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iPhone यूजर्स के लिए जरूरी खबर, Apple ने 1.35 लाख ऐप्स किए डिलीट
अगर आप iPhone यूजर हैं और ऐप डाउनलोड करने के लिए App Store का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। टेक दिग्गज Apple ने अब तक का सबसे बड़ा एक्शन लिया है और 1.35 लाख ऐप्स को अपने ऐप स्टोर से हटा दिया है।
Apple ने यह कदम App Store में पारदर्शिता (Transparency) को बढ़ावा देने और यूरोपीय संघ (European Union) के नए नियमों का पालन करने के लिए उठाया है। कंपनी ने सभी डेवलपर्स को 17 फरवरी 2025 तक का समय दिया था, लेकिन कई ऐप्स द्वारा जरूरी जानकारी न देने के कारण उन्हें बैन कर दिया गया है।
आइए जानते हैं कि Apple ने यह कार्रवाई क्यों की, किन ऐप्स को हटाया गया और इसका यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा।
1. क्यों हटाए गए 1.35 लाख ऐप्स?
Apple ने जिन 1.35 लाख ऐप्स को हटाया है, उनका सीधा संबंध यूरोपीय संघ के “डिजिटल सर्विसेज एक्ट (Digital Services Act – DSA)” से है। इस कानून के तहत, ऐप डेवलपर्स को अपने व्यापार से जुड़ी जानकारी देनी अनिवार्य थी, जिसमें निम्नलिखित विवरण शामिल हैं:
- डेवलपर का पता (Address)
- ईमेल आईडी (Email ID)
- फोन नंबर (Phone Number)
अगर कोई डेवलपर इन जानकारियों को नहीं देता है, तो उनकी ऐप को App Store से हटा दिया जाएगा।
Apple ने डेवलपर्स को इस नियम के पालन के लिए 17 फरवरी 2025 तक का समय दिया था। लेकिन समयसीमा समाप्त होने के बाद, जिन ऐप्स ने जानकारी नहीं दी, उन्हें तुरंत हटा दिया गया।
2. यूरोपीय संघ के नियम और Apple की कार्रवाई
Apple द्वारा उठाए गए इस बड़े कदम का मुख्य कारण यूरोपीय संघ (European Union – EU) के नए डिजिटल नियम हैं।
क्या है डिजिटल सर्विसेज एक्ट (DSA)?
डिजिटल सर्विसेज एक्ट (Digital Services Act – DSA) को यूरोप में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए लागू किया गया है।
- यह एक्ट 2023 में अस्थायी रूप से लागू किया गया था, लेकिन इसे पूरी तरह 17 फरवरी 2025 को लागू कर दिया गया।
- नए नियमों के तहत, सभी ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर्स को अपने व्यापार की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए जरूरी जानकारी देनी होगी।
- यदि कोई डेवलपर इस नियम का पालन नहीं करता है, तो उसके ऐप को हटा दिया जाएगा।
Apple ने यूरोपीय संघ के इन नियमों का पालन करते हुए App Store से उन ऐप्स को हटा दिया, जिन्होंने अपनी व्यापारी जानकारी नहीं दी थी।
3. किन ऐप्स पर पड़ा असर?
Apple द्वारा हटाए गए 1.35 लाख ऐप्स मुख्य रूप से वे ऐप्स हैं, जिनके डेवलपर्स ने अपने व्यापार की जानकारी नहीं दी थी।
- इन ऐप्स में छोटे और मध्यम स्तर के डेवलपर्स द्वारा बनाए गए ऐप्स शामिल हैं।
- यह कार्रवाई गेमिंग, सोशल मीडिया, यूटिलिटी और अन्य कई कैटेगरी के ऐप्स पर की गई है।
- हालांकि, Apple ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई डेवलपर अपनी जानकारी उपलब्ध कराता है, तो उसका ऐप दोबारा लिस्ट किया जा सकता है।
4. Apple ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला?
Apple ने यह बड़ा फैसला इसलिए लिया क्योंकि:
-
यूरोपीय संघ के नियमों का पालन करना अनिवार्य था
- अगर Apple इन नियमों का पालन नहीं करता, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ता।
- इस एक्ट के तहत, किसी भी कंपनी के सालाना रेवेन्यू का 6% तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
-
App Store में पारदर्शिता लाने के लिए
- कई फर्जी ऐप्स, स्कैम ऐप्स और यूजर डेटा चोरी करने वाले ऐप्स App Store में मौजूद थे।
- इन नए नियमों से यह सुनिश्चित होगा कि सिर्फ भरोसेमंद और प्रमाणिक ऐप्स ही App Store पर उपलब्ध रहें।
-
यूजर्स की सुरक्षा बढ़ाने के लिए
- यूजर्स को अब यह पता चल सकेगा कि किस ऐप को कौन चला रहा है और उनकी जानकारी कहां जा रही है।
- यह ऑनलाइन धोखाधड़ी को कम करेगा और यूजर्स को ज्यादा सुरक्षित अनुभव देगा।
5. iPhone यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा?
