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Fixed Deposit में बड़ा बदलाव! इन बैंकों में मिल रहा है सबसे ज्यादा रिटर्न, सीनियर सिटीज़न्स को अतिरिक्त फायदा

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Fixed Deposit में बड़ा बदलाव! इन बैंकों में मिल रहा है सबसे ज्यादा रिटर्न, सीनियर सिटीज़न्स को अतिरिक्त फायदा

Fixed Deposit: अगर आप अपना पैसा सुरक्षित जगह पर रखना चाहते हैं और तय ब्याज कमाना चाहते हैं, तो फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी आज भी भारतीय निवेशकों की पहली पसंद है। बैंक में तय अवधि के लिए पैसा जमा करने पर आपको निश्चित ब्याज दर मिलती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किस बैंक में एफडी पर सबसे अच्छा रिटर्न मिल रहा है। हाल ही में कई बैंकों ने अपनी ब्याज दरों में बदलाव किया है और एक साल की एफडी पर आकर्षक रिटर्न दे रहे हैं।

निजी बैंकों की ब्याज दरें

एचडीएफसी बैंक एक साल की एफडी पर सामान्य निवेशकों को 6.25 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 6.75 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। वहीं आईसीआईसीआई बैंक की दरें भी बिल्कुल समान हैं। अगर आप दो साल या उससे ज्यादा की एफडी चुनते हैं तो ब्याज दरें क्रमशः 6.60 प्रतिशत और 7.10 प्रतिशत तक बढ़ जाती हैं। कोटक महिंद्रा बैंक भी एक साल की एफडी पर 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहा है।

Fixed Deposit में बड़ा बदलाव! इन बैंकों में मिल रहा है सबसे ज्यादा रिटर्न, सीनियर सिटीज़न्स को अतिरिक्त फायदा

फेडरल बैंक और यूनियन बैंक का ऑफर

फेडरल बैंक में एक साल की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 6.25 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 6.75 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। लेकिन अगर आप 999 दिनों की एफडी लेते हैं, तो ब्याज दर 6.70 प्रतिशत तक पहुंच जाती है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया इस सूची में थोड़ा आगे है। यह बैंक एक साल की एफडी पर 6.40 प्रतिशत और 6.90 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। तीन साल की एफडी पर ब्याज दर 6.60 और 7.10 प्रतिशत तक पहुंच जाती है।

सरकारी बैंकों के रिटर्न की स्थिति

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में एक साल की एफडी पर 6.25 प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों को 6.75 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। दो से तीन साल की एफडी में यह दर 6.45 और 6.95 प्रतिशत हो जाती है। कैनरा बैंक भी एक साल के लिए 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत ब्याज दे रहा है। इस बैंक की 444 दिन वाली एफडी स्कीम सबसे लोकप्रिय है जिसमें 6.50 और 7 प्रतिशत ब्याज मिलता है। पंजाब नेशनल बैंक में भी एक साल की एफडी पर ब्याज दर 6.25 और 6.75 प्रतिशत है जबकि 390 दिन की एफडी पर 7.10 प्रतिशत तक का रिटर्न मिलता है।

निवेश से पहले रखें ध्यान

एफडी में निवेश करने से पहले केवल ब्याज दर ही नहीं बल्कि निवेश की अवधि, टैक्स स्लैब और पैसे की जरूरतों को भी ध्यान में रखना जरूरी है। वरिष्ठ नागरिकों को लगभग हर बैंक में 0.50 प्रतिशत ज्यादा ब्याज मिलता है। कई बैंक ऑनलाइन एफडी खोलने पर अतिरिक्त 0.10 प्रतिशत की दर भी देते हैं। इसलिए निवेश से पहले अपने बैंक से जुड़ी सभी शर्तें और ऑफर को जरूर जांचें ताकि आपको सबसे अच्छा रिटर्न मिल सके।

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India Energy Sector 2025-26: OMCs का फायदा बढ़ेगा 50%, Crisil ने बताया $18-20 प्रति बैरल ऑपरेटिंग प्रॉफिट का अनुमान

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India Energy Sector 2025-26: OMCs का फायदा बढ़ेगा 50%, Crisil ने बताया $18-20 प्रति बैरल ऑपरेटिंग प्रॉफिट का अनुमान

India Energy Sector 2025-26: भारत में तेल विपणन कंपनियां (OMCs) 2025-26 वित्तीय वर्ष में तेज़ी से सुधार की ओर बढ़ रही हैं। क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार, इन कंपनियों के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होने की संभावना है, जो इस वित्तीय वर्ष में प्रति बैरल 18-20 डॉलर तक पहुँच सकता है। स्थिर रिटेल ईंधन कीमतों और अनुकूल कच्चे तेल की परिस्थितियों के बीच मजबूत मार्केटिंग मार्जिन इन मुनाफों को बढ़ावा देंगे।

