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RBI ने डॉलर बाजार में बढ़ाई गतिविधि, रुपये को मजबूत करने के लिए उठाया अहम कदम, जानें असर क्यों पड़ा

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RBI ने डॉलर बाजार में बढ़ाई गतिविधि, रुपये को मजबूत करने के लिए उठाया अहम कदम, जानें असर क्यों पड़ा

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डॉलर के मुकाबले रुपये को मजबूत बनाए रखने के लिए ऑफ़शोर नॉन-डिलीवरएबल फॉरवर्ड (NDF) मार्केट में अपनी गतिविधियाँ बढ़ा दी हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकरों का मानना है कि अमेरिकी टैरिफ के कारण ट्रेडर्स के डॉलर खरीदने और बेचने की रणनीतियों में बदलाव आया है, जिससे रुपये पर दबाव बढ़ा है। निर्यातक अपने डॉलर की बिक्री रोक रहे हैं, जबकि आयातक अमेरिकी टैरिफ के खतरे से बचने के लिए ज्यादा हेजिंग कर रहे हैं। इससे डॉलर की मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा हो रहा है, जो रुपये की कमजोरी का प्रमुख कारण बन रहा है।

आयातक बढ़ा रहे हैं हेजिंग

टैरिफ की अनिश्चितता ने ट्रेडर्स की रणनीतियों को बदल दिया है। जो कंपनियाँ सामान विदेश भेजती हैं, वे अब डॉलर बेचने में जल्दी नहीं कर रही हैं। वहीं, जो कंपनियाँ विदेश से सामान आयात करती हैं, वे भविष्य में डॉलर की खरीद करके अपने खर्च को सुरक्षित कर रही हैं। इसका सीधा असर रुपये पर पड़ रहा है क्योंकि डॉलर की मांग बढ़ी है, लेकिन बाजार में डॉलर की आपूर्ति कम हो गई है। इस असंतुलन ने रुपये के मूल्य में दबाव बढ़ा दिया है और मुद्रा की कमजोरी का कारण बन रहा है।

RBI ने डॉलर बाजार में बढ़ाई गतिविधि, रुपये को मजबूत करने के लिए उठाया अहम कदम, जानें असर क्यों पड़ा

RBI की प्राथमिकता: बाजार नियंत्रण

एक निजी बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, RBI अब बाजार में अधिक लचीला दृष्टिकोण अपनाता दिख रहा है। पहले RBI किसी विशेष एक्सचेंज रेट पर रुपये को स्थिर रखने की कोशिश करता था, लेकिन अब इसका ध्यान मुख्य रूप से बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को रोकने पर है। उदाहरण के तौर पर, जब रुपये का मूल्य डॉलर के मुकाबले लगभग 88.40 तक पहुंच गया, तब RBI ने NDF मार्केट में डॉलर बेचकर रुपये के गिरने को रोकने की कोशिश की। इस रणनीति ने रुपये की तेजी से गिरावट को रोका और बाजार को स्थिर किया।

ऑनशोर और ऑफ़शोर बाजार में RBI की सक्रियता

मुंबई के एक करेंसी ट्रेडर के अनुसार, RBI की सक्रियता अक्सर NDF मार्केट में देखी जाती है, और इस बार भी यही देखा गया। इसके अलावा, RBI ने देश के अंदर स्पॉट यानी ऑनशोर मार्केट में भी सक्रिय भूमिका निभाई। इस रणनीति के परिणामस्वरूप रुपये की कीमतों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव नहीं हुआ। विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम से एक महीने की करेंसी वोलैटिलिटी अब पिछले छह महीनों में सबसे कम स्तर पर पहुंच गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बाजार में रुपये की कीमतों को लेकर उम्मीदें अब काफी स्थिर हो गई हैं और RBI की यह गतिविधि रुपये को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

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GST 2.0 लागू होने के बाद NCH पर आई हजारों शिकायतें, जानिए कौन सी समस्याओं ने आम उपभोक्ताओं को परेशान किया

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GST 2.0 लागू होने के बाद NCH पर आई हजारों शिकायतें, जानिए कौन सी समस्याओं ने आम उपभोक्ताओं को परेशान किया

22 सितंबर 2025 से भारत में GST 2.0 सुधार लागू हो गए हैं। इसके प्रभाव को लेकर सोमवार, 29 अक्टूबर को उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने बताया कि नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) को GST 2.0 लागू होने के बाद अब तक लगभग 3,000 शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों को सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) को कार्रवाई के लिए भेजा जा रहा है। उपभोक्ताओं द्वारा बताई गई समस्याओं में मुख्य रूप से यह शिकायतें हैं कि दुकानदार GST रेट कट का लाभ सही तरीके से ग्राहकों तक नहीं पहुँचा रहे हैं।

