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नामीबिया से नया सम्मान, PM Modi ने रचा इतिहास, अब तक 27 देशों ने किया सलाम

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नामीबिया से नया सम्मान, PM Modi ने रचा इतिहास, अब तक 27 देशों ने किया सलाम

PM Modi को उनके अफ्रीकी देश नामीबिया के दौरे के दौरान ‘ऑर्डर ऑफ द मोस्ट एंशिएंट वेलविट्सचिया मिराबिलिस‘ से नवाजा गया। यह सम्मान नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। राष्ट्रपति नेतुम्बो नांडी-नडेटवाह ने यह सम्मान उन्हें विंडहोक में आयोजित एक विशेष समारोह में दिया। यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को उनकी वैश्विक नेतृत्व क्षमता और भारत-नामीबिया संबंधों को सशक्त करने के लिए प्रदान किया गया।

अब तक 27 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी को कुल 27 अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। यह नामीबिया का सम्मान उनके 5 देशों की यात्रा के अंतिम पड़ाव पर मिला। इस वर्ष 2025 में ही अब तक उन्हें 7 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि पीएम मोदी की वैश्विक स्वीकार्यता किस हद तक बढ़ चुकी है। यह लगातार पुरस्कार मिलना सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं बल्कि देश की वैश्विक पहचान की भी पुष्टि करता है।

मुस्लिम देशों से भी मिला भरपूर सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित करने वाले देशों में से 8 मुस्लिम देश भी शामिल हैं। इनमें कुवैत, मिस्र, बहरीन, मालदीव, यूएई, फिलिस्तीन, अफगानिस्तान और सऊदी अरब प्रमुख हैं। यह बताता है कि पीएम मोदी की विदेश नीति और उनके नेतृत्व को धार्मिक सीमाओं से ऊपर उठकर सराहा जा रहा है। यह भारत की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की सोच का वैश्विक प्रभाव है।

नामीबिया से नया सम्मान, PM Modi ने रचा इतिहास, अब तक 27 देशों ने किया सलाम

वर्षवार मिले सम्मानों की झलक

2016 में पीएम मोदी को सऊदी अरब और अफगानिस्तान ने सम्मानित किया था। 2018 में फिलिस्तीन ने सम्मान दिया। 2019 में बहरीन, मालदीव और यूएई ने उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाजा। 2023 और 2024 में फ्रांस, मिस्र, ग्रीस, फिजी, कुवैत और रूस जैसे देशों ने भी उन्हें विशेष सम्मान दिया। 2025 की शुरुआत में ही नामीबिया, ब्राजील, श्रीलंका और साइप्रस जैसे देशों ने भी सम्मान देकर भारत के प्रति सम्मान व्यक्त किया।

इतिहास में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय सम्मान पाने वाले पीएम

स्वतंत्र भारत के इतिहास में नरेंद्र मोदी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्हें इतने अधिक अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले हैं। जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह को केवल दो-दो बार सम्मान मिला। वहीं राजीव गांधी को कोई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार नहीं मिला। भाजपा का कहना है कि यह सिर्फ मोदी का नहीं बल्कि भारत की आर्थिक, रणनीतिक और कूटनीतिक शक्ति का भी प्रमाण है।

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Weather Update: देशभर में तेज़ बारिश का कहर! बरसात ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कें बनीं तालाब

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Weather Update: देशभर में तेज़ बारिश का कहर! बरसात ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कें बनीं तालाब

Weather Update: मानसून पूरे देश में ज़ोर पकड़ चुका है। दिल्ली-एनसीआर से लेकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और असम तक बारिश ने लोगों को गर्मी और उमस से राहत दी है। हालांकि, इस राहत के साथ आफत भी आई है। कई इलाकों में जलभराव, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और कई राज्यों में येलो अलर्ट लागू किया गया है। दिल्ली में बुधवार रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने राजधानी को पानी-पानी कर दिया।

