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IPL 2025: हार के बाद मुंबई टीम की भावनाओं का दौर! हार्दिक पांड्या की कप्तानी और प्रदर्शन पर उठे सवाल

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IPL 2025: हार के बाद मुंबई टीम की भावनाओं का दौर! हार्दिक पांड्या की कप्तानी और प्रदर्शन पर उठे सवाल

IPL 2025 के दूसरे क्वालिफायर मैच में पंजाब किंग्स ने मुंबई इंडियंस को 5 विकेट से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली। इस हार के साथ ही मुंबई का छठी बार ट्रॉफी जीतने का सपना टूट गया। हार के बाद मुंबई के कप्तान हार्दिक पांड्या काफी टूटे हुए दिखे। मैच के बाद हार्दिक मैदान पर बैठ गए और भावुक हो गए। तब जसप्रीत बुमराह ने उनका हौसला बढ़ाया।

मैच हारने के बाद मुंबई टीम के सदस्यों की भावनाएं

हार के बाद मुंबई के गेंदबाज अश्विनी कुमार मैच खत्म होते ही रोने लगे। वहीं, रोहित शर्मा भी काफी उदास नजर आए। इन भावुक पलों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। मुंबई इंडियंस की मालकिन नीता अंबानी की भी एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें वह मैच हारने के बाद सिर पकड़ती नजर आ रही हैं। मुंबई इंडियंस के गेंदबाजी कोच लसिथ मलिंगा भी डगआउट में काफी निराश दिखे।

अहमदाबाद में मुंबई का छठा लगातार हार

यह मैच अहमदाबाद के मैदान पर मुंबई इंडियंस की लगातार छठी हार थी। मुंबई ने आखिरी बार इस मैदान पर 2014 में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मैच जीता था। तब से अब तक मुंबई इस मैदान पर एक भी जीत दर्ज नहीं कर पाई है। आईपीएल 2025 में भी मुंबई ने यहां दो मैच खेले और दोनों में हार का सामना किया।

हार्दिक पांड्या का प्रदर्शन और कप्तानी पर सवाल

दूसरे क्वालिफायर मैच में हार्दिक पांड्या के प्रदर्शन में कमी नजर आई। उन्होंने बल्लेबाजी में 13 गेंदों पर मात्र 15 रन बनाए जबकि गेंदबाजी में 2 ओवर में 19 रन दिए। कप्तानी भी इस मैच में कमजोर रही। हार्दिक ने माना कि श्रेयस की बल्लेबाजी शानदार रही और उन्होंने बेहतरीन शॉट खेले। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टीम दबाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी।

हार्दिक की हार के बाद की बातें और सुधार की जरूरत

हार्दिक पांड्या ने माना कि सही समय पर सही गेंदबाज का इस्तेमाल न करने से मैच का परिणाम बदल सकता था। उन्होंने पूरी टीम की ओर से माफी मांगी और कहा कि इस हार से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। अब मुंबई इंडियंस को इस हार से सबक लेकर आगे के मैचों के लिए तैयार होना होगा।

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India VS England: इंग्लैंड में बल्लों का तूफान! वैभव-आयुष की जोड़ी पहली बार विदेशी धरती पर करेगी तबाही

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India VS England: इंग्लैंड में बल्लों का तूफान! वैभव-आयुष की जोड़ी पहली बार विदेशी धरती पर करेगी तबाही

India VS England: भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम के दो सितारे वैभव सूर्यवंशी और टीम के कप्तान आयुष मात्रे इस समय चर्चा में हैं। अब तक दोनों ने मिलकर जो प्रदर्शन किया है वह यह इशारा करता है कि इंग्लैंड के खिलाफ होने वाला पहला मुकाबला खास हो सकता है। ये दोनों खिलाड़ी 27 जून को इंग्लैंड की जमीन पर पहली बार बतौर ओपनर उतरेंगे। दिलचस्प बात यह है कि इनका यह मुकाबला सिर्फ प्रदर्शन का नहीं बल्कि खुद को दुनिया के सामने साबित करने का भी है।

तीन मैचों में 123 रनों की साझेदारी, इंग्लैंड की चिंता बढ़ी

अब तक वैभव और आयुष ने भारत के लिए तीन अंडर-19 वनडे मैचों में ओपनिंग की है। इन तीनों मैचों में उन्होंने कुल 123 रन जोड़े हैं जो सिर्फ 81 गेंदों में आए हैं। ये आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि ये जोड़ी कितनी खतरनाक है। वैभव सूर्यवंशी ने 5 छक्के और 8 चौके लगाए हैं जबकि आयुष ने 12 चौके लगाए हैं। इनका अटैकिंग अंदाज़ इंग्लैंड के गेंदबाज़ों के लिए खतरे की घंटी है।

