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Women’s ODI World Cup फाइनल में भारत बनाम साउथ अफ्रीका, ICC ने किया बड़ा ऐलान कौन करेगा मैच की निगरानी?
Women’s ODI World Cup 2025 का फाइनल मुकाबला अब बस कुछ ही घंटों की दूरी पर है। यह रोमांचक मुकाबला 2 नवंबर को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेला जाएगा। भारत और दक्षिण अफ्रीका दोनों ही टीमें इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक पहुंची हैं। अब दुनिया को एक नया चैंपियन मिलने वाला है क्योंकि दोनों ही टीमों ने अभी तक वर्ल्ड कप का खिताब नहीं जीता है।
आईसीसी ने घोषित की अंपायरिंग टीम
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने फाइनल मैच के लिए अंपायरों की घोषणा कर दी है। एलोइस शेरिडन और जैकलीन विलियम्स ऑन-फील्ड अंपायर होंगी। तीसरे अंपायर की जिम्मेदारी सू रेडफर्न को दी गई है जबकि चौथी अंपायर निमाली परेरा होंगी। मैच रेफरी मिशेल परेरा को बनाया गया है। दिलचस्प बात यह है कि शेरिडन और विलियम्स ने हाल ही के सेमीफाइनल मैच में भी अंपायरिंग की थी।
ICYMI the match officials to oversee the #CWC25 Final have been named 👇https://t.co/NYO1gyDQ6g
— ICC (@ICC) November 1, 2025
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच अब तक का रिकॉर्ड
अब तक भारत और दक्षिण अफ्रीका की महिला टीमों के बीच कुल 34 वनडे मैच खेले गए हैं जिनमें भारत ने 20 मैच जीते हैं जबकि दक्षिण अफ्रीका ने 13 में जीत हासिल की है। एक मुकाबला बेनतीजा रहा। आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो भारतीय टीम का पलड़ा थोड़ा भारी है लेकिन फाइनल मुकाबले में दबाव और परिस्थितियां कुछ भी कर सकती हैं।
सेमीफाइनल में भारत और अफ्रीका की शानदार जीत
सेमीफाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 5 विकेट से हराकर फाइनल में जगह बनाई। ऑस्ट्रेलिया ने 339 रन का बड़ा लक्ष्य रखा था जिसे भारतीय टीम ने जेमिमा रोड्रिग्स की धमाकेदार शतकीय पारी की बदौलत हासिल कर लिया। जेमिमा ने 127 रन बनाए जबकि कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 89 रनों की अहम पारी खेली। वहीं दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को 125 रनों से हराकर इतिहास रच दिया। अफ्रीकी बल्लेबाज लौरा वोल्वार्ड्ट ने शानदार शतक लगाया और टीम को पहली बार फाइनल में पहुंचाया।
खिताबी मुकाबले में उम्मीदें और उत्साह
यह फाइनल सिर्फ एक मैच नहीं बल्कि दो टीमों के सपनों की जंग है। भारत तीसरी बार फाइनल खेल रहा है और इस बार खिताब जीतने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहेगा। दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका की टीम अपने पहले खिताब की तलाश में मैदान पर सब कुछ झोंक देगी। नवी मुंबई का डीवाई पाटिल स्टेडियम इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने को तैयार है जहां एक नया विश्व विजेता उभरेगा।
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England vs New Zealand ODI Series: सीरीज के बीच में लगी लॉटरी, न्यूजीलैंड ने अचानक शामिल किया नया खिलाड़ी ODI टीम में
England vs New Zealand ODI Series: इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच चल रही तीन मैचों की वनडे सीरीज में कीवी टीम ने पहले दो मैच जीतकर 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर ली है। अब तीसरा और अंतिम मुकाबला 1 नवंबर को खेला जाएगा। इंग्लैंड के लिए यह मैच प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है, जबकि न्यूजीलैंड क्लीन स्वीप के इरादे से उतरेगा।
मैट हेनरी हुए बाहर, क्रिश्चियन क्लार्क को पहली बार मौका
न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज मैट हेनरी दूसरे वनडे के दौरान पिंडली की चोट से जूझ रहे हैं और अब उन्हें तीसरे मैच से बाहर कर दिया गया है। उनकी जगह 24 वर्षीय ऑलराउंडर क्रिश्चियन क्लार्क को पहली बार वनडे टीम में शामिल किया गया है। यह उनके करियर का अब तक का सबसे बड़ा मौका माना जा रहा है।