फिरोजाबाद में ‘स्मार्ट सिटी’ की खुली पोल

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में कुछ घंटों की बारिश ने स्मार्ट सिटी योजना की सच्चाई उजागर कर दी। हाईवे सर्विस रोड से लेकर सुहागनगर तक सड़कें तालाब बन गईं। लोगों को कमर तक पानी में चलकर घर या ऑफिस जाना पड़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बारिश में नालों की सफाई नहीं होने से यही स्थिति होती है। पानी में फंसी गाड़ियां और बेहाल जनता प्रशासन की लापरवाही की गवाही दे रही है।

Weather Update: देशभर में तेज़ बारिश का कहर! बरसात ने खोली स्मार्ट सिटी की पोल, सड़कें बनीं तालाब

मध्य प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात

मध्य प्रदेश के कई जिलों में हालात चिंताजनक हैं। आलीराजपुर जिले के सायदा गांव में एक व्यक्ति उफनती नदी पार करते समय डूबते-डूबते बचा। नीमच जिले में एक टूटी पुलिया पर बाइक सवार परिवार हादसे का शिकार होते-होते बचा। श्योपुर में चंबल और सीप नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। कई कॉलोनियों में 5-6 फीट पानी भर गया है। SDRF की टीमों ने करीब 175 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

राजस्थान और पहाड़ी राज्यों में बढ़ा खतरा

राजस्थान के बूंदी जिले में मेज नदी के उफान पर आने से किनारे बसे गांवों में पानी भर गया। कई सड़कों पर 3-4 फीट पानी जमा हो गया है। वहीं, उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। पहाड़ी सड़कों पर मलबा गिरने से रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे आवाजाही ठप हो गई है।

नदी-नालों के उफान से डरा पूर्वोत्तर

पूर्वोत्तर भारत के असम और मेघालय में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। नदियों के उफान पर आने से कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। मौसम विभाग ने इन राज्यों के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है।

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NASA-ISRO Mission NISAR: दिन हो या रात हर मौसम मेंज़मीन पर रहेगी निसार की नजर! जानिए कैसे करेगा ये उपग्रह पृथ्वी की निगरानी

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NASA-ISRO Mission NISAR: दिन हो या रात हर मौसम मेंज़मीन पर रहेगी निसार की नजर! जानिए कैसे करेगा ये उपग्रह पृथ्वी की निगरानी

NASA-ISRO Mission NISAR: 30 जुलाई 2025 को एक ऐतिहासिक पल आने वाला है जब भारत के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) उपग्रह को लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयास का परिणाम है और इसका प्रक्षेपण GSLV-F16 रॉकेट के ज़रिए किया जाएगा। यह मिशन न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है बल्कि यह दोनों देशों की अंतरिक्ष साझेदारी को भी मजबूत बनाता है।

क्या है निसार उपग्रह की खासियत?

निसार उपग्रह का कुल वजन 2,392 किलोग्राम है और यह दोहरी आवृत्ति वाली रडार तकनीक पर आधारित है। इसमें एल-बैंड और एस-बैंड रडार सिस्टम लगे हैं जो पृथ्वी की सतह की गहराई से जानकारी प्रदान करेंगे। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दिन और रात किसी भी मौसम में हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरें भेज सकता है। इससे भू-प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तनों पर करीब-करीब वास्तविक समय में नज़र रखी जा सकेगी।

 वैज्ञानिकों की नजरों में क्रांति

वैज्ञानिकों के अनुसार, निसार मिशन न केवल भारत और अमेरिका के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए वरदान साबित हो सकता है। यह उपग्रह भूकंप, सुनामी, बाढ़, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के संकेत पहले से ही उपलब्ध कराएगा जिससे राहत और बचाव कार्य समय पर शुरू किया जा सकेगा। इसके अलावा यह कृषि, वन संरक्षण और जल स्रोतों की निगरानी में भी अहम भूमिका निभाएगा।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग का अद्भुत उदाहरण