Apple द्वारा लिए गए इस फैसले का सीधा असर iPhone और iPad यूजर्स पर पड़ेगा।
फायदे:
- सिर्फ प्रमाणित और पारदर्शी ऐप्स ही उपलब्ध होंगे।
- फर्जी और स्कैम ऐप्स की संख्या कम होगी।
- यूजर्स को डेवलपर्स की सही जानकारी मिलेगी।
नुकसान:
- कई उपयोगी ऐप्स अस्थायी रूप से गायब हो सकते हैं।
- कुछ लोकप्रिय ऐप्स, जिनके डेवलपर्स ने जानकारी नहीं दी, वे उपलब्ध नहीं होंगे।
- छोटे डेवलपर्स के लिए ऐप स्टोर पर बने रहना मुश्किल हो सकता है।
6. क्या हटाए गए ऐप्स वापस आ सकते हैं?
हां, Apple ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई डेवलपर जरूरी जानकारी उपलब्ध कराता है, तो उसके ऐप को दोबारा App Store पर लिस्ट किया जा सकता है।
- ऐप्स को अपना व्यापारी विवरण अपडेट करना होगा।
- इसके बाद, Apple उनका पुनः मूल्यांकन करेगा और नियमों के अनुरूप पाए जाने पर उन्हें बहाल करेगा।
7. Apple के इस फैसले पर डेवलपर्स की प्रतिक्रिया
Apple के इस फैसले को लेकर डेवलपर्स के बीच मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं।
- कुछ डेवलपर्स ने इसे उचित कदम बताया, क्योंकि इससे ऐप स्टोर अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनेगा।
- कुछ छोटे डेवलपर्स ने नाराजगी जताई, क्योंकि उन्हें App Store पर बने रहने के लिए अतिरिक्त कागजी कार्रवाई करनी होगी।
- कई डेवलपर्स का कहना है कि यह नियम छोटे और इंडी (Indie) डेवलपर्स के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
8. Apple का अगला कदम क्या होगा?
Apple भविष्य में ऐसे और कड़े नियम लागू कर सकता है ताकि App Store को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा सके।
- कंपनी आने वाले महीनों में और भी सख्त मॉनिटरिंग सिस्टम लागू कर सकती है।
- नए ऐप्स की जांच और सत्यापन प्रक्रिया को और मजबूत किया जा सकता है।
- Apple यूजर्स को ज्यादा जानकारी देने के लिए App Store पर नई गाइडलाइंस पेश कर सकता है।
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WhatsApp का नया फीचर करेगा स्टोरेज मैनेजमेंट आसान: अब चुनिंदा मैसेज और मीडिया हटाना होगा सरल
WhatsApp अपने यूजर्स के लिए स्टोरेज मैनेजमेंट को और आसान बनाने पर काम कर रहा है। हाल ही में WABetaInfo की रिपोर्ट के अनुसार, WhatsApp अपने नवीनतम Android 2.25.34.5 बीटा अपडेट में एक नया चैट क्लियरिंग फीचर पेश कर रहा है। इस नए फीचर के जरिए उपयोगकर्ता अब किसी चैट के सभी संदेशों को हटाने की बजाय, चुनिंदा संदेश और मीडिया कैटेगरी को आसानी से डिलीट कर सकेंगे। इसका मतलब यह है कि आप केवल फोटो, वीडियो, टेक्स्ट मैसेज या डॉक्यूमेंट जैसी फाइल्स को हटाने का विकल्प चुन सकते हैं, बिना पूरे चैट को डिलीट किए। यह फीचर विशेष रूप से ग्रुप चैट्स में उपयोगी साबित होगा, जहां बड़ी वीडियो और ऑडियो फाइल्स जल्दी से स्टोरेज में जगह घेर लेती हैं।
रियल-टाइम स्टोरेज डिस्प्ले और प्रिव्यू फीचर
रिपोर्ट के अनुसार, Android 2.25.34.5 बीटा वर्जन में एक नया बॉटम शीट इंटरफेस पेश किया गया है, जो डिलीट करने से पहले उपयोगकर्ता को यह दिखाता है कि क्या हटाया जाएगा। इस फीचर के जरिए उपयोगकर्ता यह तय कर सकते हैं कि कौन-सी चीजें डिलीट करनी हैं और कौन-सी बचानी हैं। साथ ही, इसमें रियल-टाइम स्टोरेज डिस्प्ले भी है, जो यह बताता है कि हटाने के बाद कितनी जगह खाली होगी। यह खासतौर पर उन यूजर्स के लिए फायदेमंद है जिनकी चैट में बड़े साइज की मीडिया फाइल्स जमा हो गई हैं। अब स्टोरेज की समस्या को हल करना और भी आसान होगा क्योंकि यूजर को पूरे चैट को डिलीट करने के बजाय केवल गैर-जरूरी कंटेंट हटाने का विकल्प मिलेगा।

