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CM Saini के नेतृत्व में हरियाणा में पेयजल सप्लाई हुई बहुत बेहतर, प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री को अब मानते हैं ‘जलदाता’

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CM Saini के नेतृत्व में हरियाणा में पेयजल सप्लाई हुई बहुत बेहतर, प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री को अब मानते हैं 'जलदाता'

CM Haryana Nayab Saini के नेतृत्व में हरियाणा में पेयजल सप्लाई कितनी बेहतर हुई है, इसका उदाहरण यह है कि आज हरियाणा के गांवों के साथ-साथ अब सरकार ढ़ाणियों में भी स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग हरियाणा में 20 से अधिक घरों वाली ढाणियों में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। इसके लिए विभाग सभी आवश्यक प्रबंध करेगा। चिन्हित की गई ढाणियों में अंबाला में 2, फरीदाबाद में 5, हिसार में 2, करनाल में 3, कुरुक्षेत्र में 5, मेवात (नूंह) में 7, पलवल में 2, पानीपत में 3 और सिरसा में 4 ढाणियां शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन ढाणियों में प्राथमिकता के आधार पर कार्य किए जाएं। हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व जिस प्रकार से पेयजल आपूर्ति की जा रही है उसे देखते हुए हरियाणा के लोग मुख्यमंत्री को ‘जल-दाता’ का नाम भी देते हैं।

राज्य के ग्रामीण इलाकों की स्थिति

राज्य में गांवों की कुल संख्या 6804
40 एलपीसीडी से कम जल स्थिति वाले गांवों की संख्या 127
40-55 एलपीसीडी के बीच जल स्थिति वाले गांवों की संख्या 4062
जल स्थिति वाले गांवों की संख्या 70 एलपीसीडी 2615
कुल: 6804

“शहरी इलाकों” की स्थिति

उन शहरों की संख्या जहां जल आपूर्ति की स्थिति 135 एलपीसीडी से अधिक है 31
उन शहरों की संख्या जहां जल आपूर्ति की स्थिति 110-135 एलपीसीडी के बीच है 25
उन शहरों की संख्या जहां जल आपूर्ति की स्थिति 70-110 एलपीसीडी के बीच है 22
कुल: 78

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वर्तमान में 1870 नहर-आधारित जलघर, 12,920 नलकूप, 9 रैनीवेल तथा 4140 बूस्टिंग स्टेशन के माध्यम से प्रदेशभर में पेयजल उपलब्ध करा रहा है।

मुख्यमंत्री नायब सैनी किस प्रकार से प्रदेश के लोगों को स्वच्छ पेयजल देने की दिशा में काम कर रहे हैं इसका उदाहरण है कि हरियाणा सरकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुविधाएँ प्रदान करने के लिए जल आपूर्ति अधिनियम लागू करने की योजना बना रही है। इसके साथ ही, शहरी क्षेत्रों में सीवरेज और वर्षा जल प्रणालियों को कुशल और नियंत्रित तरीके से उपलब्ध कराने और उनका रखरखाव करने की भी योजना है। इससे वितरण प्रणाली में छेड़छाड़ जैसी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और गांवों व कस्बों के सभी हिस्सों में जलापूर्ति का समान वितरण सुनिश्चित होगा। सभी कस्बों या उन क्षेत्रों में जहां सीवरेज प्रणाली मौजूद है, सीवेज के उचित उपचार और निपटान के लिए सीवेज उपचार संयंत्रों का निर्माण आवश्यक है। वर्तमान में, 100 से ज्यादा सीवेज उपचार संयंत्र (एसटीपी) कार्यरत हैं। राज्य सरकार ने शहरी क्षेत्रों की अनधिकृत कॉलोनियों में सार्वजनिक स्टैंड पोस्ट के माध्यम से जलापूर्ति प्रदान करने का निर्णय लिया है। शहरी क्षेत्रों में अनधिकृत कॉलोनियों में मांग को पूरा करने के उद्देश्य से, विशेष रूप से ऐसी कॉलोनियों में रिवर्स ऑस्मोसिस (आरओ) प्लांट लगाने के माध्यम से एक पायलट परियोजना शुरू करने का प्रस्ताव है। यह खुली और पारदर्शी निविदाओं के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें भूमि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी और शेष बुनियादी ढाँचा, जिसमें विपणन भी शामिल है, निजी भागीदार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

हरियाणा सरकार ग्रामीण और शहरी इलाकों में पर्याप्त और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए बड़े स्तर पर पेयजल बुनियादी ढांचा तैयार कर रही है। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग पूरे राज्य में 1870 नहर-आधारित जलघर, 12,920 नलकूप, 9 रैनीवेल और 4140 बूस्टिंग स्टेशनों के माध्यम से पानी की सप्लाई सुनिश्चित कर रहा है।

