देश
NH-65 Bidar: शादी के लिए जा रहे परिवार की कार रुकी, मास्कधारी लुटेरों ने लाखों रुपये लूटे
NH-65 Bidar: कर्नाटक के बीदर जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-65) पर एक बड़ी लूट की घटना सामने आई है। एक मास्कधारी गिरोह ने परिवार पर हमला किया और लाखों रुपये की संपत्ति लूट ली। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने गाड़ी का टायर काटकर इस वारदात को अंजाम दिया। घटना के समय पीड़ित परिवार महाराष्ट्र के सांगली से हैदराबाद जा रहा था, जहां वे किसी शादी में शामिल होने वाले थे।
गाड़ी का टायर काटकर लूट की योजना
घटना सस्तापुर गांव के पास हुई। आरोपियों ने पहले सड़क पर लोहे की रॉड फेंककर कार का टायर काट दिया, जिससे वाहन रोकना पड़ा। इसके बाद छह से आठ हमलावरों ने चाकू और लाठी से लैस होकर कार के पास पहुंचे। उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों को धमकाया और गहनों तथा नकदी को लूट लिया।
223 ग्राम सोने और 1.6 लाख नकद लूटे गए
हमलावरों ने 223 ग्राम सोने के गहने और लगभग 1.60 लाख रुपये नकद लूट लिए। लूटे गए सोने की कीमत लगभग 22.3 लाख रुपये बताई जा रही है। कुल मिलाकर इस लूट की संपत्ति लगभग 23.9 लाख रुपये की बताई जा रही है। पीड़ित प्रवीण जरगा ने बताया कि हमलावर हिंदी और मराठी में बात कर रहे थे और उनकी उम्र लगभग 20 से 30 वर्ष के बीच थी। लूट के समय कार में तीन महिलाएँ और दो पुरुष मौजूद थे।
पुलिस की जांच और आरोपी की तलाश
बीदर जिले के बसवकल्याण नगर पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 310 और 311 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस आरोपियों की खोज में जुट गई है और आसपास के क्षेत्रों में जांच कर रही है। पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि अगर किसी ने संदिग्ध व्यक्तियों को देखा है तो तुरंत जानकारी दें। इस घटना ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा कर रहे लोगों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
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Faridabad Terror Network: अल-फलाह टेरर नेटवर्क का बड़ा खुलासा! डॉक्टरों ने खुद जमा किए 26 लाख, ब्लास्ट फंडिंग का राज बेनकाब
Faridabad Terror Network: अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े आतंकियों द्वारा 26 लाख रुपये जुटाने के रहस्य से पर्दा उठ गया है। जांच में सामने आया कि ये पूरा पैसा डॉक्टरों ने खुद ही मिलकर इकट्ठा किया था। डॉ. मुज़म्मिल ने 5 लाख रुपये, डॉ. आदिल अहमद राथर ने 8 लाख रुपये, डॉ. मुफ़र अहमद राथर ने 6 लाख रुपये, डॉ. उमर ने 2 लाख रुपये और डॉ. शाहिना शाहिद ने 5 लाख रुपये नकद दिए। इस तरह कुल 26 लाख रुपये इकट्ठा किए गए और यह पूरा फंड डॉ. उमर को सौंप दिया गया।
किस डॉक्टर की क्या जिम्मेदारी थी?
जांच से पता चला कि डॉ. मुज़म्मिल को अमोनियम नाइट्रेट और यूरिया जैसी सामग्री खरीदने की जिम्मेदारी सौंप़ी गई थी। मुज़म्मिल ने 3 लाख रुपये का NPK फर्टिलाइज़र भी खरीदा, जिसे विस्फोटक पदार्थ बनाने में इस्तेमाल किया जाना था। दूसरी ओर, डॉ. उमर मोहम्मद की भूमिका सबसे अहम थी। उन्हें फर्टिलाइज़र को विस्फोटकों में बदलने, केमिकल जुटाने, रिमोट कंट्रोल और धमाके से जुड़ा पूरा उपकरण तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। ये दोनों डॉक्टर मिलकर पूरे ऑपरेशन की तकनीकी तैयारी संभाल रहे थे।

दो साल चली ब्लास्ट की तैयारी, और क्या था लक्ष्य?
