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Around 6.5 lakh applications come in for PM’s Internship Scheme pilot project

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Around 6.5 lakh applications come in for PM’s Internship Scheme pilot project
फोटो: pminintership.mca.gov.in

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साढ़े छह लाख युवाओं ने आवेदन किया था पीएम इंटर्नशिप योजना के तहत इंटर्नशिप सरकारी सूत्रों के अनुसार, पिछले शुक्रवार तक शीर्ष कंपनियों (योजना) पायलट प्रोजेक्ट में, जब योजना के तहत कॉर्पोरेट इंडिया द्वारा शुरू में पेश किए जा रहे 1.27 लाख अवसरों के लिए विंडो बंद हो गई।

इस परियोजना का उद्देश्य पांच वर्षों में एक करोड़ लोगों को नौकरी पर प्रशिक्षण प्रदान करना है।

एक आधिकारिक सूत्र ने स्पष्ट किया कि आवेदनों की संख्या व्यक्तिगत आवेदकों की संख्या के बराबर नहीं है, क्योंकि प्रत्येक आवेदक प्रस्तावित पांच अलग-अलग इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकता है।

योजना के पायलट प्रोजेक्ट, जिससे मिली सीख का उपयोग इसे पूर्ण रूप से लागू करने के लिए किया जाएगा, ने टाटा स्टील, आईटीसी लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक और महिंद्रा समूह जैसी 280 प्रमुख कंपनियों से इंटर्नशिप ऑफर को आकर्षित किया है।

युवाओं को आवेदन के लिए अधिक समय देने के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 नवंबर से बढ़ाकर 15 नवंबर कर दी गई।

21 से 24 वर्ष की आयु के बेरोजगार युवा, जिनके परिवार का कोई सदस्य प्रति वर्ष ₹8 लाख से अधिक नहीं कमाता है, इस योजना के लिए पात्र हैं।

जिन कंपनियों ने योजना के लिए साइन अप किया है वे अब चयन प्रक्रिया शुरू करेंगी। मूल समयरेखा के अनुसार, चयनित प्रशिक्षुओं को 2 दिसंबर को कंपनियों के साथ अपना साल भर का कार्यकाल शुरू करने की उम्मीद है।

पंजीकरण कराने वाले कई युवाओं ने कहा कि उन्हें चयनित होने की उम्मीद है, जबकि कुछ के लिए यह एक “बैक-अप” विकल्प था।

कॉलेज के प्रोफेसरों ने कहा कि हालांकि छात्र उत्साहित थे, लेकिन बहुत कम लोगों ने आवेदन किया था क्योंकि केवल वे ही पात्र थे जो वर्तमान में पूर्णकालिक कार्यक्रमों में नामांकित नहीं थे।

3 अक्टूबर को, कंपनियों के पंजीकरण के लिए पोर्टल लॉन्च किया गया था और प्रोफ़ाइल निर्माण के लिए 12 अक्टूबर को आवेदकों के लिए खोला गया था।

23 अक्टूबर को इंटर्नशिप के लिए आवेदन आधिकारिक तौर पर शुरू हुए। आवेदकों को पोर्टल पर नज़र रखने और अपडेट के लिए मेल के माध्यम से जाने के लिए कहा गया है।

हाल ही में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से आपदा प्रबंधन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करने वाली 22 वर्षीय कृतिका वर्मा ने कहा, “हममें से जो लोग शिक्षा के क्षेत्र में भविष्य तलाश रहे हैं या सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए यह योजना आदर्श है।” और पीएचडी करने की योजना बना रहा है।

आवेदन करते समय, उम्मीदवार सेक्टर, कार्यात्मक भूमिका, राज्य और जिले जैसी प्राथमिकताओं को दर्ज कर सकते हैं। पीएम इंटर्नशिप पोर्टल पर डैशबोर्ड के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इंटर्नशिप की पेशकश की गई है, जिसमें सबसे अधिक 14,694 महाराष्ट्र में हैं, इसके बाद तमिलनाडु में 13,263 हैं। सबसे कम ऑफर लक्षद्वीप का था, जहां सिर्फ दो ऑफर थे।

दिल्ली ने कुल 3,543 अवसरों की पेशकश की।

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, कंपनियां उपस्थिति और आचरण के आधार पर अपने सीएसआर फंड से प्रति माह ₹500 का भुगतान करेंगी, जिसके बाद सरकार इंटर्न के आधार-सीडेड बैंक खाते में ₹4,500 का प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण शुरू करेगी।

