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Google Chrome में बड़ा खतरा, CERT-In की चेतावनी, तुरंत करें अपडेट!

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Google Chrome में बड़ा खतरा, CERT-In की चेतावनी, तुरंत करें अपडेट!

अगर आप गूगल क्रोम (Google Chrome) ब्राउज़र का इस्तेमाल करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। दरअसल, आपके डिवाइस में मौजूद डेटा पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है और आपको सतर्क रहने की जरूरत है। हाल ही में, गूगल क्रोम के कुछ वर्जन में बड़ी खामियां (Vulnerabilities) पाई गई हैं, जो आपकी निजी जानकारी और प्राइवेसी (Privacy) को खतरे में डाल सकती हैं।

सरकार की एजेंसी “CERT-In” (Indian Computer Emergency Response Team) ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। इस अलर्ट में क्रोम यूजर्स को आगाह किया गया है कि यदि वे पुराने वर्जन का उपयोग कर रहे हैं, तो उनके सिस्टम पर हैकर्स का हमला हो सकता है। CERT-In ने इसे “सीरियस सिक्योरिटी थ्रेट” की सूची में शामिल किया है, जो इस खतरे की गंभीरता को दर्शाता है।

गूगल क्रोम में कौन-सी खामी आई सामने?

CERT-In की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल क्रोम के कुछ पुराने वर्जन में ऐसी कमजोरियां हैं, जिनका फायदा उठाकर हैकर्स आसानी से यूजर्स के डिवाइस में सेंध लगा सकते हैं। ये खामियां Windows, Linux और Mac जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम पर असर डाल सकती हैं।

अगर यूजर इन वर्जन में क्रोम चला रहे हैं, तो उनका डेटा चोरी होने का खतरा बढ़ जाता है। हैकर्स इन खामियों का फायदा उठाकर आपके सिस्टम तक पहुंच सकते हैं और आपकी संवेदनशील जानकारी जैसे बैंकिंग डिटेल्स, पासवर्ड, ईमेल लॉगिन, सोशल मीडिया अकाउंट्स को एक्सेस कर सकते हैं।

Google Chrome में बड़ा खतरा, CERT-In की चेतावनी, तुरंत करें अपडेट!

कौन-कौन से क्रोम वर्जन हैं खतरनाक?

CERT-In के मुताबिक, निम्नलिखित वर्जन पर काम करना बहुत ही जोखिम भरा साबित हो सकता है:

  • Linux सिस्टम: 134.0.6998.35 या इससे पुराने वर्जन
  • Windows सिस्टम: 134.0.6998.35/36
  • Mac सिस्टम: 134.0.6998.44/45

अगर आप भी इनमें से किसी वर्जन का उपयोग कर रहे हैं, तो तुरंत क्रोम को अपडेट कर लें।

कैसे हो सकता है आपके डेटा का गलत इस्तेमाल?

हैकर्स इन कमजोरियों का फायदा उठाकर आपके डिवाइस में मैलवेयर (Malware) डाल सकते हैं, जिससे वे आपके डिवाइस को पूरी तरह से कंट्रोल कर सकते हैं। इससे आपकी व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है। उदाहरण के लिए:

  • आपके बैंक अकाउंट की डिटेल्स चोरी कर ली जा सकती हैं।
  • आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर साइबर क्राइम किया जा सकता है।
  • आपके ईमेल अकाउंट से फिशिंग (Phishing) हमले किए जा सकते हैं।
  • आपकी व्यक्तिगत तस्वीरें और डेटा लीक हो सकते हैं।

Chrome अपडेट करना क्यों जरूरी है?

गूगल समय-समय पर अपने क्रोम ब्राउज़र में सिक्योरिटी पैच (Security Patch) जारी करता है, जिससे हैकिंग और साइबर अटैक से बचा जा सके। अगर आप पुराने वर्जन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

कैसे करें Google Chrome अपडेट?

