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Raja Raghuvanshi Case: मर्डर केस ने खोला समाज का चेहरा! CM मोहन यादव का सीख भरा बयान, बोले– ‘ऐसे कांड दोबारा न हों’”

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Raja Raghuvanshi Case: मर्डर केस ने खोला समाज का चेहरा! CM मोहन यादव का सीख भरा बयान, बोले– ‘ऐसे कांड दोबारा न हों’”

Raja Raghuvanshi Case: मध्यप्रदेश के इंदौर के रहने वाले राजा रघुवंशी की हत्या की खबर ने पूरे देश को चौंका दिया है। शादी के कुछ दिनों बाद ही वह पत्नी सोनम के साथ मेघालय हनीमून पर गए थे। लेकिन वहीं उनकी हत्या हो गई। पुलिस जांच में सामने आया कि इस हत्या को सोनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अंजाम दिया। इस घटना के बाद पूरे देश में सदमा और गुस्से का माहौल बन गया है।

सीएम मोहन यादव ने जताया दुख और दिया संदेश

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दर्दनाक घटना पर गहरी पीड़ा जताई है। उन्होंने कहा कि एक नवविवाहित जोड़े के साथ ऐसा होना समाज के लिए एक बहुत बड़ा सबक है। उन्होंने कहा कि जब दो परिवार जुड़ते हैं तो रिश्तों को बहुत ध्यान से परखना चाहिए। यह घटना सभी को सोचने पर मजबूर करती है कि रिश्तों की नींव मजबूत होनी चाहिए।

रिश्तों की सतही समझ से उपजते हैं खतरनाक परिणाम

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आगे कहा कि हमें बच्चों के जीवन में लिए जाने वाले निर्णयों को लेकर सतर्क रहना चाहिए। जब कोई रिश्ता तय होता है और शादी के रूप में जुड़ाव होता है तो हर पहलू को गहराई से समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज को इस घटना से सबक लेना होगा ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोबारा न हों।

 Raja Raghuvanshi Case:  मर्डर केस ने खोला समाज का चेहरा! CM मोहन यादव का सीख भरा बयान, बोले– ‘ऐसे कांड दोबारा न हों’”

मुख्य आरोपी सोनम की गिरफ्तारी और ट्रांजिट रिमांड

इस केस की मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी को मेघालय पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर से सरेंडर करने के बाद अपनी हिरासत में लिया है। पुलिस ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पहले पटना फिर गुवाहाटी लाया और अब शिलॉन्ग ले जाया जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने सोनम के अलावा चार और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।

हत्या के पीछे की साजिश और गहराता रहस्य

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे इस केस में नए खुलासे हो रहे हैं। एक नवविवाहित पति की हत्या में पत्नी का ही शामिल होना लोगों को अंदर तक झकझोर रहा है। यह मामला सिर्फ एक मर्डर केस नहीं बल्कि रिश्तों के पीछे छिपे धोखे और छल का भयावह चित्र बन गया है। पुलिस अब इस पूरे केस की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।

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Odisha: बर्तन में फंसा मासूम का सिर, दमकल कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत से बचाई जान

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Odisha: बर्तन में फंसा मासूम का सिर, दमकल कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत से बचाई जान

Odisha के मलकानगिरी जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां तीन साल का एक बच्चा खेलते-खेलते गंभीर मुसीबत में फंस गया। यह घटना कोरुकोंडा गांव की है जहां छोटे तनमय नाम के बच्चे ने खेलते वक्त अपना सिर एक नए स्टील के बर्तन में डाल लिया। सिर अंदर तो चला गया लेकिन बाहर निकालते वक्त बर्तन में फंस गया।

माता-पिता की घबराहट और तत्काल कदम

बच्चा जब रोने लगा तो उसके माता-पिता घबरा गए। उन्होंने खुद से बर्तन निकालने की बहुत कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। घबराए हुए पिता उसे तुरंत कोरुकोंडा फायर स्टेशन लेकर पहुंचे। वहां हालात की गंभीरता को देखते हुए फायर ब्रिगेड टीम ने तुरंत बच्चे को मलकानगिरी मुख्य फायर स्टेशन भेजा ताकि विशेष उपकरणों से राहत कार्य किया जा सके।

Odisha: बर्तन में फंसा मासूम का सिर, दमकल कर्मियों ने दो घंटे की मशक्कत से बचाई जान

फायर ब्रिगेड का रेस्क्यू ऑपरेशन

मलकानगिरी फायर स्टेशन में एक विशेष टीम बनाई गई और ऑपरेशन शुरू किया गया। बर्तन को काटने के लिए विशेष कटर का इस्तेमाल किया गया। पूरे दो घंटे की मेहनत के बाद दमकल कर्मियों ने बेहद सावधानी से बर्तन को काटा और बच्चे का सिर सुरक्षित बाहर निकाला। राहत की बात यह रही कि तनमय को कोई गंभीर चोट नहीं आई और वह पूरी तरह सुरक्षित है।

समय पर मदद ने बचाई जान

इस हादसे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि समय पर उठाया गया कदम और सतर्कता कितनी ज़रूरी होती है। यदि फायर ब्रिगेड की टीम समय पर नहीं पहुंचती या अगर सावधानी नहीं बरती जाती तो यह हादसा बड़ी दुर्घटना में बदल सकता था। गांव वालों ने फायर कर्मियों की तत्परता और सूझबूझ की जमकर तारीफ की।

