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हर भारतीय के फोन में ज़रूरी हैं ये 5 सरकारी ऐप्स, वरना रह सकते हैं पीछे

हममें से ज्यादातर लोगों के फोन में दर्जनों ऐप्स होते हैं: कोई ऑनलाइन शॉपिंग के लिए, कोई सोशल मीडिया के लिए, तो कुछ गेमिंग के लिए। लेकिन इन तमाम ऐप्स में कितने ऐसे हैं जो वाकई आपके दिनभर के जरूरी कामों में मदद करते हैं? शायद गिनती के।
अब सोचिए, अगर सरकार ही आपको ऐसे ऐप्स दे दे जो आपकी पढ़ाई, सुरक्षा, ड्राइविंग, फाइनेंस और इमरजेंसी—हर पहलू में मदद करें, तो क्या आप उन्हें नज़रअंदाज़ करेंगे?
यहां हम बात कर रहे हैं 5 बेहतरीन सरकारी एप्स की, जिन्हें DigiLocker और mAadhaar के अलावा हर भारतीय को जानना और अपने फोन में रखना चाहिए।
DIKSHA App – बच्चों से लेकर टीचर तक सभी के लिए वरदान
अगर आप माता-पिता हैं, स्टूडेंट हैं या टीचर, तो DIKSHA आपके लिए बहुत काम का ऐप है। इसमें CBSE और राज्य बोर्ड्स के सिलेबस के हिसाब से वीडियो, असाइनमेंट्स, प्रोजेक्ट आइडियाज और टीचिंग टिप्स मिलते हैं। इसका कंटेंट न सिर्फ मजेदार है, बल्कि सीखने का तरीका भी आसान और इंटरैक्टिव है।
SWAYAM App – IIT-IIM के प्रोफेसर से पढ़ाई, वो भी फ्री में!
क्या आप घर बैठे एक्सपर्ट से पढ़ना चाहते हैं? तो SWAYAM आपके लिए परफेक्ट है। इस सरकारी प्लेटफॉर्म पर IIT, IIM, IGNOU जैसे टॉप इंस्टीट्यूट्स के कोर्स बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध हैं। कोर्स पूरा करने पर आपको गवर्नमेंट-सर्टिफाइड सर्टिफिकेट भी मिलता है, जिससे आपकी स्किल और रिज़्यूमे दोनों मजबूत बनते हैं।
112 India App – इमरजेंसी में आपकी डिजिटल ढाल
कभी भी कोई इमरजेंसी आ सकती है – एक्सिडेंट, छेड़छाड़, आग या मेडिकल संकट। ऐसे में 112 इंडिया ऐप आपकी लोकेशन ट्रैक करके, सिर्फ एक क्लिक में मदद की अलर्ट एजेंसी तक पहुंचाता है। इसमें SOS अलर्ट फीचर है, जो बिना बोले भी मदद मंगा सकता है। यह ऐप खासकर महिलाओं और बुजुर्गों के लिए बेहद जरूरी है।
mParivahan App – आपकी गाड़ी का डिजिटल साथी
गाड़ी चलाते हैं? फिर mParivahan जरूर आपके फोन में होना चाहिए। इससे आप अपनी गाड़ी की RC, ड्राइविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस, PUC सर्टिफिकेट सब कुछ डिजिटल तरीके से देख और दिखा सकते हैं। साथ ही, चलान भरना और वाहन ट्रांसफर जैसी सुविधाएं भी इसमें मौजूद हैं।
RBI Retail Direct App – सीधा निवेश, सरकारी भरोसा
अब आप बिना किसी ब्रोकर के सीधे RBI की सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश कर सकते हैं – जैसे ट्रेजरी बिल, सोवरेन गोल्ड बॉन्ड, और सेविंग बॉन्ड्स। इस ऐप में आपको स्टॉक मार्केट की हलचलों के साथ रियल टाइम अपडेट्स भी मिलती हैं। निवेश करने वालों के लिए यह ऐप एक सिक्योर और ट्रस्टेड ऑप्शन है।
इन पांच सरकारी ऐप्स को अपनाकर आप न सिर्फ अपनी जिंदगी को आसान बनाएंगे, बल्कि डिजिटली स्मार्ट नागरिक भी बनेंगे। अब फैसला आपका है—भीड़ में खोए रहेंगे या टेक्नोलॉजी का स्मार्ट इस्तेमाल करेंगे?
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SIP Calculation: SIP की मदद से छोटे निवेश से बड़े भविष्य का फंड तैयार करना अब हुआ आसान

