टेक्नॉलॉजी
1 जुलाई को आएगा कैमरा का बेताज बादशाह! Nothing Phone 3 में मिलेंगे 50MP के तीन-तीन कैमरे

टेक्नोलॉजी की दुनिया में Nothing Phone 3 इन दिनों सबसे चर्चित नाम बन चुका है। कंपनी ने इसकी लॉन्चिंग डेट 1 जुलाई तय की है और तब से लेकर अब तक एक के बाद एक टीज़र्स शेयर कर यूज़र्स की उत्सुकता बढ़ा दी है। Nothing ने खुद इस बात की पुष्टि कर दी है कि यह फोन Snapdragon 8s Gen 4 चिपसेट के साथ आएगा और इसे 5 साल तक Android OS अपडेट और 7 साल तक सिक्योरिटी पैच मिलते रहेंगे।
कैमरा सेटअप में मिलेगा तगड़ा अपग्रेड
Nothing Phone 3 का कैमरा सेटअप इस बार काफी दमदार होने वाला है। कंपनी ने X पर शेयर किए गए पोस्ट में बताया कि फोन में 50 मेगापिक्सल का पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा दिया जाएगा, जो 3x ऑप्टिकल ज़ूम सपोर्ट करेगा। इसके अलावा कैमरा सेटअप में 50MP का मेन सेंसर और 50MP का अल्ट्रा-वाइड शूटर भी शामिल होने की उम्मीद है। यह सेटअप पिछले Nothing Phone 2 के ड्यूल कैमरा सिस्टम के मुकाबले बड़ा अपग्रेड माना जा रहा है।
Phone (3) with 50 MP periscope lens.
Built for creators. pic.twitter.com/GAIuMLANUb
— Nothing India (@nothingindia) June 26, 2025
फ्रंट कैमरा और डिस्प्ले भी है दमदार
फोन की सेल्फी लवर्स के लिए खुशखबरी है। Nothing Phone 3 में 50MP का फ्रंट कैमरा भी मिलने वाला है। वहीं डिस्प्ले की बात करें तो इसमें 6.7 इंच का LTPO OLED स्क्रीन मिलेगा जो 1.5K रेजोल्यूशन के साथ आएगा। यह डिस्प्ले हाई रिफ्रेश रेट और शानदार विजुअल एक्सपीरियंस देगा, जिससे गेमिंग और वीडियो स्ट्रीमिंग का मज़ा दोगुना हो जाएगा।
बैटरी और चार्जिंग में भी सबको पीछे छोड़ेगा
Nothing Phone 3 में 5150mAh की दमदार बैटरी दी जाएगी। यह बैटरी 100W फास्ट वायर्ड चार्जिंग को सपोर्ट करेगी, जिससे फोन कुछ ही मिनटों में फुल चार्ज हो जाएगा। इतना ही नहीं, फोन में वायरलेस और रिवर्स वायरलेस चार्जिंग का भी सपोर्ट मिलेगा, जिससे आप अपने अन्य गैजेट्स को भी चार्ज कर पाएंगे।
Nothing Phone 3 के साथ लॉन्च होंगे Headphone 1
1 जुलाई को सिर्फ Phone 3 ही नहीं, बल्कि Nothing Headphone 1 भी लॉन्च होने वाला है। इसका मतलब है कि कंपनी एक साथ स्मार्टफोन और ऑडियो सेगमेंट में नया धमाका करने जा रही है। पिछले कुछ महीनों से सामने आ रही लीक्स और टीज़र्स ने इस फोन को पहले ही चर्चा का विषय बना दिया है और यूज़र्स इसकी लॉन्च का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
टेक्नॉलॉजी
Telegram Bot: सेफ्टी फीचर सिर्फ दिखावा? टू-स्टेप वेरिफिकेशन के बावजूद लीक हो रहा डेटा, Telegram Bot का खुलासा

Telegram Bot: आज के डिजिटल युग में हम अपने मोबाइल और ऐप्स पर पूरी दुनिया समेटे बैठे हैं। हम सोचते हैं कि टू-स्टेप वेरिफिकेशन जैसे फीचर्स से हमारी जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट ने इस भरोसे को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है। एक Telegram Bot सिर्फ एक मोबाइल नंबर भेजने पर मात्र दो सेकंड में किसी भी व्यक्ति की पूरी प्रोफाइल सामने रख देता है, जिसमें उसका नाम, पता, आधार नंबर, PAN कार्ड और यहां तक कि वोटर ID की डिटेल्स भी शामिल होती है।
Telegram Bot से हो रहा है डेटा का सौदा
Telegram पर बॉट बनाना और इस्तेमाल करना कोई नई बात नहीं है। लेकिन अब इसका इस्तेमाल डेटा बेचने जैसे खतरनाक काम के लिए किया जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, एक Telegram Bot भारतीय नागरिकों का संवेदनशील डेटा बेच रहा है। रिपोर्ट में बॉट का नाम नहीं बताया गया है, लेकिन दावा किया गया है कि एक टिप से इस बॉट का पता चला है। बॉट का प्लान ₹99 से ₹4999 तक का है और उस हिसाब से डेटा की गहराई बढ़ती जाती है।
आधार और PAN से लेकर पिता का नाम तक लीक
यह बॉट उस व्यक्ति की डिटेल्स देता है जिसका 10-अंकों वाला मोबाइल नंबर भेजा जाता है। दो सेकंड के अंदर जो जानकारी मिलती है उसमें व्यक्ति का नाम, पता, वैकल्पिक मोबाइल नंबर, आधार नंबर, पिता का नाम, PAN कार्ड डिटेल्स, और वोटर ID नंबर तक शामिल हैं। सोचिए कि ये सारी जानकारियां किसी अजनबी के हाथ में चली जाएं तो उसका दुरुपयोग कैसे हो सकता है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या ऐप कंपनियां सच में हमारे डेटा की सुरक्षा कर पा रही हैं?