क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट

तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल, डीज़ल और अन्य ईंधनों के रिफ़ाइनिंग (ग्रॉस रिफ़ाइनिंग मार्जिन या GRM) और मार्केटिंग से राजस्व कमाती हैं। क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा, “वर्तमान वित्तीय वर्ष में मार्केटिंग मार्जिन में सुधार रिफ़ाइनिंग मार्जिन में गिरावट को अधिक than पूरी तरह से संतुलित करेगा, क्योंकि वैश्विक मांग धीमी होने के बावजूद दुनिया क्लीनर ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रही है।” बेहतर मुनाफा नकदी भंडार को ₹75,000-80,000 करोड़ तक बढ़ा देगा, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग ₹55,000 करोड़ था।

India Energy Sector 2025-26: OMCs का फायदा बढ़ेगा 50%, Crisil ने बताया $18-20 प्रति बैरल ऑपरेटिंग प्रॉफिट का अनुमान

मजबूत नकदी प्रवाह और पूंजीगत व्यय

तेल विपणन कंपनियों के मजबूत नकदी प्रवाह से इस क्षेत्र की ₹90,000 करोड़ की योजनाबद्ध पूंजीगत व्यय को समर्थन मिलेगा। यह व्यय मुख्य रूप से मौजूदा परियोजनाओं के विस्तार और घरेलू मांग आधारित प्रोजेक्ट्स पर केंद्रित होगा। कच्चे तेल की कीमतें इस वित्तीय वर्ष में $65-67 प्रति बैरल रहने की संभावना है, जिससे ग्रॉस रिफ़ाइनिंग मार्जिन (GRM) $4-6 प्रति बैरल तक सीमित रहेगा। इसके विपरीत, मार्केटिंग प्रॉफिट लगभग $14 प्रति बैरल (लगभग ₹8 प्रति लीटर) तक बढ़ने का अनुमान है।

कच्चे तेल की कीमतों का अनुमान और वैश्विक प्रभाव

पिछले पांच वित्तीय वर्षों में भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया है, जबकि रिटेल ईंधन की कीमतें स्थिर रही हैं। क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, “कच्चे तेल की कीमतें अस्थिर होने के बावजूद, इस वित्तीय वर्ष में $65-67 प्रति बैरल तक स्थिर होने की उम्मीद है। वैश्विक मांग में कमजोरी और ऊर्जा संक्रमण की प्रवृत्ति के कारण रिफ़ाइनिंग स्प्रेड पर दबाव रहेगा, जिससे GRM $4-6 प्रति बैरल तक सीमित रहेगा।” इस सुधार से कुल ऑपरेटिंग मार्जिन में वृद्धि होगी और OMCs के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता करीब, जानें कौन-सी कंपनियों के शेयर्स में आया जोरदार उछाल

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India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता करीब, जानें कौन-सी कंपनियों के शेयर्स में आया जोरदार उछाल

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापारिक समझौते (Trade Deal) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया अब अपनी अंतिम चरण में है। दोनों देश इस समझौते को अंतिम रूप देने के काफी करीब हैं। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत-अमेरिका के प्रस्तावित व्यापार समझौते के बारे में केवल तभी अच्छी खबर मिलेगी, जब यह दोनों पक्षों के लिए निष्पक्ष, संतुलित और समान अवसर प्रदान करने वाला हो। मंत्री के इस बयान के बाद बुधवार को एपीक्स फ्रोजन फूड्स, कोस्टल कॉरपोरेशन और अवंती फीड्स के शेयरों में तेजी देखने को मिली।

तेजी के साथ उड़े ये शेयर

बुधवार को बाजार में मछली और समुद्री उत्पाद (Seafood) कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया। एपीक्स फ्रोजन फूड्स के शेयर लगभग 5% बढ़कर ₹305.99 प्रति शेयर पर पहुँच गए, जो कि कंपनी का नया 52-सप्ताह उच्च स्तर है। वहीं, कोस्टल कॉरपोरेशन के शेयरों में 9% की बढ़ोतरी हुई, और अवंती फीड्स के शेयरों में लगभग 12% का उछाल आया। इसके अलावा, ज़ील एक्वा के शेयरों में भी तेज़ी देखी गई। यह तेजी निवेशकों की उम्मीदों और बाजार की सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाती है।

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता करीब, जानें कौन-सी कंपनियों के शेयर्स में आया जोरदार उछाल

