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Veg Biryani Price: रेलवे की वेज बिरयानी का असली दाम क्या है? जानिए सफर में ठगे जाने से कैसे बचें

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Veg Biryani Price: रेलवे की वेज बिरयानी का असली दाम क्या है? जानिए सफर में ठगे जाने से कैसे बचें

Veg Biryani Price: रेल यात्रा के दौरान खाने-पीने की चीजों के सही दाम न पता होने के कारण यात्रियों को अक्सर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई बार वेंडर मनमाने दाम वसूलते हैं और यात्रियों को ठग लेते हैं। ऐसी ही बढ़ती शिकायतों को देखते हुए अब खुद रेलवे मंत्रालय ने सामने आकर वेज बिरयानी के सही दाम बताए हैं जिससे यात्री सही जानकारी लेकर सफर कर सकें।

प्लेटफॉर्म और ट्रेन में अलग-अलग कीमत

रेलवे मंत्रालय ने अपने आधिकारिक X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से जानकारी दी कि स्टेशन पर मिलने वाली 350 ग्राम की वेज बिरयानी का मूल्य 70 रुपये है। वहीं ट्रेन में यही बिरयानी यात्रियों को 80 रुपये में दी जाएगी। यह अंतर सेवा शुल्क और ऑनबोर्ड सर्विस के चलते है। बिरयानी में 70 ग्राम सब्जियां और कुल वजन 350 ग्राम होता है। साथ ही इसमें 80 ग्राम ब्रांडेड दही और 12 ग्राम अचार भी दिया जाता है जो इसी कीमत में शामिल है।

सुविधाएं भी तय मानकों के अनुसार मिलेंगी

रेलवे के अनुसार वेंडर को वेज बिरयानी के साथ दही और अचार के अलावा बायोडिग्रेडेबल चम्मच, टिशू पेपर और सैनिटाइजर भी देना जरूरी है। ये सभी चीजें ग्राहक को बिना अतिरिक्त शुल्क के मिलनी चाहिए। इससे न केवल सफाई बनी रहती है बल्कि यात्रियों को भी बेहतर अनुभव मिलता है।

मनमानी हो तो करें शिकायत

अगर कोई वेंडर अधिक पैसे मांगता है, कम मात्रा में खाना देता है या तय सुविधाएं नहीं देता तो यात्री तुरंत शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए 139 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया जा सकता है या रेल मदद पोर्टल और रेलवे के X अकाउंट पर शिकायत की जा सकती है। रेलवे ने साफ किया है कि खाने की गुणवत्ता और कीमत पर किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जागरूक यात्री ही सुरक्षित यात्री

यह जरूरी है कि यात्री खुद भी जागरूक रहें और खाने के पैकेट पर लिखी कीमत जांचें। यदि कीमत नहीं लिखी है या बिल नहीं दिया जा रहा है तो सतर्क हो जाएं। रेलवे का यह कदम यात्रियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है जिससे यात्रा के दौरान ठगी से बचा जा सके।

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Donald Trump का झटका! पाकिस्तान से तेल निकालने आई अमेरिका की कंपनी, भारत पर भी पड़ा असर

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Donald Trump का झटका! पाकिस्तान से तेल निकालने आई अमेरिका की कंपनी, भारत पर भी पड़ा असर

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर जानकारी दी कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक नया व्यापार समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत दोनों देश मिलकर पाकिस्तान के विशाल तेल भंडार का विकास करेंगे। ट्रंप ने इसे “बड़ा कदम” बताते हुए एक नई दिशा की शुरुआत बताया है।

अमेरिकी कंपनी करेगी नेतृत्व: ट्रंप ने कहा जल्द तय होगा नाम

ट्रंप ने बताया कि इस परियोजना की अगुवाई एक बड़ी अमेरिकी तेल कंपनी करेगी जिसे जल्द ही चुना जाएगा। उन्होंने मजाक में लिखा कि क्या पता एक दिन पाकिस्तान भारत को भी तेल बेचना शुरू कर दे। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि यह तेल भंडार कहां स्थित है और कितना बड़ा है। लेकिन उन्होंने यह जरूर संकेत दिया कि इसमें अरबों डॉलर का मुनाफा छिपा है।

