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Neeraj Chopra ने 90 मीटर पार किया, इंटरव्यू में बताया कौन सा भारतीय क्रिकेटर बन सकता भाला फेंक खिलाड़ी

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Neeraj Chopra ने 90 मीटर पार किया, इंटरव्यू में बताया कौन सा भारतीय क्रिकेटर बन सकता भाला फेंक खिलाड़ी

Neeraj Chopra इस सीजन ज़बरदस्त फॉर्म में हैं। दोहा और पेरिस डायमंड लीग में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। खास बात यह रही कि उन्होंने पहली बार इस सीजन में 90 मीटर से लंबा भाला फेंका है। उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें दुनिया की नंबर 1 रैंकिंग पर पहुंचा दिया है। उन्होंने पाकिस्तान के अर्शद नदीम और ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स जैसे धुरंधरों को पछाड़ दिया है। विश्व एथलेटिक्स की हालिया रैंकिंग में नीरज के नाम 1445 अंक हैं। वहीं पीटर्स अब 1431 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर खिसक चुके हैं।

बुमराह को बताया भाला फेंकने लायक खिलाड़ी

स्टार स्पोर्ट्स पर नवजोत सिंह सिद्धू ने Neeraj Chopra का इंटरव्यू लिया। इस दौरान उन्होंने एक दिलचस्प सवाल पूछा कि अगर कोई भारतीय क्रिकेटर भाला फेंकता तो सबसे ज्यादा सफल कौन होता। इस पर नीरज ने न तो विराट कोहली का नाम लिया और न ही रोहित शर्मा का। यहां तक कि उन्होंने रविंद्र जडेजा जैसे सुपर फील्डर का भी नाम नहीं लिया। उन्होंने सीधा नाम लिया जसप्रीत बुमराह का। नीरज ने कहा, “मुझे लगता है कि वो एक तेज़ गेंदबाज़ ही हो सकते हैं लेकिन मैं उन्हें भाला फेंकते देखना चाहता हूं जब वो बिल्कुल फिट हों और अपनी फॉर्म में हों।”

भारत-पाक टकराव का असर मैदान पर भी

NC क्लासिक की अगली प्रतियोगिता में पाकिस्तान के अर्शद नदीम और जर्मनी के वेर नहीं खेलेंगे। सूत्रों के अनुसार, भारत-पाक तनाव के चलते अर्शद को आमंत्रित नहीं किया गया है। ऐसे में नीरज के लिए सबसे बड़ा मुकाबला एंडरसन पीटर्स से होगा। पीटर्स ने पिछले साल 17 सितंबर को ब्रसेल्स डायमंड लीग फाइनल जीतकर नीरज से नंबर 1 पोजीशन छीन ली थी। लेकिन इस बार नीरज ने शानदार वापसी की है और फिर से रैंकिंग में टॉप पर आ गए हैं।

नीरज की फॉर्म से बढ़ी भारत की उम्मीदें

नीरज चोपड़ा की मौजूदा फॉर्म देखकर साफ है कि भारत को उनसे आगामी ओलंपिक में एक और गोल्ड की उम्मीद है। उनकी लगातार 90 मीटर से ऊपर की थ्रो यह संकेत देती है कि वो मानसिक और शारीरिक रूप से बिल्कुल तैयार हैं। साथ ही उन्होंने जिस आत्मविश्वास से जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी का नाम लिया, वह भी दिखाता है कि नीरज सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं बल्कि खेलों को समझने वाले इंसान भी हैं। उनकी ये सोच और प्रदर्शन देश को गर्व से भर देता है।

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England VS India: लीड्स की हार के बाद बदलेगी टीम इंडिया? माइकल क्लार्क ने बताया जीत का फार्मूला

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England VS India: लीड्स की हार के बाद बदलेगी टीम इंडिया? माइकल क्लार्क ने बताया जीत का फार्मूला

England VS India: भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला लीड्स में खेला गया जहां टीम इंडिया को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। भारत ने इंग्लैंड को जीत के लिए 371 रनों का लक्ष्य दिया था जिसे मेज़बान टीम ने बड़ी आसानी से हासिल कर लिया। इस हार के बाद भारत की गेंदबाज़ी पर कई सवाल उठने लगे हैं। सोशल मीडिया और क्रिकेट एक्सपर्ट्स की आलोचना के बीच अब टीम में बदलाव की मांग भी उठने लगी है।

माइकल क्लार्क ने क्यों सुझाया कुलदीप को?

