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Kangana electricity bill dispute: कंगना का आरोप या सियासी हमला? मनाली वाले घर का आया हैरान करने वाला बिजली बिल

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Kangana electricity bill dispute: कंगना का आरोप या सियासी हमला? मनाली वाले घर का आया हैरान करने वाला बिजली बिल

Kangana electricity bill dispute: हिमाचल प्रदेश के कांगू में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कंगना रनौत ने कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल की हालत खराब कर दी है। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने मनाली वाले घर के लिए एक लाख रुपये का बिजली बिल आया है जबकि वह उस घर में रह भी नहीं रही हैं।

 कांग्रेस को बताया भ्रष्टाचारी सरकार

कंगना ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब भी कांग्रेस की सरकार आती है तब बड़े घोटाले सामने आते हैं। उन्होंने 2जी घोटाले का भी ज़िक्र किया और भाजपा की तारीफ करते हुए कहा कि चांद पर दाग हो सकते हैं लेकिन प्रधानमंत्री पर कोई दाग नहीं है।

मनाली वाले घर के बिल को बताया झूठा

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड ने कंगना के दावे को पूरी तरह गलत बताया। उन्होंने कहा कि जो बिल कंगना को भेजा गया है वह दो महीने का है और इसमें पुराने बकाया भी जुड़े हैं। कुल मिलाकर बिल 90384 रुपये का है जो जनवरी और फरवरी 2025 के लिए है।

Kangana electricity bill dispute: कंगना का आरोप या सियासी हमला? मनाली वाले घर का आया हैरान करने वाला बिजली बिल

पुराने बिल और बकाया की जानकारी दी गई

बिजली विभाग के अनुसार अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच कंगना के घर का बिजली बिल 82061 रुपये आया था जिसे समय पर नहीं चुकाया गया। जनवरी और फरवरी का बिल 28 मार्च को जमा किया गया। कुल खपत इस दौरान 14000 यूनिट रही जिससे साफ है कि बिजली की खपत बहुत अधिक थी।

सब्सिडी मिलने के बाद भी अधिक बिल

बिजली विभाग ने यह भी बताया कि कंगना को सरकार की ओर से सब्सिडी मिलती है इसके बावजूद उनका बिजली बिल हर महीने 5000 से 9000 यूनिट की खपत के कारण अधिक आता है। इससे यह भी साबित होता है कि मनाली वाले घर में बिजली का भारी उपयोग हो रहा है चाहे वह वहां रहें या नहीं।

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Ayodhya: सोने से दमकते मंदिर में विराजेंगे राजा राम और उनके दरबार के सदस्य – अयोध्या की सड़कों पर बजा उल्लास

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Ayodhya: सोने से दमकते मंदिर में विराजेंगे राजा राम और उनके दरबार के सदस्य – अयोध्या की सड़कों पर बजा उल्लास

Ayodhya में राम दरबार सहित आठ मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर सोने जैसी चमक से जगमगा उठा है। मंदिर के गुंबद पर सोने की परत चढ़ाई गई है जिससे दूर से ही मंदिर की भव्यता नजर आ रही है। इस आयोजन की शुरुआत आज से हो गई है जिसमें 101 वैदिक आचार्य तीन दिनों तक विशेष अनुष्ठान करेंगे। इसमें 1975 मंत्रों से अग्निदेव को आहुति दी जाएगी और राम रक्षा स्तोत्र हनुमान चालीसा और भजनों का पाठ सुबह साढ़े छह बजे से शाम साढ़े छह बजे तक किया जाएगा।

सीएम योगी भी होंगे इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी

प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य आयोजन पांच जून को होगा। सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और दोपहर एक बजे भगवान को भोग और आरती अर्पित की जाएगी। इस आयोजन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। यह भी संयोग है कि उसी दिन योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन भी है। इस ऐतिहासिक दिन में कई वीवीआईपी अतिथियों की उपस्थिति की संभावना है।

राम दरबार की प्रतिष्ठा के साथ आठ मंदिरों का पूजन

राम मंदिर के पहले तल पर राम दरबार की स्थापना की जाएगी जिसमें भगवान राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न माता सीता और सेवक हनुमान विराजमान होंगे। इसके अलावा दक्षिण पश्चिम कोने में शेषावतार की मूर्ति की भी स्थापना होगी। सात उपमंदिरों की मूर्तियां भी प्रतिष्ठित की जाएंगी। उत्तर पूर्व कोने में शिवलिंग अग्निकोण में गणेश दक्षिण दिशा में हनुमान नैऋत्य कोने में सूर्य वायव्य कोने में भगवती और उत्तर दिशा के मध्य में अन्नपूर्णा माता की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी।

वैदिक आचार्यों के सान्निध्य में धार्मिक अनुष्ठान शुरू

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरुआत राम मंदिर परिसर में गणेश पूजन से हुई। इससे पहले प्रयाश्चित पूजा के साथ कलश यात्रा का आयोजन हुआ था। देशभर से आए 101 वैदिक आचार्य इस आयोजन को सम्पन्न करवा रहे हैं। काशी के प्रसिद्ध विद्वान जयप्रकाश जी मुख्य आचार्य के रूप में मार्गदर्शन कर रहे हैं। आज पुण्यार्जन दुर्गा पूजा नंदी श्राद्ध और पंचांग कर्म के साथ अग्नि स्थापना की जाएगी और सभी मूर्तियों को जल में स्नान कराया जाएगा।

