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Manipur Violence: केंद्र में सरकार आपकी फिर भी मणिपुर क्यों जल रहा है? प्रियंका गांधी का सीधा सवाल

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Manipur Violence: केंद्र में सरकार आपकी फिर भी मणिपुर क्यों जल रहा है? प्रियंका गांधी का सीधा सवाल

Manipur Violence: मणिपुर के पांच जिलों में एक बार फिर हिंसा भड़कने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए उन्हें असंवेदनशील और गैरजिम्मेदार बताया है। पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर के लोगों की पीड़ा को नज़रअंदाज़ किया है और अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

प्रियंका गांधी का तीखा सवाल

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मणिपुर पिछले दो सालों से हत्या बलात्कार और पलायन जैसी घटनाओं का सामना कर रहा है लेकिन केंद्र सरकार अब तक शांति बहाल करने में असफल रही है। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री अब तक मणिपुर क्यों नहीं गए और उन्होंने शांति की अपील क्यों नहीं की।

प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी से पीछे हटना गलत: प्रियंका

प्रियंका गांधी ने कहा कि देशवासियों की शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है। अगर प्रधानमंत्री इस जिम्मेदारी से पीछे हटते हैं तो यह उनके संवैधानिक कर्तव्य से मुंह मोड़ने जैसा है। उन्होंने कहा कि मणिपुर की जनता लगातार पीड़ा में जी रही है और प्रधानमंत्री की चुप्पी इस पीड़ा को और बढ़ा रही है।

जयराम रमेश ने बताया हिंसा का ताज़ा हाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बताया कि पिछले 24 घंटे में इम्फाल पश्चिम इम्फाल पूर्व थोउबल ककचिंग और बिष्णुपुर जिलों में हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं। प्रशासन ने इन इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है और इंटरनेट सेवाएं वीपीएन व वीएसएटी समेत पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति भाजपा की गलत नीतियों और चुनावी महत्वाकांक्षाओं का परिणाम है।

संवैधानिक तंत्र हुआ ध्वस्त कांग्रेस का आरोप

जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि मणिपुर में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है और केंद्र सरकार की भूमिका केवल दिखावटी रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अब तक राज्य के किसी प्रतिनिधि से मुलाकात नहीं की और गृह मंत्री ने केवल औपचारिक दौरे किए। कांग्रेस के दबाव में 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लगाया गया लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

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Dharmendra Pradhan का Rahul Gandhi को करारा जवाब! महाराष्ट्र चुनावों में ‘धांधली’ के आरोप पर जोरदार पलटवार

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Dharmendra Pradhan का Rahul Gandhi को करारा जवाब! महाराष्ट्र चुनावों में 'धांधली' के आरोप पर जोरदार पलटवार

Rahul Gandhi ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में लोकतंत्र की धांधली की गई है। उन्होंने एक के बाद एक पांच कदम बताए जिनके जरिए चुनाव में गड़बड़ी की गई। राहुल का कहना है कि यह चुनाव नहीं बल्कि मैच फिक्सिंग थी जिसमें सारा तंत्र भाजपा के पक्ष में किया गया।

 राहुल गांधी ने लगाए पांच बड़े आरोप

राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट में लिखा कि पहले चुनाव आयोग की नियुक्तियों में हेरफेर की गई फिर फर्जी वोटरों को जोड़ा गया। इसके बाद वोटिंग प्रतिशत बढ़ा चढ़ाकर दिखाया गया और खास उन इलाकों में फर्जी मतदान हुआ जहां भाजपा को जीत चाहिए थी। अंत में सबूतों को छुपा लिया गया। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए जहर बताया।

 धर्मेंद्र प्रधान का तीखा पलटवार

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने राहुल को टैग करते हुए लिखा कि यह उनका पुराना ड्रामा है चुनाव हारो फिर संस्थाओं को बदनाम करो और खुद को एक काल्पनिक सिस्टम का शिकार बताओ। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र इतनी आसानी से नहीं डगमगाएगा और जनता इन बातों में नहीं आने वाली।

 कांग्रेस के पुराने रिकॉर्ड को लेकर हमला

धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस के इतिहास को भी सामने रखा और कहा कि अगर राहुल को किसी गड़बड़ी की चिंता है तो उन्हें आपातकाल से लेकर विपक्षी सरकारों को गिराने तक के कांग्रेस के कारनामों को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ही चुनाव आयोग को ज्यादा पारदर्शी बनाया और विपक्ष के नेता को भी चयन पैनल में शामिल किया जो कांग्रेस के समय कभी नहीं हुआ।

लोकतंत्र या हार का बहाना

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी की असल दिक्कत हार को स्वीकार करने की नहीं है बल्कि वह लोकतंत्र को बदनाम करने में लगे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या वही राहुल नहीं हैं जो विदेश जाकर कहते हैं कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है फिर भी चुनाव लड़ते हैं प्रचार करते हैं और जब हारते हैं तो ईवीएम को दोष देते हैं।

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R-37M missile: पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी! भारत को मिला रूस से ऐसा सुपरफास्ट हथियार, सुनते ही हिल जाएगा पड़ोसी मुल्क

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R-37M: पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी! भारत को मिला रूस से ऐसा सुपरफास्ट हथियार, सुनते ही हिल जाएगा पड़ोसी मुल्क

R-37M missile: पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इसी बीच रूस ने भारत को अपनी अत्याधुनिक R-37M मिसाइल का ऑफर दिया है। यह मिसाइल हवा में दुश्मनों को मार गिराने में सक्षम है। अगर यह डील पूरी होती है तो भारत की हवाई सुरक्षा काफी मजबूत हो सकती है।