निसार उपग्रह नासा और इसरो के दस साल पुराने वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग का प्रमाण है। नासा ने इस मिशन के लिए एल-बैंड रडार प्रदान किया है जो पेड़ों और वनस्पतियों के नीचे तक की जानकारी दे सकता है। वहीं इसरो ने एस-बैंड रडार विकसित किया है जो ज़मीन की ऊपरी सतह में होने वाले परिवर्तनों को पकड़ने में सक्षम है। इन दोनों तकनीकों के मेल से यह मिशन अनोखा बन गया है।

भविष्य की निगरानी प्रणाली

निसार मिशन से प्राप्त डेटा दुनियाभर के पर्यावरणविदों, वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं के लिए अमूल्य होगा। इससे ग्लोबल वॉर्मिंग, बर्फबारी की दर, समुद्री स्तर और जंगलों में हो रहे परिवर्तनों को ट्रैक किया जा सकेगा। यह उपग्रह भविष्य की निगरानी प्रणाली का हिस्सा बनकर जलवायु संकट से निपटने में बड़ी भूमिका निभाएगा। भारत के लिए यह मिशन गर्व की बात है कि वह इस वैश्विक अभियान का नेतृत्व कर रहा है।

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Priyanka Gandhi का तीखा सवाल: 22 अप्रैल का पहलगाम हमला क्यों हुआ, क्या जानबूझकर नजरअंदाज हुई थी चेतावनी?

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Priyanka Gandhi का तीखा सवाल: 22 अप्रैल का पहलगाम हमला क्यों हुआ, क्या जानबूझकर नजरअंदाज हुई थी चेतावनी?

कांग्रेस सांसद Priyanka Gandhi ने लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने 26 निर्दोष लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए की और कहा, “मैं उन सभी जवानों को सलाम करती हूं जो हमारे देश की रक्षा रेगिस्तान, घने जंगल और बर्फीले पहाड़ों में कर रहे हैं। वे हर पल देश के लिए अपनी जान देने को तैयार रहते हैं। 1948 से लेकर आज तक हमारे सैनिकों ने देश की अखंडता की रक्षा में अहम भूमिका निभाई है।”

22 अप्रैल के हमले पर सरकार से सवाल

प्रियंका गांधी ने कहा कि जब 22 अप्रैल 2025 को 26 देशवासियों की खुलेआम हत्या की गई, तो यह हमला कैसे और क्यों हुआ – इसका जवाब किसी ने नहीं दिया। उन्होंने रक्षा मंत्री की एक घंटे की लंबी स्पीच पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने कई विषयों पर बात की, लेकिन इस हमले का ज़िक्र तक नहीं किया। उन्होंने सरकार से पूछा, “देश के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? क्या यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री और एनएसए की नहीं है?”

इतिहास नहीं, वर्तमान पर बात करें: प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि जब सरकार दावा कर रही थी कि कश्मीर में आतंकवाद कम हुआ है, तब यह हमला कैसे हुआ? उन्होंने कहा, “आप इतिहास की बातें करते हैं, हम वर्तमान की बात करेंगे। जब यह सवाल उठा कि आतंकियों को पनाह क्यों दी गई, तो गृहमंत्री इतिहास में चले गए। वे नेहरू जी, इंदिरा जी और मेरी मां के आंसुओं तक पहुंच गए, लेकिन इस बात का जवाब नहीं दिया कि सीजफायर क्यों हुआ और युद्ध क्यों रोका गया?” उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमारे देश में घुसकर लोगों को मार रहे हैं और आप उन्हें पनाह दे रहे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय लेना ही काफी नहीं

प्रियंका गांधी ने कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो पूरा देश एकजुट था। प्रधानमंत्री ने इसका सारा श्रेय खुद ले लिया, लेकिन सिर्फ श्रेय लेने से जिम्मेदारी पूरी नहीं होती। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि एक युद्ध को बीच में रोक दिया गया और इसकी घोषणा न तो भारतीय सेना ने की, न ही भारत सरकार ने, बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने की। उन्होंने कहा, “इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांटकर दिखाया था, और आज आप अमेरिकी बयान के भरोसे युद्ध रोक रहे हैं।”

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