India VS England: इंग्लैंड में बल्लों का तूफान! वैभव-आयुष की जोड़ी पहली बार विदेशी धरती पर करेगी तबाही

पहली बार एशिया के बाहर और इंग्लैंड के खिलाफ चुनौती

अब तक जिन तीन मैचों में इस जोड़ी ने साथ खेला है वे सभी UAE में खेले गए थे। ये मुकाबले बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी एशियाई टीमों के खिलाफ थे। अब पहली बार यह जोड़ी एशिया से बाहर और एक नॉन-एशियन टीम के खिलाफ उतरेगी। यह सिर्फ उनके कौशल की परीक्षा नहीं बल्कि मानसिक मजबूती की भी परीक्षा होगी। इंग्लैंड की पिचें और परिस्थितियां बिल्कुल अलग होती हैं और वहां पर खुद को साबित करना हर युवा खिलाड़ी का सपना होता है।

दाएं-बाएं हाथ की जोड़ी से रणनीतिक फायदा

आयुष मात्रे दाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं और वैभव सूर्यवंशी बाएं हाथ के। क्रिकेट में जब दाएं और बाएं हाथ की जोड़ी ओपनिंग करती है तो गेंदबाजों को लाइन और लेंथ में लगातार बदलाव करना पड़ता है। यह रणनीतिक रूप से विपक्षी गेंदबाज़ी क्रम के लिए बहुत बड़ी चुनौती होती है। यही वजह है कि कोचिंग स्टाफ और चयनकर्ता इस जोड़ी से बहुत उम्मीदें लगाए बैठे हैं।

इंग्लैंड में मच सकता है बल्लों का तूफान

जिस अंदाज़ में वैभव सूर्यवंशी और आयुष मात्रे खेलते हैं, उससे यह कहा जा सकता है कि इंग्लैंड में तूफान मच सकता है। अगर ये दोनों अपने आक्रामक तेवर दिखाते हैं तो इंग्लैंड की अंडर-19 टीम के लिए यह सीरीज़ किसी बुरे सपने से कम नहीं होगी। भारतीय अंडर-19 टीम को अगर जीत की ओर बढ़ना है तो इन दो युवा बल्लेबाज़ों को अपनी भूमिका बखूबी निभानी होगी।

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Rishabh Pant ICC Test Rankings: MS धोनी भी रह गए पीछे – ऋषभ पंत ने ICC रैंकिंग में रच दिया ऐसा इतिहास

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Rishabh Pant ICC Test Rankings: MS धोनी भी रह गए पीछे – ऋषभ पंत ने ICC रैंकिंग में रच दिया ऐसा इतिहास

Rishabh Pant ICC Test Rankings: लीड्स टेस्ट में भले ही टीम इंडिया को इंग्लैंड के हाथों 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इस मैच में ऋषभ पंत ने ऐसा प्रदर्शन किया जिसने सबका दिल जीत लिया। पहली और दूसरी पारी में शानदार शतक जड़कर पंत ने अकेले दम पर टीम को सम्मानजनक स्थिति में पहुँचाया। हालांकि जीत नहीं मिली, लेकिन पंत के बल्ले की गूंज आईसीसी रैंकिंग तक पहुंच गई।

दोनों पारियों में शतक लगाकर बने भारत के सातवें खिलाड़ी

पहली पारी में पंत ने 178 गेंदों में 134 रनों की पारी खेली जिसमें 12 चौके और 6 छक्के शामिल थे। दूसरी पारी में भी उनका तूफान जारी रहा और उन्होंने 140 गेंदों में 118 रन बनाए जिसमें 15 चौके और 3 छक्के शामिल रहे। इस प्रदर्शन के साथ ही ऋषभ पंत भारत के ऐसे सातवें बल्लेबाज बन गए जिन्होंने किसी टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाया है।

आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में जबरदस्त छलांग

इस शानदार प्रदर्शन का फायदा उन्हें आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी मिला है। पहले वह नंबर 8 पर थे लेकिन अब वह एक पायदान चढ़कर सातवें स्थान पर पहुंच गए हैं। मैच से पहले उनकी रेटिंग 739 थी जो अब बढ़कर 800 हो गई है। यह भारत के किसी भी विकेटकीपर बल्लेबाज की अब तक की सबसे ऊंची टेस्ट रेटिंग है।