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने भी भारतीय टीम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब भारत को कुलदीप यादव को मौका देना चाहिए। Beyond23 पॉडकास्ट में उन्होंने कहा, “भारत को अपने बॉलिंग अटैक को मजबूत करना होगा। मुझे लगता है कि कुलदीप यादव इस समय एक विकेट लेने वाला गेंदबाज़ साबित हो सकते हैं। इंग्लैंड के आक्रामक बल्लेबाज़ों को कुलदीप जैसी मिस्ट्री स्पिन से परेशानी हो सकती है।” क्लार्क ने यह भी कहा कि कुलदीप अगर टॉप फॉर्म में हों तो सीरीज का पासा पलट सकते हैं।

England VS India: लीड्स की हार के बाद बदलेगी टीम इंडिया? माइकल क्लार्क ने बताया जीत का फार्मूला

बल्लेबाज़ों के बजाय गेंदबाज़ों को देना होगा महत्व

माइकल क्लार्क ने भारतीय टीम मैनेजमेंट के टीम चयन के तरीकों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “भारत अक्सर एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ को टीम में शामिल करता है और इसके चलते नंबर वन स्पिनर को बाहर कर देता है। इंग्लैंड में जीतने के लिए 20 विकेट लेने जरूरी हैं, इसलिए टीम को संतुलन के साथ उतरना होगा। जसप्रीत बुमराह अकेले नहीं कर सकते, दूसरे गेंदबाजों को भी मैच जिताने वाली गेंदबाज़ी करनी होगी।”

कुलदीप की टेस्ट वापसी का इंतज़ार

कुलदीप यादव ने अपना आखिरी टेस्ट मैच भारत के लिए अक्टूबर 2024 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। इसके बाद वह चोटिल हो गए और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से भी बाहर रहे। हालांकि फिटनेस हासिल करने के बाद वह फिर से टेस्ट टीम का हिस्सा बने हैं। कुलदीप ने अब तक भारत के लिए 13 टेस्ट मैचों में 56 विकेट लिए हैं और जब भी मौका मिला है, उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी की विविधता से बल्लेबाज़ों को चौंकाया है।

 एजबेस्टन टेस्ट में दिखेगा नया चेहरा?

अब सबकी नजरें 2 जुलाई से एजबेस्टन में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच पर टिकी हैं। टीम इंडिया का दबाव में आना तय है क्योंकि पहले टेस्ट में हार ने उन्हें WTC में भी पीछे कर दिया है। ऐसी स्थिति में क्या कप्तान रोहित शर्मा और कोच द्रविड़ कुलदीप यादव को मौका देंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। अगर कुलदीप को प्लेइंग इलेवन में जगह मिलती है, तो इंग्लैंड की आक्रामक बल्लेबाज़ी को रोकने में मदद मिल सकती है।

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Australia VS West Indies: DRS या धोखा? वेस्टइंडीज कोच का दावा – थर्ड अंपायर से हो रही है नाइंसाफी

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Australia VS West Indies: DRS या धोखा? वेस्टइंडीज कोच का दावा – थर्ड अंपायर से हो रही है नाइंसाफी

Australia VS West Indies: ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच ब्रिजटाउन, बारबाडोस में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में पहले दो दिन अंपायरिंग विवादों में घिर गए। कुल चार ऐसे फैसले सामने आए जिन पर सवाल खड़े हो गए हैं। खासतौर पर थर्ड अंपायर एड्रियन होल्डस्टॉक के निर्णयों ने वेस्टइंडीज टीम को काफी नुकसान पहुंचाया। इन गलत फैसलों की वजह से वेस्टइंडीज पहली पारी में बड़ी बढ़त लेने से चूक गई और टीम के हेड कोच डैरेन सैमी ने खुलेआम नाराज़गी जाहिर की।

ट्रैविस हेड को गलत ‘नॉट आउट’ मिलना बना पहला झटका

पहला विवादास्पद फैसला पहले दिन सामने आया जब ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ ट्रैविस हेड को शमार जोसेफ की गेंद पर विकेटकीपर शाई होप ने कैच किया। अल्ट्रा एज में साफ दिखा कि गेंद बल्ले से लगी थी और कैच भी साफ नजर आ रहा था। फिर भी थर्ड अंपायर ने ‘नॉट आउट’ करार दे दिया। विकेटकीपर शाई होप भले ही थोड़े संशय में थे पर रिप्ले में सब साफ दिख रहा था। इस फैसले ने वेस्टइंडीज के खेमे में खलबली मचा दी।

रॉस्टन चेज़ का उलझा मामला

दूसरे दिन दो बार कप्तान रॉस्टन चेज़ विवादित निर्णयों के शिकार बने। पहले ओवर में जब उनके पैड पर गेंद लगी तो थर्ड अंपायर ने कहा कि गेंद पहले बल्ले से लगी थी और उन्हें ‘नॉट आउट’ दिया गया। लेकिन जब 50वें ओवर में एक और एलबीडब्ल्यू में उन्हें आउट दिया गया, तब चेज़ ने रिव्यू लिया। अल्ट्रा एज में बल्ले से गेंद के संपर्क के संकेत मिले लेकिन अंपायर ने कहा कि बल्ले और गेंद के बीच अंतर है और उन्हें आउट दे दिया गया। कमेंटेटर इयान बिशप ने भी इस फैसले पर नाराज़गी जताई और कहा कि यह फैसला सही नहीं था।

