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Celebrating banana festival in Mysuru to showcase its diversity 

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Celebrating banana festival in Mysuru to showcase its diversity 
मैसूरु में एक प्रदर्शनी में एक आगंतुक को जैविक केले के बारे में बताते हुए किसानों के बच्चे अभिलाष और तनुजा की एक फाइल फोटो।

मैसूरु में एक प्रदर्शनी में एक आगंतुक को जैविक केले के बारे में बताते हुए किसानों के बच्चे अभिलाष और तनुजा की एक फाइल फोटो। | फोटो साभार: श्रीराम एम.ए

देशी केले की समृद्ध विविधता का जश्न मनाने और उनके संरक्षण की अनिवार्यता को रेखांकित करने के लिए मैसूर में तीन दिवसीय केला उत्सव आयोजित किया जाएगा।

अक्षय कल्प ऑर्गेनिक्स के सहयोग से सहज समृद्धि द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम 22 नवंबर से आयोजित किया जाएगा।नंजराजा बहादुर पोल्ट्री में 24 तक।

इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के केले, मूल्यवर्धित उत्पाद, केले के फाइबर-शिल्प और केले-आधारित व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाएगा।

सहज समृद्धि के कृष्णप्रसाद ने कहा कि कर्नाटक अपनी केले की विविधता के लिए प्रसिद्ध है और यह कमलापुरा लाल केले, इलाक्की बाले, नंजनगुड रसाबाले, कल्लू बाले, नाटी बाले, बूडू बाले, हम्पी सुगंधी, सक्कारे बाले, हुलीबाले और चुक्के बाले जैसी अनूठी किस्मों का घर है। .

उन्होंने कहा, ”दुर्भाग्य से, रोबस्टा और कैवेंडिश जैसी व्यावसायिक किस्मों के आगमन से देशी किस्मों का ह्रास हुआ है।”

श्री कृष्णप्रसाद ने कहा, “इस कार्यक्रम का आयोजन जनता के बीच किस्मों के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने और उनके संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।”

केले की दुनिया सर्वव्यापी है। आयोजकों के अनुसार, केले न केवल स्थानीय आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, बल्कि कर्नाटक की अर्थव्यवस्था में भी योगदान देते हैं, क्योंकि कई किसान अपनी आजीविका के लिए उन पर निर्भर हैं।

वे स्वाद, रंग, आकार में भिन्न होते हैं। सहज समृद्धि के अनुसार, केले के जन्मस्थान के रूप में, भारत सैकड़ों किस्मों का दावा करता है, जिसमें बताया गया है कि पूर्वोत्तर राज्यों के जंगलों में, जंगली केले परिदृश्य पर हावी हैं।

श्री कृष्णप्रसाद ने कहा, इस क्षेत्र में ‘भीम काल’ प्रभावशाली ऊंचाई तक बढ़ता है, जिसके तने खंभे जैसे दिखते हैं, जबकि केरल की ‘सहस्र बाले’ किस्म लंबी होती है और 8 फुट लंबे गुच्छे देती है, जबकि कुछ किस्मों में छोटे आकार के केले पैदा होते हैं।

महोत्सव में भाग लेने वालों में केरल के केला किसान विनोद नायर भी होंगे, जिन्हें 550 किस्मों का संरक्षण करना है। उनसे महोत्सव के दौरान उनमें से कम से कम 75 का प्रदर्शन करने की उम्मीद है।

सिरसी के प्रसाद हेगड़े, जिन्होंने 80 किस्मों को संरक्षित किया है, दुर्लभ पौधे लाएंगे, जिसमें दुनिया की सबसे ऊंची केले की किस्म 8 फुट ऊंची ‘सहस्र बाले’ भी शामिल है।

एक अन्य केला किसान तमिलनाडु के इरोड के सेंथिल कुमार हैं जिन्होंने 100 से अधिक देसी केले की किस्मों को संरक्षित किया है और प्रदर्शन के लिए 40 देसी केले लाएंगे।

22 नवंबर को सुबह 11 बजे, बकाउ बाजरा अड्डा और अभय प्राकृतिक खाद्य प्रसंस्करण इकाई केले के मूल्य संवर्धन पर एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगी, जिसमें हुनसूर और चामराजनगर के किसान और उद्यमी अपने अनुभव साझा करेंगे और इनपुट प्रदान करेंगे।

