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Gold Price Today: वैश्विक व्यापार में अस्थिरता के कारण सोने की कीमत में बेतहाशा वृद्धि

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Gold Price Today: वैश्विक व्यापार में अस्थिरता के कारण सोने की कीमत में बेतहाशा वृद्धि

Gold Price Today: सोने की कीमतें आज वैश्विक स्तर पर नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई हैं। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किया गया टैरिफ युद्ध अब व्यापक रूप से फैल चुका है, जिससे वैश्विक व्यापार में अस्थिरता बढ़ी है। इस अस्थिरता ने सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में मजबूत किया है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, शुक्रवार को कमोडिटी मार्केट (Comex) पर सोने की कीमत 3001 डॉलर प्रति औंस के ऐतिहासिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। शुक्रवार को सोने की वैश्विक कीमत 0.33 प्रतिशत या 9.80 डॉलर बढ़कर 3001.10 डॉलर प्रति डॉलर पर बंद हुई। वहीं, गोल्ड स्पॉट (Gold Spot) की कीमत 2984.16 डॉलर प्रति औंस रही, जिसमें 0.17 प्रतिशत या 5.02 डॉलर की गिरावट आई।

वैश्विक व्यापार में अस्थिरता और सोने की बढ़ती कीमतें

सोने की इस तेजी से बढ़ती कीमत का कारण वैश्विक व्यापार में अस्थिरता और यूएस के विशिष्ट दृष्टिकोण से निवेशकों की चिंता को माना जा रहा है। जब भी वैश्विक प्रगति में कोई रुकावट आती है, आर्थिक अस्थिरता पैदा होती है, भू-राजनीतिक तनाव बढ़ते हैं, या स्टॉक मार्केट में गिरावट आती है, तब सोना एक सुरक्षित निवेश के रूप में मजबूत होता है। इन परिस्थितियों में, केंद्रीय बैंकों और व्यापारी सोने के बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी में बढ़ोतरी की जाती है, जिससे सोने की कीमतों में और भी वृद्धि होती है।

सोने की कीमत का रिकॉर्ड हाई होना

गोल्ड की कीमतों में यह अचानक वृद्धि, दुनिया भर में व्यापार और आर्थिक अस्थिरता के प्रति बढ़ती चिंता का संकेत है। व्यापारिक संघर्ष, विशेष रूप से यूएस और अन्य देशों के बीच व्यापार युद्ध की स्थिति, निवेशकों को अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए सोने में निवेश करने के लिए प्रेरित कर रही है। इससे सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। विशेष रूप से, 3001 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचकर सोने ने एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया है। यह वृद्धि एक बड़े वित्तीय संकट की ओर इशारा कर सकती है, जहां सोना हमेशा सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है।

Gold Price Today: वैश्विक व्यापार में अस्थिरता के कारण सोने की कीमत में बेतहाशा वृद्धि

सोने के मूल्य में अंतर्राष्ट्रीय बाजार की भूमिका

सोने की कीमतों में बदलाव केवल वैश्विक व्यापार अस्थिरता या आर्थिक घटनाओं के कारण ही नहीं होता, बल्कि केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीदारी और व्यापारी गोल्ड बैंकों द्वारा की गई खरीदारी भी इसका कारण है। जब भी किसी देश की आर्थिक स्थिति खराब होती है या वैश्विक संकट की स्थिति बनती है, तो निवेशक सोने को अपनी संपत्ति की सुरक्षा के रूप में देखने लगते हैं। यही कारण है कि सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, क्योंकि यह एक स्थिर और सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है।

घरेलू बाजार में सोने की कीमत में गिरावट

हालांकि वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में तेजी आई है, घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में हल्की गिरावट आई है। शुक्रवार को भारतीय बाजार में सोने का भाव 0.03 प्रतिशत यानी 28 रुपये घटकर 87,963 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इसके बावजूद, घरेलू बाजार में भी सोने की मांग बनी हुई है, और निवेशक इसे एक सुरक्षित विकल्प के रूप में देख रहे हैं।