पूछताछ में आतंकवादी मुज़म्मिल ने खुलासा किया कि वह 2023 में दिल्ली समेत कई शहरों में ब्लास्ट करने की योजना बना चुका था। वह पिछले दो वर्षों से लगातार विस्फोटक, रिमोट और उपकरण जुटा रहा था। दोनों आतंकियों ने कश्मीर के अस्पतालों और गेस्ट हाउसों की रेकी भी की थी। जांच एजेंसियों को उनके मोबाइल फोन से हमास ट्रेनिंग और हमास टनल्स से जुड़े कई वीडियो मिले हैं। एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या वह हमास की तरह ही स्थानीय अस्पतालों और गेस्ट हाउसों का इस्तेमाल हथियारों को छिपाने के लिए करने की योजना बना रहे थे।
अल फलाह यूनिवर्सिटी में छात्रों को कैसे किया जा रहा था ब्रेनवॉश?
जैश से जुड़े इन आतंकियों को स्थानीय कश्मीरी छात्रों को कट्टरपंथ की ओर धकेलने का काम सौंपा गया था। सूत्रों के अनुसार, मुज़म्मिल और उमर ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के केवल कश्मीरी छात्रों का एक टेलीग्राम ग्रुप बनाया था, जहां इनके बीच प्रचार सामग्री और कट्टरपंथी विचार फैलाए जाते थे। जांच एजेंसियां अब इस ग्रुप से जुड़े चैट्स, यूनिवर्सिटी कैंपस की लैब्स, अस्पताल क्षेत्र, कश्मीरी छात्रों की जानकारी और सुरक्षा गार्ड्स के रिकॉर्ड की गहन जांच कर रही हैं। इससे पता लगाया जा रहा है कि आखिर इन आतंकियों का नेटवर्क कितना बड़ा था और उनका अंतिम मकसद क्या था।
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IAF Tejas Fighter दुबई में क्रैश, पायलट शहीद, लोगों की जान बचाने की प्रेरक कहानी सामने आई
IAF Tejas Fighter: भारतीय वायुसेना (IAF) का तेजस लड़ाकू विमान शुक्रवार को दुबई एयर शो में हवाई प्रदर्शन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में पायलट की मौत हो गई। आईएएफ ने कहा कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का गठन किया जा रहा है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि पायलट ने विमान को भीड़ से दूर मोड़कर लोगों की जान बचाने की कोशिश की, जिससे हादसे में और नुकसान नहीं हुआ।
हादसे के समय की घटनाएं
इस हादसे के बारे में आईएएफ ने कहा कि पायलट ने प्रदर्शन के दौरान एक पॉजिटिव-हाई g टर्न लिया, फिर कुछ ऊंचाई पाने के लिए विंग-ओवर में रोल किया। इसके बाद नेगेटिव g पुशओवर के दौरान विमान में कुछ तकनीकी खराबी आ गई। पायलट ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और विमान को लेवल करने की कोशिश की, ताकि भीड़ को नुकसान न पहुंचे। इसी प्रयास के दौरान विमान जमीन पर फ्लैट एटीट्यूड में गिर गया।
VIDEO | Dubai: A Tejas fighter jet taking part in the Dubai Air Show nosedived during an aerial display and crashed this afternoon. The HAL-manufactured aircraft went down around 02:10 pm local time while performing manoeuvres in front of a large audience. An official statement… pic.twitter.com/9MfLJgYeen
— Press Trust of India (@PTI_News) November 21, 2025
हादसे के दृश्य और मीडिया कवरेज
टीवी न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हादसे के दृश्य साझा किए गए, जिसमें विमान को ऊंचाई से गिरते हुए और फिर आग के गोले में बदलते देखा जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, यह दुर्घटना स्थानीय समयानुसार दोपहर में एयर शो के दौरान हुई। इस दौरान कई दर्शक दुर्घटना की गवाह बने और घटना ने हवाई प्रदर्शन को लेकर उत्सुकता और चिंता दोनों बढ़ा दी।
‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ और आगे की कार्रवाई
आईएएफ ने इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि हादसे में हुए जानमाल के नुकसान पर उन्हें बहुत दुख है। उन्होंने कहा कि शोक संतप्त परिवार के साथ वायुसेना पूरी तरह खड़ी है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का गठन किया गया है। फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर के विश्लेषण से ही वास्तविक कारणों का पता चलेगा। अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी और सुरक्षा मानकों को और सख्त किया जाएगा।