स्टार किए गए मैसेज और मीडिया को सुरक्षित रखना आसान
WhatsApp ने इस अपडेट में starred messages या महत्वपूर्ण फाइल्स को संभालना भी आसान बना दिया है। अब अगर कोई यूजर पूरे चैट को क्लियर करना चाहता है लेकिन उसमें starred messages या media रखना चाहता है, तो उसे पहले प्रॉम्प्ट दिखेगा जिसमें पूछा जाएगा कि क्या इन्हें रखना है या हटाना है। उदाहरण के लिए, यदि आपने किसी चैट में कोई महत्वपूर्ण फोटो, फाइल या नोट स्टार किया हुआ है, तो उसे हटाने से पहले ऐप पूछेगा कि इसे रखना है या नहीं। यह फीचर उपयोगकर्ताओं को अधिक नियंत्रण देता है और गलती से जरूरी चीजें हटाने से बचाता है।
नई सुविधा कब उपलब्ध होगी
WhatsApp का यह नया चैट क्लियरिंग फीचर फिलहाल केवल सीमित संख्या में Android बीटा टेस्टर्स के लिए उपलब्ध है। कंपनी इसे धीरे-धीरे सभी यूजर्स तक पहुंचाएगी। नया फीचर चैट इंफो स्क्रीन के नीचे Clear Chat ऑप्शन के रूप में दिखाई देगा, जैसा कि iOS पर पहले से उपलब्ध है। आने वाले हफ्तों में यह फीचर सभी एंड्रॉइड यूजर्स के लिए रोल आउट किया जाएगा। इस अपडेट के बाद, उपयोगकर्ताओं को स्टोरेज मैनेज करना और भी आसान हो जाएगा, और उन्हें बार-बार अनावश्यक फाइल्स हटाने की परेशानी नहीं होगी।
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Instagram अकाउंट मृत्यु के बाद भी रहता है! जानिए क्या होता है आपके अकाउंट के साथ, बहुत लोग नहीं जानते
आज के समय में सोशल मीडिया हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। हर खुशी, याद और पल को हम Instagram पर कैद करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर किसी दिन आप नहीं रहे तो आपका Instagram अकाउंट क्या होगा? क्या वह हमेशा वैसे ही रहेगा या उसे हटा दिया जाएगा? सच तो यह है कि वास्तविकता इससे कहीं अधिक दिलचस्प है। आइए जानते हैं पांच महत्वपूर्ण बातें, जो शायद आपने कभी नहीं सोची हों।
अकाउंट हटता नहीं, बल्कि मेमोरियलाइज होता है
अगर कोई यूज़र निधन हो जाता है, तो Instagram तुरंत उसका अकाउंट नहीं हटाता। परिवार या मित्र कंपनी को सूचित कर सकते हैं और अकाउंट को मेमोरियलाइज्ड अकाउंट में बदलवा सकते हैं। इसका मतलब है कि अकाउंट रहेगा, लेकिन कोई भी उसमें लॉग इन नहीं कर सकेगा। प्रोफाइल फोटो और पोस्ट्स जस के तस बने रहेंगे ताकि लोग उस व्यक्ति को याद कर सकें। यह एक डिजिटल स्मारक का रूप ले लेता है, जहां परिवार और मित्र उनकी यादों को संभाल सकते हैं।
सत्यापन और पहचान आवश्यक
किसी के अकाउंट को मेमोरियलाइज करने के लिए Instagram परिवार या करीबी लोगों से आधिकारिक जानकारी मांगता है। इसमें मृत्यु प्रमाणपत्र, नोटिस या अखबार की रिपोर्ट जैसी चीज़ें शामिल होती हैं। यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि कोई झूठा दावा करके किसी के अकाउंट को गलत तरीके से मेमोरियलाइज न कर सके। यदि परिवार चाहे तो अकाउंट को पूरी तरह हटाने की प्रक्रिया भी की जा सकती है। इसके लिए Instagram के Request to Remove Account फॉर्म के जरिए पहचान और कानूनी दस्तावेज़ जमा करने पड़ते हैं।

कोई भी लॉगिन नहीं कर सकता
एक बार अकाउंट मेमोरियलाइज हो जाने के बाद, किसी को भी उसमें लॉग इन करने या पासवर्ड बदलने की अनुमति नहीं होती। यह सुरक्षा उपाय इसलिए किया गया है ताकि कोई भी मृतक के नाम पर पोस्ट या मैसेज न कर सके। इस तरह, व्यक्ति के डिजिटल जीवन और उनकी पहचान की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
