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Delhi Metro यात्रियों के लिए एक बड़ा तोहफा: अब मिलेगा सुपरफास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी!

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Delhi Metro यात्रियों के लिए एक बड़ा तोहफा: अब मिलेगा सुपरफास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी!

Delhi Metro: दिल्ली और एनसीआर की लाइफलाइन मानी जाने वाली दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले लाखों यात्रियों को अब एक बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने एक अहम फैसला लिया है, जिसके तहत मेट्रो यात्रियों को यात्रा के दौरान सुपरफास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी। यह सुविधा दिल्ली मेट्रो के सभी कॉरिडोर और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन में उपलब्ध होगी। इस कदम को DMRC ने Beckhaul Digital Technology के साथ साझेदारी करके पूरा किया है, ताकि मेट्रो के यात्रियों को 5G कनेक्टिविटी और बेहतरीन डिजिटल सुविधा मिल सके।

700 किलोमीटर का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाया जाएगा

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने घोषणा की है कि वह दिल्ली मेट्रो के सभी कॉरिडोर में 700 किलोमीटर लंबा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाएगा, जिससे मेट्रो स्टेशनों, सुरंगों और भूमिगत रास्तों पर भी यात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाली इंटरनेट कनेक्टिविटी मिल सकेगी। इसके लिए DMRC ने Beckhaul Digital Technology के साथ एक समझौता किया है, जो मेट्रो के सभी कॉरिडोर में टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने का काम करेगा। इस ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिए यात्रियों को 5G नेटवर्क की सुविधा भी मिलेगी, जिससे इंटरनेट की स्पीड और कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

यह पहल दिल्ली-एनसीआर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत की गई है, जो केंद्र सरकार की डिजिटली कनेक्टेड नेशन के विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। दिल्ली मेट्रो की यह नई सुविधा यात्रियों के लिए और भी आकर्षक हो जाएगी, क्योंकि इससे यात्रा के दौरान इंटरनेट की गुणवत्ता बेहतर होगी और यात्रियों को बिना किसी व्यवधान के काम करने का मौका मिलेगा।

फेज़ वाइज काम शुरू होगा, पहले पिंक और मैजेंटा लाइन को मिलेगा लाभ

DMRC ने अपनी आधिकारिक X हैंडल से इस साझेदारी का ऐलान किया है और बताया है कि ऑप्टिकल फाइबर केबल को फेज़ वाइज बिछाया जाएगा। पहले चरण में पिंक और मैजेंटा लाइन के नेटवर्क को अपग्रेड किया जाएगा। इन दोनों लाइनों पर अगले 6 महीनों के भीतर काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद बाकी सभी कॉरिडोर में इस काम को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।

DMRC ने यह भी बताया कि इस ऑप्टिकल फाइबर लाइन के बिछाए जाने से टेलीकॉम कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को दिल्ली मेट्रो के सभी रूट्स पर बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित करने में मदद मिलेगी। साथ ही, इस इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से डेटा सेंटर भी स्थापित किए जा सकेंगे, जिससे यात्रियों को बेहतर डिजिटल अनुभव मिलेगा।

मेट्रो यात्रा में अब कॉल ड्रॉप्स और खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी का समाधान

दिल्ली मेट्रो के यात्रियों को अक्सर कॉल ड्रॉप्स और खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी का सामना करना पड़ता है, खासकर मेट्रो स्टेशनों, सुरंगों और भूमिगत रूट्स पर। इन समस्याओं से यात्रियों को राहत मिलेगी, क्योंकि ऑप्टिकल फाइबर लाइन के बिछाए जाने से ये समस्याएं दूर हो जाएंगी और यात्रियों को निर्बाध इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी।

इस पहल से न केवल यात्रियों को फायदा होगा, बल्कि टेलीकॉम कंपनियों को भी इस अपग्रेड से फायदा होगा, क्योंकि इसके माध्यम से वे अपनी कनेक्टिविटी और कवरेज को बेहतर बना सकेंगे। इस कदम से दिल्ली मेट्रो का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा, और यात्रियों को एक नया अनुभव मिलेगा।

स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया की ओर एक कदम

DMRC के इस कदम को केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया मिशन के तहत देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है, और दिल्ली मेट्रो का यह कदम इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल है। देशभर में तेजी से 5G नेटवर्क का विस्तार हो रहा है, और अब दिल्ली मेट्रो की इन नई सुविधाओं से यात्रियों को 5G कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।

