खेल
IPL 2025: CSK की पहली जीत और धोनी का इम्पैक्ट प्लेयर पर नया नजरिया!
IPL 2025 के पहले मैच में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने मुंबई इंडियंस को चार विकेट से हराकर शानदार शुरुआत की। इस मैच में MS धोनी ने दो गेंदों पर बल्लेबाजी की, लेकिन वह खाता नहीं खोल सके और नाबाद लौटे। हालांकि, इस मैच से बाहर IPL के इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर धोनी का रुख अब बदला हुआ नजर आया है। धोनी, जो पहले इस नियम के बारे में संदेहपूर्ण थे, अब इसे T20 क्रिकेट के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। उन्होंने इस नियम की उपयोगिता को स्वीकार करते हुए कहा कि अब वह इस नियम के महत्व को समझने लगे हैं।
धोनी का संदेह अब विश्वास में बदला
MS धोनी ने IPL के इम्पैक्ट प्लेयर नियम के बारे में पहले कहा था कि इस नियम की आवश्यकता नहीं थी। शुरुआत में वह इसे लेकर काफी संदेहास्पद थे और उनका मानना था कि यह नियम खेल को प्रभावित करेगा। हालांकि, अब धोनी का मानना है कि इस नियम ने T20 क्रिकेट को और बेहतर बनाने में मदद की है। धोनी ने जीओ स्टार के साथ बातचीत में कहा, “जब इस नियम की शुरुआत हुई थी, तो मुझे लगा था कि यह जरूरी नहीं है। कुछ मामलों में इसने मुझे मदद की और कुछ में यह प्रभावी नहीं था। लेकिन अब मैं इसके महत्व को समझता हूं।”
इम्पैक्ट प्लेयर नियम के बारे में धोनी का नजरिया
धोनी ने यह भी कहा कि वह खुद टीम के मुख्य विकेटकीपर हैं और खुद को इम्पैक्ट प्लेयर नहीं मानते। उनका मानना है कि यह नियम केवल एक अतिरिक्त बल्लेबाज टीम को कठिन स्थितियों में मदद करने के लिए प्रदान करता है, लेकिन केवल एक अतिरिक्त बल्लेबाज होने से बड़े स्कोर नहीं बन जाते। उनका कहना है कि यह पूरी तरह से मानसिकता का खेल है, जहां अब टीमें अधिक आक्रामक तरीके से खेल रही हैं। धोनी के अनुसार, “अब टीमों के पास अतिरिक्त बल्लेबाज होने का आत्मविश्वास है, जिससे वे अधिक आक्रामक तरीके से खेल रहे हैं। यह T20 क्रिकेट के प्राकृतिक विकास का हिस्सा है।”

रोहित और हार्दिक की आलोचना
हालांकि, धोनी के विचार इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर अलग हैं, लेकिन कुछ अन्य क्रिकेटर्स इस नियम के खिलाफ हैं। भारतीय टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा और आलराउंडर हार्दिक पंड्या ने इस नियम की आलोचना की है। उनका मानना है कि यह नियम आलराउंडर्स के रोल को प्रभावित कर रहा है, क्योंकि टीमें अब आक्रामक बल्लेबाजों को प्राथमिकता दे रही हैं। उनका कहना है कि आलराउंडर की भूमिका कम हो रही है, क्योंकि टीमें अब इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर सिर्फ आक्रामक बल्लेबाजों को खिला रही हैं।
T20 क्रिकेट में बदलाव
धोनी का मानना है कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम ने T20 क्रिकेट में एक सकारात्मक बदलाव लाया है। इस नियम से टीमों को एक अतिरिक्त बल्लेबाज का लाभ मिलता है, जिससे वे कठिन परिस्थितियों में भी अधिक आक्रामक हो सकती हैं। धोनी के अनुसार, यह मानसिकता का बदलाव है, जहां टीमें आत्मविश्वास के साथ अधिक रन बनाने की कोशिश करती हैं। उनका कहना है कि कुछ टीमें अपने चार या पांच अतिरिक्त बल्लेबाजों का इस्तेमाल कर रही हैं, जबकि कुछ टीमें केवल उनकी उपस्थिति से ही अधिक आत्मविश्वास महसूस कर रही हैं।
धोनी की कप्तानी में सीएसके की जीत
