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Upcoming IPOs: निवेशकों के लिए खुशखबरी! दो नए IPO आ रहे हैं, कमाई का मौका न गंवाएं

Upcoming IPOs: शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। प्राइमरी मार्केट में दो नए आईपीओ (IPO) निवेशकों के लिए खुलने वाले हैं। ये दोनों IPO SME (Small and Medium Enterprises) सेगमेंट से संबंधित हैं। इसके अलावा, इस हफ्ते पांच कंपनियों के शेयर भी बाजार में लिस्ट होंगे। वहीं, मेनबोर्ड सेगमेंट में क्वालिटी पावर इलेक्ट्रिकल (Quality Power Electrical) के शेयर पहली बार स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होंगे।
आइए जानते हैं कि कौन-कौन से IPO इस हफ्ते निवेशकों के लिए शानदार कमाई का मौका देने वाले हैं।
1. न्यूक्लियस ऑफिस सॉल्यूशंस IPO
न्यूक्लियस ऑफिस सॉल्यूशंस (Nucleus Office Solutions) का आईपीओ 24 फरवरी को निवेशकों के लिए खुलेगा। इस IPO के तहत कंपनी ने अपने शेयरों का प्राइस बैंड 234 रुपये प्रति शेयर तय किया है। यह IPO पूरी तरह से फ्रेश इक्विटी सेल होगा, जिसमें कंपनी 13.54 लाख नए शेयर जारी करेगी। इस IPO में कोई Offer for Sale (OFS) नहीं होगा, यानी मौजूदा निवेशक अपने शेयर नहीं बेचेंगे।
कंपनी का बिजनेस मॉडल
न्यूक्लियस ऑफिस सॉल्यूशंस लिमिटेड, दिल्ली-एनसीआर में को-वर्किंग और ऑफिस स्पेस का संचालन करती है। कंपनी छोटे और बड़े बिजनेस के लिए फर्निश्ड और फ्लेक्सिबल ऑफिस स्पेस प्रदान करती है। कंपनी की सेवाओं में शामिल हैं—
- डेडिकेटेड डेस्क
- प्राइवेट केबिन
- मीटिंग रूम
- स्टार्टअप जोन
- वर्चुअल ऑफिस
यह कंपनी स्टार्टअप्स, MSEs (Micro and Small Enterprises), बड़ी कंपनियों, प्रोफेशनल्स और एंटरप्रेन्योर्स को विभिन्न प्रकार के ऑफिस सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है।
IPO से जुड़ी अन्य जानकारी
- इश्यू का प्रबंधन: इस IPO के लिए Sunday Capital Advisors को बुक-रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किया गया है।
- IPO का रजिस्ट्रार: IPO का रजिस्ट्रेशन और अन्य प्रशासनिक कार्य Bigshare Services द्वारा किए जाएंगे।
- शेयर लिस्टिंग: कंपनी के शेयर NSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होंगे।
अगर आप छोटे और मझोले उद्योगों (SME) में निवेश करने के इच्छुक हैं, तो यह IPO एक अच्छा अवसर साबित हो सकता है।
2. श्रीनाथ पेपर प्रोडक्ट्स IPO
श्रीनाथ पेपर प्रोडक्ट्स (Srinath Paper Products) का IPO 25 फरवरी को लॉन्च होगा। इस IPO के तहत कंपनी ने 44 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है। इस इश्यू के तहत कंपनी 53.1 लाख नए शेयर जारी करेगी, जिससे कुल 23 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
कंपनी का बिजनेस मॉडल
श्रीनाथ पेपर प्रोडक्ट्स विभिन्न उद्योगों के लिए सप्लाई चेन सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है, खासकर उन उद्योगों के लिए जहां कागज (Paper) एक मुख्य कच्चा माल होता है।
कंपनी निम्नलिखित प्रकार के पेपर उत्पादों का उत्पादन और आपूर्ति करती है—
- कोटिंग बेस्ड पेपर
- फूड ग्रेड पेपर
- मशीन ग्लेज़्ड पेपर
IPO से प्राप्त पूंजी का उपयोग
IPO से जुटाई गई पूंजी का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों और वर्किंग कैपिटल की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
IPO से जुड़ी अन्य जानकारी
- इश्यू का प्रबंधन: इस IPO के लिए Galactico Corporate Services को बुक-रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किया गया है।
- IPO का रजिस्ट्रार: IPO की प्रक्रिया Bigshare Services द्वारा संचालित की जाएगी।
इस IPO में रिटेल निवेशक कम से कम 3,000 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं।
IPO में निवेश क्यों करें?
