खेल
Ranji Trophy: विराट कोहली के साथ डेब्यू का सपना टूटा, आयुष दोसिजा ने रणजी ट्रॉफी में डबल सेंचुरी से दर्द कम किया
Ranji Trophy: हर युवा क्रिकेटर का सपना होता है कि वह भारतीय टीम के महान बल्लेबाज विराट कोहली के साथ खेल सके। 23 वर्षीय लेफ्ट हैंडेड बल्लेबाज अयुष डोसेजा को भी यह मौका मिलने वाला था, लेकिन मैच से एक दिन पहले चोट के कारण उनका डेब्यू रद्द हो गया। इसके बावजूद अयुष ने अपने आत्मविश्वास और मेहनत से हार नहीं मानी और हैदराबाद के खिलाफ रंजी ट्रॉफी में शानदार डबल सेंचुरी बनाई।
रंजी ट्रॉफी में धमाकेदार डेब्यू
रंजी ट्रॉफी के दूसरे दिन दिल्ली ने अपनी पहली पारी 529/4 पर घोषित की। इस स्कोर में अयुष डोसेजा का योगदान अहम रहा। उन्होंने 279 गेंदों में 209 रन बनाए, जिसमें 25 चौके और 5 छक्के शामिल थे। उनके शानदार खेल ने हैदराबाद की टीम को दबाव में रखा और दिल्ली की पारी को मजबूती प्रदान की। अयुष की यह पारी उनके डेब्यू मैच के लिए यादगार साबित हुई।
https://twitter.com/delhi_cricket/status/1978820659854680244
अयुष की प्रतिक्रिया
अयुष डोसेजा ने कहा, “मैं बहुत निराश था कि ऐंकल मोच के कारण विराट कोहली के साथ नहीं खेल सका। यह मेरे लिए बड़ा झटका था।” उन्होंने आगे कहा, “लेकिन किस्मत ने मुझे अलग मौका दिया। डेब्यू मैच में डबल सेंचुरी बनाकर मैंने उस निराशा को दूर किया।” उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय साथी खिलाड़ी सनात संगवान को दिया, जिनके साथ उन्होंने अंडर-23 और अंडर-24 स्तर से काफी क्रिकेट खेली है।
शिक्षा और क्रिकेट में संतुलन
अयुष डोसेजा फिलहाल मेरठ के एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी से MBA कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपनी पढ़ाई पूरी करते हुए क्रिकेट खेलना जारी रखूंगा। यह मेरे लिए प्लान बी नहीं है।” अयुष ने हाल ही में दिल्ली कैपिटल्स के लिए ट्रायल भी दिया था और मुंबई इंडियंस ने अक्टूबर में उन्हें ट्रायल के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने रंजी ट्रॉफी में खेलने के लिए इसे छोड़ दिया। यह उनके क्रिकेट और शिक्षा के संतुलन को दर्शाता है।
कोच का योगदान और भविष्य की राह
अयुष के कोच अजय चौधरी ने बताया कि अयुष अपने पिता के साथ 10 साल की उम्र में मेरे पास आए थे। मैंने उन्हें आक्रामक क्रिकेट खेलना सिखाया और उनके डेब्यू में यही खेल उनके लिए सफल साबित हुआ। अयुष डोसेजा का यह प्रदर्शन न केवल उनके क्रिकेट करियर को नई दिशा देगा बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा। उनके धैर्य, मेहनत और प्रतिभा ने साबित किया कि कठिनाइयों के बावजूद सफलता संभव है।
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AUS vs ENG: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जताई चिंता, दो दिन में समाप्त Melbourne Test के असर पर चर्चा
AUS vs ENG: बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के लिए क्रिकेट फैंस को काफी उत्साह था। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच यह मुकाबला मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में 26 दिसंबर से शुरू हुआ था, और दर्शक उम्मीद कर रहे थे कि पांच दिनों तक रोमांचक टेस्ट क्रिकेट का आनंद लिया जाएगा। लेकिन यह मैच केवल दो दिनों में ही समाप्त हो गया, और इंग्लैंड ने चार विकेट से जीत दर्ज की। मैच का इतनी जल्दी खत्म होना दर्शकों और पूर्व क्रिकेटरों के लिए चौंकाने वाला था। इसके साथ ही, पिच की गुणवत्ता को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं।
टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए खतरा
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ, टॉड ग्रीनबर्ग ने मैच के बाद कहा कि ऐसे मैच टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए अच्छे नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हम भविष्य में बेहतर पिच तैयार कराने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने पर विचार कर रहे हैं। फैंस के लिए ऐसे मैच देखना रोमांचक होता है, लेकिन हम चाहते हैं कि टेस्ट मैच लंबा चले। पहले दिन का खेल देखने के बाद मुझे रात को नींद नहीं आई। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कभी पिच तैयारी में हस्तक्षेप नहीं किया, लेकिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से पिच तैयारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
