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Telangana Govt treading cautiously on borrowings as limit proposed for Q3 is approaching 

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Telangana Govt treading cautiously on borrowings as limit proposed for Q3 is approaching 
तेलंगाना सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक को सौंपे गए तीसरी तिमाही के उधार कैलेंडर में बताए गए ₹7,400 में से ₹5,500 करोड़ उधार लिए। छवि का उपयोग केवल प्रतिनिधि उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

तेलंगाना सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक को सौंपे गए तीसरी तिमाही के उधार कैलेंडर में बताए गए ₹7,400 में से ₹5,500 करोड़ उधार लिए। छवि का उपयोग केवल प्रतिनिधि उद्देश्यों के लिए किया जाता है। | फोटो साभार: गेटी इमेजेज़

ऐसा प्रतीत होता है कि तेलंगाना सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा राज्य सरकार की प्रतिभूतियों की नीलामी के माध्यम से बाजार उधार जुटाने पर सावधानी बरत रही है।

राज्य सरकार ने आरबीआई को सौंपे उधार के सांकेतिक कैलेंडर में संकेत दिया है कि वह अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान ₹7,400 करोड़ उधार लेगी। इसने 12 नवंबर तक आयोजित प्रतिभूतियों की नीलामी के माध्यम से अब तक ₹5,500 करोड़ जुटाए हैं।

इस प्रक्रिया में, सरकार उस कार्यक्रम से भटक गई जो उसने आरबीआई को प्रस्तावित किया था: जबकि सरकार ने संकेत दिया था कि वह ₹4,400 करोड़ की उधारी जुटाने के लिए 1, 8 और 22 अक्टूबर को प्रतिभूतियों की नीलामी में भाग लेगी, उसने वास्तव में ₹4,500 जुटाए हैं। 1, 15 और 29 अक्टूबर को प्रतिभूतियों की नीलामी के माध्यम से करोड़ रुपये।

नवंबर में भी, सरकार ने संकेत दिया है कि वह 5 और 26 नवंबर को 1,000-1,000 करोड़ रुपये जुटाएगी। हालांकि उसने 12 नवंबर को आरबीआई द्वारा 1,000 करोड़ रुपये के लिए आयोजित नीलामी में भाग लिया था।

चालू तिमाही के लिए बाजार से उधारी जुटाने के लिए केवल ₹1,900 करोड़ की जगह बची होने के कारण, सरकार ने जाहिर तौर पर प्रतिभूतियों की नीलामी में अपनी भागीदारी के कार्यक्रम में बदलाव किया है।

पात्र किसानों को ₹2 लाख तक की फसल ऋण माफी के लिए राज्य द्वारा ₹18,000 करोड़ से अधिक का भारी खर्च किए जाने के बाद यह विकास हुआ है। जब वित्त विभाग के अधिकारियों से उधार लेने के कार्यक्रम में बदलाव के पीछे के कारणों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली।

यह याद किया जा सकता है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए बाजार उधार की सीमा वर्ष के बजट अनुमान में प्रस्तावित ₹59,625 करोड़ के मुकाबले ₹49,255 करोड़ तय की है।

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Canada Murder Case: बस स्टॉप पर खड़ी छात्रा बनी मौत का निशाना काली कार से आई गोली और टूट गया सपना

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Canada Murder Case: बस स्टॉप पर खड़ी छात्रा बनी मौत का निशाना काली कार से आई गोली और टूट गया सपना

Canada Murder Case: कनाडा के ओंटारियो प्रांत में पढ़ाई कर रही भारतीय छात्रा हरसिमरत रंधावा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह बस स्टॉप पर खड़ी थी तभी एक काली कार वहां से गुज़री और उसमें बैठे व्यक्ति ने उसे गोली मार दी। उसकी उम्र केवल 21 साल थी।

मासूम छात्रा गैंगवार का शिकार बनी

स्थानीय पुलिस के मुताबिक हरसिमरत का किसी भी गैंग से कोई लेना देना नहीं था। वह पूरी तरह मासूम थी लेकिन दुर्भाग्यवश वह एक गैंगवार के दौरान निशाना बन गई। पुलिस का मानना है कि हमला उसके खिलाफ नहीं था वह बस गलत वक्त पर गलत जगह पर थी।

भारतीय दूतावास परिवार के संपर्क में

टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। दूतावास ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि वह हरसिमरत के परिवार के संपर्क में है और उनकी हर संभव मदद की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस कठिन समय में भारत सरकार उनके साथ खड़ी है।

घटना की जानकारी और अस्पताल में मौत

पुलिस को इस हत्या की सूचना शाम करीब साढ़े सात बजे मिली। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो हरसिमरत अचेत अवस्था में पड़ी थी और गोली उसके सीने में लगी थी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

सीसीटीवी से मिला सुराग और जांच जारी

पुलिस ने आसपास के इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जिसमें दिखा कि एक काली कार में बैठे व्यक्ति ने हरसिमरत पर गोली चलाई और मौके से फरार हो गया। इस घटना में किसी और के घायल होने की खबर नहीं है और पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है

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PM Modi: यूनेस्को में दर्ज हुई गीता और नाट्यशास्त्र की अमर गाथा! अब पूरी दुनिया पढ़ेगी गीता और नाट्यशास्त्र की कहानियां

