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Yuvraj Singh: एक घटना ने बदल दी ज़िन्दगी, ऐसे बने क्रिकेट के सुपरस्टार

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Yuvraj Singh: एक घटना ने बदल दी ज़िन्दगी, ऐसे बने क्रिकेट के सुपरस्टार

भारतीय क्रिकेट इतिहास में Yuvraj Singh का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी और बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन के दम पर युवराज ने करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता। हालांकि, उनके जीवन में एक ऐसा दौर भी था जब वह क्रिकेट को लेकर बिल्कुल गंभीर नहीं थे। लेकिन, एक घटना ने उनकी ज़िन्दगी को पूरी तरह बदल दिया। यह घटना उनके पिता योगराज सिंह से जुड़ी थी, जिसने युवराज को क्रिकेट के प्रति इतना समर्पित बना दिया कि वह दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में शामिल हो गए।

पिता के दुःख ने युवराज को बना दिया क्रिकेटर

युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह खुद एक क्रिकेटर रह चुके थे और अपने बेटे को भी इस खेल में बड़ा मुकाम हासिल करते देखना चाहते थे। लेकिन, युवराज की शुरुआत में क्रिकेट में कोई खास रुचि नहीं थी। वह इस खेल को लेकर गंभीर नहीं थे।

योगराज सिंह ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी मां का निधन हो गया था, जिससे वह पूरी तरह टूट गए थे। वह कमरे में बैठकर रो रहे थे। तभी युवराज उनके पास आए और उनसे क्रिकेट प्रैक्टिस करने के लिए कहा। योगराज ने बताया कि युवराज ने पहली बार खुद उनसे कहा था, “चलो पापा, प्रैक्टिस करते हैं।” यह बात योगराज के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं थी, क्योंकि 4-5 साल से वह युवराज को क्रिकेट के लिए प्रेरित कर रहे थे, लेकिन युवराज में कभी इतनी गंभीरता नहीं थी।

क्रिकेट में जुनून और सफलता की शुरुआत

उस दिन के बाद से युवराज सिंह ने क्रिकेट के लिए अपना पूरा समर्पण झोंक दिया। उन्होंने मैदान पर खुद को साबित करने के लिए जी-जान लगा दी। साल 2000 में उन्होंने भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया और इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

युवराज का इंटरनेशनल करियर

युवराज सिंह ने भारत के लिए कुल 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले। इन तीनों फॉर्मेट को मिलाकर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 11,000 से ज्यादा रन बनाए। उनकी बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी भी कमाल की थी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 148 विकेट भी चटकाए।

  • टेस्ट क्रिकेट: 40 मैच, 1900 रन, 3 शतक, 11 अर्धशतक

  • वनडे क्रिकेट: 304 मैच, 8701 रन, 14 शतक, 52 अर्धशतक, 111 विकेट

  • टी20 क्रिकेट: 58 मैच, 1177 रन, 8 अर्धशतक, 28 विकेट

2007 टी20 वर्ल्ड कप का यादगार प्रदर्शन

युवराज सिंह को टी20 वर्ल्ड कप 2007 में उनके विस्फोटक प्रदर्शन के लिए हमेशा याद किया जाएगा। इंग्लैंड के खिलाफ मैच में उन्होंने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में लगातार 6 छक्के जड़कर इतिहास रच दिया था। युवराज ने उस मैच में सिर्फ 12 गेंदों पर 50 रन ठोककर सबसे तेज़ अर्धशतक का रिकॉर्ड बनाया था, जो आज भी कायम है।

2011 वर्ल्ड कप का नायक

2011 के वर्ल्ड कप में युवराज सिंह ने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों से भारत को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 362 रन बनाए और 15 विकेट लिए। युवराज को उनकी बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब दिया गया।

कैंसर को मात देकर की मैदान पर वापसी

2011 वर्ल्ड कप जीतने के बाद युवराज सिंह की जिंदगी में बड़ा संकट आ गया। उन्हें कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और इलाज के बाद दोबारा मैदान पर वापसी की। उनकी यह जिज्ञासा और क्रिकेट के प्रति प्रेम, फैंस के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया।

आईपीएल में युवराज सिंह का प्रदर्शन

युवराज सिंह ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी अपना जलवा बिखेरा। उन्होंने आईपीएल में कुल 132 मैच खेले और 2750 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 13 अर्धशतक भी लगाए।

युवराज सिंह ने आईपीएल में इन टीमों का प्रतिनिधित्व किया:

  • मुंबई इंडियंस

  • सनराइजर्स हैदराबाद

  • पंजाब किंग्स

  • दिल्ली कैपिटल्स

  • पुणे वॉरियर्स

  • रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर

सिक्सर किंग के नाम कई रिकॉर्ड

युवराज सिंह को उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए ‘सिक्सर किंग’ कहा जाता है। उनके नाम कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं:

  • टी20 इंटरनेशनल में एक ओवर में 6 छक्के लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज।

  • वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट बनने वाले पहले भारतीय ऑलराउंडर।

  • एक वर्ल्ड कप में 300+ रन और 15 विकेट लेने वाले पहले क्रिकेटर।

क्रिकेट से संन्यास और नया सफर

युवराज सिंह ने साल 2019 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया। संन्यास के बाद भी वह खेल जगत से जुड़े हुए हैं। वह युवा क्रिकेटर्स को ट्रेनिंग देने के लिए क्रिकेट एकेडमी चला रहे हैं। साथ ही, सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं।

युवराज सिंह की ज़िन्दगी में एक घटना ने उन्हें क्रिकेट के प्रति इतना गंभीर बना दिया कि उन्होंने विश्व क्रिकेट में अपना परचम लहराया। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को हराकर उन्होंने दोबारा मैदान पर वापसी की और एक मिसाल कायम की। आज भी युवराज सिंह का नाम क्रिकेट की दुनिया में एक ‘सिक्सर किंग’ और ‘मैच विनर’ के रूप में लिया जाता है। उनकी कहानी न सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो जीवन में संघर्ष कर रहा है।

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AUS vs ENG: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जताई चिंता, दो दिन में समाप्त Melbourne Test के असर पर चर्चा

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AUS vs ENG: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जताई चिंता, दो दिन में समाप्त Melbourne Test के असर पर चर्चा

AUS vs ENG: बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के लिए क्रिकेट फैंस को काफी उत्साह था। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच यह मुकाबला मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में 26 दिसंबर से शुरू हुआ था, और दर्शक उम्मीद कर रहे थे कि पांच दिनों तक रोमांचक टेस्ट क्रिकेट का आनंद लिया जाएगा। लेकिन यह मैच केवल दो दिनों में ही समाप्त हो गया, और इंग्लैंड ने चार विकेट से जीत दर्ज की। मैच का इतनी जल्दी खत्म होना दर्शकों और पूर्व क्रिकेटरों के लिए चौंकाने वाला था। इसके साथ ही, पिच की गुणवत्ता को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं।

टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए खतरा

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ, टॉड ग्रीनबर्ग ने मैच के बाद कहा कि ऐसे मैच टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए अच्छे नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हम भविष्य में बेहतर पिच तैयार कराने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने पर विचार कर रहे हैं। फैंस के लिए ऐसे मैच देखना रोमांचक होता है, लेकिन हम चाहते हैं कि टेस्ट मैच लंबा चले। पहले दिन का खेल देखने के बाद मुझे रात को नींद नहीं आई। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कभी पिच तैयारी में हस्तक्षेप नहीं किया, लेकिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से पिच तैयारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”

इस बयान से यह साफ है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अब पिच की गुणवत्ता और टेस्ट मैच की लंबाई को लेकर गंभीर हो गया है। लंबे और संतुलित टेस्ट मैच न केवल खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं बल्कि दर्शकों को भी सही टेस्ट क्रिकेट का अनुभव देते हैं।

भारत में पिच पर अक्सर आलोचना होती है

मेलबर्न टेस्ट के दो दिन में खत्म होने के बाद, पूर्व इंग्लैंड खिलाड़ी केविन पीटरसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि भारत में जब किसी टेस्ट मैच के पहले दिन कई विकेट गिरते हैं, तो पिच की काफी आलोचना होती है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलिया को भी समान आलोचना का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि न्याय सबके लिए समान होना चाहिए।

पूर्व भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने भी पिच की आलोचना की। उन्होंने कहा कि MCG की पिच काफी सामान्य लग रही थी। उन्हें यह विश्वास नहीं हो रहा था कि चार में से दो एशेज टेस्ट केवल दो दिन में खत्म हो गए, और चारों मैच मिलाकर कुल केवल 13 दिनों तक चले। यह दर्शाता है कि पिच की गुणवत्ता और मैच की लंबाई के मुद्दे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब गंभीर रूप से उठ रहे हैं।