- SME सेक्टर में निवेश का शानदार मौका: दोनों कंपनियां SME सेक्टर से संबंधित हैं, जहां विकास की अपार संभावनाएं हैं।
- लॉन्ग-टर्म ग्रोथ: SME कंपनियां अगर सही रणनीति अपनाएं तो तेजी से ग्रोथ कर सकती हैं और निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं।
- प्राइमरी मार्केट में निवेश के फायदे: IPO में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपको लोअर वैल्यूएशन पर शेयर खरीदने का मौका मिलता है। अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो लिस्टिंग के बाद शानदार मुनाफा हो सकता है।
- बाजार में बढ़ती लिस्टिंग एक्टिविटी: इस हफ्ते पांच और कंपनियों के शेयर बाजार में लिस्ट होने जा रहे हैं, जिससे इक्विटी मार्केट में तेजी बनी हुई है।
निवेश करने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
- IPO के बारे में गहन अध्ययन करें: किसी भी IPO में निवेश करने से पहले कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स, बिजनेस मॉडल और इंडस्ट्री ट्रेंड्स को समझना जरूरी है।
- लॉन्ग-टर्म पोटेंशियल देखें: IPO में निवेश का मकसद सिर्फ लिस्टिंग गेन तक सीमित नहीं होना चाहिए। यह देखना जरूरी है कि कंपनी का भविष्य कितना उज्जवल है।
- जोखिम को समझें: SME IPOs में लिक्विडिटी और वोलाटिलिटी ज्यादा होती है, इसलिए इसमें निवेश करते समय जोखिम का आकलन जरूर करें।
- फंडामेंटल एनालिसिस करें: कंपनी की वित्तीय स्थिति, लाभ और हानि का विवरण, प्रबंधन की रणनीति और मार्केट पोजिशन का सही मूल्यांकन करें।
इस हफ्ते न्यूक्लियस ऑफिस सॉल्यूशंस और श्रीनाथ पेपर प्रोडक्ट्स के IPO निवेशकों के लिए एक शानदार अवसर लेकर आ रहे हैं। दोनों कंपनियां SME सेक्टर में मजबूत पकड़ रखती हैं और आने वाले समय में अच्छा रिटर्न देने की क्षमता रखती हैं।
हालांकि, IPO में निवेश करने से पहले रिसर्च करना और सभी संभावित जोखिमों को समझना बेहद जरूरी है। अगर आप SME कंपनियों में निवेश करने के इच्छुक हैं, तो यह सही समय हो सकता है अपने पोर्टफोलियो में नए शेयर जोड़ने का।
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GST Rate Cut: आयकर के बाद अब घटेगा GST, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिए संकेत!

GST Rate Cut: देश में आयकर दरों में कटौती के बाद अब GST दरों में कटौती का संकेत दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद इस बारे में जानकारी दी है और कहा है कि Goods and Services Tax (GST) दरों और स्लैब्स को सुगम बनाने की प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है और बहुत जल्द इस पर निर्णय लिया जा सकता है।
वित्त मंत्री ने ‘द इकनॉमिक टाइम्स अवॉर्ड्स’ के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “GST दरों और स्लैब्स को सुगम बनाने का काम अब लगभग अंतिम चरण में है।” उन्होंने कहा कि जब GST की शुरुआत 1 जुलाई 2017 को हुई थी तब Revenue Neutral Rate (RNR) 15.8 प्रतिशत था, जो अब 2023 में घटकर 11.4 प्रतिशत हो गया है, और यह आगे भी घटेगा।
GST दरों और स्लैब्स में सुधार के लिए किया गया था समूह का गठन
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि GST काउंसिल, जिसे वित्त मंत्री खुद अध्यक्षता करती हैं, ने सितंबर 2021 में Group of Ministers (GoM) का गठन किया था। इस समूह का उद्देश्य था GST दरों में सुधार करना और स्लैब्स में बदलाव के लिए सुझाव देना।
निर्मला सीतारमण ने कहा, “GoM ने बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन अब इस चरण में मैंने एक बार फिर से हर समूह के कार्य की पूरी समीक्षा करने का निर्णय लिया है, और फिर शायद इसे काउंसिल में प्रस्तुत किया जाएगा। तब यह विचार किया जाएगा कि क्या हम इस पर अंतिम निर्णय तक पहुंच सकते हैं या नहीं।”
उन्होंने आगे कहा कि कुछ कार्य और किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया, “हम इसे अगले काउंसिल बैठक में लाएंगे। हम कुछ बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लेने के बहुत करीब हैं, जैसे कि दरों में कटौती, रैशनलाइजेशन, स्लैब्स की संख्या को ध्यान में रखते हुए, आदि।”
क्यों हो रही है GST दरों में कटौती की चर्चा?
