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Gold vs Silver Investment: 5, 10 और 20 साल के लिए किसमें निवेश रहेगा फायदेमंद? जानें एक्सपर्ट्स की राय

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Gold vs Silver Investment: 5, 10 और 20 साल के लिए किसमें निवेश रहेगा फायदेमंद? जानें एक्सपर्ट्स की राय

Gold vs Silver Investment: बीते वर्ष 2024 में सोने और चांदी ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया। सोने ने 21% का रिटर्न दिया, जबकि चांदी ने 19.66% का रिटर्न देकर निवेशकों को मालामाल कर दिया। इस साल भी दोनों की कीमतों में तेजी का रुख बरकरार है। अगर पिछले 12 महीनों की बात करें तो सोना 40% से अधिक चढ़ चुका है, जबकि चांदी में लगभग 34% की बढ़ोतरी हुई है।

अब सवाल यह उठता है कि 5, 10 या 20 साल के लिए निवेश करने वाले निवेशकों के लिए सोना बेहतर विकल्प रहेगा या चांदी? किस धातु में निवेश से अधिक मुनाफा मिलेगा? अगर आप भी इसी सवाल का जवाब तलाश रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।

क्यों बढ़ रही है सोने-चांदी की कीमत?

मौजूदा समय में सोने और चांदी की कीमतें लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। इसके पीछे कई अहम वजहें हैं—

1. वैश्विक अशांति:
रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में तनाव जैसी भू-राजनीतिक घटनाओं के चलते दुनियाभर में अस्थिरता बनी हुई है। ऐसे में निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए सोने का रुख कर रहे हैं। यही वजह है कि सोने की मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे इसकी कीमतों में इजाफा हो रहा है।

2. सेंट्रल बैंकों की खरीदारी:
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई केंद्रीय बैंक (Central Banks) बड़े पैमाने पर सोने की खरीद कर रहे हैं। इससे भी सोने की कीमतों में तेजी बनी हुई है।

3. औद्योगिक मांग में वृद्धि:
चांदी की कीमत बढ़ने का बड़ा कारण औद्योगिक गतिविधियों में तेजी है। ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के बढ़ते इस्तेमाल के चलते चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है।

4. सीमित आपूर्ति:
चांदी का बाजार अपेक्षाकृत छोटा है, जिसकी वजह से मामूली सप्लाई में कमी होने पर भी कीमतों पर बड़ा असर पड़ता है।

Gold vs Silver Investment: 5, 10 और 20 साल के लिए किसमें निवेश रहेगा फायदेमंद? जानें एक्सपर्ट्स की राय

सोने और चांदी का प्रदर्शन

पिछले 1 साल में सोने और चांदी, दोनों ने निवेशकों को तगड़ा मुनाफा दिया है।

सोने का प्रदर्शन:

  • पिछले 12 महीनों में सोना 40% तक चढ़ा।
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $3,030 प्रति औंस के करीब ट्रेड कर रहा है।
  • भारत में सोना ₹71,000 प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुका है।

चांदी का प्रदर्शन:

  • पिछले 1 साल में चांदी 34% महंगी हुई।
  • वैश्विक बाजार में चांदी $33 प्रति औंस पर पहुंच गई है।
  • भारत में चांदी ₹91,000 प्रति किलोग्राम के करीब कारोबार कर रही है।

गोल्ड-सिल्वर रेशियो: क्या कहता है गणित?

गोल्ड-सिल्वर रेशियो वह अनुपात होता है, जिसमें बताया जाता है कि एक औंस सोने की कीमत कितने औंस चांदी के बराबर है।

  • 1980 में यह रेशियो 70:1 था, यानी 1 औंस सोना 70 औंस चांदी के बराबर था।
  • आज यह अनुपात 91:1 है, क्योंकि सोना $3,030 और चांदी $33 प्रति औंस पर कारोबार कर रही है।

इसका मतलब यह है कि चांदी अभी भी अंडरवैल्यूड है। इसका मतलब या तो चांदी की कीमत में बड़ा उछाल आएगा या फिर सोने की कीमत स्थिर रहेगी, ताकि रेशियो अपने औसत स्तर के करीब आ सके।

किसमें निवेश करना रहेगा फायदेमंद?

