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Personal Loan: बिना गारंटी ₹20 लाख तक का लोन, सिर्फ 9% ब्याज पर! बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जबरदस्त पेशकश

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Personal Loan: बिना गारंटी ₹20 लाख तक का लोन, सिर्फ 9% ब्याज पर! बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जबरदस्त पेशकश

Personal Loan: जिंदगी में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब अचानक पैसों की ज़रूरत पड़ती है। ऐसे में पर्सनल लोन एक बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि इसमें किसी भी गिरवी या गारंटी की जरूरत नहीं होती। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए मात्र 9% सालाना ब्याज दर पर पर्सनल लोन देने की घोषणा की है। ये लोन बहुत ही कम दस्तावेजों में मिल जाता है और इसका इस्तेमाल आप किसी भी वैध खर्च के लिए कर सकते हैं।

कौन ले सकता है यह लोन

बैंक की वेबसाइट के अनुसार, अगर आपकी सालाना आय कम से कम ₹3 लाख है तो आप इस लोन के लिए पात्र हैं। बैंक ग्राहक को उसकी मासिक आय के 20 गुना तक लोन देता है, अधिकतम ₹20 लाख तक। इसके लिए कोई गारंटर नहीं चाहिए। आवेदन प्रक्रिया सरल है और प्रोसेसिंग फीस सिर्फ 1% + GST है।

Personal Loan: बिना गारंटी ₹20 लाख तक का लोन, सिर्फ 9% ब्याज पर! बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जबरदस्त पेशकश

कोई छुपे हुए चार्ज नहीं

महाबैंक पर्सनल लोन स्कीम के तहत यह दावा किया गया है कि इस लोन पर कोई हिडन चार्ज नहीं है। साथ ही, प्रीपेमेंट पर भी कोई शुल्क नहीं देना होगा। आप अपने लोन को ऑनलाइन ट्रैक भी कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें, यह 9% ब्याज दर सिर्फ उन्हीं ग्राहकों को मिलेगी जिनका क्रेडिट स्कोर 800 या उससे ऊपर है।

EMI कैसे बनेगी समझिए

अगर आप बैंक ऑफ महाराष्ट्र से ₹9 लाख का लोन 9% ब्याज दर पर 5 साल के लिए लेते हैं, तो आपकी मासिक EMI ₹18,683 बनेगी। यानी 5 साल में आप ₹2,20,951 का ब्याज देंगे और कुल ₹11,20,951 बैंक को लौटाएंगे। ध्यान देने वाली बात ये है कि जितना छोटा लोन का कार्यकाल होगा, उतना ही कम ब्याज देना होगा। हां, EMI थोड़ी ज्यादा जरूर हो सकती है।

ये फायदे भी हैं खास

 

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India-US trade agreement: तारीख नजदीक लेकिन तस्वीर अब भी धुंधली! 77 अरब डॉलर के व्यापार पर संकट

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India-US trade agreement: तारीख नजदीक लेकिन तस्वीर अब भी धुंधली! 77 अरब डॉलर के व्यापार पर संकट

India-US trade agreement: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ किया कि अभी तक डील फाइनल नहीं हुई है जबकि डेडलाइन 1 अगस्त 2025 अब काफी नजदीक आ चुकी है। ट्रंप ने भारत को ‘मित्र’ बताया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि भारत सबसे ज्यादा टैरिफ वसूलने वाला देश है। उन्होंने संकेत दिया कि भारत से आने वाले उत्पादों पर 20% से 25% तक आयात शुल्क लगाया जा सकता है। हालांकि, अमेरिका की ओर से अब तक कोई औपचारिक नोटिस भारत को नहीं भेजा गया है।

 व्यापार समझौते की संभावनाएं और बढ़ती अनिश्चितता

हाल के हफ्तों में ट्रंप प्रशासन बार-बार संकेत देता रहा कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है जिससे यह उम्मीद बनी कि शायद 1 अगस्त से पहले यह डील हो जाएगी। लेकिन अब तक न तो कोई ठोस घोषणा हुई है और न ही कोई लिखित समझौता सामने आया है। इससे दोनों देशों के कारोबारी वर्गों में असमंजस बढ़ गया है। गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में अमेरिका ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 26% तक टैरिफ लगाया था जिसे बाद में अस्थायी रूप से रोक दिया गया था।