कच्चे पानी की उपलब्धता में कमी

सिरसा जिले में पेयजल आपूर्ति BEML भाखड़ा मेन लाइन पर आधारित है, जो कच्चे पानी का सालभर का मुख्य स्रोत है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में नहर प्रणालियों से कच्चे पानी की उपलब्धता में कमी देखने को मिली है। बढ़ती आबादी, लोगों की बदलती जरूरतें और जलवायु परिवर्तन इस गिरावट की बड़ी वजह मानी जा रही हैं।
गर्मी के मौसम और असाधारण परिस्थितियों में, लोगों को पानी की कमी न हो इसके लिए टैंकरों के जरिए आपूर्ति की जाती है। जल जीवन मिशन के तहत हरियाणा ने प्रदेश के सभी 30,41,000 ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध करवाने में बड़ी उपलब्धि हासिल की।

प्रति व्यक्ति की दर से पानी की सप्लाई

सिरसा लोक सेवा क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से पानी की सप्लाई की जा रही है। केवल दो गांव दहमन और खारा खेड़ी में पानी की मात्रा बढ़ाकर 40 से 55 लीटर प्रतिदिन करने का कार्य जारी है, जिसे 31 मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
शहरी क्षेत्रों में नहीं पानी की कमी
शहरी क्षेत्रों में पानी की कोई कमी नहीं है। सिरसा क्षेत्र में विभाग 456 नहर-आधारित जलघर, 886 नलकूप और 297 बूस्टर स्टेशनों के माध्यम से लोगों को साफ पेयजल उपलब्ध करा रहा है।

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Angel Chakma case में CM धामी ने कहा, दोषियों को राज्य सरकार देगी सख्त सजा

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Angel Chakma case में CM धामी ने कहा, दोषियों को राज्य सरकार देगी सख्त सजा

Angel Chakma case: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को त्रिपुरा की छात्रा एंजल चक्मा के पिता तरुण चक्मा से फोन पर बात की। इस दौरान उन्होंने छात्रा की हत्या पर गहरी संवेदना व्यक्त की और परिवार को सांत्वना दी। मुख्यमंत्री धामी ने तरुण चक्मा को जानकारी दी कि इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि एक अन्य आरोपी नेपाल भागने की संभावना है। उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं और उसकी सूचना देने पर इनाम की घोषणा भी की गई है।

दोषियों को मिलेगी सख्त सजा

सीएम धामी ने कहा कि वह इस घटना से व्यक्तिगत रूप से दुखी हैं और परिवार के दर्द को समझते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि उत्तराखंड सरकार दोषियों को कठोर सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं में कानून के अनुसार त्वरित और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।

Angel Chakma case में CM धामी ने कहा, दोषियों को राज्य सरकार देगी सख्त सजा

घटना से हुआ देशव्यापी शोक

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में इस प्रकार का माहौल पहले कभी देखने को नहीं मिला। देश-विदेश से छात्र यहां पढ़ाई के लिए आते हैं, इसलिए यह घटना हम सभी के लिए दुखद है। उन्होंने बताया कि सरकार ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेती है और भविष्य में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाएंगे। सीएम धामी ने कहा कि पूरे राज्य में शांति बनाए रखना और न्याय सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है।

केंद्र और त्रिपुरा सरकार के साथ की गई चर्चा

सीएम धामी ने बताया कि घटना के बाद उन्होंने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। इसके अलावा, उन्होंने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री से भी परिवार को सहायता प्रदान करने के लिए चर्चा करने का निर्णय लिया। उत्तराखंड सरकार परिवार को हर संभव मदद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि उन्हें न्याय और आवश्यक सहयोग मिल सके।

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PM Modi ने बच्चों, युवाओं और स्वदेशी उत्पादों के प्रति देशवासियों की भागीदारी पर दिया जोर

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PM Modi ने बच्चों, युवाओं और स्वदेशी उत्पादों के प्रति देशवासियों की भागीदारी पर दिया जोर

PM Modi ने ‘मन की बात’ के 129वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि 2025 का वर्ष हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक बनकर उभरा। उन्होंने कहा, “इस वर्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक बनकर सामने आया। पूरी दुनिया ने देखा कि आज का भारत अपनी सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं करता। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मातृभूमि के प्रति स्नेह और भक्ति की तस्वीरें दुनिया के हर कोने से सामने आईं। यही भावना तब भी दिखी जब ‘वंदे मातरम’ को 150 साल पूरे हुए।” पीएम मोदी ने कहा कि 2025 ने हमें कई ऐसे क्षण दिए, जिनसे हर भारतीय गौरवान्वित महसूस कर रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा, खेल, विज्ञान प्रयोगशालाओं और वैश्विक मंचों से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र तक, भारत ने हर जगह अपनी मजबूत छाप छोड़ी। शिभांशु शुक्ला पहले भारतीय बने जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक यात्रा की।

विश्वस्तरीय आयोजनों और सांस्कृतिक गौरव का वर्ष

PM Modi ने कहा कि 2025 में श्रद्धा, संस्कृति और भारत की अनोखी धरोहर को पूरी दुनिया ने देखा। उन्होंने वर्ष की शुरुआत में प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन का जिक्र किया, जिसने पूरे विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया। वर्ष के अंत में अयोध्या में राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह ने हर भारतीय के हृदय में गर्व भर दिया। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि देशवासियों ने स्वदेशी उत्पादों के प्रति उत्साह दिखाया और केवल भारतीय हाथों की मेहनत से बने उत्पाद ही खरीदे। उन्होंने कहा कि 2025 ने भारत को आत्मविश्वास और नई ऊर्जा प्रदान की है। इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहल की गईं, जैसे कि देश में चीते की संख्या अब 30 से अधिक हो गई है।