भारतीय बाजार में सोने की स्थिति और आगामी ट्रेंड

भारत में सोने का एक लंबा इतिहास रहा है और यह हमेशा निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में देखा जाता है। घरेलू बाजार में सोने की मांग में हल्की गिरावट आई है, लेकिन यह अस्थायी है। जैसे-जैसे वैश्विक अस्थिरता बढ़ेगी, सोने की कीमतों में फिर से उछाल आ सकता है। 4 अप्रैल 2025 को भारतीय बाजार में सोने की कीमत 87,963 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। हालांकि इसमें गिरावट आई, लेकिन यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में सोने की कीमत में वृद्धि हो सकती है, खासकर जब वैश्विक व्यापार में और अस्थिरता आएगी।

सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे प्रमुख कारण

  1. आर्थिक अस्थिरता – वैश्विक व्यापार युद्ध, विशेष रूप से अमेरिका द्वारा शुरू किए गए टैरिफ युद्ध ने वैश्विक व्यापार अस्थिरता को बढ़ा दिया है। इस अस्थिरता के कारण निवेशक अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए सोने का रुख कर रहे हैं।

  2. भू-राजनीतिक तनाव – जब भी किसी देश के बीच संघर्ष या तनाव होता है, तब निवेशक सोने में अपनी पूंजी निवेश करते हैं, क्योंकि यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है।

  3. स्टॉक मार्केट में गिरावट – स्टॉक मार्केट में गिरावट से भी सोने की कीमतों में वृद्धि होती है। जब निवेशक स्टॉक मार्केट से बाहर निकलते हैं, तो वे अपना पैसा सोने में निवेश करते हैं।

  4. सेंट्रल बैंक द्वारा सोने की खरीदारी – कई केंद्रीय बैंक सोने की खरीदारी बढ़ा रहे हैं, जिससे सोने की कीमतों में वृद्धि हो रही है। केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने का भंडार बढ़ाना इसका प्रमुख कारण है।

आने वाले दिनों में सोने की कीमतें

आने वाले दिनों में सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है, खासकर जब वैश्विक आर्थिक स्थिति और अस्थिर होगी। साथ ही, स्टॉक मार्केट में गिरावट और भू-राजनीतिक संकटों की स्थिति में भी सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। भारतीय बाजार में भी यह उम्मीद जताई जा रही है कि सोने की कीमतें 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती हैं।

निवेशकों के लिए सिफारिशें

  1. सोने में निवेश करें – यदि आप सुरक्षित निवेश की तलाश में हैं, तो सोने में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक सोना एक सुरक्षित विकल्प है।

  2. स्वर्ण बचत योजना – यदि आप नियमित रूप से सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो आप स्वर्ण बचत योजनाओं का विकल्प भी चुन सकते हैं, जहां आप छोटे हिस्से में सोने का निवेश कर सकते हैं।

  3. सोने की कीमतों पर नजर रखें – चूंकि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए निवेश करने से पहले बाजार की स्थिति का विश्लेषण करें।

वैश्विक व्यापार अस्थिरता, भू-राजनीतिक तनाव, और स्टॉक मार्केट में गिरावट के कारण सोने की कीमतें बढ़ रही हैं। निवेशकों के लिए यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन चुका है। सोने की कीमतों में और वृद्धि की संभावना है, खासकर जब वैश्विक संकटों के चलते निवेशकों की सोने में रुचि बढ़ेगी।

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भारतीय Stock Market में गुरुवार को तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त

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भारतीय Stock Market में गुरुवार को तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त

आज यानी 13 मार्च 2025 को भारतीय Stock Market ने सकारात्मक शुरुआत की। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 363 अंकों की बढ़त के साथ 74,392 पर खुला। इसके साथ ही बाजार में शुरुआती व्यापार में भी तेजी देखी गई। शुरुआती व्यापार के दौरान, 30 सेंसेक्स स्टॉक्स में से 15 स्टॉक्स हरे निशान (Green) में और 15 लाल निशान (Red) में दिखाई दिए।

वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 0.32 प्रतिशत यानी 71 अंकों की बढ़त के साथ 22,541 पर ट्रेड करता हुआ नजर आया। इस दौरान, निफ्टी के 50 स्टॉक्स में से 38 स्टॉक्स हरे निशान में, 7 लाल निशान में और 5 स्टॉक्स बिना किसी बदलाव के ट्रेड कर रहे थे।

निफ्टी में आई सबसे बड़ी गिरावट: इंफोसिस

इस दिन की सबसे बड़ी गिरावट निफ्टी के प्रमुख स्टॉक्स में से एक इंफोसिस में देखी गई, जो 4.31 प्रतिशत गिरकर नीचे चला गया। इसके अलावा, विप्रो 3.44 प्रतिशत, टेक महिंद्रा 2.84 प्रतिशत, नेस्ले इंडिया 2.42 प्रतिशत और HCL टेक 1.93 प्रतिशत गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे।

वहीं दूसरी ओर, कई प्रमुख स्टॉक्स में बढ़त भी देखने को मिली। इस सूची में इंडसइंड बैंक 4.43 प्रतिशत, टाटा मोटर्स 3.10 प्रतिशत, कोटक बैंक 2.31 प्रतिशत, बजाज फाइनेंस 2.10 प्रतिशत और ITC 1.56 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।

भारतीय Stock Market में गुरुवार को तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त

सेंटरल और सेक्टोरल इंडेक्स में बदलाव

अगर हम सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें, तो निफ्टी मिडस्मॉल फाइनेंशियल सर्विसेस में 1.06 प्रतिशत की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। इसके अलावा, निफ्टी ऑटो 0.77 प्रतिशत, निफ्टी मीडिया 0.68 प्रतिशत, निफ्टी फार्मा 0.12 प्रतिशत, निफ्टी रियल्टी 0.51 प्रतिशत, निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स 0.13 प्रतिशत, निफ्टी कंज्यूमर ड्युरेबल्स 0.38 प्रतिशत और निफ्टी मिडस्मॉल हेल्थकेयर में 0.30 प्रतिशत की गिरावट आई।

वहीं, कुछ सेक्टोरल इंडेक्स में बढ़त भी देखी गई। इनमें निफ्टी बैंक 0.31 प्रतिशत, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेस 0.28 प्रतिशत, निफ्टी मेटल 0.23 प्रतिशत, निफ्टी PSU बैंक 0.11 प्रतिशत, निफ्टी प्राइवेट बैंक 0.19 प्रतिशत, निफ्टी ऑयल एंड गैस 0.09 प्रतिशत और निफ्टी मिडस्मॉल IT & Telecom 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ व्यापार कर रहे थे।

भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन: मुख्य बातें

  1. सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी: भारतीय शेयर बाजार ने आज बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की है। सेंसेक्स में 363 अंकों की बढ़त आई, जबकि निफ्टी में 71 अंकों का उछाल देखने को मिला।

  2. सेंसेक्स और निफ्टी के प्रमुख स्टॉक्स में असमान प्रदर्शन: सेंसेक्स और निफ्टी के अधिकांश प्रमुख स्टॉक्स में विविध प्रदर्शन देखने को मिला। जहां कुछ स्टॉक्स में वृद्धि हुई, वहीं कुछ में गिरावट भी आई।

  3. इंफोसिस और विप्रो में गिरावट: इंफोसिस और विप्रो में बड़ी गिरावट देखी गई, जबकि टाटा मोटर्स, इंडसइंड बैंक और बजाज फाइनेंस में बढ़त दर्ज की गई।

  4. सेक्टोरल इंडेक्स में मिली-जुली प्रतिक्रिया: निफ्टी मिडस्मॉल फाइनेंशियल सर्विसेस और निफ्टी ऑटो जैसे सेक्टर्स में गिरावट आई, जबकि निफ्टी बैंक और निफ्टी मेटल जैसे सेक्टर्स में बढ़त देखी गई।

