विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार B Sudarshan Reddy आज गुरुवार सुबह 11:30 बजे अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इस मौके पर कांग्रेस की सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव समेत कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे। विपक्ष के 80 सांसदों ने उनके नामांकन पत्र पर बतौर प्रस्तावक और अनुमोदक हस्ताक्षर किए हैं। खास बात यह है कि सोनिया गांधी का नाम भी इनमें शामिल है।
विपक्ष ने किया सम्मान समारोह
नामांकन से पहले सुदर्शन रेड्डी ने विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में इंडिया अलायंस की ओर से उनके लिए सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार और संजय राउत जैसे तमाम दिग्गज नेता मौजूद थे। खड़गे और शरद पवार ने सबसे पहले सुदर्शन रेड्डी का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। विपक्ष ने साफ किया कि यह चुनाव उनके लिए सिर्फ पद की लड़ाई नहीं बल्कि लोकतंत्र की असली आवाज़ बुलंद करने का मौका है।

सीपी राधाकृष्णन ने दाखिल किया नामांकन
इधर, एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने बुधवार को ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया। उनके नामांकन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे। राधाकृष्णन ने चार सेट में नामांकन दाखिल किया, जिनमें हर सेट पर 20 प्रस्तावक और 20 अनुमोदकों के हस्ताक्षर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले सेट पर बतौर मुख्य प्रस्तावक हस्ताक्षर किया।
संख्याबल एनडीए के पक्ष में
अब अगर आंकड़ों की बात करें तो इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 782 सांसद मतदान करेंगे। इनमें 542 लोकसभा सांसद और 240 राज्यसभा सांसद शामिल हैं। जीत के लिए 391 मतों की ज़रूरत है। आंकड़ों के हिसाब से एनडीए के पास 422 सांसदों का समर्थन है, जबकि विपक्ष के पास 312 सांसदों का समर्थन है। यानी संख्याबल साफ तौर पर एनडीए के पक्ष में है और सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
अब नजर जीत के अंतर पर
ऐसे में चुनावी परिणाम को लेकर संशय भले ही न हो, लेकिन राजनीतिक हलकों में अब सबकी नजर इस बात पर है कि जीत का अंतर कितना रहेगा। विपक्ष अपने उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को एक मजबूत आवाज़ के तौर पर पेश कर रहा है ताकि संसद में एकजुट विपक्ष की तस्वीर दिखाई दे सके। वहीं, एनडीए अपनी ताकत और अनुशासित वोट बैंक के सहारे न सिर्फ जीत, बल्कि बड़े अंतर की जीत का दावा कर रहा है। अब 6 अगस्त को होने वाले चुनाव के नतीजे साफ करेंगे कि विपक्ष कितनी मजबूती से मुकाबला कर पाया।