अमेरिका की ‘रिसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी’ और भारत पर असर

अमेरिका ने ‘रिसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी’ के तहत यह साफ कर दिया है कि जो देश अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैरिफ लगाते हैं उन्हें भी अमेरिका उसी तरह जवाब देगा। ट्रंप का कहना है कि जब वह राष्ट्रपति बने तो उन्होंने यह तय किया कि भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार अब संतुलन के आधार पर होगा। ट्रंप का यह भी दावा है कि पाकिस्तान के साथ भारत का टकराव उन्होंने ही रोका था इसलिए अब भारत को अमेरिकी हितों की भी परवाह करनी चाहिए।

भारत की प्रतिक्रिया: विश्वास के साथ हो रही बातचीत

भारत सरकार ने ट्रंप के बयानों के जवाब में संतुलित और संयमित प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत अब आत्मविश्वास के साथ समझौते करता है और अमेरिका के साथ हमारी बातचीत सही दिशा में जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हम संतुलित और लाभकारी समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इसके अलावा 14 जुलाई को एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर अच्छी प्रगति हुई है।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों की अहमियत

वर्तमान में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2023–24 में दोनों देशों के बीच कुल 191 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। भारत ने अमेरिका को 77.5 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि अमेरिका से 55.4 अरब डॉलर का आयात किया। इस व्यापारिक संतुलन पर ट्रंप की संरक्षणवादी नीति और संभावित नए टैरिफ से खतरा मंडरा रहा है। अगर व्यापार समझौता समय पर नहीं हुआ तो इसका असर दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों पर पड़ सकता है।

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DA Hike Alert: अक्टूबर में आएगी खुशखबरी? केंद्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है 3% डीए बढ़ोतरी का तोहफा

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DA Hike Alert: अक्टूबर में आएगी खुशखबरी? केंद्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है 3% डीए बढ़ोतरी का तोहफा

DA Hike Alert: देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है। सातवें वेतन आयोग के तहत जल्द ही डीए यानी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की घोषणा हो सकती है। आमतौर पर जुलाई से डीए बढ़ोतरी लागू होती है लेकिन इसकी घोषणा कुछ महीनों बाद होती है। इसी क्रम में उम्मीद की जा रही है कि इस बार अक्टूबर के आसपास सरकार इसकी घोषणा करेगी और त्योहारी सीजन से पहले इसका पैसा कर्मचारियों और पेंशनर्स के खातों में पहुंच जाएगा।

 पिछली बार कितनी हुई थी बढ़ोतरी

मार्च 2025 में सरकार ने डीए में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी जो जनवरी 2025 से लागू मानी गई। इस बढ़ोतरी के बाद डीए 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया। महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों की सैलरी का एक अहम हिस्सा होता है जो महंगाई के असर को कम करने के लिए दिया जाता है। हर छह महीने में डीए की समीक्षा की जाती है और सरकार समय-समय पर इसमें बदलाव करती है।

DA Hike Alert: अक्टूबर में आएगी खुशखबरी? केंद्रीय कर्मचारियों को मिल सकता है 3% डीए बढ़ोतरी का तोहफा

इस बार कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद

इस बार कर्मचारियों और पेंशनर्स को 3 प्रतिशत डीए बढ़ोतरी की उम्मीद है। इसका सीधा मतलब है कि डीए 55 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो सकता है। इस बढ़ोतरी से लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधा फायदा होगा और उनके वेतन में अच्छी खासी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। त्योहारों के समय इस प्रकार की राहत से खर्चों में संतुलन बना रहेगा और आर्थिक बोझ कुछ कम महसूस होगा।

