान और इंटरैक्टिव है।

SWAYAM App – IIT-IIM के प्रोफेसर से पढ़ाई, वो भी फ्री में!

क्या आप घर बैठे एक्सपर्ट से पढ़ना चाहते हैं? तो SWAYAM आपके लिए परफेक्ट है। इस सरकारी प्लेटफॉर्म पर IIT, IIM, IGNOU जैसे टॉप इंस्टीट्यूट्स के कोर्स बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध हैं। कोर्स पूरा करने पर आपको गवर्नमेंट-सर्टिफाइड सर्टिफिकेट भी मिलता है, जिससे आपकी स्किल और रिज़्यूमे दोनों मजबूत बनते हैं।

112 India App – इमरजेंसी में आपकी डिजिटल ढाल

कभी भी कोई इमरजेंसी आ सकती है – एक्सिडेंट, छेड़छाड़, आग या मेडिकल संकट। ऐसे में 112 इंडिया ऐप आपकी लोकेशन ट्रैक करके, सिर्फ एक क्लिक में मदद की अलर्ट एजेंसी तक पहुंचाता है। इसमें SOS अलर्ट फीचर है, जो बिना बोले भी मदद मंगा सकता है। यह ऐप खासकर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बेहद जरूरी है।

mParivahan App – आपकी गाड़ी का डिजिटल साथी

गाड़ी चलाते हैं? फिर mParivahan जरूर आपके फोन में होना चाहिए। इससे आप अपनी गाड़ी की RC, ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस, PUC सर्टिफिकेट सब कुछ डिजिटल तरीके से देख और दिखा सकते हैं। साथ ही, चलान भरना और वाहन ट्रांसफर जैसी सुविधाएं भी इसमें मौजूद हैं।

RBI Retail Direct App – सीधा निवेश, सरकारी भरोसा

अब आप बिना किसी ब्रोकर के सीधे RBI की सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश कर सकते हैं – जैसे ट्रेजरी बिल, सोवरेन गोल्ड बॉन्ड, और सेविंग बॉन्ड्स। इस ऐप में आपको स्टॉक मार्केट की हलचलों के साथ रियल टाइम अपडेट्स भी मिलती हैं। निवेश करने वालों के लिए यह ऐप एक सिक्योर और ट्रस्टेड ऑप्शन है।

इन पांच सरकारी ऐप्स को अपनाकर आप न सिर्फ अपनी जिंदगी को आसान बनाएंगे, बल्कि डिजिटली स्मार्ट नागरिक भी बनेंगे। अब फैसला आपका है—भीड़ में खोए रहेंगे या टेक्नोलॉजी का स्मार्ट इस्तेमाल करेंगे?

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