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1.65 लाख Startups में सिर्फ 22 हजार को मिला फंड, क्या खत्म हो रहा है भारत का स्टार्टअप सपना?

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1.65 लाख Startups में सिर्फ 22 हजार को मिला फंड, क्या खत्म हो रहा है भारत का स्टार्टअप सपना?

अरिन कैपिटल के चेयरमैन और उद्योगपति मोहनदास पई ने कहा है कि भारत के Startups पीछे इसलिए रह जा रहे हैं क्योंकि उन्हें सही तरीके से फंडिंग नहीं मिल रही है। उन्होंने स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत बनाने के लिए पॉलिसी में बदलाव और आरएंडडी में निवेश बढ़ाने की मांग की है।

तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप हब के बावजूद खतरे में इनोवेशन

मोहनदास पई ने चेतावनी दी है कि भारत भले ही दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन चुका हो लेकिन अगर फंडिंग और नीति से जुड़ी समस्याओं का हल नहीं हुआ तो हम इनोवेशन की दौड़ में पीछे रह सकते हैं। उन्होंने बताया कि देश में 1 लाख 65 हजार स्टार्टअप रजिस्टर्ड हैं जिनमें से 22 हजार को ही फंड मिला है।

चीन और अमेरिका से बहुत पीछे भारत का निवेश

उन्होंने आंकड़ों के जरिए बताया कि चीन ने पिछले दस सालों में स्टार्टअप्स में 835 बिलियन डॉलर का निवेश किया है वहीं अमेरिका ने 2.32 ट्रिलियन डॉलर खर्च किए हैं जबकि भारत सिर्फ 160 बिलियन डॉलर तक ही पहुंच पाया है और उसमें से भी ज्यादातर विदेशी निवेश है।

1.65 लाख Startups में सिर्फ 22 हजार को मिला फंड, क्या खत्म हो रहा है भारत का स्टार्टअप सपना?

भारतीय निवेशक क्यों नहीं कर पा रहे स्टार्टअप में फंडिंग

पई ने बताया कि अमेरिका में बीमा कंपनियां और यूनिवर्सिटी एंडोमेंट्स स्टार्टअप फंडिंग का बड़ा हिस्सा देती हैं लेकिन भारत में सरकारी नीतियों के चलते लोकल फंड्स स्टार्टअप में निवेश नहीं कर सकते। बीमा कंपनियां भी जरूरी सुधारों के अभाव में पीछे हैं।

फंड ऑफ फंड्स और पेंशन फंड को लेकर सुझाव

मोहनदास पई ने सरकार के फंड ऑफ फंड्स प्रोग्राम को 10 हजार करोड़ से बढ़ाकर 50 हजार करोड़ करने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि देश के पेंशन फंड जिनका कुल आकार 40 से 45 लाख करोड़ रुपये है वे सख्त नियमों के चलते स्टार्टअप में निवेश नहीं कर पाते।

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Post Office: बैंक FD छोड़ो! पोस्ट ऑफिस स्कीम से कम रिस्क में ज्यादा रिटर्न पाओ

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Post Office: बैंक FD छोड़ो! पोस्ट ऑफिस स्कीम से कम रिस्क में ज्यादा रिटर्न पाओ

Post Office: आज के समय में लगभग हर व्यक्ति बचत के महत्व को समझ चुका है। यही वजह है कि लोग अपनी ज़रूरतों और भविष्य की योजनाओं को देखते हुए अलग-अलग जगहों पर निवेश कर रहे हैं। परंतु एक सवाल सबके मन में रहता है कि कहां निवेश करें जिससे पैसा सुरक्षित भी रहे और अच्छा रिटर्न भी मिले। कुछ लोगों को शेयर बाजार से डर लगता है तो कुछ बैंक की गिरती ब्याज दरों से परेशान हैं। ऐसे में पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीमें एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरती हैं जो न सिर्फ पैसा सुरक्षित रखती हैं बल्कि स्थिर और आकर्षक ब्याज दर भी देती हैं।

बुजुर्गों के लिए वरदान है सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम

अगर आप रिटायरमेंट के बाद नियमित आय और सुरक्षित निवेश की योजना तलाश रहे हैं तो सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS) आपके लिए परफेक्ट है। इसमें 7.4% तक का ब्याज मिलता है जो कि बैंक FD से कहीं ज्यादा है। इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें टैक्स में भी छूट मिलती है, सेक्शन 80C के तहत। इसमें अधिकतम निवेश सीमा तय होती है और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग ही इसमें निवेश कर सकते हैं। यह योजना खासतौर पर बुजुर्गों के लिए बनाई गई है ताकि वे अपने बुढ़ापे में आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रह सकें।