मंत्रालय कर रहा है स्थिति की निगरानी

निधि खरे ने यह भी बताया कि उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय सभी मामलों पर कड़ी निगरानी रख रहा है। मंत्रालय यह सुनिश्चित कर रहा है कि GST रेट कट के लाभ का सही लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँच सके। उन्होंने बताया कि कई दुकानदार जानबूझकर गलत जानकारी फैला रहे हैं ताकि ग्राहकों को रेट कट का लाभ न मिल सके। ऐसे मामलों में मंत्रालय ने विशेष सतर्कता बढ़ा दी है और शिकायतों की जांच के लिए तकनीक का उपयोग कर रहा है।

GST 2.0 लागू होने के बाद NCH पर आई हजारों शिकायतें, जानिए कौन सी समस्याओं ने आम उपभोक्ताओं को परेशान किया

AI और चैटबॉट्स के माध्यम से शिकायतों का मूल्यांकन

मंत्रालय ने AI और चैटबॉट्स का इस्तेमाल करना शुरू किया है ताकि GST 2.0 से जुड़ी शिकायतों का त्वरित और सटीक मूल्यांकन किया जा सके। निधि खरे ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि कई रिटेलर्स GST रेट कट का लाभ ग्राहकों को नहीं दे रहे हैं, जिससे उपभोक्ता ठगे जा रहे हैं। मंत्रालय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर शिकायत का समय पर समाधान हो और जनता को सीधे लाभ मिले।

GST सुधारों का सार और लाभ

22 सितंबर से लागू हुए GST सुधारों ने भारत के अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव किए हैं। इन सुधारों के तहत टैक्स स्लैब को केवल दो कर दिया गया है – 5% और 18%, जिससे प्रणाली सरल हो गई है। इसके अलावा, पहले 12% टैक्स स्लैब में आने वाले कई आवश्यक वस्तुओं को 5% में लाया गया है, जैसे शैम्पू, साबुन, टूथपेस्ट, बेबी प्रोडक्ट्स और डेयरी उत्पाद। इन वस्तुओं की कीमतें घट गई हैं। वहीं तंबाकू, सिगरेट और अन्य हानिकारक वस्तुओं पर 40% टैक्स लगाया गया है। जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर लागू 18% GST को भी हटा दिया गया है। इन सुधारों का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को राहत देना और कर प्रणाली को सरल बनाना है।

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Atlanta Electricals IPO शुरू, पहले दिन मिला 0.80 गुना सब्सक्रिप्शन, निवेशकों में उत्साह बढ़ा ₹687.34 करोड़ के लिए

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Atlanta Electricals IPO शुरू, पहले दिन मिला 0.80 गुना सब्सक्रिप्शन, निवेशकों में उत्साह बढ़ा ₹687.34 करोड़ के लिए

ट्रांसफॉर्मर निर्माता Atlanta Electricals का IPO अब स्टॉक मार्केट में प्रवेश कर चुका है। यह बुक-बिल्ट इश्यू 24 सितंबर तक खुला रहेगा। IPO के पहले दिन ही इसका शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। पहले दिन इस पर 0.80 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। कुल IPO का आकार ₹687.34 करोड़ है, और निवेशकों में इस पर अच्छी दिलचस्पी देखने को मिली। IPO में QIB (Qualified Institutional Buyers), NII (Non-Institutional Investors) और रिटेल निवेशकों ने भाग लिया, जिससे इसकी शुरुआत मजबूत रही।

पहले दिन की बोली और सब्सक्रिप्शन

पहले दिन सबसे अधिक बोली QIB कैटेगरी में लगी। रिटेल और NII कैटेगरी में भी अच्छा रिस्पॉन्स देखने को मिला। रिटेल निवेशकों ने 0.75 गुना, QIB ने 1.00 गुना, और NII ने 0.67 गुना सब्सक्रिप्शन किया। Atlanta Electricals IPO में 0.53 करोड़ नई शेयरों की पेशकश (₹400 करोड़) और 0.38 करोड़ शेयर OFS (Offer for Sale) विंडो के तहत बेचे जा रहे हैं, जिसकी कीमत ₹287.34 करोड़ है। शेयरों का अलॉटमेंट 25 सितंबर को किया जाएगा और BSE एवं NSE पर सूचीबद्ध होने की संभावना अगले सप्ताह, 29 सितंबर को है।

Atlanta Electricals IPO शुरू, पहले दिन मिला 0.80 गुना सब्सक्रिप्शन, निवेशकों में उत्साह बढ़ा ₹687.34 करोड़ के लिए

Atlanta Electricals IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP)

