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Kerala CM’s political secretary P. Sasi files criminal defamation case against P.V. Anvar

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Kerala CM’s political secretary P. Sasi files criminal defamation case against P.V. Anvar
पीवी अनवर (फ़ाइल)

पीवी अनवर (फाइल) | फोटो साभार: केके मुस्तफा

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के राजनीतिक सचिव पी. ससी ने शुक्रवार (15 नवंबर, 2024) को थालास्सेरी और कन्नूर प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अदालतों में मामले दायर करते हुए विधायक पीवी अनवर के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही शुरू की है।

कार्रवाई की एक श्रृंखला इस प्रकार है श्री अनवर द्वारा श्री ससी पर लगाये गये गंभीर आरोपजिसमें अन्य आरोपों के अलावा सोने की तस्करी में शामिल होने और आरएसएस के साथ संबंध के दावे शामिल हैं।

यह कदम श्री अनवर द्वारा 3 अक्टूबर को श्री सासी के वकील द्वारा जारी कानूनी नोटिस का जवाब देने में विफल रहने के बाद उठाया गया है, जिसमें नोटिस वापस लेने और सार्वजनिक माफी की मांग की गई थी।

श्री अनवर के आरोपों को प्रेस कॉन्फ्रेंस, सार्वजनिक कार्यक्रमों और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन को संबोधित एक पत्र में प्रचारित किया गया था, जिसे सोशल मीडिया पर भी व्यापक रूप से साझा किया गया था।

वकील के. विस्वान द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए श्री ससी ने श्री अनवर के आरोपों को निराधार और मानहानिकारक बताते हुए खारिज कर दिया है, जिसमें उन्हें कन्नूर के पूर्व अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) के. नवीन बाबू की मौत और वरिष्ठ सीपीआई (एम) से जुड़े विवादों से जोड़ा गया था। नेता ईपी जयराजन की आत्मकथा. कन्नूर में दायर याचिका विशेष रूप से इन आरोपों को संबोधित करती है, जबकि थालास्सेरी में दायर अतिरिक्त याचिका अन्य दावों को लक्षित करती है।

‘अनवर के पीछे अंडरवर्ल्ड के तत्व’

मामला दर्ज करने के बाद, श्री ससी ने आरोप लगाया कि श्री अनवर के कार्यों के पीछे “अंडरवर्ल्ड तत्व” थे, उन्होंने सुझाव दिया कि “अंतिम लक्ष्य मुख्यमंत्री हैं।”

यह श्री अनवर के दावों पर श्री सासी का पहला सार्वजनिक प्रतिवाद है, जिसमें उन्होंने “निराधार और राजनीति से प्रेरित आरोपों” के खिलाफ अपना नाम साफ़ करने के अपने इरादे की घोषणा की है।

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Kerala: बारिश ने मचाई तबाही! रातों-रात केरल के कई शहरों में पेड़ उखड़े और बिजली गुल

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Kerala: बारिश ने मचाई तबाही! रातों-रात केरल के कई शहरों में पेड़ उखड़े और बिजली गुल

Kerala में शुक्रवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्तव्यस्त कर दिया है। कई जिलों में जलभराव की स्थिति बन गई है। मौसम विभाग ने राज्य के सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। अलर्ट वाले जिलों में अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम और कोझिकोड शामिल हैं। ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि यहां 11 से 20 सेंटीमीटर तक की बहुत भारी बारिश हो सकती है।

कोझिकोड और कन्नूर में तबाही

कोझिकोड जिले में तेज हवा के साथ भारी बारिश ने रातों-रात कहर बरपा दिया। कई जगह पेड़ गिर गए जिससे बिजली के तार टूट गए और बिजली आपूर्ति ठप हो गई। घरों और गाड़ियों को भी नुकसान हुआ है। कन्नूर जिले से भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। यहां एक दुखद घटना में 78 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई जब एक पेड़ उनके घर पर गिर पड़ा।

बांधों के दरवाजे खोले गए

तेज बारिश के चलते राज्य के बांधों में भी जलस्तर बढ़ गया है। वायनाड स्थित बाणासुरा सागर और पलक्कड़ जिले के अलीयार डैम के गेट खोल दिए गए हैं। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। डैम से पानी छोड़े जाने की वजह से बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।

 मलप्पुरम में भी हालात बिगड़े

मलप्पुरम जिले में भी भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए। सड़कों पर गिरे पेड़ों की वजह से यातायात बाधित हो गया है। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें सड़कों पर पेड़ गिरे हुए देखे जा सकते हैं। लोगों को घरों से बाहर निकलने में भी परेशानी हो रही है।

अगले पांच दिन और मुसीबत

भारतीय मौसम विभाग और केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि यह बारिश 29 जुलाई तक इसी तरह जारी रह सकती है। इसके पीछे महाराष्ट्र से लेकर केरल तट तक बने कम दबाव के क्षेत्र को जिम्मेदार माना जा रहा है। आने वाले दिनों में हवा की रफ्तार 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है जिससे नुकसान की आशंका और बढ़ गई है।

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केंद्रीय विश्वविद्यालयों में खाली पदों पर Rahul Gandhi का हमला! यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि साजिश है

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केंद्रीय विश्वविद्यालयों में खाली पदों पर Rahul Gandhi का हमला! यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि साजिश है