Post Office: बैंक FD छोड़ो! पोस्ट ऑफिस स्कीम से कम रिस्क में ज्यादा रिटर्न पाओ

 टैक्स बचाने और गारंटीड रिटर्न के लिए NSC है बेहतरीन

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) उन लोगों के लिए शानदार विकल्प है जो जोखिम से बचना चाहते हैं और टैक्स भी बचाना चाहते हैं। इसमें पांच साल की लॉक-इन अवधि होती है और अभी यह योजना करीब 7.7% का ब्याज दे रही है। इसमें भी 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह गारंटीड होता है और यह मार्केट की उथल-पुथल से बिल्कुल सुरक्षित रहता है।

बेटी की पढ़ाई और शादी के लिए Sukanya Yojana सबसे खास

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) विशेष रूप से बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुरू की गई है। यह योजना उन माता-पिता के लिए बहुत ही लाभकारी है जो अपनी बेटी की पढ़ाई और शादी के लिए पहले से फंड बनाना चाहते हैं। इसमें इस समय 8.2% का आकर्षक ब्याज मिल रहा है, जो किसी भी सेविंग स्कीम से ज्यादा है। इसके अलावा इसमें भी टैक्स छूट मिलती है और यह योजना लॉन्ग टर्म निवेश के लिए सबसे सुरक्षित और असरदार साबित होती है।

पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट: बैंक FD से ज्यादा रिटर्न

अगर आप बैंक FD के विकल्प की तलाश में हैं तो पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम एक बेहतर विकल्प है। इसमें 1 से 5 साल तक की मियाद के लिए निवेश किया जा सकता है। एक साल के डिपॉजिट पर 6.9% और 5 साल के डिपॉजिट पर 7.5% ब्याज मिल रहा है। यह स्कीम भी पूरी तरह सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इसमें जोखिम न के बराबर है। जो लोग मध्यम अवधि में सुरक्षित निवेश चाहते हैं, उनके लिए यह योजना बिल्कुल सही है।

 

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E-Passport से अब पहचान चुराना होगा नामुमकिन, जानिए क्या है इस नई चिप की ताकत

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E-Passport से अब पहचान चुराना होगा नामुमकिन, जानिए क्या है इस नई चिप की ताकत

E-Passport: भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पासपोर्ट सेवा 2.0 की शुरुआत कर दी है। इस नई व्यवस्था का मकसद है पासपोर्ट सेवाओं को और अधिक आधुनिक और सुरक्षित बनाना। इस पहल के तहत भारत में अब ई-पासपोर्ट भी जारी किया जा रहा है जो पूरी तरह से डिजिटल और तकनीकी रूप से उन्नत होगा। इससे न सिर्फ पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया आसान होगी बल्कि यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर भी तेज़ और सुरक्षित अनुभव मिलेगा।

क्या है ई-पासपोर्ट?

ई-पासपोर्ट एक ऐसा पासपोर्ट है जिसमें एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होती है। इस चिप में आपकी पहचान संबंधी पूरी जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, पता, फिंगरप्रिंट, आंखों की स्कैनिंग और फोटो जैसी बायोमेट्रिक डिटेल्स सुरक्षित रूप से दर्ज होती हैं। यह पासपोर्ट अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के तय मानकों पर आधारित है। जब आप किसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचते हैं, तो अधिकारी इस चिप को स्कैन करके आपकी पहचान तुरंत सत्यापित कर सकते हैं। इससे पहचान की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है और दस्तावेज़ों की फिजिकल जांच की जरूरत नहीं होती।

E-Passport से अब पहचान चुराना होगा नामुमकिन, जानिए क्या है इस नई चिप की ताकत

आम जनता को क्या होंगे फायदे?

ई-पासपोर्ट से सुरक्षा का स्तर कई गुना बढ़ जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे किसी भी तरह की धोखाधड़ी या पासपोर्ट की नकली कॉपी बनाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। इसके अलावा एयरपोर्ट पर पहचान प्रक्रिया आसान और तेज़ हो जाएगी जिससे यात्रियों को इमिग्रेशन में लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा। समय की बचत तो होगी ही साथ ही विदेश यात्रा करने वाले लोगों का अनुभव भी बेहतर होगा। यह तकनीक भविष्य के डिजिटल भारत की दिशा में बड़ा कदम है।

क्यों जरूरी है यह तकनीक?

