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PM Narendra Modi का भारत में निवेश का आह्वान, फ्रांस यात्रा के दौरान भारतीय-फ्रांसीसी सीईओ फोरम में दिया संदेश

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PM Narendra Modi का भारत में निवेश का आह्वान, फ्रांस यात्रा के दौरान भारतीय-फ्रांसीसी सीईओ फोरम में दिया संदेश

PM Narendra Modi, जो इन दिनों पेरिस में आयोजित AI एक्शन समिट के लिए फ्रांस यात्रा पर हैं, ने मंगलवार को भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में एक महत्वपूर्ण संबोधन दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सही समय है जब निवेशक भारत में निवेश करें, क्योंकि देश 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने के अपने लक्ष्य की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, और ‘मेक इन इंडिया’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार सृजन के प्रयासों की सराहना की।

भारत में निवेश के लिए अनुकूल समय

प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय और फ्रांसीसी व्यवसायियों से भारत में निवेश करने का आह्वान करते हुए कहा कि यह सही समय है, क्योंकि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा, “भारत में पिछले दस वर्षों में बहुत बदलाव आया है। हम अब स्थिर और भविष्यवाणी योग्य नीतियों का एक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित कर चुके हैं, जो व्यापारियों के लिए एक अनुकूल माहौल प्रदान करता है।”

भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ करने की दिशा में काम

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह भारतीय और फ्रांसीसी व्यापारियों के सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्कों का संगम है। उन्होंने बताया कि यह व्यवसायी सिर्फ रिश्ते नहीं बना रहे हैं, बल्कि वे भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय और फ्रांसीसी कंपनियों को एकजुट होकर नवाचार, सहयोग और एकीकरण के मंत्र के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने उद्योगपतियों से किया निवेश का आह्वान

भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों से अपील की कि वे भारत में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करें, जिसमें रक्षा, उन्नत प्रौद्योगिकी, वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक), फार्मास्यूटिकल्स, वस्त्र, कृषि, विमानन, स्वास्थ्य देखभाल, राजमार्ग, अंतरिक्ष और सतत विकास के क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा, “भारत के 1.40 बिलियन लोग 2047 तक #DevelopedIndia बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं।”

भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। वे भारत की स्थिति को वैश्विक मंच पर बढ़ती हुई महाशक्ति के रूप में देख रहे हैं, और भारत को एक पसंदीदा वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने सेमीकंडक्टर और क्वांटम मिशन की शुरुआत की है, और वह ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ को भी बढ़ावा दे रहा है, विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में।

भारत में आर्थ‍िक सुधारों का प्रभाव

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत ने पिछले दशक में महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार किए हैं। उन्होंने कहा, “हमने सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के रास्ते पर चलते हुए एक मजबूत और स्थिर नीतियों का पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया है।” इसके साथ ही, उन्होंने भारत की प्रौद्योगिकी और निर्माण क्षेत्र में प्रगति को भी रेखांकित किया। “आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे,” प्रधानमंत्री ने कहा।

‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के निर्माण क्षेत्र में सुधार की दिशा में कई पहल की चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत की सरकार ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ के विचार के साथ रक्षा क्षेत्र में भी निवेश बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसके साथ ही, भारत की प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को भी रेखांकित किया।

भारत में व्यवसाय करने की अनुकूल स्थिति

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को एक निवेश स्थल के रूप में पेश करते हुए कहा कि अब भारत में निवेश करना एक सुवर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि भारत का विशाल बाजार, स्थिर नीति, और उन्नत प्रौद्योगिकी क्षेत्र, निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। इसके अलावा, भारत में एक मजबूत अवसंरचना, नीति सुधार और कारोबारी माहौल में सुधार ने इसे निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य बना दिया है।

आधिकारिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दी यह जानकारी

प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस यात्रा के दौरान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने भारत-फ्रांस संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए कई विचार-विमर्श किए। इसके साथ ही, उन्होंने पेरिस में आयोजित AI एक्शन समिट में भी हिस्सा लिया, जिसमें वैश्विक AI प्रयासों और तकनीकी विकास पर चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह संदेश भारतीय और फ्रांसीसी उद्योगपतियों के लिए एक मजबूत संकेत है कि भारत अब वैश्विक निवेश के लिए एक प्रमुख स्थल बन चुका है। मोदी का विश्वास है कि भारत अब एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां दुनिया के सबसे बड़े और सबसे विकसित देशों में से एक बनने का सपना जल्द ही साकार होगा।

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Gold Tax: क्या सच में कभी नहीं गिरती सोने की कीमत, जानिए चौंकाने वाली बातें!

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Gold Tax: क्या सच में कभी नहीं गिरती सोने की कीमत, जानिए चौंकाने वाली बातें!

