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Tata Motors split: नए अवतार में शेयर बाजार में लौट रही है टाटा मोटर्स, जल्द होगी दो कंपनियों की लिस्टिंग

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Tata Motors split: नए अवतार में शेयर बाजार में लौट रही है टाटा मोटर्स, जल्द होगी दो कंपनियों की लिस्टिंग

Tata Motors split: देश की प्रमुख ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स अब भारतीय शेयर बाजार में एक नए रूप में वापसी करने जा रही है। कंपनी ने अपने व्यवसाय को दो हिस्सों में विभाजित (डिमर्ज) कर दिया है — टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (TMPV) और टाटा मोटर्स लिमिटेड (TMLCV), जो कि कमर्शियल व्हीकल यूनिट है। यह डिमर्जर अब अपने अंतिम चरण में है। पहले जो कंपनी “Tata Motors” के नाम से जानी जाती थी, वह अब TMPV के रूप में पहचान रखती है, जबकि कमर्शियल व्हीकल यूनिट (TMLCV) को नवंबर 2025 में शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा।

डिमर्जर की समयरेखा और शेयरों का बंटवारा

टाटा मोटर्स का यह डिमर्जर 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गया है और 14 अक्टूबर को इसका रिकॉर्ड डेट तय किया गया था। इस दिन कंपनी के शेयर 1:1 अनुपात में विभाजित किए गए — यानी निवेशकों को अपने हर पुराने एक शेयर के बदले TMPV और TMLCV के एक-एक शेयर मिले। फिलहाल बाजार में केवल TMPV के शेयर ट्रेड हो रहे हैं, जबकि कमर्शियल व्हीकल यूनिट के शेयरों की लिस्टिंग नवंबर 2025 में होगी।

TMPV के अंतर्गत कंपनी के पैसेंजर व्हीकल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) और जगुआर लैंड रोवर (JLR) निवेश शामिल हैं। 13 अक्टूबर 2025 को सरकार ने TMPV नाम को आधिकारिक मंजूरी दी थी। 3 नवंबर 2025 को TMPV का शेयर ₹417.05 पर बंद हुआ, जो अधिकांश विश्लेषकों के लक्षित मूल्य से अधिक था। ब्रोकरेज हाउस Nomura ने TMPV के लिए ₹367 और CV यूनिट के लिए ₹365 का लक्ष्य रखा था। वहीं SBI Securities ने TMPV के लिए ₹285-384 और CV यूनिट के लिए ₹320-470 का टारगेट तय किया है।

Tata Motors split: नए अवतार में शेयर बाजार में लौट रही है टाटा मोटर्स, जल्द होगी दो कंपनियों की लिस्टिंग

TMPV के शेयरों में गिरावट क्यों दिख रही है?

कई निवेशक यह मान रहे हैं कि TMPV के शेयरों का मूल्य गिर गया है, लेकिन यह गिरावट केवल कागज़ों पर दिख रही है। Kotak Securities के अनुसार, असली मूल्य तब स्पष्ट होगा जब कंपनी आधिकारिक तौर पर TMPV और TMLCV के बीच वैल्यू डिवीजन की घोषणा करेगी। वास्तविक निवेश मूल्य में कोई बदलाव नहीं हुआ है, क्योंकि डिमर्जर की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। जैसे ही कमर्शियल व्हीकल यूनिट (TMLCV) के शेयर बाजार में लिस्ट होंगे, निवेशकों के पोर्टफोलियो में यह स्वचालित रूप से संतुलित हो जाएगा। टाटा मोटर्स की CV यूनिट का नाम 29 अक्टूबर 2025 को आधिकारिक रूप से Tata Motors Limited रखा गया है। इसने 368 करोड़ से अधिक नए शेयर 1:1 अनुपात में जारी किए हैं, जो मौजूदा टाटा मोटर्स निवेशकों को मिले हैं।