देश
Afghanistan के उद्योग मंत्री का दिल्ली आगमन, भारत के साथ व्यापार सहयोग को लेकर बड़ी चर्चाएँ और योजनाएँ
Afghanistan में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद भारत और अफगानिस्तान के बीच कूटनीतिक संबंधों में हाल के समय में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहे हैं। हालांकि भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है, फिर भी दोनों देश विश्वास बहाल करने और अपने द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम देने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में अफगानिस्तान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री नूरुद्दीन आज़ीजी पांच दिन की यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत के साथ व्यापारिक सहयोग को और मजबूत करना है।
दोनों देशों के हित
विशेषज्ञों का मानना है कि अफगान उद्योग और वाणिज्य मंत्री का भारत दौरा सिर्फ़ औपचारिक बैठक नहीं है, बल्कि बदलते भू-राजनीतिक संतुलन का एक हिस्सा है। यह दौरा न केवल अफगानिस्तान के लिए फायदेमंद होगा बल्कि भारत के हित में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन को दुनिया के किसी भी देश ने अभी तक औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन भारत आर्थिक क्षेत्र में इसके साथ सहयोग कर रहा है। वहीं तालिबान सरकार भी पाकिस्तान के साथ हाल ही में बिगड़े संबंधों के बाद भारत के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करना चाहती है। ऐसे में इस दौरे से दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और समझ बढ़ाने में मदद मिलेगी।
A warm welcome to Afghan Industry and Commerce Minister, Alhaj Nooruddin Azizi, on his official visit to India.
Advancing bilateral trade and investment ties is the key focus of the visit. pic.twitter.com/nE0kQSDqkF
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) November 19, 2025
अफगानिस्तान के महत्वपूर्ण निर्णय
हाल के दिनों में अफगान सरकार ने कई ऐसे निर्णय लिए हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करेंगे। अफगान एयरलाइन अरियाना एयरलाइंस ने काबुल-नई दिल्ली कार्गो मार्ग पर किराए में कटौती की है। यह निर्णय अफगान व्यापारियों के लिए भारत में माल के परिवहन को आसान बनाने के उद्देश्य से लिया गया। भारत और अफगानिस्तान के बीच अधिकांश व्यापार हवाई कार्गो और चाबहार बंदरगाह के माध्यम से होता है। टॉर्खम सीमा के बंद होने के बाद ये दोनों मार्ग और भी महत्वपूर्ण हो गए हैं। इसके माध्यम से न केवल व्यापार को सुगमता मिलेगी, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।
आज़ीजी के दौरे में चर्चा के मुख्य मुद्दे
नूरुद्दीन आज़ीजी के दौरे के दौरान दोनों देश न केवल व्यापार बढ़ाने पर चर्चा करेंगे, बल्कि निवेश के अवसरों और चाबहार मार्ग के बेहतर उपयोग पर भी विचार करेंगे। यह उच्च स्तरीय संवाद भारत की व्यावहारिक रणनीति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इसके जरिए भारत अफगानिस्तान में अपने बड़े निवेशों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ पाकिस्तान और चीन के प्रभाव को संतुलित करने की दिशा में भी काम कर रहा है। यही कारण है कि भारत ने तालिबान को राजनीतिक रूप से मान्यता नहीं दी है, फिर भी वह सीधे तालिबान सरकार के साथ संबंध स्थापित करके व्यावहारिक सहयोग कर रहा है। इस दौरे के परिणाम आने वाले समय में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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