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Gold Investment: क्या सोने की चमक नहीं होगी कम? अगले साल भी बैंकों की खरीद जारी रहने के संकेत

Gold Investment: पिछले तीन सालों से दुनिया भर के केंद्रीय बैंक लगातार 1000 टन से ज्यादा सोना खरीद रहे हैं। जबकि इसके पहले एक दशक तक ये आंकड़ा हर साल 400 से 500 टन के बीच रहा करता था। भारत का रिजर्व बैंक भी इस सोने की खरीद में पीछे नहीं है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अब दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड खरीदार बैंकों में शामिल हो चुका है। इसकी बड़ी वजह है वैश्विक तनाव और आर्थिक अस्थिरता, जिससे निपटने के लिए सोने को सबसे सुरक्षित साधन माना जाता है। यही कारण है कि बाकी निवेशकों की तरह केंद्रीय बैंक भी सोने की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।
73 देशों के केंद्रीय बैंकों से बातचीत
आने वाले एक साल में केंद्रीय बैंक सोने को लेकर क्या रुख अपनाएंगे, इसे समझने के लिए वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने 25 फरवरी से 20 मई के बीच एक बड़ा सर्वे किया। इस सर्वे में 73 देशों के केंद्रीय बैंकों से बात की गई और उनकी गोल्ड रणनीति को समझने की कोशिश की गई। इस रिपोर्ट को ‘सेंट्रल बैंक गोल्ड रिजर्व सर्वे 2025’ नाम से मंगलवार को जारी किया गया। ये सर्वे पिछले 8 सालों से किया जा रहा है और इसकी रिपोर्ट से निवेशकों को काफी दिशा मिलती है कि सोना किस दिशा में जा रहा है।
क्या है सर्वे में सामने आया गोल्ड को लेकर नजरिया
सर्वे में एक दिलचस्प बात ये सामने आई कि 95% केंद्रीय बैंकों का मानना है कि अगले 12 महीनों में वैश्विक गोल्ड रिजर्व में इज़ाफा होगा। 2023 में ये आंकड़ा 71% था और 2024 में 81% तक पहुंचा। यानी हर साल केंद्रीय बैंकों की गोल्ड में दिलचस्पी बढ़ रही है। इतना ही नहीं, इस बार 43% केंद्रीय बैंकों ने यह भी कहा कि वे अपने गोल्ड रिजर्व को खुद भी बढ़ाएंगे। पिछले साल यह आंकड़ा 29% था। खास बात ये रही कि एक भी केंद्रीय बैंक ने ये नहीं कहा कि वो अपना गोल्ड स्टॉक कम करेगा। 76% बैंकों ने तो यहां तक कहा कि आने वाले पांच सालों में उनकी रिजर्व में गोल्ड का हिस्सा और बढ़ेगा। पिछले साल यह संख्या 69% थी।
डॉलर की पकड़ होगी ढीली और गोल्ड बनेगा पसंदीदा
गोल्ड की तरफ यह झुकाव सिर्फ निवेश नहीं बल्कि एक रणनीतिक बदलाव का भी संकेत है। बैंकों का मानना है कि संकट के समय गोल्ड एक सुरक्षित सहारा होता है। इसके अलावा यह महंगाई से बचाने वाला और पोर्टफोलियो को विविधता देने वाला एक अहम साधन भी है। यही वजह है कि सर्वे में 73% केंद्रीय बैंकों ने कहा कि अगले 5 सालों में उनकी डॉलर होल्डिंग घटेगी। इसके स्थान पर वे यूरो, चीन की करेंसी रेनमिनबी और गोल्ड जैसे विकल्पों को अपनाएंगे। इस बदलाव के पीछे मकसद सिर्फ मुनाफा नहीं है बल्कि आर्थिक स्थिरता और विविधता की रणनीति भी है। आने वाले समय में जब दुनिया की अर्थव्यवस्था और अधिक उतार-चढ़ाव से गुजरेगी तब गोल्ड और भी अहम भूमिका निभाने वाला है।
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SBI Amrit Vrishti FD: SBI ने फिर तोड़ी उम्मीदें अमृत वृष्टि एफडी पर घटाया ब्याज वरिष्ठ नागरिकों पर सीधा असर

SBI Amrit Vrishti FD: देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक एसबीआई ने अपनी खास फिक्स्ड डिपॉजिट योजना अमृत वृष्टि पर ब्याज दर घटा दी है। यह बदलाव 15 जून 2025 से लागू हो गया है। इससे पहले आईसीआईसीआई बैंक एचडीएफसी बैंक और केनरा बैंक जैसे बड़े बैंकों ने भी एफडी पर ब्याज कम किया था।
आरबीआई की कटौती से बदला खेल
भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। इसी कारण बैंकों ने लोन सस्ते कर दिए हैं लेकिन एफडी पर ब्याज दरों में भी कटौती कर दी है। इसका सबसे बड़ा असर वरिष्ठ नागरिकों पर पड़ा है जिन्हें पहले ज्यादा ब्याज मिलता था।
अब कितनी ब्याज दर मिल रही है
अब अमृत वृष्टि एफडी पर सामान्य नागरिकों को 444 दिन की अवधि के लिए 6.6 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलेगा जो पहले 6.85 प्रतिशत था। वरिष्ठ नागरिकों को अब 7.10 प्रतिशत जबकि 80 साल या उससे ज्यादा उम्र वालों को 7.20 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। नई दरें आज से लागू हो गई हैं।
प्रीमैच्योर एफडी तो देना पड़ेगा जुर्माना
अगर आप पांच लाख रुपये तक की एफडी को परिपक्वता से पहले तोड़ते हैं तो आपको 0.50 प्रतिशत जुर्माना देना होगा। वहीं पांच लाख से ऊपर और तीन करोड़ से कम की एफडी पर 1 प्रतिशत जुर्माना देना पड़ेगा। यह जुर्माना सभी अवधियों पर लागू होता है।
पोस्ट ऑफिस दे रहा ज्यादा मुनाफा
अगर आप बैंक की घटती एफडी ब्याज दरों से परेशान हैं तो पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम आपके लिए एक बेहतर विकल्प बन सकती है। अभी भी कई पोस्ट ऑफिस स्कीम्स बैंकों की तुलना में ज्यादा रिटर्न दे रही हैं। यानी आपका पैसा ज्यादा सुरक्षित और फायदे वाला बन सकता है।
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गिरते गिरते संभल गए Anil Ambani के शेयर अब दे रहे हैं मल्टीबैगर रिटर्न जानिए क्या है वापसी की असली वजह