पाकिस्तान की चुप्पी: सरकार की ओर से नहीं आया कोई बयान

फिलहाल पाकिस्तान सरकार की तरफ से इस समझौते पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ना ही इस डील की पुष्टि की गई है और ना ही इनकार किया गया है। पाकिस्तानी मीडिया में इसे लेकर हलचल जरूर शुरू हो गई है लेकिन सरकार पूरी तरह चुप है। शायद पाकिस्तान अभी इस समझौते की सटीक रूपरेखा पर काम कर रहा हो।

समुद्री क्षेत्र में छिपा खजाना: अब तक नहीं हो पाया था उपयोग

कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पाकिस्तान के समुद्री क्षेत्रों में बड़े तेल भंडार मौजूद हैं। लेकिन तकनीकी साधनों की कमी और आर्थिक बदहाली के कारण पाकिस्तान इन क्षेत्रों में खुदाई और विकास नहीं कर सका है। अब अमेरिका की साझेदारी से उम्मीद की जा रही है कि ये क्षेत्र वैश्विक ऊर्जा मानचित्र पर अपनी जगह बना सकेंगे।

भारत के लिए संकेत या चुनौती: ट्रंप का बयान सोचने पर मजबूर करता है

ट्रंप का यह कहना कि पाकिस्तान एक दिन भारत को भी तेल बेच सकता है एक मजाक हो सकता है लेकिन यह संकेत भी देता है कि आने वाले वर्षों में पाकिस्तान ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ सकता है। यदि ऐसा हुआ तो भारत के लिए यह न केवल एक आर्थिक बल्कि रणनीतिक चुनौती भी हो सकती है।

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India-US trade agreement: तारीख नजदीक लेकिन तस्वीर अब भी धुंधली! 77 अरब डॉलर के व्यापार पर संकट

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India-US trade agreement: तारीख नजदीक लेकिन तस्वीर अब भी धुंधली! 77 अरब डॉलर के व्यापार पर संकट

India-US trade agreement: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ किया कि अभी तक डील फाइनल नहीं हुई है जबकि डेडलाइन 1 अगस्त 2025 अब काफी नजदीक आ चुकी है। ट्रंप ने भारत को ‘मित्र’ बताया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि भारत सबसे ज्यादा टैरिफ वसूलने वाला देश है। उन्होंने संकेत दिया कि भारत से आने वाले उत्पादों पर 20% से 25% तक आयात शुल्क लगाया जा सकता है। हालांकि, अमेरिका की ओर से अब तक कोई औपचारिक नोटिस भारत को नहीं भेजा गया है।

 व्यापार समझौते की संभावनाएं और बढ़ती अनिश्चितता

हाल के हफ्तों में ट्रंप प्रशासन बार-बार संकेत देता रहा कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है जिससे यह उम्मीद बनी कि शायद 1 अगस्त से पहले यह डील हो जाएगी। लेकिन अब तक न तो कोई ठोस घोषणा हुई है और न ही कोई लिखित समझौता सामने आया है। इससे दोनों देशों के कारोबारी वर्गों में असमंजस बढ़ गया है। गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में अमेरिका ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 26% तक टैरिफ लगाया था जिसे बाद में अस्थायी रूप से रोक दिया गया था।

अमेरिका की ‘रिसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी’ और भारत पर असर

अमेरिका ने ‘रिसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी’ के तहत यह साफ कर दिया है कि जो देश अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैरिफ लगाते हैं उन्हें भी अमेरिका उसी तरह जवाब देगा। ट्रंप का कहना है कि जब वह राष्ट्रपति बने तो उन्होंने यह तय किया कि भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार अब संतुलन के आधार पर होगा। ट्रंप का यह भी दावा है कि पाकिस्तान के साथ भारत का टकराव उन्होंने ही रोका था इसलिए अब भारत को अमेरिकी हितों की भी परवाह करनी चाहिए।