इस कदम के तहत यात्रियों को न केवल तेज इंटरनेट मिलेगा, बल्कि उन्हें अपने स्मार्ट डिवाइस के जरिए विभिन्न ऑनलाइन सेवाओं का भी उपयोग करने का मौका मिलेगा। चाहे वह ऑनलाइन शॉपिंग हो, सोशल मीडिया पर समय बिताना हो या फिर काम से संबंधित इंटरनेट उपयोग, अब दिल्ली मेट्रो में यात्रा करते हुए भी यात्रियों को इसका पूरा लाभ मिलेगा।

कनेक्टिविटी की बेहतरी से डिजिटल वर्कफ्लो होगा सहज

दिल्ली मेट्रो में सुपरफास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी की शुरुआत से न केवल यात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाया जाएगा, बल्कि यह कामकाजी लोगों के लिए भी एक बड़ा वरदान साबित होगा। राजधानी दिल्ली में काम करने वाले कई लोग रोजाना मेट्रो का इस्तेमाल करते हैं और यात्रा के दौरान अपने काम को आसानी से कर पाते हैं। अब उन्हें इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा, जिससे वे बिना किसी रुकावट के अपना काम करते रह सकते हैं।

इसके अलावा, इस कदम से दिल्ली मेट्रो में आने वाले पर्यटकों और स्थानीय यात्रियों को भी सुविधा होगी, क्योंकि वे अब मेट्रो में यात्रा करते हुए आसानी से इंटरनेट का उपयोग कर पाएंगे।

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) का यह कदम राजधानी दिल्ली और एनसीआर के लाखों यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत है। इस पहल से दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने वाले लोगों को बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे उनका सफर और भी सुविधाजनक हो जाएगा। 5G कनेक्टिविटी, तेज इंटरनेट स्पीड, और बेहतर डिजिटल अनुभव से दिल्ली मेट्रो यात्रियों को एक नया अनुभव मिलेगा। DMRC द्वारा किया गया यह कदम न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी के सपने को साकार करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

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Chimney Suction Power: आपके किचन की हवा ज़हरीली तो नहीं? चिमनी की सक्शन पावर बताएगी सच्चाई

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Chimney Suction Power: आपके किचन की हवा ज़हरीली तो नहीं? चिमनी की सक्शन पावर बताएगी सच्चाई

Chimney Suction Power: आज के समय में किचन केवल खाना पकाने की जगह नहीं बल्कि एक साफ-सुथरा और फ्रेश माहौल बनाए रखने का स्थान भी है। ऐसे में चिमनी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। पहले लोग इसे केवल डिज़ाइन और ब्रांड के आधार पर खरीदते थे लेकिन अब इसके पीछे छिपे तकनीकी पहलुओं को समझना जरूरी हो गया है। खासतौर पर इसकी सक्शन पावर को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

क्या होती है चिमनी की सक्शन पावर?

सक्शन पावर का मतलब होता है कि चिमनी कितनी तेजी से धुआं, तेल की भाप और गंध को खींच सकती है। यह मापी जाती है क्यूबिक मीटर प्रति घंटा (m³/hr) में। जितनी ज्यादा सक्शन पावर होगी, उतनी ही बेहतर तरीके से चिमनी किचन की हवा को साफ कर पाएगी। भारत में तला-भुना खाना ज्यादा पकाया जाता है, इसलिए यहां कम से कम 700 से 1200 m³/hr की चिमनी जरूरी मानी जाती है।

Chimney Suction Power: आपके किचन की हवा ज़हरीली तो नहीं? चिमनी की सक्शन पावर बताएगी सच्चाई

अपने किचन के हिसाब से चुनें सही पावर

हर किचन का आकार और खाना पकाने की आदतें अलग होती हैं। यदि आपके किचन का साइज 60 से 100 स्क्वायर फीट है और आप हल्का खाना जैसे उबालना, भाप देना या कम तेल वाला खाना बनाते हैं, तो 500 से 800 m³/hr की चिमनी पर्याप्त है। वहीं 100 से 150 स्क्वायर फीट के किचन में, जहां रोजमर्रा का खाना बनता है, वहां 800 से 1000 m³/hr की चिमनी बेहतर साबित होगी। यदि आपका किचन बड़ा है या आप अक्सर तला-भुना खाना बनाते हैं, तो 1000 से 1400 m³/hr की सक्शन पावर वाली चिमनी सबसे उपयुक्त होगी।

ज्यादा सक्शन पावर के क्या फायदे हैं?

