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कहीं आपका WhatsApp कोई और तो नहीं चला रहा? जानिए पहचानने का तरीका!

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Meta की नई पहल! डीडीफ़ेक वीडियो से बचने के लिए यूज़र्स को दी गई चेतावनी

Meta ने हाल ही में बड़ी कार्रवाई करते हुए हजारों फेसबुक पेज और अकाउंट्स को बैन कर दिया है। यह कार्रवाई खासतौर पर उन अकाउंट्स पर की गई है जो वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल थे। इन अकाउंट्स का लक्ष्य खासकर भारत और ब्राजील के यूज़र्स थे।
धोखाधड़ी के लिए डीडीफ़ेक वीडियो का इस्तेमाल
रिपोर्ट्स के अनुसार धोखेबाजों ने यूज़र्स को फंसाने के लिए डीडीफ़ेक वीडियो का सहारा लिया। ये वीडियो मशहूर क्रिकेटर्स, सेलेब्रिटीज़ और कारोबारियों के थे और इनका इस्तेमाल निवेश ऐप्स को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा था। मेटा ने यूज़र्स को ऐसे फर्जी वीडियो और पोस्ट से बचने की सलाह दी है।
मेटा ने 23,000 अकाउंट्स और पेज किए बैन
मेटा ने 23,000 फेसबुक अकाउंट्स और पेज बैन किए हैं जो वित्तीय धोखाधड़ी में लिप्त पाए गए थे। मेटा का कहना है कि वह भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई जारी रखेगा ताकि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को सुरक्षित बनाया जा सके। भारत में फेसबुक के सक्रिय यूज़र्स की संख्या 375 मिलियन से ज्यादा है।
मेटा का नया AI ऐप
मेटा ने अपने AI टूल का एक स्टैंडअलोन ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप में गूगल जेमिनी AI, चैटGPT, ग्रोक और क्लॉड जैसे फीचर्स होंगे जिनकी मदद से यूज़र्स आसानी से इंटरैक्ट कर सकेंगे। पहले मेटा AI को फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के जरिए एक्सेस किया जा सकता था लेकिन अब यह ऐप बिना सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के भी उपलब्ध होगा।
नए फीचर्स के साथ मेटा AI ऐप
इसके अलावा, मेटा ने अपने AI ऐप में दो-तरफा वर्बल कम्युनिकेशन और डिस्कवर फीड जैसे फीचर्स भी जोड़े हैं। यह यूज़र्स को बेहतर और इंटरेक्टिव अनुभव देने के लिए है। मेटा का यह नया कदम टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया की दुनिया में और भी अधिक बदलाव ला सकता है।
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Operation Sindoor: एक बटन दबते ही उड़ गए आतंकी अड्डे, देखिए कैसे काम करती है भारत की स्मार्ट मिसाइल

Operation Sindoor: पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के नौ ठिकानों को तबाह कर दिया। यह कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई। इस मिशन में राफेल लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया गया जिसमें स्काल्प और हैमर जैसी खतरनाक मिसाइलें लगी थीं। यह हमला पूरी तरह सटीक और योजनाबद्ध था।
स्काल्प मिसाइल की खासियतें
स्काल्प मिसाइल की सबसे बड़ी ताकत उसकी लंबी रेंज है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मिसाइल 300 किलोमीटर से लेकर 560 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकती है। इस मिसाइल में एडवांस जीपीएस और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल होता है जो इसे लक्ष्य को सटीकता से पहचानने में मदद करता है।
टारगेट लॉक करने वाली तकनीक
स्काल्प मिसाइल में इंफ्रारेड कैमरा लगा होता है जो लक्ष्य की तस्वीर को पहले से मौजूद तस्वीर से मिलाता है। जब तस्वीर पूरी तरह मेल खा जाती है तब यह मिसाइल टारगेट को लॉक कर देती है और फिर हमला करती है। इस तकनीक से दुश्मन के बचने की कोई गुंजाइश नहीं रहती।
हैमर मिसाइल की ताकत
हैमर मिसाइल मीडियम रेंज की मिसाइल है जो लगभग 70 किलोमीटर तक की दूरी तक मार कर सकती है। यह मिसाइल साधारण बम में लगाई जा सकती है। इसमें जीपीएस सिस्टम के साथ साथ लेज़र गाइडेंस और इंफ्रारेड कैमरा की मदद से चलते हुए लक्ष्य को भी सटीकता से निशाना बनाया जा सकता है।
राफेल की धुआंधार रफ्तार और तकनीक
राफेल लड़ाकू विमान की गति 2202 किलोमीटर प्रति घंटा है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है जिससे यह लंबी दूरी के मिशन के लिए बेहतरीन साबित होता है। इसमें AESA रडार तकनीक लगी होती है जो दूर के लक्ष्यों को भी बड़ी आसानी से ट्रैक कर सकती है। यह विमान भारत की हवाई ताकत का मजबूत आधार बन चुका है।
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Starlink: पाकिस्तान ने एलन मस्क को दिया धोखा! स्टारलिंक के लिए अप्रूवल के बाद नई शर्तें, जानिए पूरा मामला

Starlink: यह किसी से छुपा नहीं है कि पाकिस्तान किस तरह से धोखाधड़ी करता है। अब पाकिस्तान टेलीकॉम अथॉरिटी ने एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के साथ वही किया है। मार्च में स्टारलिंक को अस्थायी लाइसेंस दिया गया था लेकिन अब नियमों और शर्तों की झंझट शुरू हो गई है।
अस्थायी लाइसेंस का मामला
पाकिस्तान सरकार ने मार्च में स्टारलिंक को सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का अस्थायी लाइसेंस दिया था। यह कदम पाकिस्तान सरकार ने भारत से पहले सैटेलाइट सेवा शुरू करने के लिए उठाया था। लेकिन अब सरकार ने इस अस्थायी लाइसेंस पर पुनर्विचार करना शुरू कर दिया है और इसे स्थायी लाइसेंस देने से पहले रजिस्ट्रेशन की मांग की है।
कागजी प्रक्रिया में उलझाव
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान टेलीकॉम अथॉरिटी (PTA) ने स्टारलिंक को तकनीकी और सुरक्षा परीक्षणों को पास करने के लिए कहा है। एक महीने के भीतर ही पाकिस्तान सरकार ने स्टारलिंक को कागजी कार्यवाहियों में उलझा दिया है और स्थायी रजिस्ट्रेशन से पहले यह सभी प्रक्रियाएँ पूरी करने को कहा है।
एक्स (X) पर भी धोखा
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने एलन मस्क को धोखा दिया है। मस्क का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जो पहले ट्विटर था) भी पाकिस्तान में बैन है। पाकिस्तान में आम चुनाव के दौरान कथित धांधली के आरोपों के बाद इसे बंद कर दिया गया था। हालांकि पाकिस्तान सरकार वीपीएन का इस्तेमाल कर अपने ही X अकाउंट को चलाती है।
पाकिस्तान सरकार को हाई कोर्ट का संदेश
पाकिस्तान में X पर बैन के बाद इस मामले में वहां की हाई कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को कड़ा संदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार को अपनी नीतियों पर फिर से विचार करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी प्लेटफॉर्म को बिना उचित कारण के बैन नहीं किया जाए।
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