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Anaya Bangar ने दिवाली पर शेयर की पिता के साथ पहली फोटो, फैन्स खुश, पिता की दूरी पर उठे सवाल खत्म

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Anaya Bangar ने दिवाली पर शेयर की पिता के साथ पहली फोटो, फैन्स खुश, पिता की दूरी पर उठे सवाल खत्म

इस दिवाली Anaya Bangar के लिए खास तोहफा लेकर आई। उन्होंने पहली बार अपने पिता संजय बंगार के साथ फोटो साझा की। यह पहला मौका था जब अनाया को उनके पिता के साथ देखा गया, खासकर इंग्लैंड में किए गए जेंडर ट्रांज़िशन के बाद। मार्च में भारत लौटने के बाद अनाया ने कई बदलाव किए, लेकिन पिता के साथ उनकी तस्वीर और कोई बयान सामने नहीं आया था।

आर्यन से अनाया बनने की कहानी

अनाया पहले आर्यन बंगार के नाम से जानी जाती थीं। आर्यन ने अपने पिता की तरह क्रिकेट में करियर बनाने की कोशिश की और स्पिन ऑलराउंडर बनने का सपना देखा। पिता संजय बंगार उन्हें प्रैक्टिस के लिए साथ ले जाते थे। हालांकि, जेंडर ट्रांज़िशन के बाद संजय बंगार ने थोड़ी दूरी बनानी शुरू कर दी। लोगों ने यह अफवाहें फैलानी शुरू कर दीं कि क्या अनाया बनने का निर्णय पिता को मंजूर नहीं था।

 

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पिता के साथ पहली फोटो

इस दिवाली अनाया ने इंस्टाग्राम पर परिवार की फोटो साझा की जिसमें उनके पिता, माता, भाई और अन्य परिवार के सदस्य दिखे। हालांकि अनाया सीधे अपने पिता के पास खड़ी नहीं थीं, फिर भी उनकी एक फ्रेम में मौजूदगी ने सबको खुशी दी। अनाया ने फोटो के कैप्शन में लिखा कि इस बार दिवाली अलग महसूस हो रही है—नरम, स्थिर और घर के करीब।

पिता की स्वीकृति के संकेत

हालांकि पहले खबरें थीं कि पिता ने अनाया की नई पहचान को स्वीकार नहीं किया था, इस फोटो ने स्थिति को बदलता हुआ दिखाया। पिता और बेटी की एक साथ तस्वीर ने यह संकेत दिया कि उनके बीच अब रिश्ते में सुधार आया है। फैन्स और सोशल मीडिया यूजर्स ने इस फोटो पर बहुत पॉज़िटिव प्रतिक्रियाएँ दीं और दोनों के बीच प्यार और अपनापन देखा।

आने वाले समय की उम्मीद

अनाया बंगार की यह दिवाली फोटो परिवार के लिए खुशी का संदेश लेकर आई। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में हम अनाया और उनके पिता संजय बंगार की और भी तस्वीरें और पलों को देख पाएंगे। यह फोटो यह दिखाती है कि परिवार के साथ प्यार और स्वीकार्यता की ताकत कितनी महत्वपूर्ण होती है, चाहे बदलाव कितने भी बड़े क्यों न हों।

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Virat Kohli Shameful Record: Virat Kohli का शर्मनाक रिकॉर्ड, पर्थ में पहले ODI में आउट हुए शून्य पर, रोहित शर्मा भी फ्लॉप, फैंस निराश

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Virat Kohli Shameful Record: Virat Kohli का शर्मनाक रिकॉर्ड, पर्थ में पहले ODI में आउट हुए शून्य पर, रोहित शर्मा भी फ्लॉप, फैंस निराश

Virat Kohli Shameful Record: भारतीय क्रिकेट टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे का पहला वनडे पर्थ में निराशाजनक शुरुआत साबित हुआ। टीम के दो प्रमुख बल्लेबाज रोहित शर्मा और Virat Kohli मात्र 21 रन पर पवेलियन लौट गए। रोहित शर्मा ने 14 गेंदों में सिर्फ 8 रन बनाए, जबकि विराट कोहली Mitchell Starc की गेंद पर आठ गेंदों का डक बनाकर पवेलियन लौट गए। इसके अलावा, टीम ने पावरप्ले में तीन विकेट खो दिए और कप्तान शुभमन गिल भी केवल 10 रन बना पाए।

कोहली की वापसी और पहला बड़ा झटका

विराट कोहली ने सात महीने बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की थी। उनकी यह वापसी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रही। पर्थ के मैदान पर उनका डक आउट होना उनके करियर का शर्मनाक रिकॉर्ड बन गया। यह पहली बार था जब कोहली ऑस्ट्रेलिया में वनडे में बिना स्कोर खोले आउट हुए। इस मुकाबले में कोहली का आउट होना टीम इंडिया के लिए पहला बड़ा झटका साबित हुआ।

