Connect with us

देश

Bihar Assembly Elections से पहले वोटर लिस्ट को लेकर घमासान, अब सुप्रीम कोर्ट में होगा फैसला

Published

on

Bihar Assembly Elections से पहले वोटर लिस्ट को लेकर घमासान, अब सुप्रीम कोर्ट में होगा फैसला

Bihar Assembly Elections से पहले विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। चुनाव आयोग ने राज्य में वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण का काम शुरू किया है, जिस पर विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इस प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख भी किया है। वहीं दूसरी ओर, राज्य में वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम तेजी से चल रहा है और अब तक करीब 21 प्रतिशत लोगों ने अपने फॉर्म जमा कर दिए हैं।

1.69 करोड़ फॉर्म हुए जमा, 18 दिन बाकी

चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार अब तक 1,69,49,208 फॉर्म भरे और जमा किए जा चुके हैं। यह संख्या बिहार में पंजीकृत कुल 7.90 करोड़ मतदाताओं का लगभग 21.46 प्रतिशत है। सिर्फ शनिवार से रविवार शाम 6 बजे तक 65 लाख से अधिक फॉर्म जमा हुए। अब इस प्रक्रिया के लिए 25 जुलाई तक का समय बचा है और आयोग उम्मीद कर रहा है कि बड़ी संख्या में मतदाता इस अभियान में भाग लेंगे।

Bihar Assembly Elections से पहले वोटर लिस्ट को लेकर घमासान, अब सुप्रीम कोर्ट में होगा फैसला

 वैशाली सबसे आगे, सहरसा सबसे पीछे

राज्य के सभी जिलों में SIR प्रक्रिया जारी है लेकिन इसमें ज़िला-वार हिस्सेदारी में भारी अंतर देखने को मिल रहा है। वैशाली जिला 25.83 प्रतिशत फॉर्म सबमिशन के साथ सबसे आगे है जबकि सहरसा मात्र 6.43 प्रतिशत के साथ सबसे पीछे है। सहरसा के बाद कटीहार, औरंगाबाद, लखीसराय और मधुबनी जैसे जिले भी पीछे हैं। प्रशासन की कोशिश है कि इन जिलों में जागरूकता बढ़ाकर फॉर्म भरवाने की गति तेज की जाए।

घर-घर पहुंच रहे BLO, तस्वीरें भी ले रहे लाइव

मतदाता सूची अपडेट करने के इस अभियान में 77,895 बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं। BLO न सिर्फ फॉर्म भरवाने में मदद कर रहे हैं बल्कि मतदाताओं की तस्वीरें भी लाइव लेकर फॉर्म अपलोड कर रहे हैं ताकि उन्हें अलग से फोटो खिंचवाने की परेशानी न हो। इसके अतिरिक्त 20,603 नए BLO भी तैनात किए जा रहे हैं ताकि यह प्रक्रिया समय पर पूरी हो सके।

कोर्ट में 10 जुलाई को सुनवाई, सियासी दांव-पेंच तेज

इस पूरी प्रक्रिया के खिलाफ TMC सांसद महुआ मोइत्रा, ADR और योगेंद्र यादव समेत कई संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं। इन सभी याचिकाओं पर 10 जुलाई को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं है और मतदाता सूची में छेड़छाड़ की आशंका है। हालांकि चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि 24 जून 2025 की अधिसूचना के अनुसार ही SIR प्रक्रिया पारदर्शिता से चलाई जा रही है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

देश

EC के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं Mahua Moitra, कहा- वोटरों को जानबूझकर बाहर किया जा रहा है

Published

on

EC के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं Mahua Moitra, कहा- वोटरों को जानबूझकर बाहर किया जा रहा है

टीएमसी सांसद Mahua Moitra ने चुनाव आयोग के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है जिसमें बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण की बात कही गई है। महुआ का कहना है कि यह आदेश मनमाना और असंवैधानिक है। उन्होंने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश पर तुरंत रोक लगाए और देश के अन्य राज्यों में भी ऐसा कोई निर्देश न दिया जाए। महुआ का आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए गरीबों, महिलाओं और प्रवासी मजदूरों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा सकता है।

निजी जीवन को लेकर भी रहीं सुर्खियों में

हाल ही में महुआ मोइत्रा निजी जीवन को लेकर भी चर्चा में रहीं जब उन्होंने बर्लिन में पूर्व बीजेडी सांसद और वरिष्ठ वकील पिनाकी मिश्रा से विवाह किया। इसके अलावा वह उस समय भी खबरों में रहीं जब टीएमसी के ही वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी ने उनके ऊपर निजी टिप्पणी की। बनर्जी ने कहा कि महुआ हनीमून से लौटने के बाद उन पर हमला कर रही हैं और उन्होंने “एक परिवार तोड़ने” का आरोप भी लगाया। यह बयान काफी विवादित रहा और पार्टी के भीतर भी हलचल मचा गया।

EC के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं Mahua Moitra, कहा- वोटरों को जानबूझकर बाहर किया जा रहा है

कौन हैं महुआ मोइत्रा?