SIP Calculation: म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका SIP (Systematic Investment Plan) है। SIP के माध्यम से आप छोटे-छोटे किस्तों में निवेश कर सकते हैं। इससे न केवल निवेश की आदत बनती है बल्कि लंबी अवधि में बड़ा फंड भी तैयार किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप हर महीने केवल 5000 रुपये का SIP शुरू करते हैं, तो सही रिटर्न के साथ समय के साथ आप लाखों रुपये का फंड तैयार कर सकते हैं।
SIP कैलकुलेशन: 20 लाख का फंड तैयार करना
अगर कोई निवेशक हर महीने 5000 रुपये का SIP करता है और 12 प्रतिशत की सालाना दर से रिटर्न मिलता है, तो यह फंड तैयार करने में लगभग 13 से 14 साल का समय लगेगा। 13 वर्षों में 12 प्रतिशत रिटर्न के अनुसार लगभग 18,80,000 रुपये जमा होंगे। वहीं, 14 वर्षों में वही निवेश 12 प्रतिशत रिटर्न पर 21,82,000 रुपये तक पहुंच जाएगा। यह दर्शाता है कि नियमित निवेश और समय का संयोजन लंबी अवधि में निवेशकों के लिए बड़ा लाभ प्रदान करता है।
निवेश से पहले जोखिम का मूल्यांकन
किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले उसका जोखिम (Risk) समझना बेहद जरूरी है। जोखिम का आकलन करने के लिए कई पैरामीटर्स देखे जाते हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं बीटा (Beta), स्टैण्डर्ड डिविएशन (Standard Deviation), और शार्प रेशियो (Sharpe Ratio)।
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बीटा (Beta): अगर किसी फंड का बीटा 1 से कम है, तो यह कम जोखिम वाला माना जाता है। वहीं 1 से अधिक बीटा वाले फंड को जोखिमपूर्ण माना जाता है।
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स्टैण्डर्ड डिविएशन (Standard Deviation): जब दो फंड की तुलना की जाती है, तो इसका प्रयोग होता है। इसका प्रतिशत जितना कम होगा, फंड उतना ही कम जोखिम वाला माना जाएगा। उदाहरण के लिए, यदि एक फंड का स्टैण्डर्ड डिविएशन 5 प्रतिशत है और दूसरे का 10 प्रतिशत है, तो पहला फंड कम जोखिम वाला है।
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शार्प रेशियो (Sharpe Ratio): यह फंड के रिटर्न और जोखिम का संतुलन दिखाता है। यदि शार्प रेशियो 1 से कम है, तो फंड का जोखिम कम माना जाएगा। 1.00 से 1.99 तक शार्प रेशियो सामान्य जोखिम को दर्शाता है, जबकि 2.00 से 2.99 तक इसे उच्च जोखिम वाला माना जाता है। 3 या उससे अधिक रेशियो वाले फंड को बहुत उच्च जोखिम वाला माना जाता है।
सही फंड का चुनाव और लाभ
SIP के माध्यम से निवेश करने पर निवेशक छोटे निवेश से बड़े फंड की ओर बढ़ सकते हैं। लेकिन सही फंड का चयन करना जरूरी है। जोखिम और रिटर्न का संतुलन देखकर ही निवेश करें। साथ ही समय और नियमित निवेश की आदत बनाने से लंबी अवधि में वित्तीय सुरक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित होती है। SIP न केवल सुविधाजनक और सरल है, बल्कि यह निवेशकों को बाजार की अस्थिरता के बावजूद नियमित रूप से संपत्ति बनाने का अवसर भी देता है।
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Stock Market Today: शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 700 अंक टूटा, निफ्टी में भी तेज़ झटका

Stock Market Today: शुक्रवार 11 जुलाई 2025 को सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार में जोरदार गिरावट देखने को मिली। बाजार में लगभग एक प्रतिशत की गिरावट आई है। बीएसई का सेंसेक्स करीब 700 अंक गिरकर 82,509.59 पर पहुंच गया जबकि एनएसई का निफ्टी-50 भी 200 अंक लुढ़क कर 25,162.25 पर ट्रेड करता देखा गया। लगभग सभी सेक्टर्स में बिकवाली का माहौल बना रहा। हालांकि एफएमसीजी सेक्टर के कुछ शेयरों ने थोड़ी राहत दी लेकिन आईटी और ऑटो सेक्टर की गिरावट ने बाजार को नीचे खींच दिया।
आईटी और ऑटो सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट
शुक्रवार को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) के तिमाही नतीजे उम्मीद से कमजोर रहे जिसकी वजह से इसके शेयरों में 2.75 प्रतिशत की गिरावट आई। इसी के साथ निफ्टी का आईटी इंडेक्स भी दोपहर तक 1 प्रतिशत से ज्यादा टूट गया। आईटी सेक्टर के अलावा ऑटो सेक्टर में भी जबरदस्त बिकवाली हुई। महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर 2.43 प्रतिशत तक गिर गए। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व और अन्य दिग्गज कंपनियों के शेयर भी लाल निशान में नजर आए।
एफएमसीजी ने दिखाई मजबूती तो हुल के शेयर चमके
जहां बाकी सेक्टर्स में गिरावट देखने को मिली वहीं एफएमसीजी सेक्टर में मजबूती दर्ज की गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) के शेयरों में करीब 5 प्रतिशत की उछाल देखी गई। दोपहर के सत्र में HUL के साथ-साथ एक्सिस बैंक और सन फार्मा के शेयरों में भी हल्की तेजी रही। एक्सिस बैंक में 0.48 प्रतिशत और सन फार्मास्युटिकल्स में 0.51 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली। इन तीन शेयरों को छोड़ दें तो बाकी लगभग सभी कंपनियों के स्टॉक्स लाल निशान में ट्रेड करते दिखे।
क्या रहा गिरावट का कारण?
मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते बड़े आईटी शेयरों पर दबाव बना हुआ है। इसके अलावा कमजोर तिमाही नतीजों ने निवेशकों का भरोसा भी डगमगा दिया है। टीसीएस की परफॉर्मेंस उम्मीद से नीचे रहने की वजह से पूरे आईटी सेक्टर पर असर पड़ा। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी दिग्गज कंपनी के शेयरों में गिरावट ने भी बाजार की चाल को बिगाड़ा। मिड कैप और स्मॉल कैप इंडेक्स भी कमजोर रहे। निफ्टी मिड कैप 100 में 0.86 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉल कैप 10 में 1.00 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। हालांकि इंडिया VIX में 1.90 प्रतिशत की तेजी दिखी जो बाजार की अस्थिरता का संकेत है।
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