आज के दौर में जब साइबर सुरक्षा और पहचान चोरी जैसे खतरे तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में ई-पासपोर्ट जैसे सुरक्षित दस्तावेज़ की जरूरत बहुत जरूरी हो गई है। ई-पासपोर्ट के जरिए डेटा चोरी, फर्जी पहचान और दस्तावेजों की जालसाजी पर लगाम लगाई जा सकती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देश पहले से ही ई-पासपोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं और अब भारत भी इस सूची में शामिल हो गया है। यह ना सिर्फ तकनीकी प्रगति का संकेत है, बल्कि एक सुरक्षित और पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था की ओर कदम भी है।

कैसे बनवाएं ई-पासपोर्ट?

ई-पासपोर्ट के लिए वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी जो अब तक पारंपरिक पासपोर्ट के लिए अपनाई जाती रही है। आपको पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा और संबंधित पासपोर्ट सेवा केंद्र पर बायोमेट्रिक डिटेल्स देनी होंगी। अंतर सिर्फ इतना है कि अब नए पासपोर्ट में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप जोड़ी जाएगी। पहले चरण में इसे कुछ शहरों में लागू किया गया है लेकिन धीरे-धीरे यह पूरे देश में फैलाया जाएगा।

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DBS Bank: 1 अगस्त से हर महीने की जेब ढीली? DBS बैंक ने मासिक बैलेंस न रखने पर लगाया 6% जुर्माना

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DBS Bank: 1 अगस्त से हर महीने की जेब ढीली? DBS बैंक ने मासिक बैलेंस न रखने पर लगाया 6% जुर्माना

अगर आपका सेविंग्स अकाउंट DBS Bank में है तो अब सतर्क हो जाइए क्योंकि बैंक ने अपने नियमों में बड़ा बदलाव किया है। 1 अगस्त 2025 से नए नियम लागू होंगे जिनके तहत अगर आपने अपने खाते में तय औसत मासिक बैलेंस नहीं रखा तो उस पर बैंक 6 प्रतिशत तक की पेनल्टी वसूलेगा। यह पेनल्टी अधिकतम ₹500 तक हो सकती है। बैंक ने यह जानकारी अपने ग्राहकों को एसएमएस के माध्यम से भेजी है।

कैसे होगी पेनल्टी की गणना

मान लीजिए कि आपके खाते में औसत मासिक बैलेंस रखने की सीमा ₹10,000 है और आपने महीने में औसतन ₹8,500 रखा। ऐसे में ₹1,500 की कमी यानी “शॉर्टफॉल” मानी जाएगी। अब इस कमी पर 6 प्रतिशत की दर से पेनल्टी लगेगी यानी ₹90 का जुर्माना भरना होगा। लेकिन यदि कमी बहुत अधिक है तो पेनल्टी ₹500 से ज्यादा नहीं होगी।

DBS Bank: 1 अगस्त से हर महीने की जेब ढीली? DBS बैंक ने मासिक बैलेंस न रखने पर लगाया 6% जुर्माना

किस खाते पर कितना बैलेंस जरूरी

DBS बैंक के अलग-अलग सेविंग्स अकाउंट्स के लिए औसत मासिक बैलेंस की सीमा भी अलग-अलग तय की गई है। SB Others अकाउंट में ₹1,000, Growth One Savings में ₹5,000, Savings Account और Growth Savings में ₹10,000 की जरूरत होगी। वहीं Lakshmi Savings Youth Power Account में ₹100 और TASC Savings Youth Power Account में भी ₹10,000 का औसत बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य है। इन सभी खातों में नियम तोड़ने पर 6 प्रतिशत पेनल्टी लगेगी।

ग्राहकों को क्यों होना चाहिए सतर्क

बैंक द्वारा औसत मासिक बैलेंस की बाध्यता ग्राहक के लिए कभी-कभी मुश्किल भरी साबित हो सकती है। खासतौर से उन लोगों के लिए जो सीमित आय वाले होते हैं या जिनका बैंक अकाउंट सिर्फ ज़रूरत के समय इस्तेमाल होता है। इस स्थिति में ग्राहकों को अपने खर्च और बैलेंस पर नज़र रखनी जरूरी है ताकि उन्हें हर महीने बिना वजह की पेनल्टी न भरनी पड़े।

डिजिटल बैंकिंग के युग में नियमों की जानकारी जरूरी

आज के समय में जब लोग ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग पर ज्यादा निर्भर हैं, ऐसे में बैंक के नियमों और शर्तों को जानना बेहद जरूरी है। कई बार लोग बिना जानकारी के नियम तोड़ बैठते हैं और उन्हें पेनल्टी का सामना करना पड़ता है। DBS बैंक का यह नया नियम स्पष्ट करता है कि ग्राहक को अपने खाते की स्थिति पर हर समय नज़र रखनी होगी ताकि आर्थिक नुकसान से बचा जा सके।

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