A day to remember for Kristian Clarke 💥⁰
A maiden List A century in a big win over the Central Stags, followed by an international call-up to the Blackcaps ODI squad today!#FordTrophy | 📸 = @PhotosportNZ pic.twitter.com/oTiusEApXN— BLACKCAPS (@BLACKCAPS) October 30, 2025
घरेलू क्रिकेट में क्लार्क का शानदार प्रदर्शन
क्रिश्चियन क्लार्क ने हाल ही में घरेलू फोर्ड ट्रॉफी टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने सेंट्रल स्टैग्स के खिलाफ 57 रन देकर तीन विकेट लिए और अपनी टीम नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट्स के लिए 100 रन की पारी खेली। उनके हरफनमौला प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा और अब उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल कर लिया गया है।
अंडर-19 और ए टीम में भी दिखाया था दम
क्रिश्चियन क्लार्क 2020 में न्यूजीलैंड की अंडर-19 टीम का हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने बांग्लादेश दौरे पर न्यूजीलैंड ‘ए’ टीम के साथ भी शानदार खेल दिखाया था। क्लार्क ने अब तक 25 फर्स्ट क्लास मैचों में 778 रन बनाए हैं, जबकि 31 लिस्ट-ए मैचों में उनके नाम 332 रन दर्ज हैं। अब देखना यह होगा कि वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने प्रदर्शन को कैसे दोहराते हैं।
इंग्लैंड की साख दांव पर, न्यूजीलैंड का लक्ष्य क्लीन स्वीप
न्यूजीलैंड ने पहला वनडे चार विकेट और दूसरा पांच विकेट से जीतकर सीरीज अपने नाम कर ली है। कीवी गेंदबाज और बल्लेबाज दोनों शानदार फॉर्म में हैं। वहीं इंग्लैंड के खिलाड़ी लगातार फ्लॉप हो रहे हैं। तीसरे मुकाबले में इंग्लैंड क्लीन स्वीप से बचने की कोशिश करेगा, लेकिन कीवी टीम का आत्मविश्वास चरम पर है।
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New Zealand vs England ODI Series: 10 साल बाद इंग्लैंड की शर्मनाक हार, न्यूजीलैंड ने फिर उधेड़ी टीम की बल्लेबाज़ी की पोल
New Zealand vs England ODI Series: इंग्लैंड क्रिकेट टीम इस समय न्यूजीलैंड के दौरे पर है लेकिन उनका प्रदर्शन ऐसा रहा है कि शब्द भी कम पड़ जाएं। पहले वनडे में मिली करारी हार के बाद उम्मीद थी कि टीम वापसी करेगी लेकिन दूसरे मैच में हालात और भी खराब हो गए। टीम न तो पूरे 50 ओवर खेल सकी और न ही 200 रन का आंकड़ा पार कर पाई। लगभग दस साल बाद इंग्लैंड को न्यूजीलैंड के खिलाफ इस तरह का अपमान झेलना पड़ा है।
175 रनों पर सिमटी इंग्लैंड की टीम
न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे दूसरे वनडे मैच में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी की लेकिन पूरी टीम 36 ओवर में सिर्फ 175 रन पर सिमट गई। कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक नहीं बना सका। टीम के निचले क्रम के बल्लेबाज जिमी ओवरटन ने सबसे ज्यादा 42 रन बनाए। उन्होंने 28 गेंदों में 4 चौके और 2 छक्के लगाए। कप्तान हैरी ब्रूक, जिन्होंने पिछले मैच में शानदार शतक लगाया था, इस बार सिर्फ 34 रन बनाकर आउट हो गए।

2015 की यादें हुईं ताजा
इंग्लैंड को न्यूजीलैंड के खिलाफ इतने बुरे हालात का सामना लगभग दस साल बाद करना पड़ा है। साल 2015 में विश्व कप के दौरान वेलिंगटन में खेले गए मैच में इंग्लैंड की पूरी टीम 123 रन पर ढेर हो गई थी। उस मैच में कीवी गेंदबाज टिम साउथी ने सात विकेट लेकर इंग्लैंड की कमर तोड़ दी थी। इस बार स्कोर थोड़ा बेहतर रहा, लेकिन यह पहला मौका है जब टीम 200 रन से नीचे सिमटी है।
श्रृंखला में पिछड़ी इंग्लैंड की टीम