अगर आप Chrome का पुराना वर्जन इस्तेमाल कर रहे हैं, तो तुरंत इसे अपडेट कर लें। अपडेट करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करें:

  1. Google Chrome खोलें।
  2. ऊपर दाईं ओर तीन डॉट्स (⋮) मेनू पर क्लिक करें।
  3. “Help” पर जाएं और फिर “About Google Chrome” पर क्लिक करें।
  4. यहां पर आपका Chrome वर्जन दिखाई देगा। अगर नया अपडेट उपलब्ध है, तो Chrome अपने आप अपडेट होना शुरू कर देगा।
  5. अपडेट पूरा होने के बाद “Relaunch” बटन पर क्लिक करें।

साइबर अटैक से बचने के लिए जरूरी टिप्स

गूगल क्रोम के पुराने वर्जन से बचने के अलावा, कुछ और सावधानियां भी बरतनी जरूरी हैं:

✅ स्ट्रांग पासवर्ड का इस्तेमाल करें – अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और समय-समय पर उन्हें बदलते रहें।
✅ 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) ऑन करें – बैंकिंग और सोशल मीडिया अकाउंट्स के लिए टू-स्टेप वेरिफिकेशन को एक्टिवेट करें।
✅ किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें – ईमेल या मैसेज में आए किसी भी अनजान लिंक को बिना जांचे न खोलें।
✅ एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें – अपने सिस्टम में अच्छे एंटीवायरस का उपयोग करें, ताकि मैलवेयर और वायरस से सुरक्षा बनी रहे।
✅ सिक्योर वेबसाइट का उपयोग करें – ऑनलाइन खरीदारी करते समय केवल “https://” वाली वेबसाइट्स का ही इस्तेमाल करें।

CERT-In के अलर्ट के बाद Google का एक्शन

CERT-In के अलर्ट के बाद, Google ने भी इस खतरे को गंभीरता से लिया है। Google की ओर से Chrome ब्राउज़र के लिए नए सिक्योरिटी अपडेट्स जारी किए जा रहे हैं, जिससे इन खतरों से बचा जा सके।

अगर आप गूगल क्रोम यूजर हैं और पुराने वर्जन पर काम कर रहे हैं, तो यह आपके लिए चेतावनी का संकेत है। CERT-In की रिपोर्ट के अनुसार, पुराने Chrome वर्जन से आपका निजी डेटा खतरे में पड़ सकता है और साइबर हमले का शिकार हो सकता है।

इसीलिए, अगर आप 134.0.6998.35 या उससे पुराने वर्जन का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो तुरंत Google Chrome को अपडेट करें। साथ ही, अपने डेटा की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और एंटीवायरस का इस्तेमाल करें।

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Lenovo के नए टैबलेट्स! 7040mAh बैटरी और स्मार्ट फीचर्स के साथ धमाकेदार एंट्री

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Lenovo के नए टैबलेट्स! 7040mAh बैटरी और स्मार्ट फीचर्स के साथ धमाकेदार एंट्री

Lenovo ने बाजार में दो नए टैबलेट लॉन्च किए हैं जिनके नाम आइडिया टैब और टैब K11 Gen 2 हैं। अगर आप बड़ा डिस्प्ले वाला टैबलेट खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके पास अब और विकल्प मौजूद हैं। ये दोनों टैबलेट एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर काम करते हैं और शानदार साउंड अनुभव देते हैं।

गेमिंग और एंटरटेनमेंट के लिए परफेक्ट

अगर आप गेमिंग और मनोरंजन के लिए टैबलेट ढूंढ रहे हैं तो ये दोनों डिवाइस बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। दोनों टैबलेट में एंड्रॉयड 15 और मीडियाटेक डाइमेंसिटी 6300 चिपसेट दिया गया है। स्टोरेज की बात करें तो दोनों में 256GB तक का स्टोरेज मिलता है। इसके अलावा रैम के ऑप्शन 4GB और 8GB में उपलब्ध हैं।

डिस्प्ले और ऑडियो फीचर्स

लेनोवो के दोनों टैबलेट में 11 इंच का IPS LCD डिस्प्ले दिया गया है जिसका रेजोल्यूशन 2.5K है। डिस्प्ले में 90Hz रिफ्रेश रेट और 500 निट्स पीक ब्राइटनेस मिलती है। ऑडियो के लिए क्वाड स्पीकर सेटअप और डॉल्बी एटमॉस सपोर्ट मौजूद है जो मूवी और म्यूजिक का शानदार अनुभव देता है।