आज के बाजार में मिश्रित संकेत मिले हैं, जहां कुछ प्रमुख कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखी गई, वहीं दूसरी ओर कई कंपनियों के शेयरों में उछाल भी आया। भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन इस बात को दर्शाता है कि निवेशक सतर्कता के साथ बाजार में ट्रेड कर रहे हैं और संभावित रूप से कुछ स्टॉक्स को फायदा हो सकता है, जबकि कुछ में नुकसान भी हो सकता है।

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New TDS rules: वरिष्ठ नागरिकों और सामान्य नागरिकों के लिए मिली राहत

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New TDS rules: वरिष्ठ नागरिकों और सामान्य नागरिकों के लिए मिली राहत

New TDS rules: भारत सरकार ने फरवरी 1, 2025 को पेश किए गए बजट में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की, जो टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) नियमों से जुड़े हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन बदलावों की जानकारी दी, और ये नए नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे। इन बदलावों के तहत, बैंक डिपॉजिट (FD), रिकरिंग डिपॉजिट (RD) और अन्य स्रोतों से ब्याज आय पर TDS के नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं। खासकर वरिष्ठ नागरिकों और सामान्य नागरिकों को इस बजट से महत्वपूर्ण राहत मिली है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी राहत

अब तक, वरिष्ठ नागरिकों (60 साल और उससे ऊपर के) के लिए TDS की सीमा ₹40,000 थी। लेकिन नए नियमों के तहत, अब वरिष्ठ नागरिकों के लिए FD और RD पर TDS तभी काटा जाएगा जब उनकी कुल ब्याज आय ₹1 लाख से अधिक होगी। इसका मतलब यह है कि अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की ब्याज आय ₹1 लाख से कम है, तो उन्हें किसी भी प्रकार का TDS नहीं देना पड़ेगा। इस बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी, खासकर उन लोगों को जो FD पर निर्भर हैं और उनकी आय कम है।

सामान्य नागरिकों के लिए भी राहत

सामान्य नागरिकों (जो वरिष्ठ नागरिक नहीं हैं) के लिए भी TDS के नियमों में राहत दी गई है। पहले सामान्य नागरिकों के लिए FD, RD और अन्य स्रोतों से ब्याज आय पर ₹40,000 तक TDS कटता था। अब, सरकार ने इस सीमा को बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया है। इसका मतलब है कि यदि सामान्य नागरिक की ब्याज आय ₹50,000 तक रहती है, तो उस पर कोई TDS नहीं कटेगा। यह बदलाव खासतौर पर उन नागरिकों को राहत देगा, जो FD और RD से अपनी आय का बड़ा हिस्सा प्राप्त करते हैं।

New TDS rules: वरिष्ठ नागरिकों और सामान्य नागरिकों के लिए मिली राहत

टीडीएस नियमों में अन्य बदलाव

बजट में TDS से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की गई हैं। पहले, लॉटरी, क्रॉसवर्ड या हॉर्स रेसिंग से होने वाली कुल आय पर ₹10,000 से अधिक होने पर TDS कटता था। अब, सरकार ने इसे सरल बनाते हुए कहा है कि TDS तब ही काटा जाएगा जब एकल लेन-देन ₹10,000 से अधिक होगा। इससे लॉटरी और क्रॉसवर्ड जैसे खेलों में छोटे-मोटे जीतने वाले व्यक्तियों को राहत मिलेगी, क्योंकि छोटे पुरस्कारों पर अब TDS नहीं कटेगा।

बीमा कमीशन पर भी बढ़ी सीमा

बीमा कमीशन पर TDS की सीमा पहले ₹15,000 थी, लेकिन अब इसे ₹20,000 तक बढ़ा दिया गया है। इसका मतलब है कि यदि किसी बीमा एजेंट को एक वित्तीय वर्ष में ₹20,000 से अधिक का कमीशन मिलता है, तो उस पर TDS काटा जाएगा। यह बदलाव बीमा एजेंट्स के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