वर्तमान में सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है मांग और खपत को बढ़ावा देना, और इसके लिए अब GST काउंसिल दरों में कटौती पर विचार कर रही है। यह संभावना जताई जा रही है कि सरकार 12 प्रतिशत स्लैब को समाप्त कर सकती है और इस स्लैब में आने वाली वस्तुओं को 5 प्रतिशत या 18 प्रतिशत स्लैब में डाला जा सकता है, यदि आवश्यक हुआ तो। इसका मुख्य उद्देश्य खपत बढ़ाने के साथ-साथ GST दर संरचना को रैशनलाइज करना है।
GST स्लैब में बदलाव की पुरानी मांग
दरअसल, लंबे समय से GST स्लैब्स में बदलाव और दरों को सुगम बनाने की मांग की जा रही है। वर्तमान में GST के तहत चार स्लैब्स हैं, जो हैं:
- 5%
- 12%
- 18%
- 28%
इनके अलावा, कुछ लग्जरी और सिन वस्तुओं पर अलग से सेस लगाया जाता है। यह माना जा रहा है कि GST स्लैब्स की संख्या को घटाकर तीन किया जा सकता है, जो कि व्यापारी और उपभोक्ताओं के लिए अधिक सरल होगा।
सरकार की योजना और अपेक्षाएं
सरकार की योजना है कि GST दरों को पुनः व्यवस्थित किया जाए ताकि उपभोक्ता खपत में बढ़ोतरी हो और व्यापारियों के लिए कर प्रणाली सरल हो। इसके अलावा, इसका एक उद्देश्य यह भी हो सकता है कि व्यापारियों के लिए compliance यानी कर भुगतान प्रणाली को अधिक सरल और समझने योग्य बनाया जाए।
निर्मला सीतारमण ने इस मामले में कहा कि वे GST काउंसिल के अगले बैठक में इस पर अधिक चर्चाएं करेंगी और इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके तहत एक अनुमान है कि 12 प्रतिशत वाले स्लैब को 5 प्रतिशत या 18 प्रतिशत स्लैब में शामिल किया जा सकता है। इससे उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी हो सकती है, जो कि इस समय के आर्थिक परिप्रेक्ष्य में बेहद आवश्यक है।
क्या होगा इसका असर?
GST दरों में कटौती का सीधा असर आम आदमी की खरीदारी की आदतों पर पड़ेगा। यदि सरकार 12 प्रतिशत स्लैब को खत्म करती है और उन वस्तुओं को 5 प्रतिशत या 18 प्रतिशत स्लैब में शिफ्ट करती है, तो इसका फायदा छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को मिलेगा। इससे वस्तुओं की कीमतें कम हो सकती हैं, जो मांग बढ़ाने में सहायक होगी।
GST काउंसिल और इसके निर्णयों का महत्व
GST काउंसिल वह संस्था है, जो GST दरों और स्लैब्स के बारे में निर्णय लेती है। इसके निर्णय पूरे देश के व्यापारिक परिदृश्य को प्रभावित करते हैं। इसलिए काउंसिल के द्वारा किया गया कोई भी निर्णय ना सिर्फ व्यापारियों के लिए, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि काउंसिल दरों में कटौती करने का निर्णय लेती है, तो इससे अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और खपत बढ़ेगी, जिससे आर्थिक वृद्धि में मदद मिलेगी।
GST दरों में कटौती की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में है, और बहुत जल्द इसका अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। इससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए कर प्रणाली और भी सरल हो जाएगी। इससे मांग बढ़ाने और खपत में वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा, जो आर्थिक विकास के लिए बेहद आवश्यक है। अब यह देखना होगा कि सरकार काउंसिल के अगले बैठक में इस पर क्या निर्णय लेती है।
इस फैसले के बाद, GST स्लैब्स की संख्या घटने और दरों में कटौती के रूप में नई उम्मीदें पैदा हो सकती हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक साबित होंगी।
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