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Maha Kumbh Mela: प्रयागराज में श्रद्धालुओं के लिए रेलवे की विशेष ट्रेन सेवाएं, अपील की- संयम बनाए रखें

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Maha Kumbh Mela: प्रयागराज में श्रद्धालुओं के लिए रेलवे की विशेष ट्रेन सेवाएं, अपील की- संयम बनाए रखें

Maha Kumbh Mela: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला के बीच, जहां लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए संगम के तटों पर पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं भारतीय रेलवे ने उन्हें उनके गंतव्य तक पहुँचाने के लिए विशेष ट्रेन सेवाएं शुरू की हैं। 12 फरवरी को रेलवे ने कई विशेष ट्रेनें चलाई हैं, ताकि श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र तक आराम से पहुंचने में कोई परेशानी न हो। रेलवे की यह व्यवस्था यात्रियों को कुंभ के शाही स्नान में भाग लेने में सहूलियत प्रदान करेगी।

विशेष ट्रेनें चलाए जा रहे हैं

भारतीय रेलवे ने 12 फरवरी को विभिन्न गंतव्यों के लिए विशेष ट्रेन सेवाएं शुरू की हैं। ये ट्रेनें प्रयागराज से विभिन्न प्रमुख शहरों की ओर संचालित की जा रही हैं। इन विशेष ट्रेनों के संचालन से यात्रियों को कुंभ मेला क्षेत्र तक पहुंचने में सहायता मिलेगी। विशेष ट्रेनों की सूची निम्नलिखित है:

Maha Kumbh Mela: प्रयागराज में श्रद्धालुओं के लिए रेलवे की विशेष ट्रेन सेवाएं, अपील की- संयम बनाए रखें

  1. प्रयागराज-कानपुर सेंट्रल मेला विशेष (00101) – सुबह 5 बजे
  2. प्रयागराज-कानपुर सेंट्रल मेला विशेष (00102) – दोपहर 4.05 बजे
  3. प्रयागराज-कानपुर सेंट्रल मेला विशेष (00103) – शाम 7.50 बजे
  4. प्रयागराज-कानपुर सेंट्रल मेला विशेष (00104) – शाम 9.30 बजे
  5. प्रयागराज- पं. दीनदयाल उपाध्याय मेला विशेष (00201) – सुबह 9.30 बजे
  6. प्रयागराज- पं. दीनदयाल उपाध्याय मेला विशेष (00202) – दोपहर 12 बजे
  7. प्रयागराज- पं. दीनदयाल उपाध्याय मेला विशेष (00203) – शाम 3.30 बजे
  8. प्रयागराज- पं. दीनदयाल उपाध्याय मेला विशेष (00204) – शाम 6 बजे
  9. प्रयागराज- पं. दीनदयाल उपाध्याय मेला विशेष (00205) – शाम 7.30 बजे
  10. प्रयागराज- पं. दीनदयाल उपाध्याय मेला विशेष (00206) – रात 9.30 बजे
  11. प्रयागराज- कटनी मेला विशेष (00301) – सुबह 10.40 बजे
  12. प्रयागराज- वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी मेला विशेष (00302) – दोपहर 1.30 बजे
  13. प्रयागराज- कटनी मेला विशेष (00303) – रात 8.15 बजे
  14. प्रयागराज छिवकी- पं. दीनदयाल उपाध्याय मेला विशेष (00401) – रात 8.30 बजे
  15. प्रयागराज छिवकी-बांदा विशेष (00501) – दोपहर 4.45 बजे
  16. प्रयागराज छिवकी- कटनी मेला विशेष (00502) – रात 8.55 बजे
  17. नैनी-चित्रकूट धाम कर्वी मेला विशेष (00601) – शाम 6 बजे
  18. नैनी-सतना मेला विशेष (00602) – रात 9 बजे
  19. प्रयागराज- वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी मेला विशेष (01807) – शाम 5.05 बजे
  20. प्रयागराज छिवकी- वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी मेला विशेष (01810) – दोपहर 4 बजे
  21. प्रयागराज छिवकी- वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी मेला विशेष (01812) – रात 11.20 बजे
  22. बीना- प्रयागराज छिवकी मेला विशेष (01817) – सुबह 11 बजे
  23. बीना- सुभेदारगंज मेला विशेष (01819) – शाम 5.50 बजे
  24. सुभेदारगंज- बीना मेला विशेष (01820) – सुबह 9.50 बजे

रेलवे की अपील – संयम बनाए रखें

महाकुंभ मेला के दौरान रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ उमड़ रही है, और इसके चलते रेलवे ने श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील की है। रेलवे अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि केवल प्रयागराज संगम स्टेशन दो दिन पहले और दो दिन बाद अमृत स्नान के दौरान बंद रहेगा, इसलिए किसी अफवाह पर ध्यान न दें। इसके अलावा, महाकुंभ के लिए विशेष ट्रेनें सभी भोपाल रेलवे डिवीजन के स्टेशनों से चलाई जा रही हैं, जिनसे अब तक 1.25 लाख यात्री यात्रा कर चुके हैं। रेलवे के मुताबिक, हर चार मिनट में एक ट्रेन चलाई जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान के लिए कोई भी कठिनाई न हो।

