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Revenue from alcohol: दिल्ली सरकार को शराब पर 7766 करोड़ रुपये का मुनाफा क्या है इसके पीछे की वजह?

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Revenue from alcohol: दिल्ली सरकार को शराब पर 7766 करोड़ रुपये का मुनाफा क्या है इसके पीछे की वजह?

Revenue from alcohol: अगर आप शराब पीते हैं तो आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शराब की बोतल खरीदने से सरकार को 7766 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। 2024-25 के वित्तीय वर्ष में दिल्ली सरकार की एक्साइज रेवेन्यू बढ़कर यह आंकड़ा पहुंचा है। यह आंकड़ा 2021-22 में हुए विवादों के बाद सुधार को दर्शाता है।

दिल्लीवासियों ने शराब खूब पी

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 में दिल्ली सरकार को 6762.61 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला था। इसके बाद 2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर 6830 करोड़ रुपये हो गया था। 2023-24 में यह 7430.97 करोड़ रुपये तक पहुंचा और 2024-25 में यह 7765.97 करोड़ रुपये हो गया है।

रेवेन्यू में और बढ़ोतरी हो सकती है

दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि 2024-25 के वित्तीय वर्ष का एक्साइज और VAT डेटा फरवरी तक का है। इस आधार पर रेवेन्यू में और वृद्धि हो सकती है। दिल्ली सरकार ने पिछले महीने अपनी पुरानी एक्साइज पॉलिसी को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था क्योंकि नया नीति तैयार नहीं हो पाई है।

Revenue from alcohol: दिल्ली सरकार को शराब पर 7766 करोड़ रुपये का मुनाफा क्या है इसके पीछे की वजह?

क्या आएगी नई शराब नीति?

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में  बताया कि उनकी सरकार एक नई, पूरी तरह से सुरक्षित और पारदर्शी एक्साइज नीति तैयार कर रही है। इस नीति में अन्य राज्यों के सर्वोत्तम उदाहरणों को ध्यान में रखा जाएगा। नई नीति आने तक पुरानी नीति ही जारी रहेगी।

दिल्ली सरकार की चार कंपनियां शराब की 700 से अधिक दुकानें चला रही हैं

दिल्ली सरकार के चार निगमों द्वारा राजधानी भर में 700 से अधिक रिटेल शराब की दुकानों का संचालन किया जा रहा है। यह काम पुराने एक्साइज पॉलिसी के तहत किया जा रहा है क्योंकि नई नीति पर अभी काम चल रहा है।

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Credit Card बना वरदान या अभिशाप? जानिए कैसे बचें ब्याज के दलदल से!

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Credit Card बना वरदान या अभिशाप? जानिए कैसे बचें ब्याज के दलदल से!

Credit Card का सबसे जरूरी नियम है समय पर पूरा भुगतान करना। जब आप हर महीने का पूरा बिल समय पर चुकाते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा रहता है और किसी भी तरह के ब्याज से आप बच जाते हैं। अगर पूरा भुगतान करना संभव नहीं हो तो कम से कम मिनिमम अमाउंट से ज्यादा रकम जरूर चुकाएं। इससे ब्याज का बोझ कम होता है और कर्ज़ जल्दी खत्म होता है।

बड़े खर्चों को बनाएं आसान EMI में

अगर आपने कोई बड़ा खर्च किया है जैसे मोबाइल फोन या यात्रा का भुगतान तो उसे EMI में बदलना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। EMI में भुगतान करने से आपको हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा चुकाना होता है जिससे आपके बजट पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता। इसके साथ ही EMI का ब्याज दर भी सामान्य क्रेडिट कार्ड ब्याज दर से कम होता है जिससे आप पैसे की बचत कर सकते हैं।

कैश निकालना है सबसे महंगा सौदा

क्रेडिट कार्ड से कैश निकालना बहुत महंगा पड़ सकता है। जैसे ही आप पैसे निकालते हैं उसी पल से उस पर ब्याज लगना शुरू हो जाता है और इसमें कोई ब्याज-मुक्त अवधि नहीं होती। इसके अलावा कैश विदड्रॉल चार्ज भी बहुत ज्यादा होता है। इस वजह से क्रेडिट कार्ड से कैश सिर्फ बेहद जरूरी स्थिति में ही निकालें और वह भी सोच-समझकर।

खर्चों पर रखें नजर वरना फिसल जाएगा बजट

क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करना जितना आसान है उतना ही जरूरी है कि आप अपने खर्चों पर नजर भी रखें। हर महीने अपने कार्ड का स्टेटमेंट ध्यान से पढ़ें और बैंक से आने वाले SMS अलर्ट को अनदेखा न करें। इससे आपको यह पता चलता रहेगा कि आपने कितना खर्च किया और कहां किया। इसके अलावा समय-समय पर क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते रहना भी जरूरी है ताकि कोई गलती या फर्जी लेन-देन जल्दी पकड़ा जा सके।

कई कार्ड के चक्कर में ना पड़ें

बहुत सारे लोग एक साथ कई क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर देते हैं ताकि ज्यादा ऑफर और कैशबैक का फायदा ले सकें। लेकिन ऐसा करना गलत हो सकता है क्योंकि इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है। हर नए कार्ड पर बैंक एक हार्ड इन्क्वायरी करता है और ज्यादा इन्क्वायरी से स्कोर नीचे चला जाता है। इसलिए वही कार्ड चुनें जो आपकी जरूरत और खर्च करने की आदत के अनुसार हो।

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Stock Market: जापान-अमेरिका डील से बाजार में उछाल, निवेशकों की बल्ले-बल्ले

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Stock Market: जापान-अमेरिका डील से बाजार में उछाल, निवेशकों की बल्ले-बल्ले