डिजिटल यादों की दुनिया
मेमोरियलाइज्ड अकाउंट के माध्यम से लोग उस व्यक्ति की पुरानी यादों, पोस्ट और फ़ोटो से जुड़ सकते हैं। यह एक डिजिटल टाइम कैप्सूल बन जाता है, जहां परिवार और दोस्त उसे याद कर सकते हैं। भले ही व्यक्ति इस दुनिया में न रहे, लेकिन उसका Instagram अकाउंट उसकी यादों को हमेशा जीवित रखता है। आज सोशल मीडिया केवल संपर्क का साधन नहीं रहा, बल्कि यह हमारे अतीत की यादों का डिजिटल संग्रह बन गया है।
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Alert Android Users! भारत में 4 करोड़ से ज्यादा खतरनाक ऐप्स डाउनलोड, Google Play पर भी हो सकते हैं धोखे
Alert Android Users: भारत एक बार फिर साइबर अपराधियों का निशाना बन गया है। क्लाउड सुरक्षा कंपनी Zscaler की नवीनतम रिपोर्ट ThreatLabz 2025 Mobile, IoT, and OT Threat Report के अनुसार, भारत में अब तक 4 करोड़ से अधिक खतरनाक एंड्रॉइड ऐप डाउनलोड किए जा चुके हैं। ये ऐप्स गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध थे और सामान्य टूल्स के रूप में खुद को दिखाकर यूजर्स को धोखा दे रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अब मोबाइल हमलों के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा लक्ष्य बन गया है। जून 2024 से मई 2025 के बीच मोबाइल साइबर हमलों में तेज़ी देखी गई है।
मोबाइल मैलवेयर हमलों में 67% की वृद्धि
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि पिछले वर्ष की तुलना में एंड्रॉइड मैलवेयर लेनदेन में 67% की वृद्धि हुई है। स्पाइवेयर और बैंकिंग ट्रोजन सबसे बड़ी चिंता बने हुए हैं। हैकर्स अब कार्ड धोखाधड़ी की बजाय मोबाइल पेमेंट चोरी और डिवाइस ट्रैकिंग पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। Zscaler ने 239 खतरनाक ऐप्स की पहचान की, जो फाइल मैनेजर, वर्क टूल या परफॉर्मेंस बूस्टर के रूप में यूजर्स के फोन में घुसपैठ कर रहे थे। इन ऐप्स को लाखों लोगों ने डाउनलोड किया था, जिसके बाद Google ने इन्हें प्ले स्टोर से हटा दिया।

ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र सबसे अधिक जोखिम में
सिर्फ सामान्य यूजर्स ही नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण उद्योग भी साइबर हमलों से प्रभावित हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ऊर्जा क्षेत्र में साइबर हमलों में 387% की वृद्धि देखी गई है। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग और परिवहन क्षेत्रों में IoT मैलवेयर के 40% से अधिक मामले सामने आए हैं। डिजिटल भुगतान और यूपीआई प्रणाली की बढ़ती लोकप्रियता ने भारत को साइबर अपराधियों के लिए उच्च मूल्य वाला लक्ष्य बना दिया है। इस वजह से न केवल व्यक्तिगत यूजर्स बल्कि बड़े उद्योग और बुनियादी ढांचा भी खतरे में हैं।
साइबर खतरों से सुरक्षा कैसे करें
हालांकि Google ने कई खतरनाक ऐप्स को हटा दिया है, फिर भी लाखों डिवाइस जोखिम में हैं। सुरक्षा विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि किसी भी अनजान या संदिग्ध ऐप को तुरंत डिलीट कर दें। केवल गूगल प्ले स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें। अपने फोन को हमेशा अपडेट रखें और Play Protect को हमेशा चालू रखें। इसके अलावा, भरोसेमंद मोबाइल सिक्योरिटी ऐप का उपयोग करना भी आवश्यक है। यूजर्स को सतर्क रहना होगा और किसी भी संदिग्ध लिंक या ऐप पर क्लिक करने से बचना होगा, ताकि वे साइबर अपराधियों के जाल में फँसने से बच सकें।
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