ऐप्स के दावे खोखले साबित हो रहे हैं
हर ऐप दावा करता है कि वह अपने यूज़र्स की प्राइवेसी को सबसे ज़्यादा महत्व देता है। टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, OTP लॉगिन, बायोमेट्रिक सिक्योरिटी जैसे फीचर्स लोगों को सुरक्षा का भ्रम देते हैं। लेकिन जब बैकेंड में ही डेटा लीक हो रहा हो, तो ये सारे फीचर्स केवल दिखावा बनकर रह जाते हैं। यह मामला केवल Telegram तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी डिजिटल इकोसिस्टम पर एक बड़ा सवाल उठाता है।
अब सवाल यह है – हम करें तो क्या करें?
इस घटना के सामने आने के बाद आम यूज़र के मन में डर स्वाभाविक है। अब सवाल ये है कि हम खुद को कैसे सुरक्षित रखें। सबसे पहले, अनजानी वेबसाइटों या ऐप्स को पर्सनल जानकारी देना बंद करें। आधार या PAN जैसी डिटेल्स शेयर करने से पहले सोचें कि क्या वाकई उसकी जरूरत है। और सरकार से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि वह ऐसे प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे जो डेटा की सुरक्षा में लापरवाही बरतते हैं।
टेक्नॉलॉजी
Cyber Fraud: AI से हुआ डिजिटल अरेस्ट स्कैम का विस्फोट, भारत में ₹1936 करोड़ का नुकसान

Cyber Fraud: भारत में साइबर फ्रॉड के मामले अब पहले से कहीं अधिक तेजी से बढ़ रहे हैं। हर दिन किसी न किसी व्यक्ति का बैंक खाता खाली हो रहा है या किसी के मोबाइल में घुसकर डाटा चुरा लिया जा रहा है। हाल ही में जारी हुई ‘The State of AI Powered Cyber Crime: Threat and Mitigation Report 2025’ रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 2024 में सिर्फ डिजिटल धोखाधड़ी के कारण देश को ₹22,812 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
AI बना साइबर अपराधियों का नया हथियार
इस रिपोर्ट के अनुसार अब ठग AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके लोगों को ठगने के लिए पहले से कहीं ज़्यादा स्मार्ट तरीके अपना रहे हैं। फिशिंग ईमेल्स, फर्जी वेबसाइट्स और डीपफेक वीडियोज़ जैसे मामलों में AI का प्रयोग किया जा रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 80% फिशिंग ईमेल्स में AI टूल्स का इस्तेमाल हुआ है यानी हर 10 में से 8 साइबर फ्रॉड में AI ने भूमिका निभाई है।
फर्जी ऐप बनाकर डिवाइस तक में घुस रहे हैं साइबर ठग
अब केवल ईमेल या मैसेज ही नहीं बल्कि फर्जी मोबाइल ऐप्स बनाकर भी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। ये ऐप्स देखने में असली लगते हैं और जैसे ही कोई इन्हें इंस्टॉल करता है, तो इनमें छिपा हुआ मैलवेयर आपके फोन में घुस जाता है। इसके बाद यह वायरस आपकी व्यक्तिगत जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स, पासवर्ड और लोकेशन आदि चुपचाप चोरी कर लेता है।
भारत में 2024 में रिकॉर्ड स्तर पर बढ़े मामले
2024 में भारत में साइबर क्राइम के 1.91 मिलियन यानी लगभग 19 लाख 10 हजार मामले दर्ज किए गए हैं जो 2023 की तुलना में कहीं अधिक हैं। 2019 से तुलना करें तो यह संख्या लगभग 10 गुना बढ़ चुकी है। सिर्फ एक साल में ही फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले तीन गुना हो गए हैं। इसके अलावा ‘डिजिटल अरेस्ट स्कैम’ में भारतीयों ने 2024 में ₹1,936 करोड़ गंवाए हैं। पिछले चार वर्षों में कुल मिलाकर ₹33,000 करोड़ का नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट नहीं सिर्फ चेतावनी है ये दस्तावेज़
