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Fritz reaches ATP Finals title decider with Sampras mark in sight

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Fritz reaches ATP Finals title decider with Sampras mark in sight
संयुक्त राज्य अमेरिका के टेलर फ्रिट्ज़ शनिवार (16 नवंबर, 2024) को इटली के ट्यूरिन में इनल्पी एरिना में जर्मनी के अलेक्जेंडर ज्वेरेवाट के खिलाफ एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल सेमीफाइनल टेनिस मैच जीतने के बाद जश्न मनाते हुए।

संयुक्त राज्य अमेरिका के टेलर फ्रिट्ज़ शनिवार (16 नवंबर, 2024) को इटली के ट्यूरिन में इनल्पी एरिना में जर्मनी के अलेक्जेंडर ज्वेरेवाट के खिलाफ एटीपी वर्ल्ड टूर फाइनल सेमीफाइनल टेनिस मैच जीतने के बाद जश्न मनाते हुए। | फोटो साभार: एपी

टेलर फ्रिट्ज़ शनिवार (16 नवंबर, 2024) को अलेक्जेंडर ज्वेरेव को तीन सेटों में हराकर एटीपी फाइनल खिताब के निर्णायक मुकाबले में पहुंच गए, और 25 साल पहले पीट सम्प्रास के बाद शोपीस इवेंट में पहले अमेरिकी चैंपियन बनने से एक जीत दूर रह गए।

पांचवीं रैंकिंग वाले फ्रिट्ज़ ने ट्यूरिन में सीज़न के समापन कार्यक्रम में एक रोमांचक मैच में दुनिया के नंबर दो ज्वेरेव पर 6-3, 3-6, 7-6 (7/3) से जीत दर्ज की।

2006 में जेम्स ब्लेक के बाद फाइनल में जगह बनाने वाले पहले अमेरिकी व्यक्ति बनने के बाद रविवार (17 नवंबर, 2024) के मुकाबले में फ्रिट्ज़ का सामना दुनिया के नंबर एक जैनिक सिनर या कैस्पर रूड से होगा।

उत्तरी इटली में एक भीषण मैच के बाद सितंबर के यूएस ओपन फाइनल में हार के बाद फ्रिट्ज़ के पास सिनर से बदला लेने का मौका हो सकता है।

दोनों खिलाड़ियों के पास उतार-चढ़ाव वाले तीसरे सेट में नियंत्रण हासिल करने का मौका था, लेकिन फ्रिट्ज़ ने फाइनल में जगह बनाने के लिए टाई-ब्रेक में अपना धैर्य बेहतर बनाए रखने से पहले कई ब्रेक प्वाइंट का फायदा उठाने में असफल रहे।

फ्रिट्ज़ तीसरे सेट के पांचवें गेम में तीन ब्रेक प्वाइंट बचाने में कामयाब रहे, जब ऐसा लग रहा था कि ज्वेरेव मैच पर नियंत्रण करने के लिए तैयार हैं।

“वह शायद सबसे बड़ा मोड़ था; मैं उनमें से एक अंक खो देता हूं, और संभवतः यही है। साशा के साथ खेलना कुछ इसी तरह से होता है,” फ्रिट्ज़ ने कहा, जो दो साल पहले सेमीफाइनल में पहुंचे थे।

“वापस आना और एक कदम आगे जाना अद्भुत है। यहां होना सम्मान की बात है इसलिए फाइनल में पहुंचना अद्भुत है।”

ज्वेरेव सीज़न की टूर-अग्रणी 70वीं जीत का लक्ष्य बना रहे थे, लेकिन शनिवार (16 नवंबर, 2024) को ट्यूरिन में एक भी सेट या सर्विस गेम नहीं गंवाने के बाद आठ मैचों में उनकी जीत का सिलसिला टूट गया।

सुस्त ज्वेरेव

वह 2022 फ्रेंच ओपन में टखने की भयानक चोट से उबरकर दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंचे और इस सीज़न में रोम और पेरिस में दो मास्टर 1000 इवेंट जीते।