Rahul Gandhi: हाल ही में संसद में पेश किए गए आंकड़ों ने चौंकाने वाला सच सामने लाया है। देश के अधिकतर केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। खासकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षित पदों में 60 से 80 प्रतिशत तक की भारी कमी है। यह सिर्फ शिक्षा की गिरती हालत नहीं बल्कि गहरी सामाजिक चिंता का विषय बन चुका है।

राहुल गांधी का तीखा हमला

राहुल गांधी ने इन आंकड़ों को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि बहुजनों को शिक्षा और शोध से दूर रखने की एक ‘सोची-समझी साजिश’ है। उनका कहना है कि सरकार की मंशा है कि बहुजन समाज उच्च शिक्षा और नीति निर्माण से बाहर ही रहे ताकि उनकी आवाज कहीं न सुनी जाए।

‘एनएफएस’ के नाम पर हो रहा अन्याय

राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार योग्य उम्मीदवारों को ‘एनएफएस’ यानी ‘नॉट फाउंड स्युटेबल’ कहकर बाहर कर रही है। एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के हजारों योग्य अभ्यर्थियों को अयोग्य बताकर उनके हक छीने जा रहे हैं। उन्होंने इसे ‘संस्थागत मनुवाद’ करार देते हुए कहा कि यह सोच आज भी जीवित है और व्यवस्था में गहराई तक समाई हुई है।

बहुजनों की अनुपस्थिति से शोध में भी पक्षपात

राहुल गांधी ने इस बात पर चिंता जताई कि बहुजनों की शिक्षा और विश्वविद्यालयों में सहभागिता कम होने से उनकी समस्याएं शोध और विमर्श से भी गायब हो रही हैं। जब विश्वविद्यालयों में ही उनके प्रतिनिधि नहीं होंगे तो उनकी जरूरतों और अधिकारों पर कौन बात करेगा। यह समाज के एक बड़े हिस्से को साइलेंट बना देने की प्रक्रिया है।

बहुजनों को मिलना चाहिए उनका अधिकार

राहुल गांधी ने सरकार से मांग की है कि सभी खाली पदों को तुरंत भरा जाए। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी सामाजिक ज़िम्मेदारी है जिसे अब और नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। बहुजनों को उनका हक मिलना चाहिए न कि मनुवादी सोच के तहत बहिष्करण। शिक्षा में समान अवसर देना ही सच्चा लोकतंत्र होगा।

 

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Bihar Election 2025: बिहार की सत्ता पर किसका कब्जा? चिराग पासवान ने खोल दिए चुनावी पत्ते

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Bihar Election 2025: बिहार की सत्ता पर किसका कब्जा? चिराग पासवान ने खोल दिए चुनावी पत्ते

Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव का मौसम शुरू हो चुका है। सभी राजनीतिक पार्टियां एक्टिव हो चुकी हैं और मैदान में उतरने की तैयारी कर रही हैं। माना जा रहा है कि चुनाव अक्टूबर के आखिरी सप्ताह या नवंबर के पहले सप्ताह में होंगे। चुनाव आयोग अक्टूबर में तारीखों की घोषणा करेगा और 10 से 12 नवंबर तक नतीजे आ जाएंगे। नतीजों से ही तय होगा कि बिहार की सत्ता किसके हाथ जाएगी।

चिराग पासवान की बदली रणनीति

केंद्र सरकार में मंत्री और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने इस बार कुछ अलग तेवर दिखाए हैं। उन्होंने चुनावी रैलियों में जातिवाद से ऊपर उठने की बात कही है। चिराग ने जनसुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर की खुले दिल से तारीफ की और कहा कि वे ईमानदारी से बिहार की दिशा और दशा सुधारने की राजनीति कर रहे हैं। चिराग ने कहा कि उन्हें हर उस व्यक्ति की सोच पसंद है जो बिहार और बिहारी के हित के लिए बिना किसी जाति-धर्म के राजनीति में आता है।

‘आपके पास विकल्पों की भरमार है’

चिराग पासवान ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि यहां हर मतदाता के पास कई विकल्प होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी को ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की विचारधारा पसंद है तो वो उसे चुने। अगर कोई जातिवाद और सांप्रदायिकता की सोच रखता है तो उनके लिए भी विकल्प खुले हैं। साथ ही उन्होंने अपने ‘MY’ यानी महिला और युवा विकास की सोच को सबसे आगे रखने की अपील की।

RJD के MY समीकरण पर निशाना

चिराग ने RJD के परंपरागत वोट बैंक को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि RJD का MY मतलब मुस्लिम और यादव का समीकरण है और उनकी पूरी राजनीति इसी पर आधारित है। जबकि उनका MY मतलब महिला और युवा है। उन्होंने कहा कि अब जनता को तय करना है कि वो किस सोच को अपनाती है। बिहार की जनता अब ज्यादा जागरूक हो चुकी है और वो राज्य के भविष्य के बारे में सोचकर वोट डालेगी।

SIR पर विपक्ष को घेरा

वोटर लिस्ट की जांच को लेकर हो रहे विवाद पर चिराग पासवान ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद खुद विपक्ष ही चुनाव आयोग के पास गया था और शिकायत की थी कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां हैं। इसी के चलते आयोग ने SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का फैसला लिया। अब जब ईमानदारी से वोटर लिस्ट की जांच हो रही है तो विपक्ष को इससे भी आपत्ति हो रही है। उन्होंने कहा कि ये तो दोहरी नीति है।

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