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Google Feature: अब गूगल बताएगा पासवर्ड सुरक्षित है या नहीं, जानिए कैसे करता है आपकी डिजिटल सुरक्षा की निगरानी

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Google Feature: अब गूगल बताएगा पासवर्ड सुरक्षित है या नहीं, जानिए कैसे करता है आपकी डिजिटल सुरक्षा की निगरानी

Google Feature: आज के समय में जैसे हम अपने घर की सुरक्षा के लिए दरवाज़ा लॉक करते हैं ठीक वैसे ही ऑनलाइन खातों की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड ज़रूरी हैं। लेकिन हाल ही में 16 अरब पासवर्ड लीक होने की खबर ने सबको चिंता में डाल दिया है। ऐसे में घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की ज़रूरत है। बहुत कम लोग जानते हैं कि गूगल के पास एक बेहद ज़रूरी टूल है जो आपके पासवर्ड की सुरक्षा पर नज़र रखता है और अगर पासवर्ड कहीं लीक होता है तो आपको तुरंत अलर्ट करता है। इस टूल का नाम है Google Password Checkup।

क्या है Google Password Checkup और ये कैसे काम करता है

जिस तरह एक डॉक्टर आपके शरीर की जांच करता है वैसे ही यह टूल आपके सेव किए हुए पासवर्ड की जांच करता है। यह पता लगाता है कि आपका पासवर्ड कहीं किसी डाटा लीक का हिस्सा तो नहीं बना। अगर आपका कोई पासवर्ड लीक हो चुका होता है तो यह टूल आपको तुरंत अलर्ट भेजता है ताकि आप समय रहते अपना पासवर्ड बदल सकें। लेकिन ध्यान रहे यह टूल तभी काम करेगा जब आपने अपने पासवर्ड Google Password Manager में सेव किए हों। अगर आपने अपने ज़रूरी लॉगिन डिटेल्स गूगल पर सेव कर रखे हैं तो यह टूल उन्हें लगातार मॉनिटर करता है।

Google Feature: अब गूगल बताएगा पासवर्ड सुरक्षित है या नहीं, जानिए कैसे करता है आपकी डिजिटल सुरक्षा की निगरानी

कैसे करें पासवर्ड Google Password Manager में सेव और चेक

सबसे पहले अपने लैपटॉप या कंप्यूटर में Google Chrome ब्राउज़र खोलें। फिर ऊपर दाईं तरफ तीन डॉट्स (⋮) पर क्लिक करें। अब ‘Passwords and Autofill’ या ‘Password Manager’ ऑप्शन पर जाएं। यहां बाईं तरफ आपको Passwords, Checkup और Settings जैसे विकल्प दिखेंगे। अगर आप नया पासवर्ड सेव करना चाहते हैं तो Passwords सेक्शन में जाएं और “Add” पर क्लिक करें। अगर पासवर्ड पहले से सेव हैं तो आप सीधे “Checkup” ऑप्शन पर जाकर यह देख सकते हैं कि कोई पासवर्ड लीक तो नहीं हुआ है। Compromised Passwords सेक्शन में आपको जानकारी मिलेगी कि कौन सा पासवर्ड लीक हुआ है और कौन से पासवर्ड बहुत कमजोर हैं या बार-बार दोहराए गए हैं।

मोबाइल से कैसे करें पासवर्ड चेक और सुरक्षित

अगर आप अपने मोबाइल पर पासवर्ड सेव करते हैं तो वहां भी यह चेक करना आसान है। इसके लिए अपने फोन में Settings > Google > Autofill with Google > Password Manager में जाएं। यहां से आप पता लगा सकते हैं कि कोई पासवर्ड लीक हुआ है या आपने कोई कमजोर पासवर्ड तो नहीं रखा है। इस फीचर की सबसे खास बात यह है कि यह बिना कोई एक्स्ट्रा ऐप डाउनलोड किए सीधे गूगल अकाउंट से जुड़ा होता है और हमेशा आपके पासवर्ड की निगरानी करता है। ऐसे में आपको किसी भी तरह के साइबर फ्रॉड से बचाव का मौका मिल जाता है और आप समय रहते अपने डिटेल्स को अपडेट कर सकते हैं।

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एलन मस्क का नया कदम! बच्चों के लिए आ रहा है ‘Baby Grok’ एआई ऐप

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एलन मस्क का नया कदम! बच्चों के लिए आ रहा है ‘Baby Grok’ एआई ऐप

एलन मस्क ने अपनी कंपनी xAI के तहत एक नया और सुरक्षित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐप ‘Baby Grok’ लॉन्च करने की घोषणा की है। यह ऐप खासतौर पर बच्चों के लिए बनाया जाएगा जिसमें सुरक्षित और दोस्ताना कंटेंट दिया जाएगा। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब मस्क के मौजूदा एआई चैटबॉट ‘Grok’ पर आपत्तिजनक और अश्लील कंटेंट को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। अब मस्क इस नई पहल से बच्चों की डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

