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Narrow escape for family as fire engulfs flat in Puppalaguda

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Narrow escape for family as fire engulfs flat in Puppalaguda

पुप्पलागुडा में फॉर्च्यून ग्रीन होम्स के बी ब्लॉक के निवासियों को शनिवार की सुबह जल्दी ही अपने फ्लैट खाली करने के लिए अग्निशामकों द्वारा जगाया गया। तीसरी मंजिल पर आग लगने की सूचना मिली, जिसके परिणामस्वरूप G+5 इमारत के गलियारों और ऊपर की मंजिलों पर घना धुआं फैल गया।

माधापुर के सहायक प्रभागीय अग्निशमन अधिकारी (एडीएफओ) गोवर्धन रेड्डी ने कहा कि फ्लैट 310 के निवासी, पांच लोगों का एक परिवार, जिसमें एक 70 वर्षीय महिला और 12 और 14 साल के दो बच्चे शामिल थे, बाहर निकले और 5.25 पर अग्नि नियंत्रण कक्ष को फोन किया। पूर्वाह्न

“गेटेड समुदाय के गोल्डन ओरिओल हिस्से में रिपोर्ट की गई दुर्घटना, रेफ्रिजरेटर में शॉर्ट सर्किट के कारण होने का संदेह है। अधिकारी ने कहा, वट्टिनागुलापल्ली, लैंगर हाउस, माधापुर और पंजागुट्टा से चार दमकल गाड़ियां कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गईं और आग की लपटों को पूरी तरह से बुझाने में लगभग एक घंटे का समय लगा।

पड़ोसी फ्लैटों के निवासियों, उनमें से लगभग 30, को समय पर बाहर निकाल लिया गया। “सोफे, बिस्तर और अन्य फर्नीचर में आग लगने से आसपास की मंजिलों और ऊपर की मंजिलों में घना धुआं फैल गया। निवासियों को समय रहते बाहर निकालना पड़ा, ”अधिकारी ने कहा।

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Iran-Israel war : ईरान में फंसे थे हजारों भारतीय, भारत ने उठाया बड़ा कदम, रातोंरात लौटे 285 नागरिक

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Iran-Israel war : ईरान में फंसे थे हजारों भारतीय, भारत ने उठाया बड़ा कदम, रातोंरात लौटे 285 नागरिक

Iran-Israel war : ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते युद्ध ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। ऐसे तनावपूर्ण माहौल में भारत ने अपनी जनता की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए ‘ऑपरेशन सिंधु’ की शुरुआत की। इस मिशन का मकसद था – ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाना। 18 जून को शुरू हुए इस ऑपरेशन के तहत अब तक कुल 1713 भारतीयों की सफलतापूर्वक वापसी कराई जा चुकी है। हाल ही में 285 भारतीय नागरिकों को विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। यह साहसी कदम भारत सरकार की तत्परता और मानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है।

10 राज्यों के नागरिक लौटे स्वदेश, केंद्रीय मंत्री ने किया स्वागत

रविवार देर रात जैसे ही विशेष विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा, वैसे ही वहां मौजूद राज्य विदेश मंत्री पबित्रा मरगेरीटा ने सभी नागरिकों का गर्मजोशी से स्वागत किया। विमान में बिहार, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र सहित 10 राज्यों के नागरिक सवार थे। मंत्री ने जानकारी दी कि अगले दो से तीन दिनों में और भी उड़ानों के ज़रिए भारतीयों को लाया जाएगा। सरकार लगातार ईरान और इज़राइल में रह रहे भारतीयों से संपर्क बनाए हुए है ताकि उनकी स्थिति पर नजर रखी जा सके।