शर्मनाक डक और इतिहास

कोहली के लिए यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 39वां डक था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह तीसरा डक है। रोहित शर्मा के साथ उनका प्रदर्शन पूरी टीम के लिए चिंता का विषय बन गया। कोहली की यह डक आठ गेंदों में बनी, जो उनकी अब तक की दूसरी सबसे लंबी डक रही। इससे पहले उन्होंने 2023 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ लखनऊ में नौ गेंदों की डक बनाई थी। Zaheer Khan और Ishant Sharma ही ऐसे भारतीय खिलाड़ी हैं जिनके नाम कोहली से अधिक डक हैं।

Mitchell Starc का प्रभाव

कोहली का आउट Mitchell Starc की शानदार गेंदबाजी का नतीजा था। सातवें ओवर की पहली गेंद पर कोहली ने ऑफ स्टंप के बाहर गेंद खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद उनके बैट के किनारे से निकलकर पॉइंट पर खड़े फील्डर Cooper Connolly के हाथों में चली गई। Starc अब तक कोहली को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो बार डक पर आउट करने वाले दूसरे गेंदबाज बन गए हैं, इससे पहले यह रिकॉर्ड James Anderson के नाम था।

टीम और फैंस के लिए चुनौती

मैच से पहले कोहली ने कहा था कि वह फिटनेस और मानसिक रूप से सबसे अच्छे स्थिति में हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 15-20 सालों में उन्होंने कभी पूरी तरह से ब्रेक नहीं लिया। IPL समेत इतने मैचों के बाद उन्होंने आराम किया और अब खुद को सबसे फिट महसूस कर रहे हैं। बावजूद इसके, पर्थ में उनका डक आउट होना टीम इंडिया और फैंस के लिए बड़ा झटका है। टीम को अब अपनी रणनीति बदलकर सीरीज में वापसी करनी होगी।

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ICC ने क्रिकेट में नया नियम लागू किया, अब विकेट के पीछे जाने वाले शॉट्स को मिलेगा डेड बॉल का संकेत

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ICC ने क्रिकेट में नया नियम लागू किया, अब विकेट के पीछे जाने वाले शॉट्स को मिलेगा डेड बॉल का संकेत

मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) लगातार क्रिकेट को और रोमांचक बनाने के लिए नए नियम लागू करता रहा है। अब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने एक अनोखा नियम पेश किया है, जिसका उद्देश्य बैट्समैन की चतुराई को रोकना है। पूर्व आईसीसी अंपायर अनिल चौधरी ने इस नियम के बारे में अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए जानकारी साझा की। इस नए नियम से गेंदबाजों को थोड़ी राहत मिलेगी और खेल और प्रतिस्पर्धात्मक बनेगा।

क्या होगा नियम के तहत शॉट

इस नियम के अनुसार, यदि कोई बैट्समैन गेंद खेलने के दौरान पूरी तरह से स्टंप के पीछे चला जाता है और उसका शरीर का कोई भी हिस्सा पिच पर नहीं रहता, तो उस शॉट को डेड बॉल घोषित किया जाएगा। इस स्थिति में कोई रन नहीं जोड़ा जाएगा, हालांकि गेंद कानूनी डिलीवरी मानी जाएगी। यदि इस दौरान बैट्समैन बोल्ड हो जाता है, तो वह आउट होगा। यह नियम सभी क्रिकेट फॉर्मेट्स—टी20, वनडे और टेस्ट में लागू होगा।

 

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कीरोन पोलार्ड और स्टंप के पीछे के शॉट

पिछले समय में यह देखा गया है कि कई बैट्समैन स्टंप के पीछे जाकर गेंदबाजों को भ्रमित करते थे। वेस्ट इंडीज के दिग्गज खिलाड़ी कीरोन पोलार्ड इस तकनीक का बार-बार इस्तेमाल करते थे। इससे गेंदबाजों को परेशानी होती थी और फील्डिंग भी प्रभावित होती थी। अब नए नियम के तहत यदि बैट्समैन का पैर या शरीर का कोई हिस्सा पिच को नहीं छूता, तो अंपायर तुरंत डेड बॉल का इशारा करेगा। इसका मतलब है कि चाहे बैट्समैन ने चौका या छक्का मारा हो, रन नहीं गिने जाएंगे।