शामिल होने पर एक प्रशिक्षु को आकस्मिक खर्चों के लिए ₹6,000 का एकमुश्त अनुदान प्रदान किया जाएगा।

जबकि कृतिका जैसे लोगों के लिए ₹5,000 का वजीफा एक “बहुत बड़ा बोनस” है, कुछ लोगों को लगता है कि वे पूरे वर्ष के लिए प्रति माह ₹5,000 के साथ गुजारा नहीं कर पाएंगे।

योजना के तहत आवेदन करने वाले आर्यभट्ट कॉलेज के तृतीय वर्ष के छात्र 19 वर्षीय रविकांत तिवारी ने कहा कि उन्हें चिंता है कि उनका खर्च वजीफा राशि से अधिक हो सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय में, एक अधिकारी ने कहा कि जहां छात्रों के बीच इस योजना में रुचि थी, वहीं कई ने पिछले साल शुरू की गई छह महीने की कुलपति इंटर्नशिप योजना के लिए भी आवेदन किया था, जो प्रति माह ₹5,500 का वजीफा प्रदान करता है।

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New TDS rules: वरिष्ठ नागरिकों और सामान्य नागरिकों के लिए मिली राहत

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New TDS rules: वरिष्ठ नागरिकों और सामान्य नागरिकों के लिए मिली राहत

New TDS rules: भारत सरकार ने फरवरी 1, 2025 को पेश किए गए बजट में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की, जो टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) नियमों से जुड़े हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन बदलावों की जानकारी दी, और ये नए नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। इन बदलावों के तहत, बैंक डिपॉजिट (FD), रिकरिंग डिपॉजिट (RD) और अन्य स्रोतों से ब्याज आय पर TDS के नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं। खासकर वरिष्ठ नागरिकों और सामान्य नागरिकों को इस बजट से महत्वपूर्ण राहत मिली है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी राहत

अब तक, वरिष्ठ नागरिकों (60 साल और उससे ऊपर के) के लिए TDS की सीमा ₹40,000 थी। लेकिन नए नियमों के तहत, अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए FD और RD पर TDS तभी काटा जाएगा जब उनकी कुल ब्याज आय ₹1 लाख से अधिक होगी। इसका मतलब यह है कि अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की ब्याज आय ₹1 लाख से कम है, तो उन्हें किसी भी प्रकार का TDS नहीं देना पड़ेगा। इस बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी, खासकर उन लोगों को जो FD पर निर्भर हैं और उनकी आय कम है।

सामान्य नागरिकों के लिए भी राहत

सामान्य नागरिकों (जो वरिष्ठ नागरिक नहीं हैं) के लिए भी TDS के नियमों में राहत दी गई है। पहले सामान्य नागरिकों के लिए FD, RD और अन्य स्रोतों से ब्याज आय पर ₹40,000 तक TDS कटता था। अब, सरकार ने इस सीमा को बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया है। इसका मतलब है कि यदि सामान्य नागरिक की ब्याज आय ₹50,000 तक रहती है, तो उस पर कोई TDS नहीं कटेगा। यह बदलाव खासतौर पर उन नागरिकों को राहत देगा, जो FD और RD से अपनी आय का बड़ा हिस्सा प्राप्त करते हैं।

New TDS rules: वरिष्ठ नागरिकों और सामान्य नागरिकों के लिए मिली राहत

टीडीएस नियमों में अन्य बदलाव

बजट में TDS से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की गई हैं। पहले, लॉटरी, क्रॉसवर्ड या हॉर्स रेसिंग से होने वाली कुल आय पर ₹10,000 से अधिक होने पर TDS कटता था। अब, सरकार ने इसे सरल बनाते हुए कहा है कि TDS तब ही काटा जाएगा जब एकल लेन-देन ₹10,000 से अधिक होगा। इससे लॉटरी और क्रॉसवर्ड जैसे खेलों में छोटे-मोटे जीतने वाले व्यक्तियों को राहत मिलेगी, क्योंकि छोटे पुरस्कारों पर अब TDS नहीं कटेगा।

बीमा कमीशन पर भी बढ़ी सीमा

बीमा कमीशन पर TDS की सीमा पहले ₹15,000 थी, लेकिन अब इसे ₹20,000 तक बढ़ा दिया गया है। इसका मतलब है कि यदि किसी बीमा एजेंट को एक वित्तीय वर्ष में ₹20,000 से अधिक का कमीशन मिलता है, तो उस पर TDS काटा जाएगा। यह बदलाव बीमा एजेंट्स के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