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PM Modi: यूनेस्को में दर्ज हुई गीता और नाट्यशास्त्र की अमर गाथा! अब पूरी दुनिया पढ़ेगी गीता और नाट्यशास्त्र की कहानियां

PM Modi: यूनस्को की ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को शामिल किया गया है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया पर दी। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई और इसे हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गीता और नाट्यशास्त्र का यह वैश्विक सम्मान हमारी सनातन परंपरा और सांस्कृतिक समृद्धि को मान्यता देता है। उन्होंने लिखा कि इन ग्रंथों ने सदियों से हमारी सभ्यता और चेतना को पोषित किया है और आज भी यह दुनिया को प्रेरणा देते हैं।

गजेंद्र सिंह शेखावत का ऐतिहासिक एलान

गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत के लिए ऐतिहासिक पल बताया। उन्होंने लिखा कि गीता और नाट्यशास्त्र केवल साहित्यिक धरोहर नहीं बल्कि वे भारतीय दृष्टिकोण की दार्शनिक और सौंदर्यात्मक नींव हैं। इनके माध्यम से सोचने समझने और अभिव्यक्त करने का तरीका बना है।

भारत के अब 14 दस्तावेज शामिल

शेखावत ने जानकारी दी कि अब तक भारत के 14 अभिलेख इस अंतरराष्ट्रीय रजिस्टर में शामिल किए जा चुके हैं। यह भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक गहराई को दर्शाता है और आने वाली पीढ़ियों को भी इनसे जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।

क्या है यूनस्को का मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर

यूनस्को ने यह कार्यक्रम 1992 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य दुनियाभर के ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संरक्षित करना और आम लोगों के लिए सुलभ बनाना है। इससे लोगों को अपनी विरासत को जानने और समझने का अवसर मिलता है और पुरानी धरोहर सुरक्षित रहती है।

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IPL 2025: रियान पराग का बल्ला बना विवाद की जड़! अंपायरों से मैदान पर बहस

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IPL 2025: रियान पराग का बल्ला बना विवाद की जड़! अंपायरों से मैदान पर बहस

IPL 2025: दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेले गए रोमांचक मुकाबले का नतीजा सुपर ओवर में निकला। दोनों टीमों ने निर्धारित 20 ओवर में बराबर 188 रन बनाए। इसके बाद मैच सुपर ओवर में गया जहां दिल्ली कैपिटल्स ने राजस्थान रॉयल्स को हरा दिया। राजस्थान के बल्लेबाज सुपर ओवर में सिर्फ 11 रन बना सके जिसे दिल्ली ने आसानी से पार कर लिया। इस हार के बाद राजस्थान को अंक तालिका में झटका लगा और टीम का आत्मविश्वास भी प्रभावित हुआ।

रियान पराग की नाकामी और विवाद

इस मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज रियान पराग से उम्मीदें थीं लेकिन वह बुरी तरह फ्लॉप हो गए। उन्होंने 11 गेंदों में सिर्फ 8 रन बनाए जिसमें केवल एक चौका शामिल था। इससे भी बड़ा मुद्दा यह रहा कि जब वह बल्लेबाजी के लिए आए तो अंपायरों ने उनके बैट की जांच की। अंपायरों को शक था कि पराग का बल्ला तय मानकों के अनुसार नहीं है। इस दौरान पराग और अंपायर के बीच बहस भी हुई।

अंपायरों की सख्ती और नियमों की निगरानी

आईपीएल में अब बल्लों की जांच पहले से ज्यादा कड़ी हो गई है। नियम के मुताबिक हर बल्लेबाज का बल्ला मैदान में उतरने से पहले जांचा जाएगा। पहले चौथे अंपायर बल्ले को जांचेगा और फिर ऑन-फील्ड अंपायर भी अंतिम जांच करेगा। हर बल्ला एक खास गेज से गुजरेगा जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि वह तय आकार और माप के अनुसार है। इस प्रक्रिया के दौरान रियान पराग का बल्ला नियमों के अनुकूल नहीं निकला इसलिए उन्हें बल्ला बदलना पड़ा।

बैट का सही आकार और नियम

आईपीएल के नियमों के अनुसार किसी भी बल्ले की लंबाई हैंडल सहित 38 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। वहीं बल्ले की चौड़ाई 4.25 इंच से अधिक नहीं हो सकती। इसके अलावा बल्ले के किनारों की मोटाई 1.56 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ये सभी मापदंड इसलिए बनाए गए हैं ताकि सभी खिलाड़ियों को बराबरी का मौका मिले और खेल में पारदर्शिता बनी रहे।

जैसवाल और राणा की मेहनत बेकार गई

राजस्थान की ओर से यशस्वी जैसवाल और नितीश राणा ने बेहतरीन अर्धशतक जमाए और टीम को लक्ष्य के पास तक ले गए। हालांकि अन्य बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और टीम आखिरी ओवर में लक्ष्य नहीं पार कर सकी। दिल्ली की तरफ से अभिषेक पोरेल ने 49 रन की शानदार पारी खेली और उनके साथ अक्षर पटेल व ट्रिस्टन स्टब्स ने भी उपयोगी योगदान दिया। मिचेल स्टार्क ने अंतिम ओवर में कमाल की गेंदबाजी की जिससे मैच टाई हुआ और सुपर ओवर तक गया। अंत में दिल्ली कैपिटल्स ने बेहतर रणनीति और धैर्य से यह मुकाबला जीत लिया।

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