 Baby Grok में क्या खास होगा

एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि Baby Grok एक अलग ऐप होगा जो बच्चों के लिए पूरी तरह सुरक्षित होगा। हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि यह ऐप मौजूदा Grok से कैसे अलग होगा या इसमें कौन-कौन से सुरक्षा नियम अपनाए जाएंगे। इसके बावजूद मस्क का दावा है कि यह ऐप बच्चों के लिए एक सुरक्षित और रचनात्मक एआई अनुभव देगा जो मनोरंजन और ज्ञान दोनों से भरपूर होगा।

विवादों में फंसा मौजूदा Grok एआई

हाल ही में Grok ऐप में एक नया एआई कैरेक्टर Ani लॉन्च किया गया था जो एनीमे स्टाइल में डिज़ाइन किया गया है। इस कैरेक्टर की ड्रेस और बातचीत की शैली को लेकर सोशल मीडिया पर आलोचना हुई। यूजर्स का कहना है कि यह कैरेक्टर बच्चों के लिए अनुचित है और बच्चों के मोड में भी यह आपत्तिजनक उत्तर दे सकता है। कई रिपोर्ट्स में बताया गया कि Ani जैसे कैरेक्टर बच्चों के सवालों पर उत्तेजक जवाब दे सकते हैं और यहां तक कि ड्रेस हटाने जैसे संवाद भी शामिल थे।

Google भी लाया है Gemini Kids

Google ने भी बच्चों के लिए एक विशेष Gemini Kids ऐप की घोषणा की है। यह ऐप बच्चों को होमवर्क में मदद करेगा, कहानियां सुनाएगा और उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देगा। खास बात यह है कि इसमें विज्ञापन नहीं होंगे और किसी प्रकार की निजी जानकारी एकत्र नहीं की जाएगी। माता-पिता Family Link ऐप के माध्यम से इसे नियंत्रित कर सकेंगे। इसका उद्देश्य बच्चों के लिए एक शिक्षाप्रद और सुरक्षित डिजिटल अनुभव देना है।

उम्मीद और चिंता दोनों साथ

जहां एक ओर Baby Grok को लेकर अभिभावकों में उत्साह है वहीं दूसरी ओर मौजूदा विवादों के कारण चिंता भी बनी हुई है। लोग जानना चाहते हैं कि क्या वाकई में मस्क इस बार बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं या फिर यह सिर्फ एक और तकनीकी प्रयोग है। आने वाले समय में यह साफ हो जाएगा कि Baby Grok बच्चों की डिजिटल दुनिया में कितना भरोसेमंद साबित होता है।

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₹15,999 में 5G धमाका! Galaxy F36 ने बदल दिया बजट स्मार्टफोन्स का गेम

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₹15,999 में 5G धमाका! Galaxy F36 ने बदल दिया बजट स्मार्टफोन्स का गेम

सैमसंग ने भारत में अपना नया बजट स्मार्टफोन Galaxy F36 5G लॉन्च कर दिया है। यह फोन हाल ही में लॉन्च हुए Galaxy M36 5G का रीब्रांडेड वर्जन है। फोन की शुरुआती कीमत कंपनी ने ₹17,499 रखी है लेकिन पहले सेल में इसे ₹15,999 में खरीदा जा सकता है। कंपनी का दावा है कि यह अपने सेगमेंट का सबसे पतला फोन है जिसकी मोटाई केवल 7.7mm है।

तीन कलर ऑप्शन और दो स्टोरेज वेरिएंट

Samsung Galaxy F36 5G तीन आकर्षक रंगों – Luxe Violet, Coral Red और Onyx Black में लॉन्च हुआ है। यह फोन दो स्टोरेज वेरिएंट में आता है – 6GB RAM + 128GB और 8GB RAM + 128GB। टॉप वेरिएंट की कीमत ₹18,999 है। Flipkart और सैमसंग के स्टोर पर इसकी पहली सेल 29 जुलाई को दोपहर 12 बजे शुरू होगी।

₹15,999 में 5G धमाका! Galaxy F36 ने बदल दिया बजट स्मार्टफोन्स का गेम

शानदार डिस्प्ले और लेटेस्ट अपडेट सपोर्ट

फोन में 6.7-इंच की FHD+ Super AMOLED डिस्प्ले दी गई है जिसमें 120Hz का हाई रिफ्रेश रेट और विज़न बूस्टर जैसे फीचर्स मौजूद हैं। इसका बेज़ल बहुत पतला है जिससे यह हाथ में पकड़ने में प्रीमियम फील देता है। सैमसंग इस फोन के साथ 6 साल तक OS और सिक्योरिटी अपडेट्स देने का वादा कर रहा है जो बजट सेगमेंट में बहुत बड़ी बात है।