Gold Tax: शादी के मौके पर लोग अलग-अलग तरह के तोहफे देते हैं लेकिन सबसे ज्यादा पसंद सोना दिया जाना है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि सोना हमेशा से सुरक्षित निवेश माना जाता है। जब दुनिया की अर्थव्यवस्था अस्थिर होती है तो लोग सुरक्षित निवेश की तलाश में सोने की तरफ भागते हैं। इसलिए शादी में सोना देना न सिर्फ परंपरा का हिस्सा है बल्कि यह एक समझदारी भरा निवेश भी माना जाता है। इसके अलावा सोने की कीमत में कभी बड़ी गिरावट नहीं देखी जाती जिससे यह तोहफे के रूप में और भी आकर्षक बन जाता है।

सोना गिफ्ट में मिलने पर कितना टैक्स देना होगा

अगर आपको शादी या किसी भी मौके पर सोने का गहना या सामान तोहफे में मिलता है और उसकी कीमत 50,000 रुपये से ज्यादा होती है तो उसे इनकम फ्रॉम अदर सोर्स माना जाता है यानी यह आपकी अन्य आय में जुड़ जाता है और उस पर टैक्स देना पड़ता है। हालांकि अगर यह सोना आपके करीबी रिश्तेदारों से मिला हो जैसे माता-पिता सास-ससुर भाई-बहन जीवनसाथी दादा-दादी या नाना-नानी से तो यह टैक्स फ्री माना जाता है। यानी अपने परिवार से मिला सोना टैक्स के दायरे में नहीं आता लेकिन बाहर से मिला महंगा सोना आपको टैक्स की जद में ला सकता है।

आईसीआरए रिपोर्ट में सामने आए दिलचस्प आंकड़े

आईसीआरए की हालिया रिपोर्ट में बताया गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में सोने के गहनों की मांग (मूल्य के हिसाब से) 12 से 14 प्रतिशत बढ़ सकती है। हालांकि इस समय लोग सोने की खरीदारी की मात्रा में कमी कर रहे हैं। उदाहरण के लिए अगर पहले कोई व्यक्ति 20 ग्राम सोना खरीदता था तो अब उसकी कीमत बढ़ने के कारण वह सिर्फ 10 ग्राम खरीद पा रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि लोग अब सोने के सिक्के और बारी (bars) ज्यादा खरीदने लगे हैं। इस वित्त वर्ष में सिक्के और बारी की खरीदारी में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी जा सकती है जबकि पिछले साल इसमें 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसके बाद सिक्कों और बार्स का कुल सोना बिक्री में हिस्सा 35 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है।

बढ़ती कीमत के बावजूद क्यों है सोने में निवेश का क्रेज

दुनिया की आर्थिक स्थिति में लगातार अनिश्चितता बढ़ रही है जिसके चलते लोग सुरक्षित निवेश के लिए सोने की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। भले ही सोने की कीमतें लगातार ऊंचाई पर हैं लेकिन निवेशक इसे सुरक्षित मानकर इसमें निवेश कर रहे हैं। शादी जैसे अवसरों पर भी लोग नकद या महंगे गिफ्ट देने की बजाय सोना देना बेहतर समझते हैं क्योंकि यह न सिर्फ निवेश के रूप में सुरक्षित रहता है बल्कि इसका भाव भी कभी गिरता नहीं। यही वजह है कि शादी-ब्याह के सीजन में सोने की डिमांड तेजी से बढ़ जाती है और लोग इसका स्टॉक करने में पीछे नहीं रहते।

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BSE Share ने रचा इतिहास, IPO में लगाया पैसा बना करोड़ों की पहली सीढ़ी

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BSE Share ने रचा इतिहास, IPO में लगाया पैसा बना करोड़ों की पहली सीढ़ी

BSE Share: देश का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज BSE लिमिटेड आजकल सुर्खियों में है क्योंकि इसने अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। साल 2017 में जो लोग बीएसई के आईपीओ में एक लाख रुपये लगाए थे उनकी रकम अब बढ़कर 27 लाख रुपये से भी ज्यादा हो गई है। यह कमाल सिर्फ आठ साल में हुआ है। बीएसई ने ना सिर्फ अपने शेयरधारकों को बोनस दिए बल्कि हर साल डिविडेंड भी दिया और शेयर बायबैक भी किया। इन सबका असर ये हुआ कि निवेशकों की पूंजी कई गुना बढ़ गई।

कैसे एक शेयर बना नौ शेयर, दो बार मिला बोनस

BSE लिमिटेड ने साल 2017 में अपना आईपीओ लाया था जिसका इश्यू प्राइस था 806 रुपये। उस समय एक शेयर पर निवेश किया गया पैसा अब नौ शेयरों में बदल चुका है। मार्च 2022 में कंपनी ने हर एक शेयर पर दो बोनस शेयर दिए जिससे एक शेयर तीन बन गया। अब मई 2025 में फिर से दो बोनस शेयर दिए गए जिससे पहले के तीन शेयर अब नौ में बदल गए। यानी जिसने 2017 में एक शेयर लिया था उसके पास अब नौ शेयर हैं।