चीन-जापान तनाव और भारतीय समुद्री उत्पाद

हाल ही में, 19 नवंबर को झींगा (Shrimp) कंपनी के शेयरों में अचानक तेजी आई। इसका मुख्य कारण यह था कि चीन ने जापान से सभी समुद्री उत्पादों का आयात प्रतिबंधित कर दिया। यह कदम जापानी प्रधानमंत्री सानाए ताकाइची के ताइवान (Taiwan) को लेकर दिए गए बयान के बाद आया। ताकाइची ने संसद में कहा था कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो जापान अपनी सेना भेजकर ताइवान की मदद करेगा, क्योंकि ताइवान जापान के सबसे नज़दीक देश है। चीन ने इस बयान को “अविश्वसनीय और उकसाने वाला” करार दिया।

भारतीय व्यापारियों के लिए अवसर

वर्तमान में भारत भी चीन को समुद्री उत्पाद निर्यात करता है। चीन और जापान के बीच उच्च तनाव के कारण अब भारतीय उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी की संभावना है। भारतीय झींगा और समुद्री उत्पादों (Seafood) को चीन के बाजार में निर्यात बढ़ाने का यह सही समय हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता और चीन के साथ हाल की परिस्थितियाँ दोनों ही मिलकर भारतीय व्यापारियों और निवेशकों के लिए नए अवसर पैदा कर रही हैं। इस तरह के मौके से भारत के समुद्री उत्पाद उद्योग को अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूती मिलेगी और आर्थिक दृष्टि से लाभ होगा।

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Bharti Airtel और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में जोरदार तेजी, निवेशकों के चेहरे खिल उठे

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Bharti Airtel और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में जोरदार तेजी, निवेशकों के चेहरे खिल उठे

Bharti Airtel: पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। देश के 10 सबसे बड़ी कंपनियों में से आठ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में कुल मिलाकर ₹2,05,185.08 करोड़ की वृद्धि हुई, जबकि दो कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में ₹39,414.06 करोड़ की गिरावट आई। इस दौरान निवेशकों को भारती एयरटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज से सबसे अधिक लाभ हुआ। बीएसई सेंसेक्स ने इस सप्ताह 1,346.5 अंकों यानी 1.62 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ। लंबे समय की कमजोरी के बाद बाजार ने मजबूत वापसी की है।

भारती एयरटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने लगाया बाज़ार में दबदबा

भारती एयरटेल का बाजार पूंजीकरण पिछले सप्ताह ₹55,652.54 करोड़ बढ़कर ₹11,96,700.84 करोड़ तक पहुंच गया। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण ₹54,941.84 करोड़ की वृद्धि के साथ ₹20,55,379.61 करोड़ हो गया। दोनों कंपनियों ने अपने निवेशकों को खासा मुनाफा दिया। इसके अलावा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) का बाजार पूंजीकरण ₹40,757.75 करोड़ बढ़कर ₹11,23,416.17 करोड़ और ICICI बैंक का ₹20,834.35 करोड़ बढ़कर ₹9,80,374.43 करोड़ रहा।

एसबीआई, इन्फोसिस और एचडीएफसी बैंक ने भी दिखाया मजबूती

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का बाजार पूंजीकरण ₹10,522.9 करोड़ बढ़कर ₹8,92,923.79 करोड़ और इन्फोसिस का ₹10,448.32 करोड़ बढ़कर ₹6,24,198.80 करोड़ पहुंच गया। इसके साथ ही, HDFC बैंक का मूल्यांकन ₹9,149.13 करोड़ की वृद्धि के साथ ₹15,20,524.34 करोड़ रहा। हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण भी ₹2,878.25 करोड़ बढ़कर ₹5,70,187.06 करोड़ पहुंच गया। इन कंपनियों के प्रदर्शन से बाजार में स्थिरता का संकेत मिला है।

बजाज फाइनेंस और LIC को झटका

वहीं, पिछले सप्ताह दो कंपनियों को बाजार में नुकसान हुआ। बजाज फाइनेंस का बाजार पूंजीकरण ₹30,147.94 करोड़ घटकर ₹6,33,573.38 करोड़ और जीवन बीमा निगम (LIC) का ₹9,266.12 करोड़ घटकर ₹5,75,100.42 करोड़ रह गया। हालांकि, इन कंपनियों की बाजार में स्थिति मजबूत बनी हुई है, लेकिन इस गिरावट ने निवेशकों को थोड़ा सतर्क किया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज बनी देश की सबसे बड़ी कंपनी

रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे बड़ी कंपनी बनी हुई है। इसके बाद HDFC बैंक, भारती एयरटेल, TCS, ICICI बैंक, SBI, बजाज फाइनेंस, इन्फोसिस, LIC और हिंदुस्तान यूनिलीवर का स्थान है। बाजार की इस तेजी से यह साफ हो गया है कि निवेशकों का भरोसा बड़ी कंपनियों में बरकरार है। आगामी हफ्तों में भी यह कंपनियां निवेशकों को आकर्षित करती रहेंगी।

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