23 नवंबर को, जैविक केले की खेती के विशेषज्ञ और राज्योत्सव पुरस्कार विजेता शिवनपुरा रमेश अपनी अंतर्दृष्टि साझा करेंगे

24 नवंबर को, जेएसएस कृषि विज्ञान केंद्र, सुत्तूर, सुबह 10:30 बजे बच्चों की कला प्रतियोगिता और केला पकाने की प्रतियोगिता की मेजबानी करेगा। इच्छुक प्रतिभागी 94821 15495 पर कॉल करके पंजीकरण करा सकते हैं।

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Kerala: बारिश ने मचाई तबाही! रातों-रात केरल के कई शहरों में पेड़ उखड़े और बिजली गुल

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Kerala: बारिश ने मचाई तबाही! रातों-रात केरल के कई शहरों में पेड़ उखड़े और बिजली गुल

Kerala में शुक्रवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्तव्यस्त कर दिया है। कई जिलों में जलभराव की स्थिति बन गई है। मौसम विभाग ने राज्य के सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। अलर्ट वाले जिलों में अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम और कोझिकोड शामिल हैं। ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि यहां 11 से 20 सेंटीमीटर तक की बहुत भारी बारिश हो सकती है।

कोझिकोड और कन्नूर में तबाही

कोझिकोड जिले में तेज हवा के साथ भारी बारिश ने रातों-रात कहर बरपा दिया। कई जगह पेड़ गिर गए जिससे बिजली के तार टूट गए और बिजली आपूर्ति ठप हो गई। घरों और गाड़ियों को भी नुकसान हुआ है। कन्नूर जिले से भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। यहां एक दुखद घटना में 78 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई जब एक पेड़ उनके घर पर गिर पड़ा।

बांधों के दरवाजे खोले गए

तेज बारिश के चलते राज्य के बांधों में भी जलस्तर बढ़ गया है। वायनाड स्थित बाणासुरा सागर और पलक्कड़ जिले के अलीयार डैम के गेट खोल दिए गए हैं। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। डैम से पानी छोड़े जाने की वजह से बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।

 मलप्पुरम में भी हालात बिगड़े

मलप्पुरम जिले में भी भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए। सड़कों पर गिरे पेड़ों की वजह से यातायात बाधित हो गया है। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें सड़कों पर पेड़ गिरे हुए देखे जा सकते हैं। लोगों को घरों से बाहर निकलने में भी परेशानी हो रही है।

अगले पांच दिन और मुसीबत

भारतीय मौसम विभाग और केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि यह बारिश 29 जुलाई तक इसी तरह जारी रह सकती है। इसके पीछे महाराष्ट्र से लेकर केरल तट तक बने कम दबाव के क्षेत्र को जिम्मेदार माना जा रहा है। आने वाले दिनों में हवा की रफ्तार 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है जिससे नुकसान की आशंका और बढ़ गई है।

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केंद्रीय विश्वविद्यालयों में खाली पदों पर Rahul Gandhi का हमला! यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि साजिश है

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केंद्रीय विश्वविद्यालयों में खाली पदों पर Rahul Gandhi का हमला! यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि साजिश है

Rahul Gandhi: हाल ही में संसद में पेश किए गए आंकड़ों ने चौंकाने वाला सच सामने लाया है। देश के अधिकतर केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। खासकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित पदों में 60 से 80 प्रतिशत तक की भारी कमी है। यह सिर्फ शिक्षा की गिरती हालत नहीं बल्कि गहरी सामाजिक चिंता का विषय बन चुका है।

राहुल गांधी का तीखा हमला

राहुल गांधी ने इन आंकड़ों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि बहुजनों को शिक्षा और शोध से दूर रखने की एक ‘सोची-समझी साजिश’ है। उनका कहना है कि सरकार की मंशा है कि बहुजन समाज उच्च शिक्षा और नीति निर्माण से बाहर ही रहे ताकि उनकी आवाज कहीं न सुनी जाए।

‘एनएफएस’ के नाम पर हो रहा अन्याय

राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार योग्य उम्मीदवारों को ‘एनएफएस’ यानी ‘नॉट फाउंड स्युटेबल’ कहकर बाहर कर रही है। एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के हजारों योग्य अभ्यर्थियों को अयोग्य बताकर उनके हक छीने जा रहे हैं। उन्होंने इसे ‘संस्थागत मनुवाद’ करार देते हुए कहा कि यह सोच आज भी जीवित है और व्यवस्था में गहराई तक समाई हुई है।