IPO के शेयरों का ग्रे मार्केट में भी अच्छा कारोबार हो रहा है। InvestorGain के अनुसार, 22 सितंबर को दोपहर 12:33 बजे Atlanta Electricals के IPO का GMP ₹125 था। इसके आधार पर अनुमानित लिस्टिंग प्राइस ₹879 हो सकती है, जिससे निवेशकों को प्रति शेयर लगभग 16.58% का लाभ होने की संभावना है। हालांकि, 21 अगस्त को इसका GMP ₹142 था, जो दिखाता है कि एक दिन में इसके ग्रे मार्केट प्रीमियम में काफी कमी आई है। IPO की कीमत बैंड ₹718 से ₹754 प्रति शेयर तय की गई है।

कंपनी का परिचय और उत्पादन क्षमता

Atlanta Electricals कंपनी की स्थापना 1983 में हुई थी और इसका मुख्यालय आनंद, गुजरात में स्थित है। कंपनी 30 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ पावर, ऑटो, फर्नेस और इन्वर्टर-ड्यूटी ट्रांसफॉर्मर का उत्पादन करती है। इसके पास आनंद और बेंगलुरु में तीन उत्पादन इकाइयाँ हैं और वडोदरा में एक और सुविधा निर्माणाधीन है। अब तक, Atlanta Electricals ने लगभग 4,000 ट्रांसफॉर्मर 19 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों में आपूर्ति किए हैं, जिनकी कुल क्षमता 78,000 MVA है। यह अनुभव और व्यापक वितरण नेटवर्क निवेशकों के लिए भरोसेमंद निवेश विकल्प प्रस्तुत करता है।

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Gift Nifty खुला कमजोरी के साथ! GST काउंसिल की बैठक से जुड़े अपडेट से स्टॉक मार्केट में हो सकता बड़ा बदलाव

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Gift Nifty खुला कमजोरी के साथ! GST काउंसिल की बैठक से जुड़े अपडेट से स्टॉक मार्केट में हो सकता बड़ा बदलाव

आज सुबह 7:30 बजे के आसपास, गिफ्ट निफ्टी 26.50 अंक यानी 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,639.50 पर कारोबार कर रहा था। इस गिरावट की वजह से शेयर बाजार की शुरुआत कमजोर रहने की संभावना है। निवेशकों की नजर आज से शुरू हो रहे 56वें जीएसटी काउंसिल की बैठक पर होगी। जीएसटी काउंसिल से जुड़ी कोई भी खबर सीधे तौर पर शेयर बाजार पर असर डाल सकती है, इसलिए निवेशक इसे बड़ी उत्सुकता के साथ देख रहे हैं।

जीएसटी स्लैब में बदलाव और शेयर बाजार पर प्रभाव

विशेषज्ञों के अनुसार, जीएसटी काउंसिल स्लैब में बदलाव कर सकती है। इसके तहत 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। इससे 12 प्रतिशत वाले अधिकांश उत्पाद और सेवाएँ 5 प्रतिशत स्लैब में आ सकती हैं और 28 प्रतिशत वाले उत्पाद और सेवाएँ 18 प्रतिशत स्लैब में शामिल हो सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो इसका सकारात्मक असर शेयर बाजार पर पड़ेगा और लिस्टेड कंपनियों के शेयरों की कीमतों में मजबूती आएगी।

Gift Nifty खुला कमजोरी के साथ! GST काउंसिल की बैठक से जुड़े अपडेट से स्टॉक मार्केट में हो सकता बड़ा बदलाव

जीएसटी बदलाव से उत्पादों की कीमतों में गिरावट और मांग बढ़ेगी

विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी स्लैब में बदलाव होने पर कई चीजें सस्ती हो जाएंगी। इसमें कार, बाइक, एसी, फ्रिज जैसी वस्तुएँ शामिल हैं, साथ ही घी, पनीर और मिल्क पाउडर जैसी रोजमर्रा की चीजें भी सस्ती होंगी। कीमतें कम होने से मांग बढ़ेगी, जिससे कंपनियों की बिक्री और मुनाफा बढ़ेगा। परिणामस्वरूप, निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है।

वैश्विक बाजार की धीमी चाल और तकनीकी स्थिति

एशियाई बाजारों में भी मंदी रही। जापान का निक्की 46.7 अंक गिरकर 42,263.80 पर बंद हुआ। चीन का SSE कंपोजिट इंडेक्स 20 अंक गिरकर 3,838.08 पर रहा। हांगकांग का हांग सेंग इंडेक्स 21.5 अंक बढ़कर 25,518.07 पर और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 10 अंक बढ़कर 3,182.30 पर बंद हुआ। वहीं, अमेरिकी शेयर बाजार में भी गिरावट देखी गई। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 249.07 अंक यानी 0.55% गिरकर 45,295.81 पर बंद हुआ। S&P 500 में 0.69% और NASDAQ कंपोजिट में 0.82% की गिरावट दर्ज की गई। तकनीकी चार्ट के अनुसार निफ्टी का ट्रेंड कमजोर रहने की संभावना है, समर्थन 24,500 पर और ऊपर की ओर 24,700 तथा 24,850 अंक पर रुकावटें मौजूद हैं।

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