कई सालों की गिरावट और संघर्ष के बाद Anil Ambani की कंपनियां अब शेयर बाजार में धमाल मचा रही हैं। पिछले तीन महीनों में उनके समूह की दो कंपनियों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। इस तेजी ने इन शेयरों को मल्टीबैगर की श्रेणी में पहुंचा दिया है। इससे निवेशकों में भी एक नई उम्मीद जगी है।
रिलायंस पावर ने दिखाई ताकत
रिलायंस पावर के शेयर ने पिछले तीन महीनों में 107 प्रतिशत की छलांग लगाई है। इसका भाव 34 रुपये से बढ़कर 67 रुपये तक पहुंच गया है। हाल ही में इसने 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर 76 रुपये को छुआ है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट और मार्जिन में भी सुधार आया है।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के शेयर ने 3 महीनों में 79 प्रतिशत की मजबूती दिखाई है। यह शेयर 221 रुपये से बढ़कर 396 रुपये तक पहुंच गया है और इसका 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर 421 रुपये है। कंपनी की नकद प्रवाह की स्थिति पिछले दो वर्षों में सुधरी है और मुनाफे में भी इजाफा हुआ है।
रिलायंस होम फाइनेंस का तगड़ा उछाल
रिलायंस होम फाइनेंस के शेयर ने भी बाजार में सबको चौंका दिया है। तीन महीनों में यह शेयर 143 प्रतिशत चढ़ा है। इसका भाव 3 रुपये से बढ़कर 8 रुपये तक पहुंच गया है जो इसका 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर भी है। सिर्फ एक महीने में इसने 20 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न दिया है।
क्या है इस जबरदस्त बढ़त का राज
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि अनिल अंबानी की कंपनियों में यह तेजी रणनीतिक विकास और वित्तीय मजबूती की वजह से आई है। रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और जर्मनी की कंपनी राइनमेटल के बीच डिफेंस सेक्टर में साझेदारी ने निवेशकों को नई उम्मीद दी है। वहीं रिलायंस पावर की भूटान के साथ 25 साल की सोलर और बैटरी स्टोरेज डील ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।
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Wedding Insurance: फेरों से पहले सुरक्षा की गांठ! अब बीमा देगा समाधान, जानिए कैसे काम करता है वेडिंग इंश्योरेंस

Wedding Insurance: इस समय देशभर में शादियों का सीजन चल रहा है। लाखों लोग शादी के बंधन में बंध रहे हैं और हर कोई इस पल को खास बनाना चाहता है। शादी के बाद घर खरीदना भले ही बड़ा खर्च माना जाता हो लेकिन शादी खुद एक बहुत बड़ा वित्तीय निवेश होता है।
वेडिंग इंश्योरेंस क्यों हो गया है जरूरी
जब शादी पर लाखों या करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हों तो यह सोच जरूरी हो जाती है कि अगर कोई अनहोनी हो गई तो नुकसान कौन भरेगा। ऐसे में वेडिंग इंश्योरेंस आपकी मदद करता है। यह बीमा किसी भी तरह की रुकावट से होने वाले आर्थिक नुकसान से सुरक्षा देता है जैसे कि शादी टलना या रद्द होना।
किन हालातों में करता है सुरक्षा का काम
वेडिंग इंश्योरेंस में कई तरह की प्राकृतिक और मानवीय आपदाएं शामिल की जाती हैं। इसमें असमय बारिश तूफान आग भूकंप और दंगे जैसी घटनाओं को शामिल किया जाता है। अगर शादी के स्थान पर कोई क्षति हो जाए या वह उपयोग करने लायक न रहे तो इस बीमा से उसका भी नुकसान कवर हो जाता है।
परिवार की आपदाएं और अप्रत्याशित घटनाएं
अगर शादी के समय दूल्हा दुल्हन या उनके माता पिता भाई बहन जैसी नज़दीकी रिश्तेदारों को कोई दुर्घटना या मृत्यु हो जाए तो भी यह बीमा काम आता है। इन स्थितियों में शादी टल जाती है और नुकसान बहुत बड़ा होता है लेकिन बीमा इसमें काफी राहत देता है।
अतिरिक्त फायदे और मन की शांति
वेडिंग इंश्योरेंस में कई ऐड-ऑन भी मिलते हैं जैसे कि कपड़ों का बीमा या हनीमून ट्रिप का बीमा। अगर शादी का लहंगा रास्ते में खो जाए या हनीमून ट्रिप में कोई बाधा आ जाए तो यह इंश्योरेंस राहत पहुंचाता है। शादी के समय जहां हर कोई टेंशन से दूर रहना चाहता है वहां यह बीमा एक सुरक्षा कवच बन जाता है।
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