Nifty, Sensex, MSCI और FTSE इंडेक्स में TMPV की स्थिति

निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि Nifty 50 और Sensex जैसे प्रमुख इंडेक्स इस बदलाव पर कैसी प्रतिक्रिया देंगे। Nuvama Institutional Equities के अनुसार, TMPV को इन इंडेक्स से हटाए जाने की संभावना नहीं है। हालांकि नई कमर्शियल व्हीकल कंपनी (New Tata Motors Ltd.) को लिस्टिंग के तीन ट्रेडिंग सत्रों के भीतर इंडेक्स से बाहर किया जा सकता है।

TMPV का इंडेक्स में बने रहना लगभग तय माना जा रहा है, क्योंकि रिकॉर्ड डेट के आसपास इसमें 40–50% तक की गिरावट नहीं हुई। वहीं Sensex में बने रहने की शर्त थोड़ी अलग है, लेकिन TMPV वहां भी सुरक्षित है। ब्रोकरेज के अनुसार, TMPV को MSCI और FTSE दोनों इंडेक्स में बरकरार रखा जाएगा और इसका फ्री फ्लोट मार्केट कैप अपडेट किया जाएगा। नई कमर्शियल व्हीकल कंपनी का अनुमानित मार्केट कैप करीब 7.5 अरब डॉलर है, जो इन इंडेक्स में बने रहने के लिए पर्याप्त है। इस तरह, टाटा मोटर्स का यह डिमर्जर भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जिससे निवेशकों को पारदर्शिता और दोनों सेगमेंट में बेहतर वैल्यू अनलॉकिंग का अवसर मिलेगा।

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Silver Price Today: चाँदी का भाव आज ₹2,36,350 प्रति किलो पार, औद्योगिक मांग बढ़ने से उछाल

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Silver Price Today: चाँदी का भाव आज ₹2,36,350 प्रति किलो पार, औद्योगिक मांग बढ़ने से उछाल

Silver Price Today: सुनहरा और चांदी जैसे कीमती धातुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। खासकर चांदी की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है। शुक्रवार के ट्रेडिंग दिन में दिल्ली में चांदी की कीमतों में प्रति किलोग्राम ₹9,350 की बढ़ोतरी हुई।

इस उछाल के बाद, चांदी का भाव ₹2,36,350 प्रति किलोग्राम तक पहुँच गया। यदि पिछले सप्ताह की तुलना करें तो 19 दिसंबर को चांदी का भाव लगभग ₹2,04,100 था। केवल कुछ ही दिनों में इसका भाव ₹2,36,000 को पार कर गया। इस तेजी ने निवेशकों और व्यापारियों की उत्सुकता बढ़ा दी है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का रिकॉर्ड स्तर

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी की कीमतों में मजबूत उछाल देखा गया। स्पॉट चांदी ने पहली बार $75 प्रति आउंस का स्तर पार किया। इस दौरान चांदी की कीमत में $3.72 या लगभग 5.18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। ट्रेडिंग के दौरान चांदी ने $75.63 प्रति आउंस का रिकॉर्ड स्तर छुआ।

विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में यह उछाल मुख्य रूप से बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति के कारण आया है। वैश्विक स्तर पर निवेशक और उद्योग दोनों ही इस धातु की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

औद्योगिक मांग में वृद्धि और चांदी की अहमियत

चांदी की कीमतों में तेजी का एक बड़ा कारण औद्योगिक क्षेत्र में लगातार बढ़ती मांग है। फैक्ट्रियों और तकनीकी क्षेत्र में चांदी की खपत बढ़ी है। विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा सेक्टर और सॉलिड-स्टेट बैटरियों जैसे उभरते क्षेत्रों में चांदी का उपयोग बढ़ रहा है।

चांदी की सीमित वैश्विक उत्पादन और बढ़ती मांग ने कीमतों को और अधिक ऊँचा किया है। वर्तमान में विशेषज्ञों का अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर लगभग 850 मिलियन आउंस चांदी का उत्पादन हो रहा है, जबकि मांग लगभग 1.16 बिलियन आउंस है। इस अंतर ने चांदी की कीमतों में लगातार तेजी बनाए रखी है।