बहुजनों की अनुपस्थिति से शोध में भी पक्षपात

राहुल गांधी ने इस बात पर चिंता जताई कि बहुजनों की शिक्षा और विश्वविद्यालयों में सहभागिता कम होने से उनकी समस्याएं शोध और विमर्श से भी गायब हो रही हैं। जब विश्वविद्यालयों में ही उनके प्रतिनिधि नहीं होंगे तो उनकी जरूरतों और अधिकारों पर कौन बात करेगा। यह समाज के एक बड़े हिस्से को साइलेंट बना देने की प्रक्रिया है।

बहुजनों को मिलना चाहिए उनका अधिकार

राहुल गांधी ने सरकार से मांग की है कि सभी खाली पदों को तुरंत भरा जाए। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी सामाजिक ज़िम्मेदारी है जिसे अब और नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। बहुजनों को उनका हक मिलना चाहिए न कि मनुवादी सोच के तहत बहिष्करण। शिक्षा में समान अवसर देना ही सच्चा लोकतंत्र होगा।

 

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Bihar Election 2025: बिहार की सत्ता पर किसका कब्जा? चिराग पासवान ने खोल दिए चुनावी पत्ते

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Bihar Election 2025: बिहार की सत्ता पर किसका कब्जा? चिराग पासवान ने खोल दिए चुनावी पत्ते

Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव का मौसम शुरू हो चुका है। सभी राजनीतिक पार्टियां एक्टिव हो चुकी हैं और मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं। माना जा रहा है कि चुनाव अक्टूबर के आखिरी सप्ताह या नवंबर के पहले सप्ताह में होंगे। चुनाव आयोग अक्टूबर में तारीखों की घोषणा करेगा और 10 से 12 नवंबर तक नतीजे आ जाएंगे। नतीजों से ही तय होगा कि बिहार की सत्ता किसके हाथ जाएगी।

चिराग पासवान की बदली रणनीति

केंद्र सरकार में मंत्री और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने इस बार कुछ अलग तेवर दिखाए हैं। उन्होंने चुनावी रैलियों में जातिवाद से ऊपर उठने की बात कही है। चिराग ने जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर की खुले दिल से तारीफ की और कहा कि वे ईमानदारी से बिहार की दिशा और दशा सुधारने की राजनीति कर रहे हैं। चिराग ने कहा कि उन्हें हर उस व्यक्ति की सोच पसंद है जो बिहार और बिहारी के हित के लिए बिना किसी जाति-धर्म के राजनीति में आता है।

‘आपके पास विकल्पों की भरमार है’

चिराग पासवान ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि यहां हर मतदाता के पास कई विकल्प होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी को ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की विचारधारा पसंद है तो वो उसे चुने। अगर कोई जातिवाद और सांप्रदायिकता की सोच रखता है तो उनके लिए भी विकल्प खुले हैं। साथ ही उन्होंने अपने ‘MY’ यानी महिला और युवा विकास की सोच को सबसे आगे रखने की अपील की।

RJD के MY समीकरण पर निशाना

चिराग ने RJD के परंपरागत वोट बैंक को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि RJD का MY मतलब मुस्लिम और यादव का समीकरण है और उनकी पूरी राजनीति इसी पर आधारित है। जबकि उनका MY मतलब महिला और युवा है। उन्होंने कहा कि अब जनता को तय करना है कि वो किस सोच को अपनाती है। बिहार की जनता अब ज्यादा जागरूक हो चुकी है और वो राज्य के भविष्य के बारे में सोचकर वोट डालेगी।

SIR पर विपक्ष को घेरा

वोटर लिस्ट की जांच को लेकर हो रहे विवाद पर चिराग पासवान ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद खुद विपक्ष ही चुनाव आयोग के पास गया था और शिकायत की थी कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां हैं। इसी के चलते आयोग ने SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का फैसला लिया। अब जब ईमानदारी से वोटर लिस्ट की जांच हो रही है तो विपक्ष को इससे भी आपत्ति हो रही है। उन्होंने कहा कि ये तो दोहरी नीति है।

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