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PM Surya Ghar: अब घर की छत से बनाएं अपनी बिजली, सरकार की मदद से लगाएं सोलर पैनल

PM Surya Ghar: अगर आप बिजली के बढ़ते बिलों से परेशान हैं और चाहें तो अब अपनी छत पर सोलर पैनल लगाकर खुद की बिजली बना सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना (PM Surya Ghar Yojana) शुरू की है। इस योजना के तहत आपको न सिर्फ आसान ब्याज दर पर लोन मिलेगा, बल्कि सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाएगी। यह योजना आपके घर को ऊर्जा आत्मनिर्भर बना सकती है।
SBI से सिर्फ 6% ब्याज पर मिलेगा सोलर पैनल लोन
इस योजना के अंतर्गत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) 6 प्रतिशत की शुरुआती ब्याज दर पर सोलर पैनल लगाने के लिए लोन उपलब्ध करा रहा है। यदि आप 2 लाख रुपये तक का लोन लेते हैं तो यह मात्र 6% सालाना दर पर मिलेगा। वहीं 2 लाख से 6 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज दर 8.15% होगी। लोन चुकाने की अधिकतम अवधि 120 महीने (10 साल) रखी गई है।
लोन के लिए पात्रता और नियम क्या हैं?
लोन लेने के लिए आपके पास जिस छत पर सोलर यूनिट लगानी है, उसका स्वामित्व होना जरूरी है। इसके साथ ही आप ग्राउंड माउंटेड सिस्टम भी लगा सकते हैं बशर्ते आपके पास ज़मीन के स्वामित्व के कागज़ हों। लोन के लिए एकल आवेदनकर्ता की अधिकतम आयु 65 साल हो सकती है जबकि संयुक्त आवेदकों के लिए यह सीमा 75 साल तक है। ध्यान दें कि को-एप्लिकेंट की उम्र 75 साल से पहले लोन चुकाना ज़रूरी होगा।
मिलेगी 78,000 रुपये तक की सब्सिडी
सरकार की इस योजना के तहत 3 किलोवाट तक के सोलर सिस्टम पर सब्सिडी दी जा रही है। 2 किलोवाट तक की क्षमता पर 60% और 2 से 3 किलोवाट तक की अतिरिक्त क्षमता पर 40% सब्सिडी मिलेगी। मौजूदा दरों के अनुसार, 1 किलोवाट पर ₹30,000, 2 किलोवाट पर ₹60,000 और 3 किलोवाट या उससे अधिक पर ₹78,000 तक की सब्सिडी मिलती है। इससे आपकी शुरुआती लागत काफी कम हो जाती है।
कैसे करें आवेदन? जानिए आसान प्रक्रिया
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको राष्ट्रीय पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। यहां आपको अपने राज्य और बिजली वितरण कंपनी का चयन करना है। पोर्टल पर आपको सिस्टम साइज, लाभ कैलकुलेटर और विक्रेता रेटिंग की जानकारी भी मिलेगी। इसके बाद आप अपनी पसंद का सोलर वेंडर चुन सकते हैं और जनसमर्थ पोर्टल पर जाकर लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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EPFO अपडेट, कर्मचारियों को मिली 8.25% ब्याज की सौगात, जानिए पूरी प्रक्रिया

कर्मचारियों भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 8.25% ब्याज की राशि खातों में ट्रांसफर कर दी है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 97% कर्मचारियों के खातों में यह राशि 8 जुलाई तक भेज दी गई है। यह कदम कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि पिछले साल यह प्रक्रिया अगस्त से दिसंबर तक चली थी।
33.56 करोड़ खातों में से 32.39 करोड़ में हुआ भुगतान
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस साल 13.88 लाख कंपनियों के 33.56 करोड़ खातों को अपडेट किया गया, जिसमें से 13.86 लाख कंपनियों के 32.39 करोड़ खातों में सफलतापूर्वक ब्याज राशि ट्रांसफर कर दी गई है। यह दर्शाता है कि EPFO ने लगभग सभी कर्मचारियों को समय पर उनका लाभ पहुंचा दिया है।
प्रक्रिया में किया गया बड़ा बदलाव, जून में ही पूरी कर दी गई कार्यवाही
इस बार EPFO ने ब्याज अदायगी की प्रक्रिया में तकनीकी बदलाव किए, जिससे यह पूरी प्रक्रिया जून के अंत तक ही पूरी कर दी गई। पहले की तुलना में इस बार की रफ्तार काफी तेज रही। 6 जून 2025 की रात से वार्षिक खातों का अपडेट शुरू किया गया था और एक महीने के भीतर अधिकांश खातों में ब्याज जमा कर दिया गया।
बचे हुए खातों का काम इस सप्ताह तक होगा पूरा
मंत्री ने जानकारी दी कि शेष बचे 0.1% कंपनियों और 3.49% कर्मचारियों के खातों को अपडेट करने का कार्य इस सप्ताह के अंत तक पूरा कर दिया जाएगा। यह भरोसा जताया गया है कि कोई भी कर्मचारी बिना ब्याज के नहीं रहेगा और सभी को समय पर लाभ मिलेगा।
सरकार का दावा: ट्रांसपेरेंसी और टेक्नोलॉजी से बदली प्रक्रिया की दिशा
मनसुख मांडविया ने कहा कि यह EPFO में पारदर्शिता और तकनीकी विकास का नतीजा है कि करोड़ों कर्मचारियों को अब समय से पहले उनका हक मिल रहा है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि आने वाले वर्षों में इस प्रक्रिया को और बेहतर किया जाएगा ताकि हर कर्मचारी को बिना किसी परेशानी के समय पर लाभ मिल सके।
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India-US Trade Deal:क्या 9 जुलाई से फिर महंगे होंगे भारतीय उत्पाद अमेरिका में? जानिए ट्रंप की शर्तें