अब सवाल उठता है कि लंबी अवधि में सोना या चांदी—किसमें निवेश करना बेहतर रहेगा? इसके लिए बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों धातुओं में निवेश लाभदायक हो सकता है, लेकिन निवेश का उद्देश्य और समय सीमा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

1. 5 साल के लिए निवेश:

  • इस अवधि में सोना अधिक स्थिर और सुरक्षित निवेश है।
  • राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के कारण सोने में तेजी रहने की संभावना है।
  • चांदी में भी औद्योगिक मांग बढ़ने के कारण अच्छी तेजी संभव है, लेकिन इसमें ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है।

बेस्ट विकल्प: 70% सोना और 30% चांदी में निवेश करें।

2. 10 साल के लिए निवेश:

  • इस अवधि में चांदी में निवेश अच्छा मुनाफा दे सकता है।
  • हरित ऊर्जा (Green Energy) और औद्योगिक मांग में वृद्धि से चांदी की कीमतों में उछाल की संभावना है।
  • सोने में भी स्थिर रिटर्न मिलेगा।

बेस्ट विकल्प: 60% सोना और 40% चांदी में निवेश करें।

3. 20 साल के लिए निवेश:

  • इतने लंबे समय में दोनों धातुओं का प्रदर्शन शानदार हो सकता है।
  • सोना सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा, जबकि चांदी संभावित रूप से अधिक रिटर्न दे सकती है।
  • चांदी का बाजार छोटा होने के कारण सप्लाई में कमी होने पर कीमतों में बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है।

बेस्ट विकल्प: 50% सोना और 50% चांदी में निवेश करें।

विशेषज्ञों की राय: पोर्टफोलियो में गोल्ड-सिल्वर जरूर रखें

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि के लिए सोना और चांदी, दोनों में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, पोर्टफोलियो में कम से कम 10% निवेश गोल्ड-सिल्वर में होना चाहिए।

✔️ सोने में निवेश करना ज्यादा सुरक्षित विकल्प है, क्योंकि यह सुरक्षित निवेश मानी जाती है और अस्थिरता के समय रिटर्न देती है।
✔️ चांदी में निवेश लंबी अवधि में अधिक मुनाफा दे सकता है, क्योंकि औद्योगिक मांग बढ़ने से इसमें तेजी का रुझान रह सकता है।

अगर आप 5 साल के लिए निवेश कर रहे हैं, तो सोना ज्यादा सुरक्षित विकल्प रहेगा। वहीं, 10-20 साल के लिए चांदी में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि इसमें औद्योगिक मांग की वजह से ज्यादा तेजी आने की संभावना है।

निवेश रणनीति:

  • 5 साल: 70% गोल्ड, 30% सिल्वर
  • 10 साल: 60% गोल्ड, 40% सिल्वर
  • 20 साल: 50% गोल्ड, 50% सिल्वर

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Personal Loan चुकाने के बाद NOC लेना है जरूरी, वरना पड़ सकता है भविष्य में झंझट

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Personal Loan चुकाने के बाद NOC लेना है जरूरी, वरना पड़ सकता है भविष्य में झंझट

Personal Loan  की हर महीने की किस्त चुकाने के बाद आखिरी EMI कटते ही लोगों को बड़ी राहत मिलती है। लगता है कि अब लोन पूरी तरह से खत्म हो गया। लेकिन सावधान! अगर आपने सोचा कि अब आप पूरी तरह लोन से मुक्त हो गए हैं, तो यह सोच जल्दबाजी होगी। वास्तव में आखिरी EMI चुकाने के बाद भी एक महत्वपूर्ण काम बचा होता है, जिसे नजरअंदाज करने पर भविष्य में परेशानी हो सकती है।

नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NOC) क्या है

नो ड्यूज सर्टिफिकेट यानी NOC एक आधिकारिक पत्र होता है, जो बैंक या वित्तीय संस्था की तरफ से दिया जाता है। इसमें स्पष्ट लिखा होता है कि आपने पूरा लोन चुका दिया है और अब कोई राशि बकाया नहीं है। यह प्रमाण देता है कि आपने न केवल मूल राशि बल्कि उस पर लगने वाले ब्याज और अन्य शुल्क भी चुका दिए हैं। जैसे ही यह सर्टिफिकेट मिल जाता है, बैंक आपके लोन को बंद मान लेता है।