म्यूचुअल फंड्स और शेयरों पर डिविडेंड पर राहत

म्यूचुअल फंड्स (MFs) और शेयरों पर मिलने वाले डिविडेंड पर भी TDS की सीमा बढ़ाई गई है। पहले, यदि किसी व्यक्ति को ₹5,000 से अधिक का डिविडेंड प्राप्त होता था, तो उस पर TDS कटता था। अब इसे बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि यदि किसी व्यक्ति को ₹10,000 तक का डिविडेंड मिलता है, तो उस पर TDS नहीं कटेगा। यह म्यूचुअल फंड और शेयर निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत है, जो छोटे निवेशकों को अपने निवेश पर बेहतर लाभ देने में मदद करेगा।

इस बदलाव का उद्देश्य

सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य आम लोगों पर टैक्स का बोझ कम करना और उनके निवेशों से संबंधित प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। इन बदलावों से विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और छोटे निवेशकों को फायदा होगा, जो FD, RD या अन्य निवेश माध्यमों से अपनी आय अर्जित करते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इन बदलावों के माध्यम से निवेशकों को अधिक राहत मिले और उनका निवेश कार्य सरल और पारदर्शी हो।

1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे नए नियम

यह नए TDS नियम 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होंगे, और इसके बाद यदि आपकी ब्याज आय इन सीमा से अधिक होती है तो ही बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान TDS काटेगा। यदि आपकी ब्याज आय सीमा से कम है तो TDS नहीं कटेगा, जिससे निवेशकों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी।

इस बजट में किए गए TDS नियमों में बदलाव से वरिष्ठ नागरिकों और सामान्य नागरिकों को काफी राहत मिली है। सरकार ने एफडी, आरडी और अन्य ब्याज आय पर TDS की सीमा बढ़ाकर छोटे निवेशकों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है। इन बदलावों से खासतौर पर उन व्यक्तियों को लाभ होगा जो अपनी आय का मुख्य हिस्सा एफडी और आरडी से प्राप्त करते हैं। इसके अलावा, लॉटरी, क्रॉसवर्ड, हॉर्स रेसिंग, और म्यूचुअल फंड्स जैसी अन्य श्रेणियों में भी राहत दी गई है, जो टैक्स की जटिलताओं को कम करने में मदद करेगा।

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Holi festival sales: होली के अवसर पर भारतीय सामान की बिक्री में बढ़ोतरी, चीन के सामान का बहिष्कार जारी

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Holi festival sales: होली के अवसर पर भारतीय सामान की बिक्री में बढ़ोतरी, चीन के सामान का बहिष्कार जारी

Holi festival sales: भारत में होली का त्योहार 14 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार भी त्योहार के दौरान व्यापारी वर्ग और उपभोक्ताओं द्वारा चीनी सामान का बहिष्कार जारी है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महासचिव और चांदनी चौक से बीजेपी सांसद प्रवीन खेतानवाल ने कहा कि इस साल भी व्यापारियों और ग्राहकों ने होली के सामान में चीनी उत्पादों का बहिष्कार किया है और भारतीय सामान की भारी मांग देखी जा रही है।

भारतीय उत्पादों की मांग में उछाल

होली के त्यौहार के दौरान भारतीय रंग, गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे, चंदन, पूजा सामग्री, परिधान और अन्य भारतीय उत्पादों की बिक्री बहुत बढ़ी है। खासकर मिठाई, सूखे मेवे, उपहार आइटम, फूल, फल, कपड़े, फर्निशिंग फैब्रिक, किराना, FMCG उत्पाद और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की मांग बहुत अधिक है। उपभोक्ताओं के खर्च बढ़ने के कारण, कई व्यापारिक क्षेत्रों में होली के दौरान बिक्री में तेजी आई है।