Stock Market: बुधवार सुबह घरेलू शेयर बाजार ने शानदार शुरुआत की। बीएसई सेंसेक्स 213.81 अंकों की तेजी के साथ 82,400.62 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, एनएसई निफ्टी भी 64.65 अंकों की बढ़त के साथ 25,125.55 के स्तर पर पहुंच गया। शुरुआती ट्रेडिंग में भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी, श्रीराम फाइनेंस और जिओ फाइनेंशियल के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली।

गिरावट वाले शेयरों की सूची

हालांकि बाजार की इस तेजी के बीच कुछ शेयरों में गिरावट भी देखने को मिली। ओएनजीसी, हीरो मोटोकॉर्प, टाटा स्टील, टाटा कंज्यूमर और सिप्ला के शेयर शुरुआती कारोबार में कमजोर नजर आए। कुल मिलाकर करीब 160 शेयरों में तेजी रही, 71 शेयरों में गिरावट और 22 शेयर स्थिर रहे। इससे साफ है कि बाजार में पॉजिटिव सेंटीमेंट बना हुआ है लेकिन सेक्टोरल मूवमेंट भी देखने को मिल रहा है।

अमेरिकी बाजार से मिले मजबूत संकेत

Geojit Investments के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के अनुसार, अमेरिका के एसएंडपी 500 इंडेक्स ने 2025 में 11वीं बार नया रिकॉर्ड बनाया है। यह संकेत है कि ग्लोबल इक्विटी मार्केट मजबूती की दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाजार अब वैल्यूएशन की चिंता छोड़ चुका है और निवेशकों का भरोसा लगातार बना हुआ है।

एशियाई बाजारों में दिखा जोश

एशियाई शेयर बाजारों में भी बुधवार को तेजी का माहौल रहा। जापान के निक्केई 225 इंडेक्स में 3% से ज्यादा की उछाल आई। इसका कारण है अमेरिका और जापान के बीच हुई ट्रेड डील। इस समझौते के तहत जापान से आयात होने वाले ज्यादातर उत्पादों पर अब 15% शुल्क लगेगा जबकि पहले ट्रंप प्रशासन इन्हें 25% करने की बात कर रहा था। इससे निवेशकों को बड़ी राहत मिली है।

बाजार में स्थिरता की उम्मीद

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और जापान के बीच हुआ यह व्यापार समझौता वैश्विक निवेशकों में भरोसा वापस ला रहा है। इससे आने वाले समय में बाजारों में स्थिरता देखने को मिल सकती है। चीन, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के बाजारों में भी तेजी का असर साफ दिखा। इससे भारतीय बाजारों को भी मजबूती मिली है।

 

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SIP : सिर्फ 20 साल में 4 करोड़ का सपना कैसे हो सकता है सच? जानिए SIP की ताकत

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SIP : सिर्फ 20 साल में 4 करोड़ का सपना कैसे हो सकता है सच? जानिए SIP की ताकत

SIP : अगर आपकी उम्र अभी 35 साल है और 55 की उम्र तक 4 करोड़ रुपये का फंड तैयार करना है तो ये सपना नामुमकिन नहीं है। इसके लिए सबसे जरूरी है आज ही से प्लानिंग करना। म्यूचुअल फंड में SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए हर महीने एक तय रकम निवेश करके आप अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते हैं। SIP की सबसे खास बात यह है कि यह धीरे-धीरे आपको बड़ी रकम तक पहुंचा देती है।

SIP क्या है और कैसे करता है काम

SIP एक ऐसा तरीका है जिससे आप हर महीने म्यूचुअल फंड में एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। यह निवेश शेयर बाजार से जुड़ा होता है इसलिए इसमें जोखिम भी होता है लेकिन साथ ही ज्यादा रिटर्न की संभावना भी होती है। बाजार गिरने पर ज्यादा यूनिट मिलती हैं और बाजार बढ़ने पर रिटर्न ज्यादा मिलता है। इसे ही रूपी कॉस्ट एवरेजिंग कहते हैं।

SIP : सिर्फ 20 साल में 4 करोड़ का सपना कैसे हो सकता है सच? जानिए SIP की ताकत

12 प्रतिशत रिटर्न मानकर कैसा दिखेगा गणित

मान लीजिए आपको 20 साल बाद 4 करोड़ रुपये चाहिए। इसके लिए अगर आप हर महीने ₹40,040 रुपये की SIP करते हैं और उस पर औसतन 12 प्रतिशत सालाना रिटर्न मिलता है तो आप करीब ₹4 करोड़ का फंड तैयार कर सकते हैं। इन 20 वर्षों में आपकी कुल जमा राशि ₹96 लाख के आसपास होगी जबकि ब्याज के रूप में ₹3 करोड़ से ज्यादा मिलेगा।

समय से निवेश की शुरुआत क्यों है जरूरी

Axis Mutual Fund की रिपोर्ट के अनुसार SIP की शुरुआत करियर की शुरुआत में ही कर देना एक समझदारी भरा कदम होता है। इससे कंपाउंडिंग का जादू लंबा असर दिखाता है और फंड जल्दी बढ़ता है। SIP से बाजार की चाल पर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि इसमें समय के साथ औसत लागत घटती है और फायदा बढ़ता है।

निवेश में सफलता का मंत्र – बाजार में समय बिताएं, समय को न देखें

ज्यादातर लोग सही समय की तलाश में निवेश नहीं करते। लेकिन जानकारों की मानें तो निवेश में सफलता का सबसे बड़ा राज यही है कि बाजार में जितना ज्यादा समय आप टिके रहेंगे उतना बड़ा रिटर्न मिलेगा। इसलिए अगर आप आज से ही SIP शुरू करते हैं तो 20 साल बाद एक बड़ा फंड खुद-ब-खुद तैयार हो जाएगा।

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