Personal Loan चुकाने के बाद NOC लेना है जरूरी, वरना पड़ सकता है भविष्य में झंझट

NOC क्यों है महत्वपूर्ण

कई लोग सोचते हैं कि आखिरी EMI चुकाने के बाद उनका काम खत्म हो गया। लेकिन अगर आपने NOC नहीं लिया, तो भविष्य में आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मान लीजिए आपने लोन चुका दिया, लेकिन बैंक के रिकॉर्ड में कोई तकनीकी गलती रह गई और बाद में बैंक कह दे कि कुछ राशि अभी भी बाकी है। ऐसे में NOC ही एकमात्र प्रमाण होगा कि आपने सब कुछ चुका दिया है।

 क्रेडिट स्कोर पर भी असर

NOC लेने से आपका क्रेडिट स्कोर भी मजबूत होता है। जब क्रेडिट ब्यूरो को पता चलता है कि आपने समय पर पूरा लोन चुका दिया, तो आपकी वित्तीय विश्वसनीयता बढ़ जाती है। इससे भविष्य में नया लोन या क्रेडिट कार्ड लेना आसान हो जाता है। अक्सर बैंक खुद ही आखिरी EMI के बाद यह सर्टिफिकेट भेज देते हैं, लेकिन अगर 2-3 हफ्तों में NOC न मिले, तो खुद बैंक जाएं या ऑनलाइन नेटबैंकिंग के माध्यम से मांगें।

 तुरंत करें NOC की मांग

NOC लेना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं बल्कि भविष्य की सुरक्षा है। यह प्रमाण है कि आपने लोन पूरी तरह चुका दिया और किसी प्रकार की बकाया राशि नहीं है। इसलिए, आखिरी EMI कटने के बाद तुरंत NOC लेने की प्रक्रिया शुरू करें। यह कदम न केवल कानूनी रूप से जरूरी है बल्कि आपकी वित्तीय सुरक्षा और क्रेडिट स्कोर को भी बेहतर बनाता है।

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Paytm के शेयरों में बढ़त, मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी, 52 हफ्तों का नया उच्चतम

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Paytm के शेयरों में बढ़त, मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी, 52 हफ्तों का नया उच्चतम

Paytm: मंगलवार और सोमवार को अच्छे लाभ के साथ बंद हुए घरेलू शेयर बाजार ने बुधवार को फ्लैट शुरुआत की। बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 81,671.47 अंकों पर खुला, जिसमें 27.08 अंक (0.03%) की हल्की बढ़त रही। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 ने 24,965.80 अंकों पर कारोबार शुरू किया, जो 14.85 अंक (0.06%) की गिरावट दर्शाता है। इस बीच, बुधवार सुबह 10.06 बजे पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस के शेयर बीएसई पर 1,233.10 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, जिसमें 5.80 रुपये (0.47%) की बढ़त दर्ज हुई।

मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी

हाल ही में अग्रणी म्यूचुअल फंड कंपनी मोतीलाल ओसवाल ने पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। कंपनी ने 11 अगस्त को ओपन मार्केट से 26,31,244 शेयर खरीदे, जिससे फंड की हिस्सेदारी 0.41 प्रतिशत बढ़कर कुल 5.15 प्रतिशत हो गई। इस खरीद के जरिए मोतीलाल ओसवाल ने पेटीएम में अपनी पकड़ मजबूत की। हालांकि, फंड कंपनी ने इस लेन-देन के मूल्य या खरीदे गए शेयर की कीमत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

Paytm के शेयरों में बढ़त, मोतीलाल ओसवाल ने बढ़ाई हिस्सेदारी, 52 हफ्तों का नया उच्चतम

52 हफ्तों का नया उच्चतम स्तर

वन 97 कम्युनिकेशंस के शेयरों ने मंगलवार को बीएसई पर 1,227.30 रुपये पर बंद होकर 4.58 प्रतिशत की जोरदार बढ़त दिखाई। इस दौरान शेयरों ने इंट्राडे उच्चतम स्तर 1,238.55 रुपये को छुआ, जो कि पेटीएम के लिए 52 हफ्तों का नया उच्चतम स्तर बन गया। इसके विपरीत, कंपनी के शेयरों का 52 हफ्तों का न्यूनतम स्तर 505.25 रुपये रहा है। इस बढ़त ने निवेशकों के बीच उत्साह और दिलचस्पी बढ़ा दी है।