माता-पिता को दी गई चेतावनी

इस घटना के बाद फायर ब्रिगेड अधिकारियों ने सभी माता-पिता से अपील की है कि वे छोटे बच्चों को घर में मौजूद नए और असामान्य वस्तुओं से खेलने न दें। अक्सर मासूमियत में बच्चे ऐसी चीजें कर बैठते हैं जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। थोड़ी सी सतर्कता बड़े हादसों से बचा सकती है।

 

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Kerala: बारिश ने मचाई तबाही! रातों-रात केरल के कई शहरों में पेड़ उखड़े और बिजली गुल

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Kerala: बारिश ने मचाई तबाही! रातों-रात केरल के कई शहरों में पेड़ उखड़े और बिजली गुल

Kerala में शुक्रवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्तव्यस्त कर दिया है। कई जिलों में जलभराव की स्थिति बन गई है। मौसम विभाग ने राज्य के सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। अलर्ट वाले जिलों में अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम और कोझिकोड शामिल हैं। ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि यहां 11 से 20 सेंटीमीटर तक की बहुत भारी बारिश हो सकती है।

कोझिकोड और कन्नूर में तबाही

कोझिकोड जिले में तेज हवा के साथ भारी बारिश ने रातों-रात कहर बरपा दिया। कई जगह पेड़ गिर गए जिससे बिजली के तार टूट गए और बिजली आपूर्ति ठप हो गई। घरों और गाड़ियों को भी नुकसान हुआ है। कन्नूर जिले से भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। यहां एक दुखद घटना में 78 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई जब एक पेड़ उनके घर पर गिर पड़ा।

बांधों के दरवाजे खोले गए

तेज बारिश के चलते राज्य के बांधों में भी जलस्तर बढ़ गया है। वायनाड स्थित बाणासुरा सागर और पलक्कड़ जिले के अलीयार डैम के गेट खोल दिए गए हैं। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। डैम से पानी छोड़े जाने की वजह से बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।

 मलप्पुरम में भी हालात बिगड़े

मलप्पुरम जिले में भी भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए। सड़कों पर गिरे पेड़ों की वजह से यातायात बाधित हो गया है। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें सड़कों पर पेड़ गिरे हुए देखे जा सकते हैं। लोगों को घरों से बाहर निकलने में भी परेशानी हो रही है।

अगले पांच दिन और मुसीबत

भारतीय मौसम विभाग और केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि यह बारिश 29 जुलाई तक इसी तरह जारी रह सकती है। इसके पीछे महाराष्ट्र से लेकर केरल तट तक बने कम दबाव के क्षेत्र को जिम्मेदार माना जा रहा है। आने वाले दिनों में हवा की रफ्तार 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है जिससे नुकसान की आशंका और बढ़ गई है।

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केंद्रीय विश्वविद्यालयों में खाली पदों पर Rahul Gandhi का हमला! यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि साजिश है

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केंद्रीय विश्वविद्यालयों में खाली पदों पर Rahul Gandhi का हमला! यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि साजिश है

Rahul Gandhi: हाल ही में संसद में पेश किए गए आंकड़ों ने चौंकाने वाला सच सामने लाया है। देश के अधिकतर केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। खासकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित पदों में 60 से 80 प्रतिशत तक की भारी कमी है। यह सिर्फ शिक्षा की गिरती हालत नहीं बल्कि गहरी सामाजिक चिंता का विषय बन चुका है।

राहुल गांधी का तीखा हमला

राहुल गांधी ने इन आंकड़ों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि बहुजनों को शिक्षा और शोध से दूर रखने की एक ‘सोची-समझी साजिश’ है। उनका कहना है कि सरकार की मंशा है कि बहुजन समाज उच्च शिक्षा और नीति निर्माण से बाहर ही रहे ताकि उनकी आवाज कहीं न सुनी जाए।

‘एनएफएस’ के नाम पर हो रहा अन्याय

राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार योग्य उम्मीदवारों को ‘एनएफएस’ यानी ‘नॉट फाउंड स्युटेबल’ कहकर बाहर कर रही है। एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के हजारों योग्य अभ्यर्थियों को अयोग्य बताकर उनके हक छीने जा रहे हैं। उन्होंने इसे ‘संस्थागत मनुवाद’ करार देते हुए कहा कि यह सोच आज भी जीवित है और व्यवस्था में गहराई तक समाई हुई है।

बहुजनों की अनुपस्थिति से शोध में भी पक्षपात

राहुल गांधी ने इस बात पर चिंता जताई कि बहुजनों की शिक्षा और विश्वविद्यालयों में सहभागिता कम होने से उनकी समस्याएं शोध और विमर्श से भी गायब हो रही हैं। जब विश्वविद्यालयों में ही उनके प्रतिनिधि नहीं होंगे तो उनकी जरूरतों और अधिकारों पर कौन बात करेगा। यह समाज के एक बड़े हिस्से को साइलेंट बना देने की प्रक्रिया है।

बहुजनों को मिलना चाहिए उनका अधिकार

राहुल गांधी ने सरकार से मांग की है कि सभी खाली पदों को तुरंत भरा जाए। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी सामाजिक ज़िम्मेदारी है जिसे अब और नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। बहुजनों को उनका हक मिलना चाहिए न कि मनुवादी सोच के तहत बहिष्करण। शिक्षा में समान अवसर देना ही सच्चा लोकतंत्र होगा।

 

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