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Investment: कितने सालों में तिगुना होगा आपका पैसा? जानिए रूल ऑफ 114

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Investment: कितने सालों में तिगुना होगा आपका पैसा? जानिए रूल ऑफ 114

Investment: अगर आप अपना पैसा दोगुना, तिगुना या चौगुना करना चाहते हैं तो इसके लिए अनुशासन, धैर्य और गहरी रिसर्च जरूरी है। हमेशा ऐसे निवेश विकल्प में पैसा लगाएं जिसे आप अच्छे से समझते हों और कभी किसी और की राय पर निवेश न करें।

रूल ऑफ 72

रूल ऑफ 72 यह बताता है कि आपकी राशि कितने साल में दोगुनी होगी। इसे समझने के लिए, आपको संभावित वार्षिक रिटर्न को 72 से बांटना होता है। उदाहरण के लिए, अगर आपके निवेश पर 8 प्रतिशत वार्षिक रिटर्न है तो आपकी 1 लाख रुपये की राशि 9 साल में दोगुनी हो जाएगी।

रूल ऑफ 114

रूल ऑफ 114 यह बताता है कि आपकी राशि कितने साल में तिगुनी होगी। इसमें 72 की जगह 114 का उपयोग करना होता है। उदाहरण के लिए, अगर आपको 10 प्रतिशत वार्षिक रिटर्न मिल रहा है तो आपकी राशि 11.4 साल में तिगुनी हो जाएगी।

Investment: कितने सालों में तिगुना होगा आपका पैसा? जानिए रूल ऑफ 114

रूल ऑफ 144

रूल ऑफ 144 का उपयोग यह जानने के लिए किया जाता है कि आपकी राशि कितने सालों में चौगुनी होगी। इसमें आपको 144 को वार्षिक रिटर्न से विभाजित करना होता है। उदाहरण के लिए, 12 प्रतिशत रिटर्न पर आपकी राशि 12 साल में चौगुनी हो जाएगी।

निवेश के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक

इन नियमों का उपयोग करके आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि किस प्रकार के निवेश योजनाओं में आपको निवेश करना चाहिए ताकि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर सकें। ये नियम आपको यह भी बताते हैं कि आपको कौन सी औसत रिटर्न योजना में निवेश करना चाहिए।

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Revenue from alcohol: दिल्ली सरकार को शराब पर 7766 करोड़ रुपये का मुनाफा क्या है इसके पीछे की वजह?

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Revenue from alcohol: दिल्ली सरकार को शराब पर 7766 करोड़ रुपये का मुनाफा क्या है इसके पीछे की वजह?

Revenue from alcohol: अगर आप शराब पीते हैं तो आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शराब की बोतल खरीदने से सरकार को 7766 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। 2024-25 के वित्तीय वर्ष में दिल्ली सरकार की एक्साइज रेवेन्यू बढ़कर यह आंकड़ा पहुंचा है। यह आंकड़ा 2021-22 में हुए विवादों के बाद सुधार को दर्शाता है।

दिल्लीवासियों ने शराब खूब पी

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 में दिल्ली सरकार को 6762.61 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला था। इसके बाद 2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर 6830 करोड़ रुपये हो गया था। 2023-24 में यह 7430.97 करोड़ रुपये तक पहुंचा और 2024-25 में यह 7765.97 करोड़ रुपये हो गया है।

रेवेन्यू में और बढ़ोतरी हो सकती है

दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने बताया कि 2024-25 के वित्तीय वर्ष का एक्साइज और VAT डेटा फरवरी तक का है। इस आधार पर रेवेन्यू में और वृद्धि हो सकती है। दिल्ली सरकार ने पिछले महीने अपनी पुरानी एक्साइज पॉलिसी को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था क्योंकि नया नीति तैयार नहीं हो पाई है।

Revenue from alcohol: दिल्ली सरकार को शराब पर 7766 करोड़ रुपये का मुनाफा क्या है इसके पीछे की वजह?

क्या आएगी नई शराब नीति?

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में  बताया कि उनकी सरकार एक नई, पूरी तरह से सुरक्षित और पारदर्शी एक्साइज नीति तैयार कर रही है। इस नीति में अन्य राज्यों के सर्वोत्तम उदाहरणों को ध्यान में रखा जाएगा। नई नीति आने तक पुरानी नीति ही जारी रहेगी।

दिल्ली सरकार की चार कंपनियां शराब की 700 से अधिक दुकानें चला रही हैं

दिल्ली सरकार के चार निगमों द्वारा राजधानी भर में 700 से अधिक रिटेल शराब की दुकानों का संचालन किया जा रहा है। यह काम पुराने एक्साइज पॉलिसी के तहत किया जा रहा है क्योंकि नई नीति पर अभी काम चल रहा है।

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Post Office टाइम डिपॉजिट में निवेश करें और पाएं बैंकों से बेहतर ब्याज दरें

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Post Office टाइम डिपॉजिट में निवेश करें और पाएं बैंकों से बेहतर ब्याज दरें