कई स्कीमों के जरिए शेयर खरीदे गए

मोतीलाल ओसवाल ने ये शेयर 20 से अधिक स्कीमों के माध्यम से खरीदे, जिसमें मिडकैप फंड, फ्लेक्सी कैप फंड, ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड और विभिन्न ईटीएफ स्कीम शामिल हैं। इस रणनीति से फंड कंपनी ने न केवल अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई बल्कि निवेशकों को भी मजबूत संकेत दिया कि पेटीएम में उनका भरोसा बरकरार है।

पेटीएम की बाजार पूंजी और भविष्य की संभावना

बीएसई डेटा के अनुसार, पेटीएम की मौजूदा मार्केट कैप 78,727.65 करोड़ रुपये है। हाल की हिस्सेदारी बढ़ाने और शेयरों के नए 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर ने संकेत दिया है कि निवेशकों की निगाहें अब कंपनी के भविष्य पर टिकी हुई हैं। अगर बाजार की धारणा बनी रहती है, तो आने वाले दिनों में पेटीएम के शेयरों में और तेजी देखने को मिल सकती है।

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LIC का बड़ा ऐलान! बंद हुई पॉलिसियों को फिर से शुरू करने का अनोखा मौका, माइक्रो इंश्योरेंस पर 100% छूट के साथ लाभ उठाएं

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LIC का बड़ा ऐलान! बंद हुई पॉलिसियों को फिर से शुरू करने का अनोखा मौका, माइक्रो इंश्योरेंस पर 100% छूट के साथ लाभ उठाएं

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी, लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया। LIC ने यह घोषणा की कि उसने बंद हो चुकी व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी को फिर से शुरू करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। यह अभियान 18 अगस्त 2025 से शुरू होकर 17 सितंबर 2025 तक चलेगा। इस अभियान में पॉलिसी शुरू करने पर लेट फीस में आकर्षक छूट दी जाएगी।

माइक्रो इंश्योरेंस पॉलिसी पर 100% छूट

LIC ने बयान में बताया कि सभी नॉन-लिंक्ड यानी टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी स्कीमों में 30% तक की छूट दी जा रही है, जो अधिकतम 5000 रुपये तक हो सकती है। वहीं, माइक्रो इंश्योरेंस पॉलिसी (कम आय वाले परिवार या व्यक्ति के लिए) पर लेट फीस में 100% छूट दी जा रही है। इस विशेष अभियान के तहत पॉलिसी को पहली अप्राप्त प्रीमियम की तारीख से 5 वर्षों के भीतर शुरू किया जा सकता है, यदि पॉलिसी की शर्तें पूरी हों।

मेडिकल और स्वास्थ्य की शर्तों में कोई छूट नहीं

कंपनी ने यह भी कहा कि मेडिकल या स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं में कोई छूट नहीं दी जाएगी। केवल उन पॉलिसियों को इस अभियान के तहत शुरू किया जा सकता है, जिनकी अवधि समाप्त नहीं हुई है और प्रीमियम भुगतान के दौरान समाप्त हो गई थीं। LIC ने कहा कि यह अभियान उन पॉलिसीधारकों के लाभ के लिए शुरू किया गया है, जो किसी प्रतिकूल परिस्थिति के कारण समय पर प्रीमियम नहीं चुका सके।

लेट फीस में छूट के फायदे

इस अभियान के जरिए पॉलिसीधारक अपनी पुरानी पॉलिसी को फिर से शुरू करके बीमा कवर को बहाल कर सकते हैं। LIC ने सभी से अपील की है कि पुरानी पॉलिसी को फिर से शुरू करना हमेशा लाभकारी होता है। लेट फीस में छूट पाने के साथ ही पॉलिसीधारक अपने परिवार और खुद को वित्तीय सुरक्षा दे सकते हैं।

आखिरी मौका और सावधानियां

इस विशेष अभियान की अवधि केवल एक महीने की है, इसलिए पॉलिसीधारकों को जल्द से जल्द इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। LIC ने कहा कि पॉलिसी शुरू करने के लिए सभी नियमों और शर्तों का पालन करना अनिवार्य है। इसके अलावा, पॉलिसीधारकों को सलाह दी गई है कि वे सही जानकारी और दस्तावेजों के साथ आवेदन करें, ताकि पॉलिसी के रिवाइवल में कोई अड़चन न आए।

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