Tekion कंपनी के फाउंडर जय विजयन ने इस रिपोर्ट को सिर्फ डेटा का दस्तावेज़ नहीं बल्कि एक चेतावनी बताया है। उन्होंने कहा कि AI अब तकनीक का वरदान नहीं बल्कि अपराधियों के लिए वरदान बन गया है। GIREM और Tekion ने मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की है ताकि आम लोग सतर्क रहें और डिजिटल सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखाएं। अब वक्त आ गया है कि हम अपनी ऑनलाइन गतिविधियों पर ध्यान दें और किसी भी लिंक, ईमेल या ऐप को खोलने से पहले उसकी सच्चाई जरूर जांचें।
टेक्नॉलॉजी
सिर्फ ₹70,000 में 25 साल तक मुफ्त बिजली! जानिए Solar Panel लगाने का सारा गणित

Solar Panel: गर्मियों में पंखा, कूलर, एसी, फ्रिज और कभी-कभी गीजर तक लगातार चलते रहते हैं। ऐसे में बिजली का मीटर तेज़ी से दौड़ने लगता है और हर महीने का बिल हजारों में आता है। इससे आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ता है। यही वजह है कि अब लोग सोलर पैनल की तरफ रुख कर रहे हैं ताकि बिजली का खर्च घटे और पर्यावरण को भी फायदा हो।
सोलर पैनल कैसे करता है काम?
सोलर पैनल सूरज की रोशनी को बिजली में बदलने का काम करता है। इसमें लगे फोटोवोल्टिक सेल्स सूरज की किरणों से ऊर्जा लेकर उसे DC करंट में बदलते हैं। फिर इन्वर्टर की मदद से इस करंट को AC करंट में बदला जाता है जिससे घर के पंखे, बल्ब, फ्रिज या एसी आसानी से चलाए जा सकते हैं। यानी बिजली का खर्च घटाकर आप खुद के लिए बिजली बना सकते हैं।
कितना खर्च आता है सोलर पैनल लगाने में?
अगर आप अपने घर में 1 किलोवाट का सोलर सिस्टम लगवाते हैं तो इसकी लागत लगभग ₹70,000 से ₹85,000 के बीच हो सकती है। इससे 3-4 पंखे, 5-6 एलईडी लाइट और मोबाइल चार्जर आदि आराम से चल सकते हैं। यदि आप AC या फ्रिज भी चलाना चाहते हैं तो 3kW से ऊपर का सिस्टम लगवाना बेहतर रहेगा, जिसकी कीमत ₹1.5 लाख से ₹2.5 लाख तक हो सकती है।
सरकार देती है सब्सिडी, जानिए कैसे मिलती है राहत
भारत सरकार और राज्य सरकारें सोलर पैनल पर 20% से 50% तक सब्सिडी देती हैं। यह सब्सिडी MNRE (Ministry of New and Renewable Energy) के ज़रिए मिलती है। इसके लिए आपको अपने राज्य के DISCOM से संपर्क करना होगा और उनके द्वारा अप्रूव्ड वेंडर से इंस्टॉलेशन करवाना होगा। इस लागत में सोलर पैनल, इन्वर्टर, वायरिंग, बैटरी (अगर ऑफ-ग्रिड है), मीटर और इंस्टॉलेशन चार्ज शामिल होते हैं।
कितना फायदेमंद है ये निवेश और किसके लिए है सही विकल्प?
सोलर पैनल एक बार लगने के बाद 4 से 6 साल में अपनी लागत वसूल कर लेता है। इसके बाद अगले 20 से 25 साल तक मुफ्त बिजली मिलती है। यह खासतौर पर उन घरों, दुकानों या संस्थानों के लिए फायदेमंद है जहां बिजली का खर्च अधिक होता है या बिजली बार-बार जाती है। गांव, कस्बे या छोटे शहरों में भी यह एक समझदारी भरा निवेश है। इसके साथ आप पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देते हैं।
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