सुधार की आवश्यकता और भविष्य की रणनीति

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मैच टेस्ट क्रिकेट के लिए हानिकारक हैं। खेल को संतुलित और प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने के लिए पिच तैयार करने में सुधार की जरूरत है। लंबी टेस्ट मैचों से खिलाड़ियों का कौशल, टीम की रणनीति और फैंस की समझ बेहतर होती है। इसके अलावा, बोर्डों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिचें न केवल चुनौतीपूर्ण हों, बल्कि लंबी अवधि के मैच के लिए टिकाऊ भी हों।

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने संकेत दिया है कि वह भविष्य में पिच तैयार करने की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए कदम उठाएगा। यह कदम न केवल ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। फैंस और खिलाड़ियों की उम्मीद है कि आने वाले टेस्ट मैचों में ऐसा न हो और टेस्ट क्रिकेट की प्रतिष्ठा बनाए रखी जाए।

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ICC Academy दुबई में भारत-पाक मुकाबला: टीम इंडिया का टारगेट पीछा करना हुआ मुश्किल

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ICC Academy दुबई में भारत-पाक मुकाबला: टीम इंडिया का टारगेट पीछा करना हुआ मुश्किल

ICC Academy, दुबई में खेले जा रहे अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हैं। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 348 रन का विशाल लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और कप्तान आयुष म्हात्रे का बल्ला इस मैच में बिल्कुल नहीं चला। टीम को पहले ही झटके का सामना करना पड़ा, जब कप्तान महत्रे तीसरे ओवर की दूसरी गेंद पर फरहान युसूफ के हाथों कैच होकर आउट हो गए।

आयुष म्हात्रे और अली राजा के बीच बहस

आउट होने के बाद पाकिस्तानी गेंदबाज अली राजा और आयुष म्हात्रे के बीच बहस हुई। राजा ने विकेट लेने के बाद कप्तान से कुछ कहा, जिससे माहौल गर्मा गया और आयुष भी उनके पास गए। हालांकि, अंपायर ने बीच में आकर मामला शांत करवाया। इस ओवर में आयुष ने ड्राइव खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद हवा में गई और मिड-ऑफ पर फरहान युसूफ ने शानदार कैच पकड़ा। इस विकेट ने भारतीय टीम की चुनौती पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया।

https://twitter.com/i/status/2002675154682597665

टूर्नामेंट में आयुष का प्रदर्शन

अंडर-19 एशिया कप में आयुष म्हात्रे का बल्ला पूरे टूर्नामेंट में ठीक नहीं चला। उन्होंने पांच मैचों में से सिर्फ दो मैचों में डबल डिजिट स्कोर बनाया, जबकि तीन मैचों में उन्हें सिंगल डिजिट स्कोर पर आउट होना पड़ा। उनका सबसे उच्च स्कोर 38 रन रहा, जो लीग स्टेज में पाकिस्तान के खिलाफ आया था। फाइनल में आयुष सिर्फ 2 रन बनाकर 7 गेंदों में आउट हुए। इस प्रदर्शन ने भारत के लिए फाइनल की चुनौती और कठिन कर दी।

पाकिस्तान की जबरदस्त बल्लेबाजी और भारत की गेंदबाजी

पाकिस्तान की पारी में समीर मिन्हास ने शानदार बल्लेबाजी की और 17 चौकों और 9 छक्कों की मदद से 113 गेंदों में 172 रन बनाकर आउट हुए। इसके अलावा अहमद हुसैन ने 72 गेंदों में 56 रन की पारी खेली। पाकिस्तान की टीम ने 50 ओवर बैटिंग के बाद 8 विकेट के नुकसान पर 247 रन बनाए। भारत की ओर से दीपेश देवेंद्रन ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए। ऐसे में भारत को जीत के लिए अपनी पूरी टीम पारी और गेंदबाजी में बेहतर प्रदर्शन करना होगा।

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IPL 2026 से पहले केकेआर को झटका, मुस्तफिजुर रहमान सीजन के बीच लौट सकते घर

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IPL 2026 से पहले केकेआर को झटका, मुस्तफिजुर रहमान सीजन के बीच लौट सकते घर