कैसे होती है डीए की गणना

महंगाई भत्ते की गणना लेबर ब्यूरो द्वारा जारी किए जाने वाले कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स यानी CPI-IW पर आधारित होती है। इस इंडेक्स के जरिए यह तय किया जाता है कि रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं के दामों में कितना बदलाव आया है। लेबर ब्यूरो हर महीने यह आंकड़े साझा करता है जिनके आधार पर सरकार डीए की दर में इजाफा करती है।

जल्द आ सकती है आधिकारिक घोषणा

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार डीए बढ़ोतरी की घोषणा जल्दी हो सकती है। सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि त्योहारों से पहले कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत देने की योजना पर काम चल रहा है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चलता है तो अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही डीए बढ़ोतरी का ऐलान हो सकता है और इसका पैसा अक्टूबर की सैलरी के साथ जारी कर दिया जाएगा।

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TCS: टाटा कंपनी में बड़ी छंटनी! भविष्य के लिए तैयारी या बेरोजगारी का संकट?

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TCS: टाटा कंपनी में बड़ी छंटनी! भविष्य के लिए तैयारी या बेरोजगारी का संकट?

देश की जानी-मानी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी TCS ने साल 2025 में दुनिया भर से कुल 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने का ऐलान किया है। यह फैसला मुख्य रूप से मिड और सीनियर लेवल के कर्मचारियों को प्रभावित करेगा। खास बात यह है कि इसी साल अप्रैल से जून की तिमाही में कंपनी ने 5,000 नए कर्मचारियों की भर्ती भी की है जिससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि छंटनी की जरूरत क्यों पड़ी।

 एआई और नई तकनीकें बनीं बदलाव की वजह

TCS ने इस फैसले को अपनी दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा बताया है जिसका उद्देश्य कंपनी को “भविष्य के लिए तैयार” बनाना है। इसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और नई तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है। कंपनी ने बताया कि वह नए वैश्विक बाजारों में कदम रख रही है और कर्मचारियों के ढांचे को पुनर्गठित कर रही है। इस प्रक्रिया में उन कर्मचारियों को हटाया जा रहा है जिन्हें दोबारा कंपनी के किसी प्रोजेक्ट में नहीं लगाया जा सकता।

TCS: टाटा कंपनी में बड़ी छंटनी! भविष्य के लिए तैयारी या बेरोजगारी का संकट?

हटाए गए कर्मचारियों को मिलेगी सहायता

TCS ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन कर्मचारियों को निकाला गया है उन्हें कंपनी की ओर से आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही आउटप्लेसमेंट सपोर्ट, काउंसलिंग और अन्य मदद भी उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे दूसरी नौकरी पा सकें या मानसिक रूप से खुद को संभाल सकें। हालांकि यह तय करना मुश्किल है कि इस सहायता से उन परिवारों को कितना सुकून मिलेगा जिनकी रोजी-रोटी इस नौकरी पर निर्भर थी।

कमजोर पड़ती आईटी सेक्टर की रफ्तार

साल 2025-26 की पहली तिमाही में TCS की कमाई ₹63,437 करोड़ रही जिसमें सालाना केवल 1.3% की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान कंपनी का मुनाफा ₹12,760 करोड़ रहा जो कि 5.9% की बढ़त है। TCS के सीईओ के. कृतिवासन ने कहा है कि मौजूदा समय में डिमांड में गिरावट देखने को मिल रही है और पूरे साल डबल डिजिट ग्रोथ की संभावना कम है।

दूसरी कंपनियां भी कर रही हैं छंटनी

केवल TCS ही नहीं बल्कि माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक कंपनियां भी छंटनी की राह पर हैं। साल 2025 में अब तक माइक्रोसॉफ्ट ने भी 15,000 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाला है। Layoffs.fyi की रिपोर्ट के मुताबिक 2025 में अब तक 169 कंपनियों ने 80,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है। विशेषज्ञ मानते हैं कि एआई का बढ़ता प्रभाव, मंदी की आशंका और लागत में कटौती कंपनियों को इस दिशा में मजबूर कर रही है।

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