इस सीरीज के पहले वनडे में भी इंग्लैंड को न्यूजीलैंड ने चार विकेट से हराया था। उस मैच में इंग्लैंड ने 35.2 ओवर में 223 रन बनाए थे, जिसमें कप्तान हैरी ब्रूक ने 101 गेंदों पर 135 रनों की पारी खेली थी। लेकिन बाकी बल्लेबाजों ने उनका साथ नहीं दिया। जवाब में न्यूजीलैंड ने 36.4 ओवर में छह विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया और मैच जीत लिया। अब दूसरे मैच में भी हार के बाद इंग्लैंड की स्थिति और खराब हो गई है।
इंग्लैंड के लिए खतरे की घंटी
इंग्लैंड का यह प्रदर्शन टीम मैनेजमेंट के लिए चिंता का विषय है। विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट से पहले ऐसी हार टीम के आत्मविश्वास को हिला सकती है। बल्लेबाजों की कमजोर तकनीक और अस्थिर टॉप ऑर्डर टीम की सबसे बड़ी समस्या बनकर उभर रहे हैं। अगर इंग्लैंड को अगली सीरीज में वापसी करनी है तो उसे बल्लेबाजी क्रम में सुधार और स्थिरता पर काम करना होगा।
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U23 World Wrestling Championships 2025: सुजीत कलकल की सुनहरी छलांग, चार मिनट में कर दिया उज्बेक पहलवान का सफाया
U23 World Wrestling Championships 2025: भारत के युवा पहलवान सुजीत कलकल ने अंडर-23 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2025 में इतिहास रच दिया है। उन्होंने पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। 27 अक्टूबर को खेले गए फाइनल में सुजीत ने उज्बेकिस्तान के उमिदजोन जलोलोव को 10-0 से हराया। मुकाबला महज चार मिनट 54 सेकंड चला, जिसके बाद रेफरी ने तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर सुजीत को विजेता घोषित कर दिया। पूरे मुकाबले में सुजीत का दबदबा इतना जबरदस्त था कि उनके विरोधी को एक अंक तक हासिल नहीं करने दिया।
पहली बार जीता विश्व खिताब
यह सुजीत कलकल का पहला वर्ल्ड चैंपियनशिप गोल्ड है। हालांकि वह इससे पहले दो बार अंडर-23 एशियन चैंपियन (2022 और 2025) और एक बार अंडर-20 एशियन गोल्ड मेडलिस्ट रह चुके हैं। पिछले साल इसी प्रतियोगिता में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था, लेकिन इस बार उन्होंने अपने प्रदर्शन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाकर गोल्ड अपने नाम किया। इस जीत के साथ उन्होंने यह साबित कर दिया कि वे भारत की अगली बड़ी रेसलिंग ताकत बनने की राह पर हैं।

टूर्नामेंट में रहा शानदार प्रदर्शन
सुजीत ने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया। शुरुआती दौर में उन्होंने मोल्दोवा के फियोडोर चेवदारी को 12-2 और पोलैंड के डॉमिनिक जाकुब को 11-0 से मात दी। क्वार्टरफाइनल में रूस के बशीर मागोमेदोव के खिलाफ शुरुआत में पिछड़ने के बावजूद उन्होंने शानदार वापसी करते हुए 4-2 से जीत दर्ज की। वहीं सेमीफाइनल में जापान के यूटो निशियूची को 3-2 से हराया। इस मुकाबले में सुजीत ने आखिरी पलों में दो अंकों का थ्रो लगाकर रोमांचक जीत हासिल की।
तकनीकी कुश्ती में निपुणता ने दिलाई जीत
सुजीत की सफलता का सबसे बड़ा कारण उनकी तकनीकी कुशलता और संतुलन है। वह अपने हर मुकाबले में विपक्षी की चाल को भांपकर रणनीति बदलते नजर आए। उज्बेक पहलवान के खिलाफ फाइनल में उन्होंने बेहद सटीक मूव्स का इस्तेमाल किया जिससे विरोधी पूरी तरह असहाय दिखे। उनकी तेज़ी, स्टैमिना और आत्मविश्वास ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सुजीत आने वाले वर्षों में सीनियर स्तर पर भारत के लिए कई स्वर्ण पदक जीत सकते हैं।
भारत की कुश्ती में नया अध्याय
सुजीत कलकल की इस जीत ने भारतीय कुश्ती में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। वह अब बजरंग पूनिया और रवि दहिया जैसे दिग्गजों की पंक्ति में अगली कड़ी बनते दिख रहे हैं। उनकी सफलता ने देश के युवा खिलाड़ियों में नई ऊर्जा और उम्मीद जगाई है। यह गोल्ड मेडल न सिर्फ उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है बल्कि भारतीय खेल इतिहास का गौरवपूर्ण पल भी है।
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