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Odisha rail accident: ओडिशा रेलवे मार्ग पर एंबुलेंस से टकराई मालगाड़ी, लोको पायलट की सतर्कता से टला हादसा

Odisha rail accident: ओडिशा के रायगढ़ा-मलकानगिरी-कोरापुट रेलवे मार्ग पर सोमवार को एक बड़ा हादसा टल गया। जानकारी के अनुसार, एक मालगाड़ी ने सिकरपाई और भालूमस्का स्टेशनों के बीच एक एंबुलेंस को टक्कर मार दी। हालांकि, इस हादसे के बावजूद ट्रेन नहीं रुकी और एंबुलेंस को लगभग 100 मीटर तक घसीटते हुए ले गई। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ।
एंबुलेंस में 8 मरीज थे:
बताया जा रहा है कि एंबुलेंस में आठ मरीज सवार थे, जो आंखों के ऑपरेशन के लिए जा रहे थे। एंबुलेंस का चालक और मरीजों के साथ एक आशा कार्यकर्ता भी मौजूद था। इन मरीजों का इलाज एक निजी आंखों के अस्पताल में होना था और वे सभी सिकरपाई पंचायत के विभिन्न गांवों जैसे कनीपाई, कंजाम जोड़ी, झाकुडू, बेटालंग और चक्रकलांग से आए थे।
अचानक एंबुलेंस रेलवे ट्रैक पर फंस गई और इसी दौरान मालगाड़ी ने उसे टक्कर मार दी। हालांकि, एंबुलेंस के चालक और मरीजों ने तत्परता दिखाई और सभी लोग सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे, जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
लोको पायलट की तत्परता से टला बड़ा हादसा:
दुर्घटना के बाद, चालक ने ट्रेन को तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर रोका, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई। यदि ट्रेन समय पर नहीं रुकती तो न केवल एंबुलेंस में सवार लोग बल्कि ट्रेन के यात्री भी गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते थे। यह सब हो सका लोको पायलट की सतर्कता के कारण।
रेलवे की सफाई:
इस घटना पर पूर्वी तटीय रेलवे ने अपनी सफाई दी है। रेलवे ने कहा कि यह बड़ी दुर्घटना लोको पायलट की सतर्कता के कारण टल गई। रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया कि इस स्थान पर 3 नवम्बर 2024 को सुरक्षा उपाय के तहत एक बाड़ लगाई गई थी, लेकिन गांववालों ने अवैध रूप से इस बाड़ को हटा दिया था, जिसके कारण यह हादसा हुआ। रेलवे ने इसे एक अवैध अतिक्रमण की घटना करार दिया है।
रेलवे ने इस गंभीर उल्लंघन पर मामला दर्ज किया है और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात की है।
इस हादसे में बड़ी राहत की बात यह है कि कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ और यह सब रेलवे के अधिकारियों और लोको पायलट की सतर्कता के कारण संभव हो सका। रेलवे प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है। साथ ही, इस घटना ने यह भी साबित किया कि अगर प्रशासन और नागरिक अपनी जिम्मेदारियों का सही से पालन करें तो बड़े हादसों को टाला जा सकता है।
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Maharashtra Politics: संजय राउत ने राहुल गांधी के ‘बी टीम’ बयान का किया समर्थन, कहा- ऐसे लोग गद्दार!

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में आज एक अहम मोड़ देखने को मिला, जब शिवसेना (उद्धव गुट) की ओर से मुंबई में एक महत्वपूर्ण कैंप आयोजित किया गया। इस बैठक में पार्टी संगठन को मजबूत करने और राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों पर विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान शिवसेना नेता संजय राउत ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह बैठक पूरे महाराष्ट्र के शिवसैनिकों को एक नई दिशा देने का काम करेगी।
संजय राउत ने बैठक में शिवसेना के वैचारिक आधार को और मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह शिविर पार्टी को सही विचारधारा के साथ आगे बढ़ाने में मदद करेगा। इसके साथ ही, उन्होंने पार्टी में मौजूद गद्दारों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग पार्टी में रहकर उसकी जड़ों को कमजोर कर रहे हैं, वे ‘नमक हराम’ हैं।
संजय राउत ने राहुल गांधी के बयान का किया समर्थन
इस शिविर के दौरान संजय राउत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हालिया भाषण का समर्थन किया। राहुल गांधी ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि कांग्रेस के अंदर एक ‘बी टीम’ मौजूद है, जो पार्टी के खिलाफ काम कर रही है। इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा कि ऐसी ‘बी टीम’ सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि कई राजनीतिक दलों में मौजूद है।
उन्होंने बिना नाम लिए शिवसेना के बागी गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी के अंदर रहकर जो लोग उसे कमजोर कर रहे हैं, वे गद्दार हैं। राउत का इशारा साफतौर पर एकनाथ शिंदे गुट की ओर था, जिसने शिवसेना से अलग होकर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया था।
शिवसेना को मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा
शिवसेना कैंप में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। पार्टी ने तय किया कि राज्यभर में शिवसैनिकों को एकजुट करने के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस कैंप में यह भी तय किया गया कि आने वाले नगर निगम और विधानसभा चुनावों में शिवसेना (उद्धव गुट) पूरी मजबूती से उतरेगी।
बैठक में पार्टी के भीतर अनुशासन बनाए रखने पर जोर दिया गया और कहा गया कि जो नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
RSS पर संजय राउत का बड़ा हमला
शिवसेना कैंप में संजय राउत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस देश के लिए नहीं, बल्कि विदेशी शक्तियों के लिए काम करता है।
राउत ने पूर्व डीआरडीओ (DRDO) अधिकारी प्रदीप कुरुलकर के जासूसी मामले का जिक्र करते हुए कहा कि वह आरएसएस से जुड़े हुए थे और उन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप लगा है। संजय राउत ने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर आरएसएस वास्तव में देशभक्त संगठन है, तो इसके लोग इस तरह की देशविरोधी गतिविधियों में क्यों शामिल होते हैं?”
उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा लोकतंत्र के खिलाफ है और ये संगठन देश में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में मचा बवाल
संजय राउत के इन बयानों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में जबरदस्त हलचल मच गई है। बीजेपी और शिंदे गुट की ओर से इस बयान की तीखी प्रतिक्रिया आने की संभावना है। वहीं, कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) संजय राउत के इस बयान का समर्थन कर सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान शिवसेना (उद्धव गुट) की रणनीति का हिस्सा है, जिसके जरिए वह अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत संदेश देना चाहते हैं और पार्टी में एक नई ऊर्जा भरना चाहते हैं।
BJP और शिंदे गुट की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि बीजेपी और शिंदे गुट इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। एकनाथ शिंदे पहले भी उद्धव ठाकरे गुट के खिलाफ तीखे बयान दे चुके हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह संजय राउत के इन आरोपों का कैसे जवाब देते हैं।
शिवसेना का यह कैंप महाराष्ट्र की राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। संजय राउत के बयानों से साफ हो गया है कि उद्धव ठाकरे गुट अब पूरी तरह से बीजेपी और शिंदे गुट के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार है।
आरएसएस और बीजेपी पर किए गए हमलों से साफ है कि शिवसेना (उद्धव गुट) अब पूरी तरह से विपक्षी खेमें में खड़ा होना चाहता है और आने वाले चुनावों में वह कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर बीजेपी को चुनौती देने की रणनीति बना रहा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस कैंप से शिवसेना (उद्धव गुट) को मजबूती मिलेगी या फिर बीजेपी और शिंदे गुट इस पर बड़ा पलटवार करेंगे।
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