वैश्विक राजनीतिक तनाव और भविष्य की संभावनाएं

इसके अलावा, यूएस और वेनेजुएला के बीच बढ़ते तनाव भी चांदी के निर्यात और कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। इस तनाव के कारण वैश्विक आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे मूल्य और बढ़ सकते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक और उद्योग अब चांदी को सुरक्षित निवेश और तकनीकी उपयोग दोनों के दृष्टिकोण से महत्व दे रहे हैं। आने वाले महीनों में, यदि मांग और वैश्विक बाजार की स्थिति ऐसे ही बनी रही, तो चांदी की कीमतें और बढ़ सकती हैं। इस कारण निवेशक और व्यापारी सावधानीपूर्वक रणनीति बनाकर ही चांदी में निवेश कर रहे हैं।

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Silver Price: वायदा कारोबार में चांदी पांचवे दिन लगातार मजबूत, 75 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर

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Silver Price: वायदा कारोबार में चांदी पांचवे दिन लगातार मजबूत, 75 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर

Silver Price: वायदा कारोबार में शुक्रवार को चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। मार्च 2026 डिलीवरी वाली चांदी वायदा में करीब 8,951 रुपये की उछाल दर्ज की गई और यह 2,32,741 रुपये प्रति किलोग्राम के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। यह लगातार पांचवां कारोबारी सत्र रहा, जब चांदी मजबूत रही। विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी के भाव के 75 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार करने के कारण घरेलू वायदा बाजार में भी तेजी आई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर इस उछाल ने निवेशकों को आकर्षित किया और कीमतों में 14.33 प्रतिशत यानी कुल 29,176 रुपये की तेजी दर्ज हुई है।

सोने का भाव भी नई ऊंचाई पर

चांदी के साथ-साथ सोने की कीमतों ने भी नया इतिहास रच दिया। फरवरी डिलीवरी वाले सोने का वायदा 1,39,216 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया, जो पहले कभी नहीं देखा गया। लगातार चौथे कारोबारी सत्र में सोने में तेजी रही और यह 1,119 रुपये यानी 0.81 प्रतिशत बढ़कर नए शिखर पर पहुंचा। क्रिसमस के मौके पर घरेलू जिंस बाजार बंद रहने के बावजूद, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी के रिकॉर्ड स्तर का असर घरेलू सर्राफा बाजार पर साफ देखा गया। इससे पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर निवेशक सुरक्षित संपत्ति की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में रिकॉर्ड उछाल

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने और चांदी दोनों ने जबरदस्त उछाल दिखाया। अमेरिका के कॉमेक्स पर फरवरी डिलीवरी वाले सोने का वायदा 58.8 डॉलर यानी 1.3 प्रतिशत बढ़कर 4,561.6 डॉलर प्रति औंस के नए उच्च स्तर पर पहुंच गया। रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक जिगर त्रिवेदी के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के चलते सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ी, जिससे कीमतों को मजबूती मिली। वहीं, मार्च डिलीवरी वाली चांदी वायदा में लगातार पांचवें दिन तेजी देखी गई और यह 3.81 डॉलर यानी 5.31 प्रतिशत बढ़कर 75.49 डॉलर प्रति औंस के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।

सुरक्षित निवेश और वैश्विक अनिश्चितता का प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि सोना और चांदी दोनों के रिकार्ड स्तर तक पहुंचने का मुख्य कारण वैश्विक अनिश्चितता और सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग है। चांदी के लगातार मजबूत रहने से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और वैश्विक बाजार में इसकी कीमतों में स्थिरता देखने को मिल रही है। भविष्य में भी यदि भू-राजनीतिक तनाव जारी रहता है या अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों में कोई बदलाव आता है, तो सोना और चांदी दोनों की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। फिलहाल, निवेशक इन कीमती धातुओं को सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं और मांग लगातार बढ़ रही है।

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IndiGo के 67 घरेलू फ्लाइट्स रद्द, यात्रियों को भटकाव और लंबी देरी का सामना करना पड़ा

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IndiGo के 67 घरेलू फ्लाइट्स रद्द, यात्रियों को भटकाव और लंबी देरी का सामना करना पड़ा