Lenovo के नए टैबलेट्स! 7040mAh बैटरी और स्मार्ट फीचर्स के साथ धमाकेदार एंट्री

बैटरी और चार्जिंग सपोर्ट

मनोरंजन में कोई रुकावट न आए इसके लिए टैबलेट में 7040mAh की बड़ी बैटरी दी गई है। यह बैटरी 20W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट करती है जिससे जल्दी चार्ज किया जा सकता है। स्टोरेज को माइक्रोएसडी कार्ड की मदद से 2TB तक बढ़ाया जा सकता है जिससे आप ज्यादा डेटा सेव कर सकते हैं।

कैमरा सेटअप में अंतर

कैमरा सेटअप की बात करें तो आइडिया टैब में 8 मेगापिक्सल का रियर कैमरा और 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है। वहीं टैब K11 Gen 2 में 13 मेगापिक्सल का रियर कैमरा और 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। अभी कंपनी ने दोनों टैबलेट की कीमत का खुलासा नहीं किया है जिससे लोगों में उत्सुकता बनी हुई है।

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Google की टैलेंट वॉर: नील मोहन को रोकने के लिए हुए थे 100 मिलियन डॉलर खर्च!

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Google की टैलेंट वॉर: नील मोहन को रोकने के लिए हुए थे 100 मिलियन डॉलर खर्च!

Google: आज यूट्यूब के सीईओ के रूप में पहचाने जाने वाले नील मोहन को कभी गूगल ने कंपनी छोड़ने से रोकने के लिए 100 मिलियन डॉलर की बड़ी पेशकश की थी। यह खुलासा हाल ही में ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत के पॉडकास्ट में हुआ। निखिल कामत ने बातचीत के दौरान बताया कि उस समय टेक कंपनियों के बीच टैलेंट को लेकर जबरदस्त खींचतान थी। साल 2011 की इस घटना के बारे में बात करते हुए निखिल ने कहा, “मैंने पढ़ा कि गूगल ने आपको कंपनी न छोड़ने के लिए 100 मिलियन डॉलर दिए थे, आज नहीं बल्कि 15 साल पहले। उस वक्त यह रकम बहुत बड़ी थी।” इस पर नील मोहन ने कोई इनकार नहीं किया।

क्यों दी गई थी इतनी बड़ी पेशकश

साल 2011 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने यह राशि नील मोहन को सीधे नकद में नहीं दी थी बल्कि इसे रिस्ट्रिक्टेड स्टॉक यूनिट्स (RSUs) के रूप में दिया गया था जो धीरे-धीरे समय के साथ मिलनी थी। दरअसल, ट्विटर (जो अब एक्स के नाम से जाना जाता है) नील मोहन को अपनी टीम में शामिल करना चाहता था। नील के पुराने बॉस डेविड रोसेनब्लैट पहले ही ट्विटर में शामिल हो चुके थे और चाहते थे कि नील ट्विटर के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर बनें। इस खतरे को भांपते हुए गूगल ने उन्हें रोकने के लिए यह बड़ा ऑफर रखा ताकि वह कंपनी के लिए काम करना जारी रखें।

नील मोहन का सफर

नील मोहन ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एंडरसन कंसल्टिंग (अब एक्सेंचर) से की थी, जिसके बाद वे नेटग्रैविटी नामक एक स्टार्टअप में शामिल हुए। यह स्टार्टअप बाद में डबलक्लिक द्वारा खरीदा गया, जहां नील उपाध्यक्ष के पद तक पहुंचे। साल 2007 में गूगल ने डबलक्लिक को 3.1 बिलियन डॉलर में खरीदा और इसके बाद नील गूगल की ऐड टीम में शामिल हुए। धीरे-धीरे वे गूगल की रणनीति में एक मजबूत स्तंभ बन गए। साल 2011 तक नील की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण हो चुकी थी कि गूगल ने उन्हें रोकने के लिए 100 मिलियन डॉलर की पेशकश की और यह कदम कंपनी के लिए फायदेमंद साबित हुआ।