इस बयान से यह साफ है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अब पिच की गुणवत्ता और टेस्ट मैच की लंबाई को लेकर गंभीर हो गया है। लंबे और संतुलित टेस्ट मैच न केवल खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं बल्कि दर्शकों को भी सही टेस्ट क्रिकेट का अनुभव देते हैं।
भारत में पिच पर अक्सर आलोचना होती है
मेलबर्न टेस्ट के दो दिन में खत्म होने के बाद, पूर्व इंग्लैंड खिलाड़ी केविन पीटरसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि भारत में जब किसी टेस्ट मैच के पहले दिन कई विकेट गिरते हैं, तो पिच की काफी आलोचना होती है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलिया को भी समान आलोचना का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि न्याय सबके लिए समान होना चाहिए।
पूर्व भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने भी पिच की आलोचना की। उन्होंने कहा कि MCG की पिच काफी सामान्य लग रही थी। उन्हें यह विश्वास नहीं हो रहा था कि चार में से दो एशेज टेस्ट केवल दो दिन में खत्म हो गए, और चारों मैच मिलाकर कुल केवल 13 दिनों तक चले। यह दर्शाता है कि पिच की गुणवत्ता और मैच की लंबाई के मुद्दे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब गंभीर रूप से उठ रहे हैं।
सुधार की आवश्यकता और भविष्य की रणनीति
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मैच टेस्ट क्रिकेट के लिए हानिकारक हैं। खेल को संतुलित और प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने के लिए पिच तैयार करने में सुधार की जरूरत है। लंबी टेस्ट मैचों से खिलाड़ियों का कौशल, टीम की रणनीति और फैंस की समझ बेहतर होती है। इसके अलावा, बोर्डों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिचें न केवल चुनौतीपूर्ण हों, बल्कि लंबी अवधि के मैच के लिए टिकाऊ भी हों।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने संकेत दिया है कि वह भविष्य में पिच तैयार करने की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए कदम उठाएगा। यह कदम न केवल ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। फैंस और खिलाड़ियों की उम्मीद है कि आने वाले टेस्ट मैचों में ऐसा न हो और टेस्ट क्रिकेट की प्रतिष्ठा बनाए रखी जाए।
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ICC Academy दुबई में भारत-पाक मुकाबला: टीम इंडिया का टारगेट पीछा करना हुआ मुश्किल
ICC Academy, दुबई में खेले जा रहे अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हैं। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 348 रन का विशाल लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और कप्तान आयुष म्हात्रे का बल्ला इस मैच में बिल्कुल नहीं चला। टीम को पहले ही झटके का सामना करना पड़ा, जब कप्तान महत्रे तीसरे ओवर की दूसरी गेंद पर फरहान युसूफ के हाथों कैच होकर आउट हो गए।
आयुष म्हात्रे और अली राजा के बीच बहस
आउट होने के बाद पाकिस्तानी गेंदबाज अली राजा और आयुष म्हात्रे के बीच बहस हुई। राजा ने विकेट लेने के बाद कप्तान से कुछ कहा, जिससे माहौल गर्मा गया और आयुष भी उनके पास गए। हालांकि, अंपायर ने बीच में आकर मामला शांत करवाया। इस ओवर में आयुष ने ड्राइव खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद हवा में गई और मिड-ऑफ पर फरहान युसूफ ने शानदार कैच पकड़ा। इस विकेट ने भारतीय टीम की चुनौती पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया।
https://twitter.com/i/status/2002675154682597665
टूर्नामेंट में आयुष का प्रदर्शन
अंडर-19 एशिया कप में आयुष म्हात्रे का बल्ला पूरे टूर्नामेंट में ठीक नहीं चला। उन्होंने पांच मैचों में से सिर्फ दो मैचों में डबल डिजिट स्कोर बनाया, जबकि तीन मैचों में उन्हें सिंगल डिजिट स्कोर पर आउट होना पड़ा। उनका सबसे उच्च स्कोर 38 रन रहा, जो लीग स्टेज में पाकिस्तान के खिलाफ आया था। फाइनल में आयुष सिर्फ 2 रन बनाकर 7 गेंदों में आउट हुए। इस प्रदर्शन ने भारत के लिए फाइनल की चुनौती और कठिन कर दी।
पाकिस्तान की जबरदस्त बल्लेबाजी और भारत की गेंदबाजी
पाकिस्तान की पारी में समीर मिन्हास ने शानदार बल्लेबाजी की और 17 चौकों और 9 छक्कों की मदद से 113 गेंदों में 172 रन बनाकर आउट हुए। इसके अलावा अहमद हुसैन ने 72 गेंदों में 56 रन की पारी खेली। पाकिस्तान की टीम ने 50 ओवर बैटिंग के बाद 8 विकेट के नुकसान पर 247 रन बनाए। भारत की ओर से दीपेश देवेंद्रन ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए। ऐसे में भारत को जीत के लिए अपनी पूरी टीम पारी और गेंदबाजी में बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
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