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौता इन दिनों पूरी दुनिया के व्यापार जगत का केंद्र बना हुआ है। सभी को उम्मीद है कि यह समझौता जल्द ही फाइनल हो जाएगा। हालांकि अब गेंद अमेरिका या यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाले में है। भारत ने अपने रुख को पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह दबाव में आकर कोई समझौता नहीं करेगा। कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भारत ने अपनी सीमाएं तय कर दी हैं।
9 जुलाई की डेडलाइन के आगे बढ़ेगा या रुकेगा मामला
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित कई देशों को 90 दिन की टैरिफ छूट दी थी जो 9 जुलाई को खत्म हो रही है। दोनों देशों ने फरवरी में द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की बातचीत शुरू की थी। इसका पहला चरण सितंबर-अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन उससे पहले एक अंतरिम व्यापार समझौता करने की कोशिश की जा रही है। अगर बातचीत में सफलता नहीं मिली तो अमेरिका की 26 प्रतिशत अतिरिक्त ड्यूटी फिर से लागू हो सकती है।
राष्ट्रीय हित में ही होगा कोई समझौता
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने साफ कहा है कि भारत किसी डेडलाइन के आधार पर समझौता नहीं करेगा। भारत केवल वही समझौता स्वीकार करेगा जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो और देश के हित में हो। पिछले सप्ताह भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका से बातचीत करके लौटा है। फिलहाल स्टील, एल्यूमीनियम (50 प्रतिशत ड्यूटी) और वाहनों (25 प्रतिशत ड्यूटी) पर भी दोनों देशों के बीच मतभेद बने हुए हैं।
कृषि और डेयरी पर भारत का सख्त रुख
भारत ने अमेरिका को कृषि और डेयरी उत्पादों पर ड्यूटी छूट देने से मना कर दिया है। भारत की यह नीति पहले से रही है कि वह डेयरी सेक्टर को किसी भी व्यापार समझौते में नहीं खोलता। अमेरिका चाहता है कि उसे इन सेक्टरों में पहुंच मिले लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि यह दोनों क्षेत्र देश के करोड़ों किसानों और छोटे उत्पादकों से जुड़े हैं इसलिए इन पर समझौता नहीं होगा।
क्या 9 जुलाई से पहले बनेगा रास्ता?
ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार 10-12 देशों को पत्र भेज रही है जिसमें जवाबी ड्यूटी की जानकारी दी जा रही है। पूरा प्रोसेस 9 जुलाई तक पूरा होने की उम्मीद है। अब देखना यह है कि भारत और अमेरिका अंतिम समय में किसी अंतरिम समझौते तक पहुंच पाते हैं या नहीं। फिलहाल उम्मीदें बरकरार हैं लेकिन समय तेजी से निकल रहा है।
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Mutual Funds: क्या भारत बनेगा अगला मैन्युफैक्चरिंग हब? ये फंड बताएगा सच्चाई

Mutual Funds: भारत की अर्थव्यवस्था इस समय दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। इसका असर ये हुआ है कि दुनियाभर की बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियां भारत में निवेश और मैन्युफैक्चरिंग कर रही हैं। इन कंपनियों को भारत में बड़ा बाज़ार मिल रहा है और साथ ही कम लागत पर निर्माण करने का फायदा भी मिल रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण Apple है जो अब भारत में फोन बना रहा है।
अब आम निवेशक भी उठा सकते हैं फायदा
अब सवाल ये उठता है कि क्या आम लोग भी इस ग्रोथ का फायदा उठा सकते हैं? इसका जवाब है हां। Nippon India Mutual Fund ने हाल ही में एक नया फंड लॉन्च किया है जिसका नाम है Nippon India MNC Fund। इस फंड में निवेश कर के आम निवेशक भी उन बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों में पैसा लगा सकते हैं जो भारत की ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा हैं। इसका New Fund Offer (NFO) 16 जुलाई तक खुला है।
किन कंपनियों में होगा निवेश
इस फंड के जरिए उन कंपनियों में निवेश किया जाएगा जो भारत में रजिस्टर्ड हैं लेकिन काम दुनिया के कई देशों में कर रही हैं। उदाहरण के तौर पर Hindustan Unilever, Colgate-Palmolive, Nestle, Siemens, Bosch और Abbott India जैसी कंपनियां शामिल हैं। इनका नेटवर्क ग्लोबल है और ये कंपनियां भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का भी भरपूर फायदा उठा रही हैं।
डबल फायदा देगा ये फंड
इस फंड की खास बात ये है कि इसमें निवेश करने से निवेशकों को डबल फायदा मिलेगा। एक तो ये कि फंड उन ग्लोबल ब्रांड्स में निवेश करता है जो भारत में मजबूती से काम कर रहे हैं। दूसरा ये कि ये फंड उन भारतीय कंपनियों में भी निवेश करता है जो इंटरनेशनल मार्केट में अपनी पकड़ बना रही हैं। यानी भारत की ग्रोथ और दुनिया के अनुभव दोनों का फायदा।
किसे करना चाहिए निवेश
अगर आप ऐसे निवेशक हैं जो लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न चाहते हैं और देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ से जुड़ना चाहते हैं तो ये फंड आपके लिए सही हो सकता है। इसमें IT, फार्मा, ऑटो, कंज्यूमर, मेटल, सीमेंट जैसे सेक्टरों की कंपनियां शामिल होंगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में ये कंपनियां भारत के बढ़ते डिजिटलाइजेशन, बढ़ती आमदनी और सरकार की PLI जैसी योजनाओं का फायदा उठाएंगी।
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