BSE Share ने रचा इतिहास, IPO में लगाया पैसा बना करोड़ों की पहली सीढ़ी

आईपीओ प्राइस से 27 गुना हुआ मुनाफा

बीएसई के एक शेयर की कीमत फिलहाल 2459 रुपये है। ऐसे में नौ शेयरों की कीमत हो गई है 22,131 रुपये। जब इसे 806 रुपये के आईपीओ प्राइस से तुलना करते हैं तो यह 27.45 गुना का रिटर्न बनता है। यानी एक लाख रुपये की निवेश राशि अब 27 लाख रुपये से भी ज्यादा हो गई है। इतना बड़ा मुनाफा किसी भी निवेशक के लिए सपने जैसा होता है और बीएसई ने यह सच कर दिखाया।

डिविडेंड और शेयर बायबैक से और फायदा

बीएसई ने न सिर्फ बोनस दिए बल्कि अपने शेयरधारकों को हर साल डिविडेंड भी दिया है। 14 मई 2025 को कंपनी ने 23 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड देने की घोषणा की थी। इससे पहले 14 जून 2024 को 15 रुपये का डिविडेंड दिया गया था। इसके अलावा कंपनी ने जुलाई 2019 और सितंबर 2023 में शेयर बायबैक भी किए। इन सब वजहों से निवेशकों को लगातार फायदा मिला है।

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Petrol-Diesel Price: डीजल में 60 पैसे की गिरावट सिर्फ पटना में, बाकी राज्यों में क्यों स्थिरता?

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Petrol-Diesel Price: डीजल में 60 पैसे की गिरावट सिर्फ पटना में, बाकी राज्यों में क्यों स्थिरता?

Petrol-Diesel Price: कोलकाता में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी हुई है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा फ्यूल के बेसिक प्राइस को फिर से एडजस्ट करने के बाद यह बदलाव सामने आया है। अब कोलकाता में पेट्रोल की कीमत ₹105.41 प्रति लीटर हो गई है जबकि डीजल की कीमत ₹92.02 प्रति लीटर पहुंच गई है। एक प्रमुख ऑयल कंपनी के अधिकारी ने बताया कि पेट्रोल की कीमत में 40 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है जबकि डीजल की कीमत में 20 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। हालांकि इसके उलट बिहार की राजधानी पटना में डीजल के दाम में 60 पैसे प्रति लीटर की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं अन्य पूर्वी राज्यों में ईंधन की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।

क्यों होता है ईंधन की कीमतों में बदलाव

ईंधन की कीमतें तय करने का आधार उसका बेसिक प्राइस होता है जिसे ऑयल मार्केटिंग कंपनियां समय-समय पर रिव्यू करती हैं। इसमें ऑपरेशनल खर्च और लॉजिस्टिक्स जैसे कई फैक्टरों को ध्यान में रखते हुए एडजस्टमेंट किया जाता है। इस बेसिक प्राइस में केंद्र और राज्य सरकारों के टैक्स जुड़ने के बाद रिटेल प्राइस बनता है जो आम उपभोक्ता को चुकाना पड़ता है। हाल ही में हुए इस मामूली बदलाव ने सीधे तौर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों को प्रभावित किया है। इन बदलावों का असर चाहे कम हो लेकिन जब हर लीटर पर कुछ पैसे बढ़ते हैं तो उसका असर लाखों लोगों की जेब पर पड़ता है।

Petrol-Diesel Price: डीजल में 60 पैसे की गिरावट सिर्फ पटना में, बाकी राज्यों में क्यों स्थिरता?

पटना में राहत, बाकी राज्यों में स्थिरता

जहां एक तरफ कोलकाता में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हैं वहीं पटना के लोगों को थोड़ी राहत मिली है। वहां डीजल के दाम में 60 पैसे प्रति लीटर की गिरावट आई है। हालांकि पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके अलावा झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के अन्य हिस्सों और असम जैसे पूर्वी राज्यों में कीमतें जस की तस बनी हुई हैं। इससे साफ है कि कंपनियां केवल उन्हीं शहरों में दाम बदल रही हैं जहां लॉजिस्टिक्स या वितरण से जुड़ी लागत में बदलाव हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव स्थिर

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बीते कुछ समय से स्थिर बनी हुई हैं। इसी वजह से भारत में तेल कंपनियों को कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी करने की ज़रूरत नहीं पड़ी। मंगलवार दोपहर को डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल की कीमत $62.05 प्रति बैरल रही जिसमें 0.15 प्रतिशत या $0.11 की मामूली बढ़त देखी गई। वहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत $65.02 प्रति बैरल रही जिसमें 0.09 प्रतिशत या $0.06 की बढ़त हुई। इन स्थिर कीमतों से संकेत मिलता है कि अभी पेट्रोल-डीजल की दरों में बड़ा उछाल आने की संभावना कम है। हालांकि लोकल लेवल पर बेस प्राइस के रीएडजस्टमेंट से छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव होते रहेंगे।

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