R-37M मिसाइल क्या है

R-37M को NATO कोडनेम AA-13 Axehead भी कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे तेज़ और लंबी दूरी वाली एयर टू एयर मिसाइलों में से एक है। इसकी गति Mach 6 यानी आवाज की छह गुना है। यह मिसाइल करीब 300 से 400 किलोमीटर दूर दुश्मन के विमान को निशाना बना सकती है। रूस के Vympel Design Bureau ने इसे विकसित किया है।

 भारत के लिए इस मिसाइल की अहमियत

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत ऐसी मिसाइलों पर विशेष ध्यान दे रहा है जो सीमारेखा को पार किए बिना दुश्मन ठिकानों को निशाना बना सकें। पाकिस्तान के F-16 विमानों में AMRAAM मिसाइल लगी है। अगर R-37M को भारतीय Su-30MKI लड़ाकू विमान में शामिल किया गया तो यह दुश्मन के विमानों को दूर से ही मार सकता है।

R-37M: पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी! भारत को मिला रूस से ऐसा सुपरफास्ट हथियार, सुनते ही हिल जाएगा पड़ोसी मुल्क

 मिसाइल के तकनीकी फीचर

इस मिसाइल की लंबी दूरी 300 से 400 किलोमीटर है। इसका वजन 510 किलोग्राम है और इसमें 60 किलोग्राम का उच्च विस्फोटक वारहेड होता है। इसकी हाइपरसोनिक गति लगभग 7,400 किलोमीटर प्रति घंटे है। मिसाइल का गाइडेंस सिस्टम इनर्शियल नेविगेशन, मिड कोर्स अपडेट और एक्टिव रडार होमिंग तकनीक पर आधारित है।

‘मेक इन इंडिया’ और भविष्य की तैयारी

रूस ने भारत को इस मिसाइल का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ के तहत करने का प्रस्ताव दिया है। यदि यह योजना लागू होती है तो भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति को बड़ा समर्थन मिलेगा। इसके लिए HAL की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। साथ ही Su-30MKI के रडार और फायर कंट्रोल सिस्टम का अपग्रेडेशन भी आवश्यक होगा।

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Bengaluru Stampede: बेंगलुरु भगदड़ में प्रशासन की चूक ने ली 11 जानें! मंत्री खरगे ने बताया कैसे टाली जा सकती थी ये त्रासदी

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Bengaluru Stampede: बेंगलुरु भगदड़ में प्रशासन की चूक ने ली 11 जानें! मंत्री खरगे ने बताया कैसे टाली जा सकती थी ये त्रासदी

Bengaluru Stampede: कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियंक खड़गे ने बेंगलुरु में हुई भगदड़ की जिम्मेदारी स्वीकार की है। उन्होंने माना कि अगर प्रशासन थोड़ा और सतर्क होता तो इतनी बड़ी दुर्घटना रोकी जा सकती थी। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि आगे ऐसी लापरवाही न हो। खड़गे ने कहा कि हमने भीड़ को संभालने की पूरी कोशिश की लेकिन दो से तीन लाख लोग सड़कों पर उमड़ पड़े जिससे हालात बेकाबू हो गए।

खुशी का जश्न बना मातम

आरसीबी की जीत का जश्न मनाने के लिए हजारों लोग चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जमा हुए थे। लेकिन जैसे ही भीड़ बेकाबू हुई वैसे ही भगदड़ मच गई। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और 33 से ज्यादा घायल हो गए। जो लोग खुशी में शामिल होने आए थे उन्हें कभी न भूल पाने वाला दर्द मिल गया। परिजन अपनों की तस्वीरें लेकर अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं जबकि प्रशासन ने इस हादसे को ‘अनियोजित भीड़’ का नतीजा बताया है।

भाजपा पर जमकर बरसे खड़गे

मंत्री प्रियंक खड़गे ने इस मामले पर बीजेपी को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि बीजेपी हर मुद्दे को राजनीति में बदल देती है। खड़गे ने बताया कि जब हमने कहा कि इतनी जल्दी ओपन बस में विजय जुलूस निकालना संभव नहीं है तो बीजेपी ने हमें टीम का अपमान करने वाला बता दिया। अब वही लोग हमारे ऊपर नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं। खड़गे ने कहा कि बीजेपी संवेदनशीलता दिखाने के बजाय सस्ती राजनीति कर रही है।

बीजेपी ने कर्नाटक सरकार पर दागे सवाल

बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कर्नाटक सरकार को आड़े हाथों लिया। पार्टी ने पूछा कि जब स्टेडियम की क्षमता सिर्फ 35 हजार थी तो तीन लाख लोग वहां कैसे पहुंचे। बीजेपी प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच आपसी टकराव की वजह से कोई ठोस योजना नहीं बन पाई। बीजेपी ने यह भी सवाल उठाया कि किसके कहने पर विजय रोड बनाया गया और आयोजकों व पुलिस में तालमेल क्यों नहीं था।

बाहर मातम और अंदर जश्न

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि जब बाहर लोग जान गंवा रहे थे तब अंदर जश्न चल रहा था। उन्होंने यह भी कहा कि सबको पता था कि आरसीबी की जीत पर लोग भारी संख्या में आएंगे फिर भी कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि 25 हजार अतिरिक्त टिकट बेचे गए और पूछा कि राहुल गांधी कहां हैं और क्या वह मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को तलब करेंगे। उन्होंने यह भी मांग की कि जिम्मेदार नेताओं को इस्तीफा देना चाहिए।

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