गेंदबाजों को मिलेगा फायदा

इस नियम का ट्विस्ट यह है कि डिलीवरी कानूनी मानी जाएगी और ओवर का हिस्सा बनी रहेगी। इसका मतलब है कि बैट्समैन को अपनी पोजीशन पर अधिक सतर्क रहना होगा। गेंदबाजों को यह नियम थोड़ा फायदा देगा क्योंकि अब उन्हें बैट्समैन की चतुराई से कम परेशान होना पड़ेगा। टी20 क्रिकेट में यह शॉट सबसे ज्यादा देखा जाता है, इसलिए बैट्समैन को अपने तकनीक में बदलाव करना पड़ सकता है।

क्रिकेट में नियम का प्रभाव

यह नया नियम क्रिकेट को और रोमांचक और न्यायसंगत बनाएगा। बैट्समैन अब स्टंप के पीछे जाकर आसानी से रन नहीं जोड़ पाएंगे। गेंदबाजों और फील्डिंग टीमों की रणनीति बदल सकती है। सभी फॉर्मेट्स में लागू होने वाला यह नियम खिलाड़ियों को नई तकनीक अपनाने के लिए मजबूर करेगा और खेल में संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा। इस नियम से क्रिकेट के रोमांच में इजाफा होगा और खेल की प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी।

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Ranji Trophy: विराट कोहली के साथ डेब्यू का सपना टूटा, आयुष दोसिजा ने रणजी ट्रॉफी में डबल सेंचुरी से दर्द कम किया

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Ranji Trophy: विराट कोहली के साथ डेब्यू का सपना टूटा, आयुष दोसिजा ने रणजी ट्रॉफी में डबल सेंचुरी से दर्द कम किया

Ranji Trophy: हर युवा क्रिकेटर का सपना होता है कि वह भारतीय टीम के महान बल्लेबाज विराट कोहली के साथ खेल सके। 23 वर्षीय लेफ्ट हैंडेड बल्लेबाज अयुष डोसेजा को भी यह मौका मिलने वाला था, लेकिन मैच से एक दिन पहले चोट के कारण उनका डेब्यू रद्द हो गया। इसके बावजूद अयुष ने अपने आत्मविश्वास और मेहनत से हार नहीं मानी और हैदराबाद के खिलाफ रंजी ट्रॉफी में शानदार डबल सेंचुरी बनाई।

रंजी ट्रॉफी में धमाकेदार डेब्यू

रंजी ट्रॉफी के दूसरे दिन दिल्ली ने अपनी पहली पारी 529/4 पर घोषित की। इस स्कोर में अयुष डोसेजा का योगदान अहम रहा। उन्होंने 279 गेंदों में 209 रन बनाए, जिसमें 25 चौके और 5 छक्के शामिल थे। उनके शानदार खेल ने हैदराबाद की टीम को दबाव में रखा और दिल्ली की पारी को मजबूती प्रदान की। अयुष की यह पारी उनके डेब्यू मैच के लिए यादगार साबित हुई।

अयुष की प्रतिक्रिया

अयुष डोसेजा ने कहा, “मैं बहुत निराश था कि ऐंकल मोच के कारण विराट कोहली के साथ नहीं खेल सका। यह मेरे लिए बड़ा झटका था।” उन्होंने आगे कहा, “लेकिन किस्मत ने मुझे अलग मौका दिया। डेब्यू मैच में डबल सेंचुरी बनाकर मैंने उस निराशा को दूर किया।” उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय साथी खिलाड़ी सनात संगवान को दिया, जिनके साथ उन्होंने अंडर-23 और अंडर-24 स्तर से काफी क्रिकेट खेली है।

शिक्षा और क्रिकेट में संतुलन

अयुष डोसेजा फिलहाल मेरठ के एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी से MBA कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपनी पढ़ाई पूरी करते हुए क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा। यह मेरे लिए प्लान बी नहीं है।” अयुष ने हाल ही में दिल्ली कैपिटल्स के लिए ट्रायल भी दिया था और मुंबई इंडियंस ने अक्टूबर में उन्हें ट्रायल के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने रंजी ट्रॉफी में खेलने के लिए इसे छोड़ दिया। यह उनके क्रिकेट और शिक्षा के संतुलन को दर्शाता है।

कोच का योगदान और भविष्य की राह

अयुष के कोच अजय चौधरी ने बताया कि अयुष अपने पिता के साथ 10 साल की उम्र में मेरे पास आए थे। मैंने उन्हें आक्रामक क्रिकेट खेलना सिखाया और उनके डेब्यू में यही खेल उनके लिए सफल साबित हुआ। अयुष डोसेजा का यह प्रदर्शन न केवल उनके क्रिकेट करियर को नई दिशा देगा बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उनके धैर्य, मेहनत और प्रतिभा ने साबित किया कि कठिनाइयों के बावजूद सफलता संभव है।

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