IPL 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने पहले मैच में मुंबई इंडियंस को चार विकेट से हराया। यह मैच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में हुआ था। इस मैच में धोनी ने दो गेंदों का सामना किया, लेकिन वह बिना कोई रन बनाए नाबाद लौटे। हालांकि, सीएसके की जीत धोनी की कप्तानी में एक और महत्वपूर्ण पल थी, क्योंकि यह मैच IPL 2025 में सीएसके का पहला मैच था।
धोनी का IPL के इम्पैक्ट प्लेयर नियम के बारे में बदला हुआ रुख यह दर्शाता है कि क्रिकेट के खेल में बदलाव की स्वीकार्यता बढ़ रही है। हालांकि, अन्य खिलाड़ियों के विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन धोनी का यह मानना है कि T20 क्रिकेट में विकास के साथ इस तरह के नियमों की आवश्यकता है। सीएसके की जीत और धोनी के विचार यह साबित करते हैं कि क्रिकेट एक मानसिक खेल है और इस खेल में बदलाव के साथ नई रणनीतियों का निर्माण हो रहा है।
खेल
AUS vs ENG: क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने जताई चिंता, दो दिन में समाप्त Melbourne Test के असर पर चर्चा
AUS vs ENG: बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के लिए क्रिकेट फैंस को काफी उत्साह था। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच यह मुकाबला मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में 26 दिसंबर से शुरू हुआ था, और दर्शक उम्मीद कर रहे थे कि पांच दिनों तक रोमांचक टेस्ट क्रिकेट का आनंद लिया जाएगा। लेकिन यह मैच केवल दो दिनों में ही समाप्त हो गया, और इंग्लैंड ने चार विकेट से जीत दर्ज की। मैच का इतनी जल्दी खत्म होना दर्शकों और पूर्व क्रिकेटरों के लिए चौंकाने वाला था। इसके साथ ही, पिच की गुणवत्ता को लेकर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं।
टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए खतरा
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ, टॉड ग्रीनबर्ग ने मैच के बाद कहा कि ऐसे मैच टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए अच्छे नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हम भविष्य में बेहतर पिच तैयार कराने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने पर विचार कर रहे हैं। फैंस के लिए ऐसे मैच देखना रोमांचक होता है, लेकिन हम चाहते हैं कि टेस्ट मैच लंबा चले। पहले दिन का खेल देखने के बाद मुझे रात को नींद नहीं आई। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कभी पिच तैयारी में हस्तक्षेप नहीं किया, लेकिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से पिच तैयारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
इस बयान से यह साफ है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अब पिच की गुणवत्ता और टेस्ट मैच की लंबाई को लेकर गंभीर हो गया है। लंबे और संतुलित टेस्ट मैच न केवल खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं बल्कि दर्शकों को भी सही टेस्ट क्रिकेट का अनुभव देते हैं।
भारत में पिच पर अक्सर आलोचना होती है
मेलबर्न टेस्ट के दो दिन में खत्म होने के बाद, पूर्व इंग्लैंड खिलाड़ी केविन पीटरसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि भारत में जब किसी टेस्ट मैच के पहले दिन कई विकेट गिरते हैं, तो पिच की काफी आलोचना होती है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि ऑस्ट्रेलिया को भी समान आलोचना का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि न्याय सबके लिए समान होना चाहिए।
पूर्व भारतीय विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने भी पिच की आलोचना की। उन्होंने कहा कि MCG की पिच काफी सामान्य लग रही थी। उन्हें यह विश्वास नहीं हो रहा था कि चार में से दो एशेज टेस्ट केवल दो दिन में खत्म हो गए, और चारों मैच मिलाकर कुल केवल 13 दिनों तक चले। यह दर्शाता है कि पिच की गुणवत्ता और मैच की लंबाई के मुद्दे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अब गंभीर रूप से उठ रहे हैं।