शाई होप का कैच बना तीसरा मोड़

58वें ओवर में जब शाई होप शानदार लय में खेल रहे थे तभी ऑस्ट्रेलिया के एलेक्स कैरी ने उनका कैच लिया। मैदान पर अंपायर ने थर्ड अंपायर से पुष्टि मांगी और उन्होंने होप को आउट करार दिया। लेकिन रिप्ले में दिखा कि जब कैच लिया गया, तब गेंद जमीन को छू रही थी। यह फैसला भी वेस्टइंडीज के पक्ष में नहीं गया। इससे टीम की पहली पारी 190 रन पर सिमट गई जबकि ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 180 रन पर खत्म हुई थी।

डैरेन सैमी का फूटा गुस्सा

वेस्टइंडीज के हेड कोच डैरेन सैमी ने इन फैसलों के बाद नाराज़गी जताते हुए कहा कि आप नहीं चाहेंगे कि अंपायरिंग पर सवाल उठाने की नौबत आए लेकिन जब बार-बार ऐसे फैसले होते हैं तो सोचना पड़ता है। उन्होंने साफ कहा कि इन फैसलों ने मैच के रुख को प्रभावित किया है। दूसरे दिन के खेल के अंत तक ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 4 विकेट पर 92 रन बना लिए थे और 82 रन की बढ़त हासिल कर ली थी।

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India VS England: इंग्लैंड में बल्लों का तूफान! वैभव-आयुष की जोड़ी पहली बार विदेशी धरती पर करेगी तबाही

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India VS England: इंग्लैंड में बल्लों का तूफान! वैभव-आयुष की जोड़ी पहली बार विदेशी धरती पर करेगी तबाही

India VS England: भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम के दो सितारे वैभव सूर्यवंशी और टीम के कप्तान आयुष मात्रे इस समय चर्चा में हैं। अब तक दोनों ने मिलकर जो प्रदर्शन किया है वह यह इशारा करता है कि इंग्लैंड के खिलाफ होने वाला पहला मुकाबला खास हो सकता है। ये दोनों खिलाड़ी 27 जून को इंग्लैंड की जमीन पर पहली बार बतौर ओपनर उतरेंगे। दिलचस्प बात यह है कि इनका यह मुकाबला सिर्फ प्रदर्शन का नहीं बल्कि खुद को दुनिया के सामने साबित करने का भी है।

तीन मैचों में 123 रनों की साझेदारी, इंग्लैंड की चिंता बढ़ी

अब तक वैभव और आयुष ने भारत के लिए तीन अंडर-19 वनडे मैचों में ओपनिंग की है। इन तीनों मैचों में उन्होंने कुल 123 रन जोड़े हैं जो सिर्फ 81 गेंदों में आए हैं। ये आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि ये जोड़ी कितनी खतरनाक है। वैभव सूर्यवंशी ने 5 छक्के और 8 चौके लगाए हैं जबकि आयुष ने 12 चौके लगाए हैं। इनका अटैकिंग अंदाज़ इंग्लैंड के गेंदबाज़ों के लिए खतरे की घंटी है।

India VS England: इंग्लैंड में बल्लों का तूफान! वैभव-आयुष की जोड़ी पहली बार विदेशी धरती पर करेगी तबाही

पहली बार एशिया के बाहर और इंग्लैंड के खिलाफ चुनौती

अब तक जिन तीन मैचों में इस जोड़ी ने साथ खेला है वे सभी UAE में खेले गए थे। ये मुकाबले बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी एशियाई टीमों के खिलाफ थे। अब पहली बार यह जोड़ी एशिया से बाहर और एक नॉन-एशियन टीम के खिलाफ उतरेगी। यह सिर्फ उनके कौशल की परीक्षा नहीं बल्कि मानसिक मजबूती की भी परीक्षा होगी। इंग्लैंड की पिचें और परिस्थितियां बिल्कुल अलग होती हैं और वहां पर खुद को साबित करना हर युवा खिलाड़ी का सपना होता है।

दाएं-बाएं हाथ की जोड़ी से रणनीतिक फायदा

आयुष मात्रे दाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं और वैभव सूर्यवंशी बाएं हाथ के। क्रिकेट में जब दाएं और बाएं हाथ की जोड़ी ओपनिंग करती है तो गेंदबाजों को लाइन और लेंथ में लगातार बदलाव करना पड़ता है। यह रणनीतिक रूप से विपक्षी गेंदबाज़ी क्रम के लिए बहुत बड़ी चुनौती होती है। यही वजह है कि कोचिंग स्टाफ और चयनकर्ता इस जोड़ी से बहुत उम्मीदें लगाए बैठे हैं।

इंग्लैंड में मच सकता है बल्लों का तूफान

जिस अंदाज़ में वैभव सूर्यवंशी और आयुष मात्रे खेलते हैं, उससे यह कहा जा सकता है कि इंग्लैंड में तूफान मच सकता है। अगर ये दोनों अपने आक्रामक तेवर दिखाते हैं तो इंग्लैंड की अंडर-19 टीम के लिए यह सीरीज़ किसी बुरे सपने से कम नहीं होगी। भारतीय अंडर-19 टीम को अगर जीत की ओर बढ़ना है तो इन दो युवा बल्लेबाज़ों को अपनी भूमिका बखूबी निभानी होगी।

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