म्यूचुअल फंड्स और शेयरों पर डिविडेंड पर राहत

म्यूचुअल फंड्स (MFs) और शेयरों पर मिलने वाले डिविडेंड पर भी TDS की सीमा बढ़ाई गई है। पहले, यदि किसी व्यक्ति को ₹5,000 से अधिक का डिविडेंड प्राप्त होता था, तो उस पर TDS कटता था। अब इसे बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी व्यक्ति को ₹10,000 तक का डिविडेंड मिलता है, तो उस पर TDS नहीं कटेगा। यह म्यूचुअल फंड और शेयर निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत है, जो छोटे निवेशकों को अपने निवेश पर बेहतर लाभ देने में मदद करेगा।

इस बदलाव का उद्देश्य

सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य आम लोगों पर टैक्स का बोझ कम करना और उनके निवेशों से संबंधित प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। इन बदलावों से विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और छोटे निवेशकों को फायदा होगा, जो FD, RD या अन्य निवेश माध्यमों से अपनी आय अर्जित करते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इन बदलावों के माध्यम से निवेशकों को अधिक राहत मिले और उनका निवेश कार्य सरल और पारदर्शी हो।

1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे नए नियम

यह नए TDS नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे, और इसके बाद यदि आपकी ब्याज आय इन सीमा से अधिक होती है तो ही बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान TDS काटेगा। यदि आपकी ब्याज आय सीमा से कम है तो TDS नहीं कटेगा, जिससे निवेशकों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी।

इस बजट में किए गए TDS नियमों में बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों और सामान्य नागरिकों को काफी राहत मिली है। सरकार ने एफडी, आरडी और अन्य ब्याज आय पर TDS की सीमा बढ़ाकर छोटे निवेशकों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है। इन बदलावों से खासतौर पर उन व्यक्तियों को लाभ होगा जो अपनी आय का मुख्य हिस्सा एफडी और आरडी से प्राप्त करते हैं। इसके अलावा, लॉटरी, क्रॉसवर्ड, हॉर्स रेसिंग, और म्यूचुअल फंड्स जैसी अन्य श्रेणियों में भी राहत दी गई है, जो टैक्स की जटिलताओं को कम करने में मदद करेगा।

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Holi festival sales: होली के अवसर पर भारतीय सामान की बिक्री में बढ़ोतरी, चीन के सामान का बहिष्कार जारी

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Holi festival sales: होली के अवसर पर भारतीय सामान की बिक्री में बढ़ोतरी, चीन के सामान का बहिष्कार जारी

Holi festival sales: भारत में होली का त्योहार 14 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार भी त्योहार के दौरान व्यापारी वर्ग और उपभोक्ताओं द्वारा चीनी सामान का बहिष्कार जारी है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महासचिव और चांदनी चौक से बीजेपी सांसद प्रवीन खेतानवाल ने कहा कि इस साल भी व्यापारियों और ग्राहकों ने होली के सामान में चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया है और भारतीय सामान की भारी मांग देखी जा रही है।

भारतीय उत्पादों की मांग में उछाल

होली के त्यौहार के दौरान भारतीय रंग, गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे, चंदन, पूजा सामग्री, परिधान और अन्य भारतीय उत्पादों की बिक्री बहुत बढ़ी है। खासकर मिठाई, सूखे मेवे, उपहार आइटम, फूल, फल, कपड़े, फर्निशिंग फैब्रिक, किराना, FMCG उत्पाद और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की मांग बहुत अधिक है। उपभोक्ताओं के खर्च बढ़ने के कारण, कई व्यापारिक क्षेत्रों में होली के दौरान बिक्री में तेजी आई है।

कृष्णवेल ने बताया कि होली के दौरान खासतौर पर सफेद टी-शर्ट, कुर्ता-पजामा और सलवार सूट की मांग में वृद्धि हो रही है ताकि लोग रंगों से खेल सकें। इसके अलावा “हैप्पी होली” लिखी हुई टी-शर्ट भी मार्केट में लगातार बिक रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत त्योहारों का देश है और हर त्योहार या धार्मिक आयोजन निश्चित रूप से व्यापार को बढ़ावा देता है। होली से उम्मीद है कि आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, जिससे खासतौर पर छोटे व्यापारियों, स्थानीय व्यवसायों, छोटे उद्योगों और MSME क्षेत्र को लाभ होगा।