महुआ मोइत्रा पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से टीएमसी की सांसद हैं। वह अपने बेबाक और तीखे बयानों के लिए जानी जाती हैं। संसद में उन्होंने कई बार केंद्र सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की है और जनता से जुड़े मुद्दों को मजबूती से उठाया है। महुआ की राजनीति में सक्रियता और उनकी स्पष्टवादिता ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई है।

शिक्षा और करियर से राजनीति तक का सफर

महुआ मोइत्रा का जन्म 12 अक्टूबर 1974 को असम के कछार जिले के लाबाक में एक बंगाली हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ। उन्होंने कोलकाता के गोखले मेमोरियल गर्ल्स स्कूल से शुरुआती शिक्षा प्राप्त की और इसके बाद अमेरिका के मैसाचुसेट्स स्थित माउंट होलीयोके कॉलेज से इकोनॉमिक्स और मैथ्स में स्नातक की डिग्री हासिल की। राजनीति में आने से पहले वह जेपी मॉर्गन चेस जैसे बड़े बैंक में इन्वेस्टमेंट बैंकर थीं और वाइस प्रेसिडेंट तक बनीं।

जनसेवा की चाह ने बदली जिंदगी की दिशा

साल 2009 में अपने कॉलेज रीयूनियन के दौरान महुआ मोइत्रा ने फैसला किया कि अब वह कॉर्पोरेट करियर छोड़कर भारत लौटकर जनसेवा करेंगी। उन्होंने राजनीति में कदम रखा और टीएमसी से जुड़कर लोगों की समस्याओं को उठाने लगीं। आज वह संसद की एक मुखर आवाज हैं और खासकर महिलाओं और अल्पसंख्यकों से जुड़े विषयों पर उनकी बातों को गंभीरता से सुना जाता है।

Continue Reading

देश

टैरिफ डेडलाइन से पहले सियासी घमासान, Rahul Gandhi बोले- दिख रहा है दबाव में समझौता

Published

on

टैरिफ डेडलाइन से पहले सियासी घमासान, Rahul Gandhi बोले- दिख रहा है दबाव में समझौता

कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi ने एक बार फिर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। इस बार उनका निशाना अमेरिका के साथ हो रही व्यापारिक डील पर है। उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के हालिया बयान पर टिप्पणी करते हुए मोदी सरकार की नीति पर सवाल खड़े किए हैं। राहुल गांधी का कहना है कि केंद्र सरकार अमेरिका के दबाव में व्यापार समझौता करेगी और डेडलाइन के सामने झुक जाएगी।

क्या है पीयूष गोयल का बयान, जिस पर हुआ विवाद?

वास्तव में पीयूष गोयल ने कहा था कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है लेकिन भारत किसी भी डेडलाइन के दबाव में नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देशहित किसी भी समयसीमा से ऊपर है और जब तक भारत के हित पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होंगे तब तक कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कृषि और ऑटोमोबाइल जैसे मुद्दे अब तक सुलझे नहीं हैं, इसलिए कोई जल्दबाज़ी नहीं की जाएगी।

राहुल गांधी का पलटवार – ‘मोदी-ट्रंप झुकेंगे डेडलाइन के आगे’

राहुल गांधी ने पीयूष गोयल के बयान पर कटाक्ष करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि “गोयल चाहे जितना सीना ठोक लें, लेकिन याद रखना – मोदी और ट्रंप डेडलाइन के आगे झुकेंगे।” राहुल गांधी का दावा है कि सरकार दबाव में आकर अमेरिका से व्यापार समझौता करेगी, जिससे भारत के आर्थिक और घरेलू हितों को नुकसान पहुंच सकता है। उनका आरोप है कि यह सरकार अमेरिकी नीतियों के सामने मजबूर है।

टैरिफ डेडलाइन से पहले सियासी घमासान, Rahul Gandhi बोले- दिख रहा है दबाव में समझौता

टैरिफ डेडलाइन खत्म होने को है, बढ़ी हलचल

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ समय पहले 100 से ज्यादा देशों पर जवाबी शुल्क (retaliatory tariffs) लगाए थे, जिसमें भारत पर 26% का शुल्क भी शामिल था। हालांकि बाद में अमेरिका ने इस पर 90 दिनों की अस्थायी रोक लगा दी थी। यह रोक अब 9 जुलाई को खत्म हो रही है, और इसी के चलते भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता ने रफ्तार पकड़ी है। दोनों देशों के बीच इस टैरिफ मुद्दे को लेकर समझौते की कोशिशें तेज हो गई हैं।

क्या भारत करेगा समझौता या डटेगा अपने हितों पर?