भारतीयों की जुबानी दर्द और राहत की कहानी

ईरान से लौटे भारतीय नागरिकों की आँखों में डर भी था और राहत भी। मुंबई के सैयद शाहजाद अली जाफरी ने बताया कि वे पिछले तीन वर्षों से ईरान में काम कर रहे थे और इस बार तीर्थयात्रा के उद्देश्य से गए थे। लेकिन युद्ध ने हालात को बदल दिया। भारतीय सरकार ने उन्हें हिम्मत दी और अब वे सुरक्षित घर लौट आए हैं। वहीं सतिर फातिमा ने कहा कि वहां रहना अब जानलेवा हो गया था। “प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार की वजह से आज मैं ज़िंदा हूं”, उन्होंने भावुक होकर कहा।

भारत की वैश्विक छवि को मिला और मज़बूती का संकेत

‘ऑपरेशन सिंधु’ सिर्फ एक बचाव मिशन नहीं बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय भूमिका की मिसाल भी है। जब दुनिया के कई देश युद्ध में फंसे अपने नागरिकों को नहीं निकाल पाए, भारत ने तत्काल एक्शन लिया और नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की। यह दर्शाता है कि भारत आज न केवल अपने नागरिकों की चिंता करता है, बल्कि विश्व मंच पर भी जिम्मेदार देश के रूप में उभर रहा है।

भविष्य की तैयारियों में जुटा भारत, संपर्क में हैं सभी मिशन

भारत सरकार की अगली चुनौती है – वहां अभी भी फंसे हुए बाकी नागरिकों को सुरक्षित लाना। इसी के तहत भारत ईरान और इज़राइल में अपने मिशनों को एक्टिव मोड में रखे हुए है। विदेश मंत्रालय लगातार वहां की स्थिति की निगरानी कर रहा है। दो से तीन और उड़ानों की योजना बनाई गई है ताकि हर भारतीय सुरक्षित घर लौट सके। इस तरह भारत फिर से साबित कर रहा है कि जब भी जरूरत पड़ी, सरकार हर नागरिक के साथ खड़ी होती है।

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Iran and Israel War: OIC की बैठक सिर्फ दिखावा Mehbooba Mufti बोलीं- ट्रंप को नोबेल देने वाला पाकिस्तान अब पछता रहा होगा

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Iran and Israel War: OIC की बैठक सिर्फ दिखावा Mehbooba Mufti बोलीं- ट्रंप को नोबेल देने वाला पाकिस्तान अब पछता रहा होगा

Iran and Israel War: ईरान और इज़राइल के बीच लगातार बढ़ते तनाव पर शनिवार को इस्लामिक सहयोग संगठन यानी OIC की बैठक इस्तांबुल में हुई। इस बैठक में दोनों देशों के बीच हो रहे हमलों और बढ़ती हिंसा पर चर्चा हुई। लेकिन जैसे हर बार होता है इस बार भी OIC ने सिर्फ बयानबाज़ी की और कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसी पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने OIC की आलोचना करते हुए कहा कि यह सिर्फ जुबानी जमा-खर्च तक ही सीमित रही।

महबूबा मुफ़्ती ने साधा पाकिस्तान पर निशाना

महबूबा मुफ़्ती ने पाकिस्तान को लेकर भी तंज कसते हुए कहा कि जो देश डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सिफारिश करने में सबसे आगे था उसे अब जरूर पछताना पड़ रहा होगा। उन्होंने कहा कि ईरान पर हमले के बाद OIC की भूमिका शर्मनाक रही और इस्लामी देशों को मिलकर कोई ठोस कदम उठाना चाहिए था। लेकिन हर बार की तरह इस बार भी सिर्फ प्रेस रिलीज़ और बयानबाज़ी तक ही मामला सीमित रह गया।

ट्रंप की वजह से और बिगड़ा मामला

महबूबा मुफ़्ती ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी हमला बोला और कहा कि उन्होंने ईरान पर हमला करके हालात और बिगाड़ दिए। उन्होंने कहा कि इस हमले से पूरे क्षेत्र में एक बार फिर हिंसा की लहर चल पड़ी है और यह स्थिति एक वैश्विक युद्ध की ओर इशारा कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत जैसे देश को इस समय एक ऐतिहासिक और सैद्धांतिक भूमिका निभानी चाहिए थी लेकिन दुर्भाग्यवश भारत इस पूरे मामले में न सिर्फ चुप है बल्कि कहीं ना कहीं हमलावर के पक्ष में खड़ा भी दिखाई दे रहा है।