चंपत राय ने भक्तों से की विशेष अपील

राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने देशभर से आने वाले भक्तों से अपील की है कि अभी किसी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि केवल वही लोग दर्शन के लिए आएं जिन्हें अत्यधिक आवश्यकता हो। इस समय मौसम अनुकूल नहीं है और मंदिर निर्माण का कुछ कार्य भी चल रहा है जिससे राम दरबार और अन्य मंदिरों के दर्शन के लिए भक्तों को थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ ‘प्राण प्रतिष्ठा’ शब्द सुनकर भीड़ न करें।

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Eid-Ul-Zuha 2025: : मंत्री के एलान के बाद कोलकाता में खुशी की लहर! रेड रोड पर फिर गूंजेगी ईद की तकबीर

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Eid-Ul-Azha: मंत्री के एलान के बाद कोलकाता में खुशी की लहर! रेड रोड पर फिर गूंजेगी ईद की तकबीर

Eid-Ul-Zuha 2025: कोलकाता के रेड रोड यानी इंदिरा गांधी सारणी पर ईद-उल-अजहा की मस्स नमाज के लिए सेना ने अनुमति दे दी है। यह अनुमति पहले एक दिन पहले रद्द कर दी गई थी। तब से चर्चा चल रही थी कि मुस्लिम समुदाय अदालत का रुख कर सकता है। लेकिन सेना ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव करके नमाज की अनुमति दी।

नमाज की परंपरा और सांप्रदायिक सद्भाव

रेड रोड पर यह नमाज दशकों से होती आ रही है। इसे सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक माना जाता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी हर साल ईद-उल-अजहा की नमाज में मौजूद रहती हैं। पूरे पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक लोग इस जगह एक साथ नमाज पढ़ते हैं। यह स्थान मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत खास है।

Eid-Ul-Azha: मंत्री के एलान के बाद कोलकाता में खुशी की लहर! रेड रोड पर फिर गूंजेगी ईद की तकबीर

अन्य कार्यक्रमों की अनुमति से इंकार

कुछ महीने पहले हिंदू संगठनों ने भी रेड रोड पर कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन सेना और अदालत ने दोनों ही बार अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इससे साफ हो गया था कि रेड रोड पर सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए कड़ी निगरानी है और अनुमति सीमित है।

बातचीत से सुलझा मामला

सोमवार को बताया गया कि सेना अधिकारियों ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में थोड़े बदलाव करने का फैसला किया है। ऐसा ईद-उल-अजहा की नमाज के लिए किया गया है। पश्चिम बंगाल के मंत्री जावेद अहमद खान ने बताया कि अनुमति संबंधी समस्याएं थीं क्योंकि सेना की अपनी व्यस्तताएं थीं। लेकिन आयोजकों और रक्षा अधिकारियों के बीच बातचीत से मामला सुलझ गया।

सेना ने बदल दिया प्रशिक्षण कार्यक्रम

सूत्रों के अनुसार सेना ने रेड रोड पर अपनी प्रशिक्षण व्यवस्था में मामूली बदलाव किए हैं ताकि दशकों पुरानी ईद की नमाज की परंपरा जारी रह सके। रेड रोड एक रक्षा क्षेत्र है जो मैदान इलाके से गुजरता है। यह फोर्ट विलियम और ईस्टर्न कमांड मुख्यालय के पास है। यहां एक साथ बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करते हैं जो एक अनोखा दृश्य होता है।

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Brij Bhushan Sharan Singh: राहुल गांधी पर गंभीर आरोप! क्या कांग्रेस की नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं जानिए बृजभूषण की जुबानी

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Brij Bhushan Sharan Singh: राहुल गांधी पर गंभीर आरोप! क्या कांग्रेस की नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं जानिए बृजभूषण की जुबानी

पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष Brij Bhushan Sharan Singh ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पीओके अब ज्यादा दिनों तक एक नहीं रहेगा और जल्द ही उसके टुकड़े होने वाले हैं। यह बयान उनके सख्त रुख को दिखाता है जो उन्होंने हाल ही में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयानों के जवाब में दिया।

कांग्रेस पर तीखा हमला

बृजभूषण शरण सिंह ने रेवंत रेड्डी के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री होते तो पीओके आज भारत का हिस्सा होता। बृजभूषण ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पीओके किसने दिया और देश के टुकड़े किसके शासन में हुए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में तुष्टिकरण की राजनीति शुरू हुई थी और कांग्रेस कभी पीओके वापस नहीं ले सकती।

राहुल गांधी पर बृजभूषण की टिप्पणी

जब बृजभूषण से राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कभी इस देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। उन्होंने राहुल को एक कठपुतली बताया जिसकी सोच अभी तक साफ नहीं है। बृजभूषण ने कहा कि राहुल गांधी की विचारधारा टुकड़े टुकड़े गैंग से मेल खाती है और वे पाकिस्तान को खुश करने के लिए बयान देते हैं।

रेवंत रेड्डी के आरोप

29 मई को हैदराबाद में रेवंत रेड्डी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताना चाहिए कि पाकिस्तान ने भारत के कितने राफेल विमान गिराए। उन्होंने आरोप लगाया कि 140 करोड़ भारतीयों की इच्छाओं के बावजूद मोदी सरकार पाकिस्तान से कश्मीर नहीं ले पाई। रेवंत रेड्डी ने इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका के दबाव के बावजूद उन्होंने पाकिस्तान को दो टुकड़ों में बांटकर दम लिया था।

विपक्ष की मांगें और सवाल

रेवंत रेड्डी के अलावा कांग्रेस और विपक्ष के कई नेताओं ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार को ऑपरेशन सिंदूर पर सवालों के जवाब देने के लिए विशेष सत्र बुलाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की जांच की मांग भी की जैसे कारगिल युद्ध की जांच हुई थी।

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