ट्विटर ने सुंदर पिचाई को भी किया था अप्रोच

नील मोहन अकेले ऐसे गूगल एक्जीक्यूटिव नहीं थे जिन पर ट्विटर की नजर थी। उसी दौरान ट्विटर ने सुंदर पिचाई को भी अप्रोच किया था जो उस समय गूगल में क्रोम और क्रोम ओएस की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। गूगल ने सुंदर को रोकने के लिए करीब 50 मिलियन डॉलर के स्टॉक्स का ऑफर दिया। आज नील मोहन यूट्यूब के सीईओ हैं, उन्होंने 2023 में सुसन वोज्स्की की जगह ली थी। वहीं सुंदर पिचाई 2015 से गूगल के सीईओ हैं और 2019 से अल्फाबेट इंक के सीईओ का दायित्व संभाल रहे हैं। इन दोनों भारतीय मूल के नेताओं को आज वैश्विक टेक इंडस्ट्री के सबसे प्रभावशाली चेहरों में गिना जाता है।

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Samsung: तीन फोल्डेबल मॉडल्स की तैयारी क्या Galaxy Z Flip FE के आने से मार्केट में मचेगा हड़कंप सैमसंग का नया मास्टरप्लान

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Samsung: तीन फोल्डेबल मॉडल्स की तैयारी क्या Galaxy Z Flip FE के आने से मार्केट में मचेगा हड़कंप सैमसंग का नया मास्टरप्लान

Samsung जल्द ही अपना Galaxy Z Fold 7 और Galaxy Z Flip 7 ग्लोबल मार्केट में लॉन्च करने वाला है। दक्षिण कोरियाई कंपनी ने अपने इन अपकमिंग फोल्डेबल स्मार्टफोन्स को लेकर कई जानकारियां कन्फर्म कर दी हैं। माना जा रहा है कि ये दोनों फोन OneUI 8 के साथ आएंगे जो एंड्रॉयड 16 पर आधारित होगा।

एंड्रॉयड 16 के साथ पहली झलक

सैमसंग ने अपनी न्यूज़रूम पोस्ट में OneUI 8 का इंटरफेस दिखाया है। यह नया कस्टमाइज्ड ऑपरेटिंग सिस्टम फिलहाल टेस्टिंग फेज में है। कंपनी का कहना है कि उनके नए फोल्डेबल फोन इसी OS के साथ लॉन्च होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक Galaxy Z Fold 7 और Flip 7 को साल के दूसरे हिस्से में जुलाई या अगस्त में ग्लोबली लॉन्च किया जा सकता है।

Samsung: तीन फोल्डेबल मॉडल्स की तैयारी क्या Galaxy Z Flip FE के आने से मार्केट में मचेगा हड़कंप सैमसंग का नया मास्टरप्लान

क्या इस बार तीन फोल्डेबल मॉडल आएंगे

इस साल सैमसंग दो नहीं बल्कि तीन फोल्डेबल स्मार्टफोन्स लॉन्च कर सकता है। लीक हुई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि Galaxy Z Fold 7 और Flip 7 के अलावा कंपनी Galaxy Z Flip FE नाम का एक और फोन भी पेश कर सकती है। ये तीनों फोन OneUI 8 और एंड्रॉयड 16 के साथ मार्केट में धमाल मचाने वाले हैं।

दमदार प्रोसेसर और बेहतर डिजाइन

सैमसंग के नए फोल्डेबल फोन Qualcomm Snapdragon 8 Elite प्रोसेसर के साथ आ सकते हैं। इसके अलावा इन फोल्डेबल फोन का हिंज डिजाइन और बिल्ड क्वालिटी भी पहले से बेहतर होने की उम्मीद है। कंपनी लगातार अपने फोल्डेबल प्रोडक्ट्स को ज्यादा मजबूत और टिकाऊ बनाने की दिशा में काम कर रही है।

सैमसंग और गूगल की खास पार्टनरशिप

सैमसंग ने कुछ साल पहले एंड्रॉयड ओएस निर्माता गूगल के साथ एक खास साझेदारी की थी। इस साझेदारी के तहत गूगल के लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम सबसे पहले सैमसंग के फ्लैगशिप फोन के लिए रोल आउट किए जाते हैं। पहले गूगल अपने पिक्सल फोन्स के लिए ओएस रिलीज करता है फिर दूसरे ब्रांड्स को देता है लेकिन सैमसंग के फ्लैगशिप डिवाइसेस को ये अपडेट जल्दी मिल जाता है।

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