पीयूष गोयल ने साफ किया है कि भारत किसी भी डील को तब तक स्वीकार नहीं करेगा जब तक वह देश के आर्थिक हितों को पूरी तरह सुरक्षित नहीं करता। सरकार का रुख फिलहाल सख्त दिखाई दे रहा है, लेकिन विपक्ष का आरोप है कि अमेरिका के दबाव में जल्दबाजी में फैसला लिया जा सकता है। अब देखना यह होगा कि 9 जुलाई से पहले क्या कोई ठोस समझौता होता है या नहीं।

Continue Reading

देश

इंटरनेट पर वायरल हुआ भगोड़ों का जलवा! Lalit Modi और Vijay Mallya की लंदन पार्टी ने मचाया तूफान

Published

on

इंटरनेट पर वायरल हुआ भगोड़ों का जलवा! Lalit Modi और Vijay Mallya की लंदन पार्टी ने मचाया तूफान

हाल ही में Lalit Modi और Vijay Mallya की लंदन में आयोजित एक शानदार पार्टी ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है। दोनों भारत के आर्थिक भगोड़े हैं और उन पर हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और गबन के आरोप हैं। इसके बावजूद ये विदेश में बेहद ऐशोआराम की ज़िंदगी बिता रहे हैं। इस पार्टी में करीब 310 खास मेहमान शामिल हुए जिनमें पूर्व RCB क्रिकेटर क्रिस गेल भी मौजूद थे।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो और फोटो

ललित मोदी ने इस पार्टी का एक वीडियो खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया जिसमें वे और विजय माल्या ‘I Did It My Way’ गाना गाते नजर आए। वहीं, क्रिस गेल ने विजय माल्या और ललित मोदी के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, “हम यहां बहुत मस्ती कर रहे हैं, शानदार शाम के लिए धन्यवाद।” इन पोस्ट्स ने देखते ही देखते इंटरनेट पर हलचल मचा दी।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Lalit Modi (@lalitkmodi)

बिना डर के विदेश में शानो-शौकत की ज़िंदगी

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों भगोड़े विदेश में खुलकर पार्टी कर रहे हैं और किसी कानून का कोई खौफ नजर नहीं आता। ललित मोदी ने वीडियो पोस्ट करते हुए मजाकिया अंदाज़ में लिखा, “310 दोस्तों और परिवार के साथ शानदार रात… ये वीडियो इंटरनेट न तोड़ दे, लेकिन यही मैं सबसे अच्छा करता हूं।” यह दिखाता है कि उनके जीवन पर मुकदमों का कोई असर नहीं पड़ा है।

विजय माल्या और ललित मोदी पर लगे गंभीर आरोप

भारत सरकार ने विजय माल्या को 2019 में भगोड़ा घोषित किया था। उन पर 9000 करोड़ रुपये के लोन डिफॉल्ट का आरोप है। हालांकि, हाल ही में एक पॉडकास्ट में माल्या ने कहा कि बैंकों ने उनसे 14 हजार करोड़ रुपये की वसूली कर ली है। उधर, ललित मोदी पर 2009 में दक्षिण अफ्रीका में IPL शिफ्ट करने के बदले वित्तीय गड़बड़ी और मनी ट्रांसफर के आरोप हैं। ईडी ने उन पर 10.65 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था।

क्या कभी भारत वापसी करेंगे भगोड़े?

भारत सरकार की कोशिशों के बावजूद अब तक ये दोनों भगोड़े कानून की गिरफ्त से बाहर हैं। सवाल यह भी है कि जब भारत में आम नागरिक छोटे अपराधों पर भी जेल चले जाते हैं, तो इन भगोड़ों को विदेशों में इतना विशेषाधिकार क्यों मिला हुआ है। क्या ये चकाचौंध भरी पार्टियां भारत के न्याय तंत्र को चुनौती नहीं दे रहीं?

Continue Reading

Trending