विशेष ट्रेनों की क्षमता

महाकुंभ विशेष ट्रेनों में हर बार 3780 यात्री यात्रा कर सकते हैं, जो भोपाल और आसपास के स्टेशनों से प्रयागराज तक जा रही हैं। इन ट्रेनों को विशेष रूप से यात्रियों को गंगा स्नान के लिए प्रयागराज के विभिन्न घाटों जैसे प्रयागराज जंक्शन, छिवकी, नैनी, सुभेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, रामबाग और झूंसी तक पहुँचाने के लिए चलाया जा रहा है।

यात्री सहायता के लिए हेल्पलाइन और ऑनलाइन सेवाएं

भारतीय रेलवे यात्रियों को किसी भी प्रकार की जानकारी और सहायता देने के लिए हेल्पलाइन नंबर 139 और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान कर रहा है। यदि यात्रियों को ट्रेन के समय, पंक्ति और अन्य किसी जानकारी की आवश्यकता हो, तो वे इन प्लेटफॉर्म्स से सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

महाकुंभ मेला एक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का आयोजन है, जो हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस दौरान रेलवे की विशेष ट्रेन सेवाओं के द्वारा श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद मिल रही है। रेलवे की अपील है कि यात्री धैर्य रखें और महाकुंभ से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी के लिए अधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। साथ ही, रेलवे की ओर से यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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राजनाथ सिंह ने जवानों को किया सम्मानित और नक्सलवाद पर किया बड़ा खुलासा, जानिए क्या कहा देश की सुरक्षा पर

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राजनाथ सिंह ने जवानों को किया सम्मानित और नक्सलवाद पर किया बड़ा खुलासा, जानिए क्या कहा देश की सुरक्षा पर

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में नेशनल पुलिस मेमोरियल पर पुलिस स्मारक दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने देश की सेवा में शहीद हुए पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सेना देश की रक्षा करती है, वहीं पुलिस समाज की सुरक्षा करती है। उन्होंने पुलिस और सेना की अहमियत को एक ही सिक्योरिटी के दो स्तंभ बताते हुए कहा कि दोनों का लक्ष्य देश की सुरक्षा है।

सेना और पुलिस के अलग लेकिन समान लक्ष्य

राजनाथ सिंह ने कहा कि चाहे दुश्मन सीमा के पार हो या हमारे बीच छिपा हो, जो भी भारत की सुरक्षा के लिए खड़ा होता है, वही हमारे देश का असली हीरो है। सेना और पुलिस अलग प्लेटफॉर्म पर काम करती हैं, लेकिन मिशन एक ही है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों का चैन से सोना पुलिस पर भरोसे का नतीजा है। यह भरोसा हमारे देश की स्थिरता की नींव है।

नक्सलवाद पर निर्णायक कार्रवाई

रक्षा मंत्री ने नक्सलवाद पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक नक्सलवाद हमारे आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती रहा। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओड़िशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के कई जिलों में नक्सली आतंक फैला हुआ था। स्कूल बंद थे, सड़कें गायब थीं और लोग भय में जी रहे थे। लेकिन सरकार ने नक्सलवाद को बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर संगठित काम किया।

नक्सली प्रभावित इलाकों का विकास

राजनाथ सिंह ने बताया कि इस साल कई प्रमुख नक्सली नेता मारे गए और नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या अब बहुत कम रह गई है। उन्होंने दावा किया कि मार्च तक सभी समस्याओं को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। जो इलाके पहले नक्सली आतंक से कांपते थे, आज वहां सड़कें, अस्पताल, स्कूल और कॉलेज बन गए हैं। अब बच्चे मोबाइल और कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं और बड़े सपने देख रहे हैं। रेड कॉरिडोर अब विकास कॉरिडोर बन गया है।

पुलिस के आधुनिककरण की पहल

रक्षा मंत्री ने कहा कि 2018 में नेशनल पुलिस मेमोरियल स्थापित किया गया। इसके अलावा पुलिस को अत्याधुनिक हथियार और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। राज्यों को भी पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए संसाधन दिए जा रहे हैं। आज हमारी पुलिस में सर्विलांस सिस्टम, ड्रोन, फॉरेंसिक लैब और डिजिटल पुलिसिंग जैसी आधुनिक तकनीकें उपलब्ध हैं। उन्होंने पुलिस की मेहनत और समर्पण की सराहना की।

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बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन फटी, JMM ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया, सीट बंटवारे पर विवाद

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बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन फटी, JMM ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया, सीट बंटवारे पर विवाद

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में विवाद की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने महागठबंधन से अलग होकर छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। पार्टी नेता Manoj Pandey ने कहा कि जब उनके मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया और सीटें नहीं दी गईं, तो उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा। इसलिए JMM पूरी ताकत के साथ चुनाव में उतरेगी।