IPL 2026: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 19वें सीजन का आगाज 26 मार्च 2026 से होने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे पहले 16 दिसंबर को अबू धाबी में मेगा ऑक्शन का आयोजन किया गया, जहां सभी फ्रेंचाइजियों ने अपनी टीम को मजबूत करने के लिए जमकर बोली लगाई। इस बार ऑक्शन में सबसे ज्यादा हलचल कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के पाले में देखने को मिली, क्योंकि उनके पास न सिर्फ सबसे ज्यादा स्लॉट खाली थे बल्कि पर्स में भी बड़ी रकम मौजूद थी। केकेआर ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और कई बड़े खिलाड़ियों पर दांव लगाया। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन को 25 करोड़ 20 लाख रुपये में खरीदकर उन्होंने ऑक्शन का सबसे बड़ा सौदा किया। इसके अलावा टीम ने गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत करने के लिए बांग्लादेश के अनुभवी तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान को भी मोटी रकम खर्च कर अपनी टीम में शामिल किया। हालांकि अब सीजन शुरू होने से पहले ही केकेआर के लिए एक चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है।

न्यूजीलैंड सीरीज के कारण बीच सीजन लौटेंगे मुस्तफिजुर

दरअसल, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने अप्रैल महीने में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज की तैयारी शुरू कर दी है। इस सीरीज में तीन वनडे मैच खेले जाने हैं, हालांकि इसका आधिकारिक शेड्यूल अभी घोषित नहीं हुआ है। इसी बीच बांग्लादेश क्रिकेट ऑपरेशंस चेयरमैन नजमुल अबेदीन का बयान सामने आया है। क्रिकबज के मुताबिक उन्होंने साफ किया कि मुस्तफिजुर रहमान आईपीएल के दौरान करीब 8 दिनों के लिए बांग्लादेश लौटेंगे। उन्होंने कहा कि मुस्तफिजुर को आईपीएल खेलने के लिए एनओसी दे दी गई है, लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज में उनका खेलना अनिवार्य होगा। इसका मतलब साफ है कि आईपीएल 2026 के शुरुआती या मध्य चरण में केकेआर को अपने इस अहम गेंदबाज के बिना मैदान में उतरना पड़ सकता है, जो टीम मैनेजमेंट के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।

बांग्लादेश के लिए क्यों अहम है यह वनडे सीरीज

बांग्लादेश क्रिकेट टीम के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ यह वनडे सीरीज बेहद अहम मानी जा रही है। दरअसल, वनडे वर्ल्ड कप 2027 में सीधी क्वालिफिकेशन हासिल करने के लिए आईसीसी की वनडे रैंकिंग में टॉप-8 में रहना जरूरी है। फिलहाल बांग्लादेश टीम रैंकिंग में 10वें स्थान पर है, जो उनके लिए चिंता का विषय है। साल 2025 में बांग्लादेश ने अब तक 11 वनडे मुकाबले खेले हैं, जिनमें से उन्हें सिर्फ 3 में जीत मिली है। ऐसे में न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ घरेलू सीरीज उनके लिए रैंकिंग सुधारने का सुनहरा मौका है। इसी वजह से बोर्ड किसी भी हाल में अपने प्रमुख खिलाड़ियों को इस सीरीज के लिए उपलब्ध रखना चाहता है। मुस्तफिजुर रहमान बांग्लादेश के सबसे भरोसेमंद गेंदबाजों में से एक हैं और उनकी गैरमौजूदगी टीम के लिए भारी पड़ सकती है, इसलिए उन्हें आईपीएल से वापस बुलाने का फैसला लिया गया है।

केकेआर को कितना होगा नुकसान?

कोलकाता नाइट राइडर्स ने मुस्तफिजुर रहमान को 9 करोड़ 20 लाख रुपये में आईपीएल 2026 के लिए खरीदा है। टी20 फॉर्मेट में उनकी काबिलियत किसी से छिपी नहीं है। स्लोअर बॉल, कटर और डेथ ओवरों में सटीक यॉर्कर डालने में उन्हें महारत हासिल है। आईपीएल करियर की बात करें तो मुस्तफिजुर ने अब तक 60 मैचों में 65 विकेट चटकाए हैं, उनका औसत 28.45 का रहा है, जो टी20 क्रिकेट में काफी प्रभावशाली माना जाता है। ऐसे में सीजन के बीच उनका 8 दिन के लिए बाहर जाना केकेआर की प्लानिंग को प्रभावित कर सकता है, खासकर अगर उसी समय टीम के अहम मुकाबले हों। हालांकि, केकेआर के पास स्क्वाड डेप्थ है, लेकिन मुस्तफिजुर जैसा एक्सपीरियंस और वैरायटी वाला गेंदबाज हर मैच में फर्क पैदा कर सकता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि केकेआर मैनेजमेंट इस चुनौती से कैसे निपटता है और क्या मुस्तफिजुर की गैरमौजूदगी टीम के प्रदर्शन पर असर डालती है या नहीं।

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