भारत की प्रतिक्रिया: विश्वास के साथ हो रही बातचीत

भारत सरकार ने ट्रंप के बयानों के जवाब में संतुलित और संयमित प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत अब आत्मविश्वास के साथ समझौते करता है और अमेरिका के साथ हमारी बातचीत सही दिशा में जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हम संतुलित और लाभकारी समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके अलावा 14 जुलाई को एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर अच्छी प्रगति हुई है।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों की अहमियत

वर्तमान में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2023–24 में दोनों देशों के बीच कुल 191 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। भारत ने अमेरिका को 77.5 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि अमेरिका से 55.4 अरब डॉलर का आयात किया। इस व्यापारिक संतुलन पर ट्रंप की संरक्षणवादी नीति और संभावित नए टैरिफ से खतरा मंडरा रहा है। अगर व्यापार समझौता समय पर नहीं हुआ तो इसका असर दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों पर पड़ सकता है।

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DA Hike Alert: अक्टूबर में आएगी खुशखबरी? केंद्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है 3% डीए बढ़ोतरी का तोहफा

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DA Hike Alert: अक्टूबर में आएगी खुशखबरी? केंद्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है 3% डीए बढ़ोतरी का तोहफा

DA Hike Alert: देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है। सातवें वेतन आयोग के तहत जल्द ही डीए यानी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की घोषणा हो सकती है। आमतौर पर जुलाई से डीए बढ़ोतरी लागू होती है लेकिन इसकी घोषणा कुछ महीनों बाद होती है। इसी क्रम में उम्मीद की जा रही है कि इस बार अक्टूबर के आसपास सरकार इसकी घोषणा करेगी और त्योहारी सीजन से पहले इसका पैसा कर्मचारियों और पेंशनर्स के खातों में पहुंच जाएगा।

 पिछली बार कितनी हुई थी बढ़ोतरी

मार्च 2025 में सरकार ने डीए में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी जो जनवरी 2025 से लागू मानी गई। इस बढ़ोतरी के बाद डीए 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया। महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों की सैलरी का एक अहम हिस्सा होता है जो महंगाई के असर को कम करने के लिए दिया जाता है। हर छह महीने में डीए की समीक्षा की जाती है और सरकार समय-समय पर इसमें बदलाव करती है।

DA Hike Alert: अक्टूबर में आएगी खुशखबरी? केंद्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है 3% डीए बढ़ोतरी का तोहफा

इस बार कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद

इस बार कर्मचारियों और पेंशनर्स को 3 प्रतिशत डीए बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसका सीधा मतलब है कि डीए 55 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो सकता है। इस बढ़ोतरी से लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधा फायदा होगा और उनके वेतन में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। त्योहारों के समय इस प्रकार की राहत से खर्चों में संतुलन बना रहेगा और आर्थिक बोझ कुछ कम महसूस होगा।

कैसे होती है डीए की गणना

महंगाई भत्ते की गणना लेबर ब्यूरो द्वारा जारी किए जाने वाले कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स यानी CPI-IW पर आधारित होती है। इस इंडेक्स के जरिए यह तय किया जाता है कि रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं के दामों में कितना बदलाव आया है। लेबर ब्यूरो हर महीने यह आंकड़े साझा करता है जिनके आधार पर सरकार डीए की दर में इजाफा करती है।

जल्द आ सकती है आधिकारिक घोषणा

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार डीए बढ़ोतरी की घोषणा जल्दी हो सकती है। सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि त्योहारों से पहले कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत देने की योजना पर काम चल रहा है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है तो अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही डीए बढ़ोतरी का ऐलान हो सकता है और इसका पैसा अक्टूबर की सैलरी के साथ जारी कर दिया जाएगा।

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