माहौल और नतीजों का असर

Manoj Pandey ने कहा कि महागठबंधन में उन्हें कम आंका गया। उनका मानना है कि अगर JMM और गठबंधन एक साथ रहते तो भारत गठबंधन और अधिक प्रभावी प्रदर्शन कर सकता था। उन्होंने बिहार के सीमा क्षेत्रों में अपनी पार्टी की पैठ और नेता की लोकप्रियता का हवाला दिया। अब महागठबंधन को इस अलगाव का परिणाम भुगतना पड़ेगा।

सीटों के बंटवारे पर मतभेद

गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर असहमति कई दिनों से जारी थी। JMM ने हमेशा कहा कि अगर उन्हें सम्मान नहीं मिला तो वह अकेले चुनाव लड़ेंगे। इसी वजह से अंतिम समय तक सीटों का बंटवारा तय नहीं हो सका। इस बार कांग्रेस और RJD ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिससे गठबंधन में और विवाद बढ़ा है।

गठबंधन में मनमुटाव जारी

महागठबंधन में विभिन्न सहयोगियों की असहमति स्पष्ट दिख रही है। कांग्रेस पार्टी को अपने राज्य अध्यक्ष के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। RJD और कांग्रेस के उम्मीदवार एक ही क्षेत्र में खड़े होने से मुकाबला और रोचक होने वाला है। गठबंधन में सहयोग और समन्वय की कमी के कारण चुनावी रणनीति प्रभावित हो सकती है।

NDA की चुनावी तैयारी

वहीं, एनडीए ने भी बिहार में प्रचार तेज कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्री लगातार रैलियों के जरिए कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं। एनडीए की यह तैयारी यह सुनिश्चित करने के लिए है कि महागठबंधन की खींचतान का फायदा उठाकर वे अधिक सीटें जीत सकें। आने वाला चुनाव बेहद रोमांचक और परिणामों के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

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तेलंगाना में पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए राज्यव्यापी हड़ताल, स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर होंगे बंद, सार्वजनिक यातायात प्रभावित

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तेलंगाना में पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए राज्यव्यापी हड़ताल, स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर होंगे बंद, सार्वजनिक यातायात प्रभावित

तेलंगाना में पिछड़ा वर्ग संगठनों ने राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है। यह बंद शनिवार को आयोजित किया जाएगा और इसका मुख्य उद्देश्य है राज्य सरकार द्वारा स्थानीय निकायों में 42 प्रतिशत आरक्षण देने के आदेश के खिलाफ तेलंगाना हाईकोर्ट के स्टे का विरोध करना। सरकार ने बाद में सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की, लेकिन वहां भी इसे झटका लगा। इस बंद का समर्थन कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने किया है, जिसमें भारत राष्ट्र समिति (BRS), भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं।

सरकारी आदेश और सुप्रीम कोर्ट की प्रतिक्रिया

तेलंगाना सरकार ने प्रस्तावित आदेश में पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य जातियों के लिए कुल आरक्षण 67 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था। सरकार ने यह दावा किया कि सभी राजनीतिक दल इस प्रस्ताव का समर्थन करते हैं और इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा की याद दिलाई। यह मामला राज्य में पिछड़ा वर्ग समुदायों के अधिकारों और आरक्षण नीति को लेकर गंभीर बहस का कारण बना है।

तेलंगाना में पिछड़ा वर्ग आरक्षण के लिए राज्यव्यापी हड़ताल, स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर होंगे बंद, सार्वजनिक यातायात प्रभावित

बंद के दौरान क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा

बंद के चलते राज्य में सभी स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। इसके अलावा, सार्वजनिक परिवहन भी प्रभावित होने की संभावना है। हालांकि, सभी आवश्यक सेवाएं चालू रहेंगी ताकि आम नागरिकों की सुविधा प्रभावित न हो। लोग अपने दैनिक कामकाज में बाधा न आए, इसके लिए सरकार ने विशेष इंतजाम किए हैं।

राजनीतिक दलों का समर्थन और बयान

इस बंद का समर्थन कांग्रेस ने भी किया है। साथ ही, बीजेपी के सांसद आर. कृष्णैया ने कहा कि यह आंदोलन राज्य के सभी पिछड़ा वर्गों की सामूहिक आवाज़ है। उन्होंने कहा, “हम न्याय के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे और सरकार पर दबाव डालने के लिए बंद करेंगे ताकि रोजगार और स्थानीय निकायों में आरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।” उल्लेखनीय है कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने भी इस बंद का समर्थन किया और केंद्रीय मोदी सरकार की पिछड़ा वर्ग कोटे बढ़ाने वाली बिल को मंजूरी न देने पर आलोचना की।

बंद का सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

राज्यव्यापी बंद से तेलंगाना में आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है। स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालय बंद रहने से शिक्षा और प्रशासनिक कामकाज प्रभावित होंगे। सार्वजनिक परिवहन प्रभावित होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से यह आंदोलन राज्य में पिछड़ा वर्ग समुदायों के अधिकारों और आरक्षण नीति पर जोरदार बहस को जन्म देगा और भविष्य में आरक्षण से जुड़े मामलों में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

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