देश की प्रमुख एयरलाइन IndiGo ने गुरुवार को विभिन्न हवाई अड्डों से कुल 67 घरेलू उड़ानें रद्द कर दीं। एयरलाइन की वेबसाइट के अनुसार, इनमें से केवल चार उड़ानें परिचालन संबंधी कारणों से रद्द हुईं, जबकि शेष उड़ानों को खराब मौसम की संभावना के चलते प्रभावित बताया गया। PTI की रिपोर्ट के अनुसार, इन रद्द उड़ानों से अगरतला, चंडीगढ़, देहरादून, वाराणसी और बेंगलुरु जैसे कई प्रमुख हवाई अड्डों पर असर पड़ा। वहीं, सिविल एविएशन महानिदेशालय (DGCA) ने 10 दिसंबर से 10 फरवरी तक की अवधि को आधिकारिक शीतकालीन कोहरे की विंडो घोषित किया है, जिसमें उत्तरी भारत समेत कई क्षेत्रों में उड़ान संचालन पर कोहरे के कारण चुनौती बनी रहती है।

विशेष प्रशिक्षित पायलट अनिवार्य

DGCA के Fog Operations (CAT-IIIB) नियमों के तहत एयरलाइंस को कम दृश्यता की स्थितियों में उड़ान संचालन के लिए विशेष प्रशिक्षित पायलट तैनात करने और CAT-IIIB मानक वाले विमान का उपयोग करने की आवश्यकता है। कैटेगरी III एक उन्नत नेविगेशन प्रणाली है जो घने कोहरे में भी विमान के सुरक्षित लैंडिंग को सुनिश्चित करती है। CAT-III-A में विमान रनवे दृश्य सीमा (RVR) 200 मीटर तक लैंड कर सकता है, जबकि CAT-III-B में दृश्यता केवल 50 मीटर होने पर भी लैंडिंग संभव है। ध्यान देने वाली बात है कि दिसंबर की शुरुआत में हजारों उड़ान रद्द होने के बाद IndiGo का संचालन DGCA की कड़ी निगरानी में है, और एयरलाइन वर्तमान में सरकारी निर्देशों के तहत सीमित उड़ान कार्यक्रम चला रही है।

घरेलू उड़ानों की संख्या में कमी

IndiGo को अपने मूल शीतकालीन उड़ान कार्यक्रम के तहत प्रति सप्ताह 15,014 घरेलू उड़ानें संचालित करने की अनुमति थी, यानी औसतन 2,144 उड़ानें प्रतिदिन। यह 2025 की गर्मियों की उड़ानों (14,158 प्रति सप्ताह) की तुलना में लगभग छह प्रतिशत अधिक थी। हालांकि, व्यापक परिचालन बाधाओं के कारण, सरकार ने IndiGo के घरेलू उड़ान कार्यक्रम में 10 प्रतिशत की कटौती कर दी, यानी लगभग 214 उड़ानों प्रतिदिन। इसके परिणामस्वरूप, एयरलाइन अब वर्तमान शीतकालीन कार्यक्रम में अधिकतम 1,930 घरेलू उड़ानें प्रतिदिन संचालित कर सकती है।

यात्रियों के लिए IndiGo की चेतावनी और समस्याएं

1 से 9 दिसंबर के बीच, राहुल भाटिया नियंत्रित एयरलाइन ने हजारों उड़ानें रद्द कीं। इसके पीछे मुख्य कारण नई नियमावली के तहत पायलट की ड्यूटी अवधि और विश्राम अवधि की योजना में कमी और क्रू की कमी बताई गई। इन घटनाओं के बाद DGCA ने चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया, जिसमें संयुक्त DG संजय ब्रहमणे, डिप्टी DG अमित गुप्ता, सीनियर फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर कपिल मंगलिक और FOI लोकेश रामपाल शामिल हैं। समिति ने पहले ही IndiGo के CEO पीटर एल्बर्स और COO इसिड्रे पोरकेरास से पूछताछ की है और इस सप्ताह अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की संभावना है।

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