लेकिन 27 वर्षीय ने स्वीकार किया कि मैच के अंतिम दो सेटों में बेहतर टेनिस खेलने के बाद शनिवार (16 नवंबर, 2024) को जब बारी आई तो वह अपने मौके लेने में असफल रहे।

ज्वेरेव ने कहा, “यह उन दिनों में से एक था जहां हर चीज को शुरू होने में समय लगता है,” ज्वेरेव ने शुक्रवार रात को पुरुषों के टेनिस कैलेंडर को “पागल” बताया।

“ऐसा लगता है कि यह आपके मूवमेंट पैटर्न, आपके शॉट्स, साथ ही आप सुबह कैसे उठते हैं, इसका कोई प्राकृतिक प्रवाह नहीं है। हर चीज़ थोड़ी अधिक थका देने वाली है। मुझे आज ऐसा ही महसूस हुआ।”

घरेलू उम्मीद है कि सिनर को दिन के मुख्य कार्यक्रम में उत्साही भीड़ का समर्थन प्राप्त होगा, इटालियन का लक्ष्य एक असाधारण वर्ष के बाद अपना पहला फाइनल खिताब जीतना है जिसमें उन्होंने सात टूर्नामेंट जीते, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई और यूएस ओपन में उनकी पहली ग्रैंड स्लैम जीत भी शामिल है।

वह पिछले साल के फाइनल में नोवाक जोकोविच से हार गए थे, जो इस बार चोटिल होकर टूर्नामेंट से हट गए और उन्होंने 2024 के आयोजन में प्रवेश किया, जिससे पहले ही यह सुनिश्चित हो गया कि वह साल के अंत में एटीपी रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाले पहले इतालवी बन जाएंगे।

हालाँकि, मार्च में स्टेरॉयड क्लोस्टेबोल के अंश के लिए दो बार सकारात्मक परीक्षण के बाद वह विवादों में घिर गए हैं।

शुरुआत में उन्हें इंटरनेशनल टेनिस इंटीग्रिटी एजेंसी ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन सितंबर के अंत में विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी ने अपील की और दो साल तक के प्रतिबंध की मांग की।

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ICC ODI Rankings: साउथ अफ्रीका की कप्तान को पछाड़ा, मंधाना का बल्ला बोला तो दुनिया झुकी

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ICC ODI Rankings: साउथ अफ्रीका की कप्तान को पछाड़ा, मंधाना का बल्ला बोला तो दुनिया झुकी

ICC ODI Rankings: आईसीसी की ताज़ा वनडे रैंकिंग में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। भारतीय महिला क्रिकेट की स्टार खिलाड़ी स्मृति मंधाना ने शानदार फॉर्म का फायदा उठाते हुए दुनिया की नंबर-1 महिला बल्लेबाज़ का ताज अपने नाम कर लिया है। लंबे समय से टॉप पर बनी हुईं दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोलवार्ट की बादशाहत अब खत्म हो गई है। स्मृति मंधाना ने श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलंबो में हुई त्रिकोणीय सीरीज़ में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 264 रन बनाए और फाइनल में शतक भी जड़ा। इस धमाकेदार प्रदर्शन के चलते उन्होंने रैंकिंग में लंबी छलांग लगाकर टॉप पोजीशन हासिल कर ली।

छह साल बाद फिर से नंबर-1 का ताज

स्मृति मंधाना करीब छह साल बाद दोबारा नंबर-1 की पोजीशन पर पहुंची हैं। इससे पहले साल 2019 में उन्होंने पहली बार ICC महिला वनडे रैंकिंग में टॉप स्थान हासिल किया था। इस बार उनके पास 727 रेटिंग प्वाइंट्स हैं। वहीं इंग्लैंड की नताली स्किवर-ब्रंट को एक स्थान का फायदा हुआ है और वे अब दूसरे नंबर पर पहुंच गई हैं। उनके पास 719 रेटिंग प्वाइंट्स हैं। इसी के साथ लौरा वोलवार्ट दो स्थान गिरकर तीसरे नंबर पर आ गई हैं। नताली और लौरा के रेटिंग प्वाइंट्स बराबर हैं लेकिन हालिया प्रदर्शन के आधार पर नताली को बढ़त मिली है। स्मृति के इस प्रदर्शन से भारत को गर्व करने का मौका मिला है।