दमदार प्रोसेसर और AI आधारित फीचर्स

Galaxy F36 5G में Samsung का Exynos 1380 प्रोसेसर लगा है। इसके साथ 8GB तक RAM और 128GB तक इंटरनल स्टोरेज दी गई है जिसे बढ़ाया भी जा सकता है। यह फोन Android 15 आधारित OneUI 7 पर काम करता है। फोन में AI Edit और AI Search जैसे कई स्मार्ट फीचर्स मिलते हैं जो इसे और खास बनाते हैं।

बड़ी बैटरी और शानदार कैमरा कॉम्बिनेशन

फोन में 5000mAh की बैटरी दी गई है जो 25W फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है। कैमरा की बात करें तो इसमें डुअल रियर कैमरा सेटअप है जिसमें 50MP का मुख्य कैमरा और 8MP का अल्ट्रा वाइड लेंस मिलता है। फ्रंट में 13MP का कैमरा दिया गया है जो सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए उपयुक्त है।

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सिद्धारमैया को मरा बताने वाली गलती, Social media translation ने मचाया तूफान

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सिद्धारमैया को मरा बताने वाली गलती, Social media translation ने मचाया तूफान

Social media translation: आजकल टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अब किसी भी भाषा को समझना या लिखना मुश्किल नहीं रहा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे Facebook, Instagram, X और Google पर अब मल्टी लैंग्वेज सपोर्ट और ऑटो ट्रांसलेशन का फीचर मिलने लगा है। यह सुविधा उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी है जो अपनी भाषा में ही बात करना चाहते हैं लेकिन दूसरी भाषाओं में भी अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं। लेकिन टेक्नोलॉजी की यही सुविधा कभी-कभी बहुत बड़ी गलतफहमी का कारण भी बन जाती है।

सीएम सिद्धारमैया के नाम पर हुई भारी चूक

हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ एक ऐसी ही चूक हुई जिसने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा दिया। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उनके ऑफिस की तरफ से एक्ट्रेस बी. सरोजा देवी की मृत्यु पर कन्नड़ भाषा में शोक संदेश लिखा गया। लेकिन मेटा का ऑटो ट्रांसलेशन टूल इस संदेश को गलत तरीके से अंग्रेजी में ट्रांसलेट कर गया। इस ट्रांसलेशन से ऐसा लग रहा था मानो खुद मुख्यमंत्री का निधन हो गया हो। यह गलती इतनी बड़ी थी कि मेटा कंपनी को खुद माफी मांगनी पड़ी।

 भावनाओं का अनुवाद नहीं कर पाते टूल्स

सोशल मीडिया पर मौजूद ऑटो ट्रांसलेशन टूल्स अक्सर भावों और लोकभाषा को समझ नहीं पाते। खासकर जब बात मुहावरों या लोकोक्तियों की हो तो यह टूल्स शब्द का सीधा अनुवाद कर देते हैं लेकिन असली भाव खो जाता है। यही वजह है कि कई बार हंसने वाली बात रोने की लगती है या गंभीर बात मजाक बन जाती है। इससे न सिर्फ संदेश का अर्थ बदलता है बल्कि सामने वाले की भावनाएं भी आहत हो सकती हैं।

 इन बातों का रखें खास ध्यान

अगर आप भी सोशल मीडिया पर ट्रांसलेशन टूल का इस्तेमाल करते हैं तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें। सबसे पहले तो किसी भी पोस्ट को ट्रांसलेट करने के बाद उसे दोबारा पढ़ें और उसके भाव को समझें। कोशिश करें कि अनौपचारिक भाषा या मुहावरों का उपयोग न करें। वर्ड-टू-वर्ड ट्रांसलेशन पर भरोसा न करें बल्कि हर लाइन के कॉन्टेक्स्ट को देखें कि उसका मतलब वही है जो आप कहना चाहते हैं या नहीं। जरूरी दस्तावेजों या संवेदनशील पोस्ट में इन टूल्स पर पूरी तरह भरोसा करना खतरनाक हो सकता है।

जिम्मेदारी के साथ करें ट्रांसलेशन का उपयोग

सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां एक छोटी सी गलती भी बड़ी कंट्रोवर्सी बन सकती है। इसलिए हर यूजर को ऑटो ट्रांसलेशन टूल्स का इस्तेमाल बेहद जिम्मेदारी से करना चाहिए। जब बात सार्वजनिक या संवेदनशील पोस्ट की हो तो बेहतर है कि खुद अनुवाद करें या फिर विशेषज्ञ की मदद लें। इस तरह न केवल गलतफहमी से बचा जा सकता है बल्कि सोशल मीडिया को एक सुरक्षित और समझदारी भरा मंच भी बनाया जा सकता है।

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