ज्यादा सक्शन पावर वाली चिमनी आपके किचन को तेल की चिपचिपाहट और धुएं से जल्दी मुक्त कर देती है। इससे न केवल खाना पकाने में आसानी होती है बल्कि दीवारें और टाइल्स भी साफ रहते हैं। इसके अलावा, यह गंध और गर्मी को भी बाहर निकालती है जिससे किचन में ताजगी बनी रहती है। यह मोटर पर भी कम दबाव डालती है और फिल्टर लंबे समय तक साफ रहते हैं।

कम सक्शन पावर की चिमनी से क्या समस्याएं होती हैं?

अगर चिमनी की सक्शन पावर कम होगी तो धुआं और बदबू किचन में बनी रहेगी। इससे न केवल सांस लेने में दिक्कत होती है बल्कि दीवारें भी जल्दी गंदी हो जाती हैं। मोटर पर ज्यादा दबाव पड़ता है और फिल्टर जल्दी जाम हो जाता है जिससे सफाई में भी परेशानी होती है। इसलिए हमेशा सक्शन पावर को प्राथमिकता दें।

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Google Feature: अब गूगल बताएगा पासवर्ड सुरक्षित है या नहीं, जानिए कैसे करता है आपकी डिजिटल सुरक्षा की निगरानी

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Google Feature: अब गूगल बताएगा पासवर्ड सुरक्षित है या नहीं, जानिए कैसे करता है आपकी डिजिटल सुरक्षा की निगरानी

Google Feature: आज के समय में जैसे हम अपने घर की सुरक्षा के लिए दरवाज़ा लॉक करते हैं ठीक वैसे ही ऑनलाइन खातों की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड ज़रूरी हैं। लेकिन हाल ही में 16 अरब पासवर्ड लीक होने की खबर ने सबको चिंता में डाल दिया है। ऐसे में घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की ज़रूरत है। बहुत कम लोग जानते हैं कि गूगल के पास एक बेहद ज़रूरी टूल है जो आपके पासवर्ड की सुरक्षा पर नज़र रखता है और अगर पासवर्ड कहीं लीक होता है तो आपको तुरंत अलर्ट करता है। इस टूल का नाम है Google Password Checkup।

क्या है Google Password Checkup और ये कैसे काम करता है

जिस तरह एक डॉक्टर आपके शरीर की जांच करता है वैसे ही यह टूल आपके सेव किए हुए पासवर्ड की जांच करता है। यह पता लगाता है कि आपका पासवर्ड कहीं किसी डाटा लीक का हिस्सा तो नहीं बना। अगर आपका कोई पासवर्ड लीक हो चुका होता है तो यह टूल आपको तुरंत अलर्ट भेजता है ताकि आप समय रहते अपना पासवर्ड बदल सकें। लेकिन ध्यान रहे यह टूल तभी काम करेगा जब आपने अपने पासवर्ड Google Password Manager में सेव किए हों। अगर आपने अपने ज़रूरी लॉगिन डिटेल्स गूगल पर सेव कर रखे हैं तो यह टूल उन्हें लगातार मॉनिटर करता है।

Google Feature: अब गूगल बताएगा पासवर्ड सुरक्षित है या नहीं, जानिए कैसे करता है आपकी डिजिटल सुरक्षा की निगरानी

कैसे करें पासवर्ड Google Password Manager में सेव और चेक

सबसे पहले अपने लैपटॉप या कंप्यूटर में Google Chrome ब्राउज़र खोलें। फिर ऊपर दाईं तरफ तीन डॉट्स (⋮) पर क्लिक करें। अब ‘Passwords and Autofill’ या ‘Password Manager’ ऑप्शन पर जाएं। यहां बाईं तरफ आपको Passwords, Checkup और Settings जैसे विकल्प दिखेंगे। अगर आप नया पासवर्ड सेव करना चाहते हैं तो Passwords सेक्शन में जाएं और “Add” पर क्लिक करें। अगर पासवर्ड पहले से सेव हैं तो आप सीधे “Checkup” ऑप्शन पर जाकर यह देख सकते हैं कि कोई पासवर्ड लीक तो नहीं हुआ है। Compromised Passwords सेक्शन में आपको जानकारी मिलेगी कि कौन सा पासवर्ड लीक हुआ है और कौन से पासवर्ड बहुत कमजोर हैं या बार-बार दोहराए गए हैं।