ICC ODI Rankings: साउथ अफ्रीका की कप्तान को पछाड़ा, मंधाना का बल्ला बोला तो दुनिया झुकी

ऑस्ट्रेलिया का दबदबा कायम

महिला वनडे रैंकिंग की टॉप-10 सूची में सबसे ज़्यादा खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया की हैं। इस सूची में ऑस्ट्रेलिया की चार बल्लेबाज़ शामिल हैं। इंग्लैंड की दो, जबकि भारत, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और वेस्ट इंडीज की एक-एक बल्लेबाज़ टॉप-10 में अपनी जगह बनाए हुए हैं। इंग्लैंड की एमी जोन्स चौथे और ऑस्ट्रेलिया की एलीस पैरी पांचवें स्थान पर हैं। वेस्ट इंडीज की हेले मैथ्यूज़ छठे, ऑस्ट्रेलिया की एलिसा हीली सातवें और श्रीलंका की चमारी अटापट्टू आठवें नंबर पर बनी हुई हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया की बेथ मूनी नौवें और एश्ले गार्डनर दसवें नंबर पर काबिज़ हैं।

भारत के लिए गर्व की बात

स्मृति मंधाना टॉप-10 की एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं और उनका इस मुकाम तक पहुंचना भारतीय महिला क्रिकेट के लिए गर्व की बात है। उन्होंने न सिर्फ अपने खेल से आलोचकों को जवाब दिया बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए भी मिसाल पेश की है। उनका संयमित और आक्रामक अंदाज़ दोनों ही आज के क्रिकेट की ज़रूरत हैं। आईसीसी रैंकिंग में इस तरह की चढ़ाई केवल रनों से नहीं बल्कि निरंतरता और मेहनत से होती है। मंधाना का यह मुकाम यह साबित करता है कि भारतीय महिला क्रिकेट अब वैश्विक स्तर पर अपनी मज़बूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है।

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World Test Championship 2025: 27 साल की प्यास बुझी साउथ अफ्रीका ने रचा इतिहास टेस्ट चैंपियन बन दुनिया को चौंकाया

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World Test Championship 2025: 27 साल की प्यास बुझी साउथ अफ्रीका ने रचा इतिहास टेस्ट चैंपियन बन दुनिया को चौंकाया

World Test Championship 2025:  साउथ अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया। इस जीत के साथ अफ्रीका ने 27 साल से चले आ रहे आईसीसी ट्रॉफी का सूखा भी खत्म कर दिया। ये पल अफ्रीकी क्रिकेट इतिहास का सुनहरा अध्याय बन गया।

मैक्रम और बावुमा ने दिखाया कमाल

इस ऐतिहासिक जीत में एडेन मैक्रम और टेम्बा बावुमा की शानदार पारियों का बड़ा योगदान रहा। मैक्रम ने चौथी पारी में दबाव के बीच 136 रन बनाए जबकि बावुमा ने भी लाजवाब बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को जीत की ओर ले गए। दोनों की साझेदारी ने मैच का रुख ही बदल दिया।

दिग्गजों ने की तारीफ

मैच के बाद सचिन तेंदुलकर ने एक्स पर लिखा कि टेस्ट क्रिकेट का जादू अब भी बरकरार है। उन्होंने मैक्रम की संयमित बल्लेबाज़ी और बावुमा की नेतृत्व क्षमता की तारीफ की। एबी डिविलियर्स ने भी इसे शानदार जीत बताया और लिखा कि उन्होंने अपने दोनों बेटों के साथ ये ऐतिहासिक क्षण देखा।

स्टेन और गिब्स ने भी जताई खुशी

दिग्गज गेंदबाज़ डेल स्टेन ने इसे एक शब्द में ‘होम’ कहा यानी चैंपियनशिप की मेट अफ्रीका में घर लौट आई। हर्शल गिब्स ने लिखा कि टॉस से लेकर हर फैसला अफ्रीका के पक्ष में गया और अब इस जीत का जमकर जश्न मनाएं। सभी पूर्व खिलाड़ी इस जीत से भावुक नज़र आए।