Holi festival sales: होली के अवसर पर भारतीय सामान की बिक्री में बढ़ोतरी, चीन के सामान का बहिष्कार जारी

होली के दौरान व्यापार का अनुमानित आंकड़ा

CAIT के आंकड़ों के अनुसार, इस साल होली के त्यौहार पर व्यापारियों को लगभग ₹60,000 करोड़ का व्यापार होने का अनुमान है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 20 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल यह आंकड़ा ₹50,000 करोड़ के आस-पास था। दिल्ली के बाजारों में अकेले ₹8,000 करोड़ से अधिक के व्यापार की संभावना जताई जा रही है।

दिल्ली में होली की धूम

खेतानवाल ने कहा कि इस साल भी होली के त्यौहार का आयोजन दिल्ली समेत पूरे देश में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिससे होली मनाने के लिए लोग बैंकेट हॉल, फार्म हाउस, होटलों, रेस्तरां और सार्वजनिक पार्कों में इकट्ठा हो रहे हैं। दिल्ली में अकेले 3,000 से अधिक छोटे-बड़े होली मिलन समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इन समारोहों में भाग लेने वाले लोगों के चेहरे पर खुशी और उत्साह देखा जा सकता है।

होली के विशेष उत्पादों की बिक्री

होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह खाने-पीने और स्वादिष्ट व्यंजनों का भी त्योहार है। होली पर विशेष रूप से बनाए जाने वाले गुजिया, और अन्य मिठाईयाँ बड़ी संख्या में मिठाई की दुकानों पर बिक रही हैं। इस बार की होली में रासायनिक रंगों और रंगीन गुलाल के बजाय, बाजार में हर्बल रंगों, अबीर और गुलाल की अधिक मांग देखी जा रही है।

इस बार बाजार में विभिन्न प्रकार की पिचकारियाँ, गुब्बारे और अन्य आकर्षक सामान उपलब्ध हैं। प्रेशर पिचकारियाँ ₹100 से ₹350 तक की कीमत में मिल रही हैं, जबकि टैंक जैसी पिचकारियाँ ₹100 से ₹400 तक बिक रही हैं। इसके अलावा, फैंसी पाइप भी बाजार में बहुत लोकप्रिय हो गए हैं। बच्चों के लिए स्पाइडरमैन, छोटा भीम जैसे डिजाइन वाली पिचकारियाँ ज्यादा बिक रही हैं, और गुलाल स्प्रे की भी भारी मांग है।

होलिका दहन और रंगों की होली

खेतानवाल ने कहा कि इस साल 13 मार्च को दिल्ली में होलिका दहन होगा, जबकि 14 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी। दिल्ली के बाजार होली के रंगों से सजे हुए हैं। दुकानों में गुलाल और पिचकारी के अलावा गुजिया और सूखे मेवों की माला भी सजाई जा रही है। बाजार में खरीदारी के लिए आने वाले लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

इस बार होली के मौके पर भारतीय व्यापारियों और दुकानदारों को अच्छा व्यापार होने का अनुमान है। चीनी उत्पादों का बहिष्कार जारी रहने से भारतीय उत्पादों की बिक्री में तेजी आई है, जिससे छोटे व्यापारियों और MSME क्षेत्र को लाभ होगा। रंगों और मिठाईयों के साथ-साथ होली के विशेष उत्पादों की भी अच्छी खासी मांग है। दिल्ली समेत पूरे देश में होली की धूम है और बाजार रंग-बिरंगे हो चुके हैं।

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MP Investors Summit: प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन किया, मध्य प्रदेश को बनाया निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य

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MP Investors Summit: प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल में निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन किया, मध्य प्रदेश को बनाया निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य

MP Investors Summit: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित ‘इन्वेस्ट मध्य प्रदेश – ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025′ का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य राज्य में निवेशकों और उद्योगपतियों के लिए मध्य प्रदेश के विशाल विकास अवसरों को प्रदर्शित करना है। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी अपने निर्धारित समय से लगभग 30 मिनट देरी से पहुंचे। उन्होंने अपनी देरी के लिए सभी उपस्थित dignitaries से माफी मांगी और बताया कि 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की परीक्षा के कारण उन्होंने राजभवन से निकलने का समय कुछ देर से तय किया ताकि छात्रों को परीक्षा केंद्रों तक बिना किसी परेशानी के पहुंचने में मदद मिल सके।