शिक्षा और सांस्कृतिक पहल में नवाचार

PM Modi ने विदेशों में रहने वाले कन्नड़ परिवारों के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि बच्चों का तकनीकी क्षेत्र में विकास हो रहा है, लेकिन क्या वे अपनी भाषा से दूर तो नहीं जा रहे? इसी विचार से ‘कन्नड़ पाठशाला’ की शुरुआत हुई। इस पहल में बच्चों को कन्नड़ पढ़ने, सीखने, लिखने और बोलने की शिक्षा दी जाती है। IISc में स्थित गीतांजलि कक्ष न केवल एक कक्षा है, बल्कि पूरे कैंपस का सांस्कृतिक केंद्र बन गया है। यहां हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, लोक परंपराएं और शास्त्रीय विधाओं का अभ्यास किया जाता है। छात्र और प्रोफेसर एक साथ बैठकर अभ्यास करते हैं, और परिवार भी इसमें शामिल होते हैं।

युवा प्रतिभाओं और सामाजिक योगदान के उदाहरण

प्रधानमंत्री ने मणिपुर के एक युवा मोइरांगथेम सेठ का उदाहरण दिया, जिन्होंने स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2025 में 270 से अधिक समस्याओं के समाधान में अपनी प्रतिभा दिखाई। मोइरांगथेम ने बिजली की समस्या वाले एक दूरस्थ क्षेत्र में स्थानीय समाधान खोजा और इसे सौर ऊर्जा से हल किया। पीएम मोदी ने बताया कि जनवरी 2026 में ओड़िशा की पार्वती गिरी की जन्मशताब्दी मनाई जाएगी। 16 वर्ष की आयु में उन्होंने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लिया। स्वतंत्रता संग्राम के बाद, उन्होंने अपना जीवन सामाजिक सेवा और जनजातीय कल्याण के लिए समर्पित किया और कई अनाथालय स्थापित किए। उनकी प्रेरक जीवनगाथा हर पीढ़ी को मार्गदर्शन देती रहेगी।

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Illegal liquor case: पुणे पुलिस ने ड्रग्स और नशे के खिलाफ तेज़ कार्रवाई, अवैध नेटवर्क का पता लगाने में जुटी

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Illegal liquor case: पुणे पुलिस ने ड्रग्स और नशे के खिलाफ तेज़ कार्रवाई, अवैध नेटवर्क का पता लगाने में जुटी

Illegal liquor case: पुलिस ने अवैध शराब के कारोबार से जुड़े एक गंभीर मामले में तीन लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज की है। भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत दर्ज की गई इस FIR में आरोपियों की पहचान अमर कौर, दिलदार सिंह और देवश्री जुन्नी सिंह के रूप में की गई है। यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय प्रशासन को अवैध शराब के वितरण और बिक्री के बारे में सूचना मिली। पुलिस का कहना है कि ये तीनों आरोपी इस अवैध कारोबार के मुख्य कड़ी के रूप में शामिल हैं।

आरोपियों की जांच और नेटवर्क का खुलासा

पुलिस ने बताया कि यह सिर्फ एक मामूली अवैध बिक्री का मामला नहीं है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि अमर कौर, दिलदार सिंह और देवश्री जुन्नी सिंह का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था, जिसमें अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है, ताकि न केवल आरोपियों को पकड़ा जा सके, बल्कि अवैध शराब की सप्लाई चेन को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। जांच के दौरान पुलिस ने कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी जब्त किए हैं, जो इस काले धंधे को उजागर करने में मदद करेंगे।

‘ऑपरेशन क्लीन’ का असर

पुलिस ने बताया कि इस कार्रवाई का हिस्सा ‘ऑपरेशन क्लीन’ है, जो ड्रग्स और नशे के खिलाफ शुरू किया गया है। इस ऑपरेशन का मकसद केवल अवैध शराब ही नहीं बल्कि पूरे नशे और मादक पदार्थों के कारोबार को रोकना है। इससे पहले पुणे पुलिस ने इसी अभियान के तहत 3.45 करोड़ रुपये मूल्य के ड्रग्स बरामद किए थे। ऑपरेशन क्लीन के तहत पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है और अपराधियों की गिरफ्तारी में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

कानून व्यवस्था मजबूत करने की पहल

पुलिस का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई राज्य में कानून और व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अवैध शराब और ड्रग्स की बिक्री न केवल समाज में अपराध को बढ़ाती है, बल्कि युवाओं और कमजोर वर्ग के लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बनती है। पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे अवैध कारोबार की सूचना तुरंत दें, ताकि इसे जल्द से जल्द खत्म किया जा सके। ऑपरेशन क्लीन और FIR दर्ज करने जैसी कार्रवाईयों से यह संदेश भी जाता है कि कानून को हाथ में लेने वाले किसी को भी माफ नहीं किया जाएगा।

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