अब तीसरी टीम बनी अफ्रीका

साउथ अफ्रीका वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतने वाली तीसरी टीम बन गई है। इससे पहले न्यूजीलैंड ने 2021 और ऑस्ट्रेलिया ने 2023 में खिताब जीता था। भारत दोनों बार फाइनल में पहुंचा लेकिन जीत नहीं सका। अब अफ्रीका ने खुद को क्रिकेट की सबसे अहम फॉर्मेट में सर्वोच्च साबित कर दिया है।

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TNPL : 53 रन 4 ओवर और 0 विकेट TNPL का सबसे महंगा स्पेल बना हार की सबसे बड़ी वजह

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TNPL : 53 रन 4 ओवर और 0 विकेट TNPL का सबसे महंगा स्पेल बना हार की सबसे बड़ी वजह

TNPL : 13 जून की शाम टीएनपीएल के एक मुकाबले में क्रिकेट का रोमांच अपने चरम पर था। सलेम और तिरुप्पुर के बीच हो रहे इस मैच में सलेम ने अंतिम ओवरों में चमत्कारी जीत दर्ज की। इस जीत की सबसे बड़ी वजह बना तिरुप्पुर के 23 वर्षीय तेज गेंदबाज ए इसाकिमुथु का 19वां ओवर। इस एक ओवर ने पूरी बाजी पलट दी और क्रिकेट की अनिश्चितता को फिर साबित कर दिया।

एक गेंद पर बने 8 रन ने मचाया बवाल

सलेम को आखिरी दो ओवर में 31 रन की दरकार थी। कप्तान साई किशोर ने 19वां ओवर इसाकिमुथु को दिया। पहले 5 गेंदों में सलेम के बल्लेबाजों ने 17 रन बटोर लिए थे। लेकिन आखिरी गेंद पर तो कमाल ही हो गया। चार नो बॉल फेंकी गईं और बल्लेबाजों ने एक ही गेंद पर 8 रन बटोर लिए। इस एक गेंद ने मैच का रुख ही बदल दिया और तिरुप्पुर की मुश्किलें बढ़ा दीं।

आखिरी ओवर में जीत का झंडा फहराया सलेम ने

जब आखिरी ओवर की शुरुआत हुई तो सलेम को केवल 6 रन चाहिए थे और पूरे 6 गेंदें बची थीं। अंतिम ओवर टी नटराजन ने डाला जिन्होंने भरसक कोशिश की पर एक गेंद बाकी रहते सलेम ने यह मुकाबला 4 विकेट से जीत लिया। इस मुकाबले ने साबित कर दिया कि एक खराब ओवर भी मैच की किस्मत तय कर सकता है।

TNPL : 53 रन 4 ओवर और 0 विकेट TNPL का सबसे महंगा स्पेल बना हार की सबसे बड़ी वजह

इसाकिमुथु बना सबसे महंगे ओवर का जिम्मेदार

इस मुकाबले का सबसे लंबा और सबसे महंगा ओवर इसाकिमुथु का रहा। उन्होंने कुल 11 गेंदें डालीं जिसमें 25 रन लुटा दिए। इस ओवर में उन्होंने चार नो बॉल फेंकी और एक भी विकेट नहीं ले सके। उनके पूरे स्पेल में 4 ओवर में 53 रन बने जो मैच में किसी भी गेंदबाज द्वारा दिए गए सबसे ज्यादा रन थे। उन्होंने अपनी टीम को सबसे भारी नुकसान पहुंचाया।

क्रिकेट में एक ओवर भी काफी होता है सब कुछ बदलने को

इस मैच ने यह साफ कर दिया कि क्रिकेट में केवल एक ओवर ही खेल की दिशा और दशा बदल सकता है। इसाकिमुथु का एक खराब ओवर सलेम के लिए जीत और तिरुप्पुर के लिए हार की वजह बन गया। बल्लेबाजों ने मौके का फायदा उठाया और तिरुप्पुर को संभलने तक का समय नहीं दिया। इस मुकाबले को आने वाले समय में टीएनपीएल के सबसे रोमांचक मैचों में गिना जाएगा।

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