Post Office: आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती के बाद बैंकों ने एफडी की ब्याज दरें घटा दी हैं लेकिन पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं में अब भी वही पुरानी ब्याज दरें बनी हुई हैं। इस कारण पोस्ट ऑफिस की योजनाएं बैंकों के मुकाबले ज्यादा आकर्षक हो गई हैं।

5 लाख रुपये पर मिलेगा 2,24,974 रुपये का ब्याज

पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट (TD) योजनाओं में निवेश करने पर आपको अच्छे रिटर्न मिल रहे हैं। यदि आप 5 लाख रुपये का निवेश 5 साल की अवधि के लिए करते हैं तो मैच्योरिटी पर आपको कुल 7,24,974 रुपये मिलेंगे जिसमें 5 लाख रुपये आपका निवेश और 2,24,974 रुपये ब्याज होंगे।

Post Office टाइम डिपॉजिट में निवेश करें और पाएं बैंकों से बेहतर ब्याज दरें

पोस्ट ऑफिस TD योजना में समान ब्याज दर

पोस्ट ऑफिस की TD योजना में सभी ग्राहकों को समान ब्याज दर मिलती है चाहे वह सामान्य नागरिक हों या वरिष्ठ नागरिक। इस योजना में न्यूनतम 1000 रुपये का निवेश किया जा सकता है और अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है।

पोस्ट ऑफिस में आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित

पोस्ट ऑफिस एक सरकारी प्रणाली है जिसे केंद्र सरकार द्वारा चलाया जाता है और इसमें जमा किया गया पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है। सरकार की जिम्मेदारी है कि पोस्ट ऑफिस में जमा हर एक पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इस कारण निवेशक निश्चिंत रह सकते हैं।

पोस्ट ऑफिस TD खाता खोलने की सरल प्रक्रिया

पोस्ट ऑफिस के TD खातों को खोलना काफी सरल है और इसमें निवेश के लिए किसी भी बैंक से ज्यादा जटिलता नहीं होती। आप आसानी से पोस्ट ऑफिस में जाकर या ऑनलाइन TD खाता खोल सकते हैं और अपनी बचत योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।

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GST: क्या आपके फ्लैट पर लागू होगा 18% GST? जानें नया नियम और इसके प्रभाव

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GST: क्या आपके फ्लैट पर लागू होगा 18% GST? जानें नया नियम और इसके प्रभाव

GST: सरकार ने फ्लैट्स में रहने वालों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब हाउसिंग सोसाइटी के रखरखाव पर ₹75,000 से ज्यादा के खर्च पर 18% जीएसटी लागू किया जाएगा। इससे सोसाइटी में रहने वाले लोगों पर अतिरिक्त खर्च बढ़ जाएगा और इस पर चर्चा शुरू हो गई है कि यह नियम उनके फ्लैट पर भी लागू होगा या नहीं।

किस सोसाइटी पर लगेगा 18% GST

सरकार ने हाउसिंग रूल्स में बदलाव किया है जिसके अनुसार, यदि किसी अपार्टमेंट का रखरखाव खर्च ₹75,000 से ज्यादा है या पूरे सोसाइटी का खर्च ₹20 लाख से ज्यादा है तो उस पर 18% जीएसटी लागू होगा। बेंगलुरू जैसे शहरों में लाखों लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं।

सभी अपार्टमेंट्स पर नहीं लगेगा GST

सरकार सभी अपार्टमेंट्स पर 18% जीएसटी लागू नहीं करेगी। यदि कोई व्यक्ति यह जानना चाहता है कि उसके फ्लैट या सोसाइटी पर यह नियम लागू होगा या नहीं, तो वह स्थानीय वाणिज्यिक कर कार्यालय में ₹500 का भुगतान कर यह जानकारी प्राप्त कर सकता है।

GST: क्या आपके फ्लैट पर लागू होगा 18% GST? जानें नया नियम और इसके प्रभाव

GST रजिस्ट्रेशन और रिटर्न भरने की प्रक्रिया

बेंगलुरू में फ्लैट्स में रहने वाले लोग इस पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या उन्हें अब जीएसटी के लिए रजिस्टर करना चाहिए। यदि वे एक बार रजिस्टर करते हैं तो उन्हें हर महीने दो बार रिटर्न भरने होंगे एक 11 तारीख को और दूसरा 20 तारीख को। साथ ही, साल भर का रिटर्न भी भरना होगा।

रिटर्न भरने पर आने वाला खर्च

जीएसटी रजिस्ट्रेशन के बाद रिटर्न भरने की प्रक्रिया महंगी साबित हो सकती है। लोगों को बार-बार रिटर्न भरने के लिए ₹1-2 लाख खर्च करना पड़ सकता है। यह अतिरिक्त खर्च फ्लैट मालिकों के लिए चिंता का कारण बन सकता है क्योंकि यह उनकी वित्तीय स्थिति को प्रभावित कर सकता है।

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