सुधार की आवश्यकता और भविष्य की रणनीति
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मैच टेस्ट क्रिकेट के लिए हानिकारक हैं। खेल को संतुलित और प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने के लिए पिच तैयार करने में सुधार की जरूरत है। लंबी टेस्ट मैचों से खिलाड़ियों का कौशल, टीम की रणनीति और फैंस की समझ बेहतर होती है। इसके अलावा, बोर्डों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिचें न केवल चुनौतीपूर्ण हों, बल्कि लंबी अवधि के मैच के लिए टिकाऊ भी हों।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने संकेत दिया है कि वह भविष्य में पिच तैयार करने की प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए कदम उठाएगा। यह कदम न केवल ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिए बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। फैंस और खिलाड़ियों की उम्मीद है कि आने वाले टेस्ट मैचों में ऐसा न हो और टेस्ट क्रिकेट की प्रतिष्ठा बनाए रखी जाए।
खेल
ICC Academy दुबई में भारत-पाक मुकाबला: टीम इंडिया का टारगेट पीछा करना हुआ मुश्किल
ICC Academy, दुबई में खेले जा रहे अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हैं। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 348 रन का विशाल लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और कप्तान आयुष म्हात्रे का बल्ला इस मैच में बिल्कुल नहीं चला। टीम को पहले ही झटके का सामना करना पड़ा, जब कप्तान महत्रे तीसरे ओवर की दूसरी गेंद पर फरहान युसूफ के हाथों कैच होकर आउट हो गए।
आयुष म्हात्रे और अली राजा के बीच बहस
आउट होने के बाद पाकिस्तानी गेंदबाज अली राजा और आयुष म्हात्रे के बीच बहस हुई। राजा ने विकेट लेने के बाद कप्तान से कुछ कहा, जिससे माहौल गर्मा गया और आयुष भी उनके पास गए। हालांकि, अंपायर ने बीच में आकर मामला शांत करवाया। इस ओवर में आयुष ने ड्राइव खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद हवा में गई और मिड-ऑफ पर फरहान युसूफ ने शानदार कैच पकड़ा। इस विकेट ने भारतीय टीम की चुनौती पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया।
https://twitter.com/i/status/2002675154682597665
टूर्नामेंट में आयुष का प्रदर्शन
अंडर-19 एशिया कप में आयुष म्हात्रे का बल्ला पूरे टूर्नामेंट में ठीक नहीं चला। उन्होंने पांच मैचों में से सिर्फ दो मैचों में डबल डिजिट स्कोर बनाया, जबकि तीन मैचों में उन्हें सिंगल डिजिट स्कोर पर आउट होना पड़ा। उनका सबसे उच्च स्कोर 38 रन रहा, जो लीग स्टेज में पाकिस्तान के खिलाफ आया था। फाइनल में आयुष सिर्फ 2 रन बनाकर 7 गेंदों में आउट हुए। इस प्रदर्शन ने भारत के लिए फाइनल की चुनौती और कठिन कर दी।
पाकिस्तान की जबरदस्त बल्लेबाजी और भारत की गेंदबाजी
पाकिस्तान की पारी में समीर मिन्हास ने शानदार बल्लेबाजी की और 17 चौकों और 9 छक्कों की मदद से 113 गेंदों में 172 रन बनाकर आउट हुए। इसके अलावा अहमद हुसैन ने 72 गेंदों में 56 रन की पारी खेली। पाकिस्तान की टीम ने 50 ओवर बैटिंग के बाद 8 विकेट के नुकसान पर 247 रन बनाए। भारत की ओर से दीपेश देवेंद्रन ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए। ऐसे में भारत को जीत के लिए अपनी पूरी टीम पारी और गेंदबाजी में बेहतर प्रदर्शन करना होगा।
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