भारत की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बनने का विश्वास जताया

प्रधानमंत्री मोदी ने समिट के उद्घाटन के दौरान कहा कि विश्व बैंक ने हाल ही में अपनी ‘ग्लोबल इकॉनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स’ रिपोर्ट में यह आश्वासन दिया है कि आने वाले वर्षों में भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उन्होंने कहा, “भारत ने हाल ही में कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को पुनः संजीवित किया है और हम आगे भी इसी गति से विकास करेंगे।” मोदी ने यह भी कहा कि भारत अब वैश्विक ‘एरोस्पेस’ कंपनियों के लिए एक प्रमुख आपूर्ति श्रृंखला केंद्र के रूप में उभर रहा है, जिससे देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

‘डबल इंजन’ सरकार और मध्य प्रदेश में निवेश के नए अवसर

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर मध्य प्रदेश सरकार की 18 नई नीतियों का भी उद्घाटन किया, जो राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए तैयार की गई हैं। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश में अविश्वसनीय प्रतिभा और प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों का एक मजबूत आधार है, जिससे यह राज्य निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन गया है।” मोदी ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में ‘डबल इंजन’ सरकार की स्थापना के बाद राज्य में विकास की गति दोगुनी हो गई है, जिससे यहाँ निवेशकों के लिए नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में हो रहा है क्रांति

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि मध्य प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन (EV) क्षेत्र में भारत में क्रांति लाने वाले प्रमुख राज्यों में से एक बन चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और विक्रय के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की हैं, जिससे यह क्षेत्र और तेज़ी से विकसित होगा। इसके साथ ही, मोदी ने यह भी कहा कि भविष्य में पर्यटन, टेक्नोलॉजी और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

मध्य प्रदेश के विकास में बढ़ती हुई भूमिका

प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश को एक प्रमुख निवेश केंद्र के रूप में उभरते हुए देखा और कहा, “मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में उद्योगों का विकास हो रहा है, जो राज्य के विकास को और तेज़ी से आगे बढ़ाएंगे। यहाँ की नीतियों और निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण इसे एक आकर्षक निवेश स्थल बना रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में बढ़ती हुई बुनियादी सुविधाओं और बेहतर प्रशासनिक प्रबंधन के कारण, यहाँ निवेश के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं।

सरकारी योजनाओं और नीति सुधारों से मध्य प्रदेश को मिलेगा फायदा

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश सरकार की नीतियाँ राज्य में निवेशकों के लिए उपयुक्त वातावरण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार ने अब तक कई ऐसी योजनाएँ बनाई हैं जो न सिर्फ उद्योगों के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी लाभकारी साबित होंगी। सरकार के प्रयासों से राज्य में निवेश का माहौल मजबूत हो रहा है और राज्य को उद्योगों और निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाने की दिशा में सरकार निरंतर काम कर रही है।

विश्व स्तर पर भारत की निवेश क्षमता को प्रोत्साहन

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि भारत में व्यापार करने के लिए हर प्रकार का अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है। उनकी सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधारों और व्यापार को आसान बनाने के उपायों से देश की स्थिति एक प्रमुख वैश्विक निवेश स्थल के रूप में मजबूत हुई है। उन्होंने कहा, “भारत अब निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन चुका है, और इसमें मध्य प्रदेश की भूमिका महत्वपूर्ण है।”

मध्य प्रदेश में आने वाले समय में और भी बदलाव की संभावना

समिट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में आने वाले समय में और भी बड़े बदलाव होंगे, खासकर जब बात रोजगार सृजन, उद्योगों के विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण की हो। उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वे अधिक से अधिक उद्योगों को राज्य में लाने के लिए नए तरीके खोजे और यह सुनिश्चित करें कि राज्य का विकास पूरे देश के लिए एक मॉडल बने।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मध्य प्रदेश में आयोजित ‘इन्वेस्ट मध्य प्रदेश – ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025’ का उद्घाटन राज्य के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। इस समिट ने न केवल निवेशकों को राज्य के विकास में भागीदार बनने के लिए प्रेरित किया, बल्कि यह भारत की अर्थव्यवस्था की वैश्विक भूमिका को और भी मजबूत करेगा। मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश ने अपनी आर्थिक दिशा और उद्देश्य स्पष्ट कर दिया है, और आने वाले वर्षों में यह राज्य न केवल भारत बल्कि पूरे एशिया में एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में उभरने वाला है।

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