पाकिस्तानी जनरल ने ट्रंप को नोबेल के लिए कहा था

महबूबा मुफ़्ती ने हाल ही में हुई एक मुलाकात का जिक्र भी किया जिसमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल मुनीर की बैठक हुई थी। इस बैठक में मुनीर ने ट्रंप से कहा था कि वे उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करेंगे। लेकिन कुछ ही दिनों बाद अमेरिका ने ईरान पर हमला कर दिया। महबूबा ने कहा कि अब पाकिस्तान को भी यह महसूस हो रहा होगा कि उसने ट्रंप को लेकर जो समर्थन दिया था वह एक भूल थी।

ईरान पर अमेरिका का बड़ा हमला और चेतावनी

ईरान-इज़राइल के बीच की लड़ाई में अब अमेरिका भी खुलकर कूद चुका है। डोनाल्ड ट्रंप ने खुद कहा कि अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला किया है। ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि वह शांति का रास्ता अपनाए वरना उसके लिए गंभीर परिणाम होंगे। इस बीच पाकिस्तान की भूमिका भी संदिग्ध बनी हुई है क्योंकि वो अब खुले तौर पर इस लड़ाई का हिस्सा बनता दिख रहा है।

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International Yoga Day: भयानक एक्सीडेंट से उबरने की कहानी, शिवराज ने बताया योग से कैसे मिली नई जिंदगी

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International Yoga Day: भयानक एक्सीडेंट से उबरने की कहानी, शिवराज ने बताया योग से कैसे मिली नई जिंदगी

International Yoga Day: 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दिल्ली के पूसा कैंपस में भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी भाग लिया और खुद योग करते नजर आए। कार्यक्रम में कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और ‘लखपति दीदी’ योजना से जुड़ी महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हुईं और सबने मिलकर योग किया।

शिवराज ने दी देशवासियों को शुभकामनाएं

योग कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं सभी देशवासियों और पूरे विश्व को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि मैं उन सभी योग गुरुओं को नमन करता हूं जिन्होंने इस विद्या को पूरी दुनिया तक पहुंचाया, खासकर महर्षि पतंजलि को। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया और कहा कि उनके प्रयासों की वजह से आज योग को वैश्विक पहचान मिली है।

हादसे के बाद योग ने दी नई जिंदगी

शिवराज सिंह चौहान ने अपनी निजी जिंदगी का एक अहम अनुभव भी साझा किया। उन्होंने बताया कि एक भयानक एक्सीडेंट के बाद जब वह अस्पताल में थे, तो सोचते थे कि क्या वे कभी फिर से ठीक से चल पाएंगे। लेकिन योग ने उन्हें इतना सक्षम बना दिया कि आज वे आराम से चल सकते हैं, काम कर सकते हैं और खुद को पूरी तरह स्वस्थ महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि यह योग की चमत्कारी ताकत है।

योग से शरीर, मन और आत्मा का मेल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि योग केवल शरीर की एक्सरसाइज नहीं है, बल्कि ये शरीर, मन और आत्मा का संतुलन है। योग से जीवन में शांति और स्थिरता आती है। उन्होंने कहा कि हमें स्वस्थ और खुश रहने के लिए योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने सारे काम शरीर से करते हैं और अगर शरीर स्वस्थ नहीं होगा तो कुछ भी ठीक से नहीं हो सकता।

ईश्वर से जुड़ने का माध्यम है योग

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि योग से न केवल शरीर स्वस्थ होता है बल्कि बुद्धि भी तेज होती है और मन भी शांत रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हम इससे भी आगे सोचें, तो योग आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का एक माध्यम है। इसीलिए हर किसी को योग को अपनाना चाहिए और इसे अपने जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए।

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