मोबाइल से कैसे करें पासवर्ड चेक और सुरक्षित

अगर आप अपने मोबाइल पर पासवर्ड सेव करते हैं तो वहां भी यह चेक करना आसान है। इसके लिए अपने फोन में Settings > Google > Autofill with Google > Password Manager में जाएं। यहां से आप पता लगा सकते हैं कि कोई पासवर्ड लीक हुआ है या आपने कोई कमजोर पासवर्ड तो नहीं रखा है। इस फीचर की सबसे खास बात यह है कि यह बिना कोई एक्स्ट्रा ऐप डाउनलोड किए सीधे गूगल अकाउंट से जुड़ा होता है और हमेशा आपके पासवर्ड की निगरानी करता है। ऐसे में आपको किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड से बचाव का मौका मिल जाता है और आप समय रहते अपने डिटेल्स को अपडेट कर सकते हैं।

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1 जुलाई को आएगा कैमरा का बेताज बादशाह! Nothing Phone 3 में मिलेंगे 50MP के तीन-तीन कैमरे

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1 जुलाई को आएगा कैमरा का बेताज बादशाह! Nothing Phone 3 में मिलेंगे 50MP के तीन-तीन कैमरे

टेक्नोलॉजी की दुनिया में Nothing Phone 3 इन दिनों सबसे चर्चित नाम बन चुका है। कंपनी ने इसकी लॉन्चिंग डेट 1 जुलाई तय की है और तब से लेकर अब तक एक के बाद एक टीज़र्स शेयर कर यूज़र्स की उत्सुकता बढ़ा दी है। Nothing ने खुद इस बात की पुष्टि कर दी है कि यह फोन Snapdragon 8s Gen 4 चिपसेट के साथ आएगा और इसे 5 साल तक Android OS अपडेट और 7 साल तक सिक्योरिटी पैच मिलते रहेंगे।

कैमरा सेटअप में मिलेगा तगड़ा अपग्रेड

Nothing Phone 3 का कैमरा सेटअप इस बार काफी दमदार होने वाला है। कंपनी ने X पर शेयर किए गए पोस्ट में बताया कि फोन में 50 मेगापिक्सल का पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा दिया जाएगा, जो 3x ऑप्टिकल ज़ूम सपोर्ट करेगा। इसके अलावा कैमरा सेटअप में 50MP का मेन सेंसर और 50MP का अल्ट्रा-वाइड शूटर भी शामिल होने की उम्मीद है। यह सेटअप पिछले Nothing Phone 2 के ड्यूल कैमरा सिस्टम के मुकाबले बड़ा अपग्रेड माना जा रहा है।

फ्रंट कैमरा और डिस्प्ले भी है दमदार

फोन की सेल्फी लवर्स के लिए खुशखबरी है। Nothing Phone 3 में 50MP का फ्रंट कैमरा भी मिलने वाला है। वहीं डिस्प्ले की बात करें तो इसमें 6.7 इंच का LTPO OLED स्क्रीन मिलेगा जो 1.5K रेजोल्यूशन के साथ आएगा। यह डिस्प्ले हाई रिफ्रेश रेट और शानदार विजुअल एक्सपीरियंस देगा, जिससे गेमिंग और वीडियो स्ट्रीमिंग का मज़ा दोगुना हो जाएगा।

 बैटरी और चार्जिंग में भी सबको पीछे छोड़ेगा

Nothing Phone 3 में 5150mAh की दमदार बैटरी दी जाएगी। यह बैटरी 100W फास्ट वायर्ड चार्जिंग को सपोर्ट करेगी, जिससे फोन कुछ ही मिनटों में फुल चार्ज हो जाएगा। इतना ही नहीं, फोन में वायरलेस और रिवर्स वायरलेस चार्जिंग का भी सपोर्ट मिलेगा, जिससे आप अपने अन्य गैजेट्स को भी चार्ज कर पाएंगे।

Nothing Phone 3 के साथ लॉन्च होंगे Headphone 1

1 जुलाई को सिर्फ Phone 3 ही नहीं, बल्कि Nothing Headphone 1 भी लॉन्च होने वाला है। इसका मतलब है कि कंपनी एक साथ स्मार्टफोन और ऑडियो सेगमेंट में नया धमाका करने जा रही है। पिछले कुछ महीनों से सामने आ रही लीक्स और टीज़र्स ने इस फोन को पहले ही चर्चा का विषय बना दिया है और यूज़र्स इसकी लॉन्च का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।

 

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