कृष्णवेल ने बताया कि होली के दौरान खासतौर पर सफेद टी-शर्ट, कुर्ता-पजामा और सलवार सूट की मांग में वृद्धि हो रही है ताकि लोग रंगों से खेल सकें। इसके अलावा “हैप्पी होली” लिखी हुई टी-शर्ट भी मार्केट में लगातार बिक रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत त्योहारों का देश है और हर त्योहार या धार्मिक आयोजन निश्चित रूप से व्यापार को बढ़ावा देता है। होली से उम्मीद है कि आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, जिससे खासतौर पर छोटे व्यापारियों, स्थानीय व्यवसायों, छोटे उद्योगों और MSME क्षेत्र को लाभ होगा।

Holi festival sales: होली के अवसर पर भारतीय सामान की बिक्री में बढ़ोतरी, चीन के सामान का बहिष्कार जारी

होली के दौरान व्यापार का अनुमानित आंकड़ा

CAIT के आंकड़ों के अनुसार, इस साल होली के त्यौहार पर व्यापारियों को लगभग ₹60,000 करोड़ का व्यापार होने का अनुमान है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 20 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल यह आंकड़ा ₹50,000 करोड़ के आस-पास था। दिल्ली के बाजारों में अकेले ₹8,000 करोड़ से अधिक के व्यापार की संभावना जताई जा रही है।

दिल्ली में होली की धूम

खेतानवाल ने कहा कि इस साल भी होली के त्यौहार का आयोजन दिल्ली समेत पूरे देश में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिससे होली मनाने के लिए लोग बैंकेट हॉल, फार्म हाउस, होटलों, रेस्तरां और सार्वजनिक पार्कों में इकट्ठा हो रहे हैं। दिल्ली में अकेले 3,000 से अधिक छोटे-बड़े होली मिलन समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इन समारोहों में भाग लेने वाले लोगों के चेहरे पर खुशी और उत्साह देखा जा सकता है।

होली के विशेष उत्पादों की बिक्री

होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह खाने-पीने और स्वादिष्ट व्यंजनों का भी त्योहार है। होली पर विशेष रूप से बनाए जाने वाले गुजिया, और अन्य मिठाईयाँ बड़ी संख्या में मिठाई की दुकानों पर बिक रही हैं। इस बार की होली में रासायनिक रंगों और रंगीन गुलाल के बजाय, बाजार में हर्बल रंगों, अबीर और गुलाल की अधिक मांग देखी जा रही है।

इस बार बाजार में विभिन्न प्रकार की पिचकारियाँ, गुब्बारे और अन्य आकर्षक सामान उपलब्ध हैं। प्रेशर पिचकारियाँ ₹100 से ₹350 तक की कीमत में मिल रही हैं, जबकि टैंक जैसी पिचकारियाँ ₹100 से ₹400 तक बिक रही हैं। इसके अलावा, फैंसी पाइप भी बाजार में बहुत लोकप्रिय हो गए हैं। बच्चों के लिए स्पाइडरमैन, छोटा भीम जैसे डिजाइन वाली पिचकारियाँ ज्यादा बिक रही हैं, और गुलाल स्प्रे की भी भारी मांग है।

होलिका दहन और रंगों की होली

खेतानवाल ने कहा कि इस साल 13 मार्च को दिल्ली में होलिका दहन होगा, जबकि 14 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी। दिल्ली के बाजार होली के रंगों से सजे हुए हैं। दुकानों में गुलाल और पिचकारी के अलावा गुजिया और सूखे मेवों की माला भी सजाई जा रही है। बाजार में खरीदारी के लिए आने वाले लोगों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

इस बार होली के मौके पर भारतीय व्यापारियों और दुकानदारों को अच्छा व्यापार होने का अनुमान है। चीनी उत्पादों का बहिष्कार जारी रहने से भारतीय उत्पादों की बिक्री में तेजी आई है, जिससे छोटे व्यापारियों और MSME क्षेत्र को लाभ होगा। रंगों और मिठाईयों के साथ-साथ होली के विशेष उत्पादों की भी अच्छी खासी मांग है। दिल्ली समेत पूरे देश में होली की धूम है और बाजार रंग-बिरंगे हो चुके हैं।

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