एमएस धोनी को भी पीछे छोड़ा

महेंद्र सिंह धोनी को टेस्ट क्रिकेट में दुनिया भर में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में पहचान मिली लेकिन आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में वह कभी भी 800 रेटिंग अंक तक नहीं पहुंच पाए। धोनी का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट रेटिंग 661 रहा जबकि उनकी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 19 थी। वहीं पंत ने ना केवल यह आंकड़ा पार किया बल्कि धोनी के टेस्ट शतकों की संख्या (6) को भी पीछे छोड़ दिया है।

आगे की राह में बन सकते हैं और रिकॉर्ड

ऋषभ पंत अभी 26 वर्ष के हैं और उनका करियर अभी अपने सुनहरे दौर में है। अगर वह ऐसे ही बल्लेबाजी करते रहे तो आने वाले समय में वह न सिर्फ भारत के सबसे सफल विकेटकीपर बल्लेबाज बन सकते हैं बल्कि दुनिया के शीर्ष टेस्ट बल्लेबाजों की सूची में भी अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। उनके फॉर्म और आत्मविश्वास को देखकर लगता है कि रिकॉर्ड्स की लंबी सूची उनकी राह देख रही है।

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Dilip Doshi: भारत के दिग्गज स्पिनर दिलीप दोषी अब नहीं रहे, लंदन में हार्ट अटैक से हुआ निधन

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Dilip Doshi: भारत के दिग्गज स्पिनर दिलीप दोषी अब नहीं रहे, लंदन में हार्ट अटैक से हुआ निधन

Dilip Doshi: भारत और इंग्लैंड के बीच हेडिंग्ले में चल रहे पहले टेस्ट मैच के दौरान जहां एक ओर केएल राहुल और ऋषभ पंत की शानदार शतकीय पारियों ने टीम इंडिया को नई उम्मीद दी, वहीं दिन के अंत में एक दुखद खबर ने सभी क्रिकेट प्रेमियों को झकझोर दिया। भारत के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर दिलीप दोषी का 77 वर्ष की उम्र में लंदन में निधन हो गया। ESPNcricinfo की रिपोर्ट के अनुसार, दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका निधन हुआ। लंबे समय से वह लंदन में ही रह रहे थे।

BCCI और क्रिकेट जगत ने दी श्रद्धांजलि

बीसीसीआई ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बोर्ड ने लिखा, “बीसीसीआई पूर्व भारतीय स्पिनर दिलीप दोषी के निधन पर शोक व्यक्त करता है। वह लंदन में अंतिम सांस ली।” क्रिकेट जगत में उनकी पहचान एक ऐसे खिलाड़ी की रही जो अपने खेल से ज़्यादा, अपने अनुशासन और गंभीरता के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में भी शोक की लहर दौड़ गई है।

देर से किया डेब्यू, लेकिन असरदार रहा करियर

दिलीप दोषी ने भारत के लिए 32 साल की उम्र में डेब्यू किया था। यह उम्र आम तौर पर क्रिकेट करियर के ढलान की मानी जाती है, लेकिन दोषी ने इसे गलत साबित किया। उन्होंने भारत के लिए कुल 33 टेस्ट मैच खेले और 114 विकेट लिए। इसमें 6 बार उन्होंने पारी में 5 विकेट भी झटके। वहीं, 15 एकदिवसीय मैचों में उन्होंने 22 विकेट चटकाए। घरेलू क्रिकेट में वह सौराष्ट्र और बंगाल की ओर से खेले और इंग्लैंड में वार्विकशायर और नॉटिंघमशायर की ओर से भी उन्होंने क्रिकेट खेला।

क्रिकेट से मोहभंग और आत्मकथा ‘Spin Punch’

दिलीप दोषी का क्रिकेट से मोह धीरे-धीरे खत्म होने लगा था। 1980 के दशक में उन्होंने चुपचाप क्रिकेट को अलविदा कह दिया क्योंकि उस समय भारतीय क्रिकेट के प्रबंधन से वह खासे असंतुष्ट थे। उन्होंने अपनी आत्मकथा भी लिखी जिसका नाम है ‘Spin He is a Punch’। इसमें उन्होंने न केवल अपने क्रिकेट करियर की यादें साझा कीं बल्कि क्रिकेट प्रशासन और खेल के बदलते स्वरूप पर भी तीखी टिप्पणियां कीं। 1981 में मेलबर्न में खेले गए टेस्ट मैच में उनकी गेंदबाजी ने भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।

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