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Former Asiad relay gold medallist Vismaya tests positive

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Former Asiad relay gold medallist Vismaya tests positive
विस्मया (दाएं) जकार्ता में 18वें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय 4x400 मीटर महिला रिले टीम की स्टार थीं।

विस्मया (दाएं) जकार्ता में 18वें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय 4×400 मीटर महिला रिले टीम की स्टार थीं | फोटो साभार: फाइल फोटो

2018 जकार्ता एशियाई खेलों में भारतीय महिला 4×400 मीटर रिले टीम को स्वर्ण पदक दिलाने वाली वीके विस्मया का डोप परीक्षण सकारात्मक आया है।

27 वर्षीय क्वार्टरमिलर का 15 अगस्त को प्रतियोगिता से बाहर परीक्षण में कोच्चि के पास पेरुम्बावुर में उसके घर पर परीक्षण किया गया था और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने 12 सितंबर को एथलीट को सूचित किया कि उसके मूत्र के नमूने में क्लोमीफीन जो हार्मोन और मेटाबॉलिक मॉड्यूलेटर श्रेणी के अंतर्गत आता है जो हर समय प्रतिबंधित है।

स्पोर्ट इंटीग्रिटी ऑस्ट्रेलिया के अनुसार क्लोमीफीन एक गैर-स्टेरायडल दवा है जिसका उपयोग महिलाओं में ओव्यूलेशन प्रेरित करने और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए चिकित्सकीय रूप से किया जाता है।

विस्मया, जिन्होंने आखिरी बार 1 जून को ताइपे प्रतियोगिता में भाग लिया था, ने बताया कि उन्होंने इसे प्रजनन क्षमता की दवा के रूप में लिया था।

“मैं सहमत हूं कि मैंने इसे इसलिए लिया क्योंकि यह ओव्यूलेशन को प्रेरित करता है। जब वे परीक्षा देने आए तो मैंने नाडा फॉर्म में इसका उल्लेख किया था। लेकिन उन्होंने इस पर विचार नहीं किया,” विस्मया ने बताया द हिंदू सोमवार को.

विस्मया, जो 2019 दोहा वर्ल्ड्स में सातवें स्थान पर रहने वाली भारतीय मिश्रित रिले टीम का भी हिस्सा थीं, ने कहा कि उन्होंने दो बार नाडा को अपना मामला बताते हुए विस्तृत पत्र भेजे थे।

“उन्होंने (नाडा अधिकारियों ने) मुझसे पूछा कि क्या मैं अपने ‘बी’ नमूने का परीक्षण कराना चाहता हूं और क्या मैंने स्वीकार किया है कि मैंने दवा ली है। मुझे पता है कि मैंने दवा ली थी इसलिए इसे चुनौती देने का कोई मतलब नहीं था। और अब चूँकि मैं गर्भवती हूँ तो मैं केस के पीछे नहीं भाग सकती। मैं घर पर अकेली हूं, मेरे पति सेना में हैं और मैं इस समय मामले को लेकर चिंतित नहीं हो सकती, इसलिए मामले को चुनौती देने का कोई मतलब नहीं है।’

विस्मया ने कहा कि वह कानूनी विकल्पों पर बाद में विचार करेंगी.

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Ind vs pak match cancel: भारत-पाक मैच रद्द क्यों हुआ? क्रिकेट प्रेमियों के अरमानों पर फिरा पानी

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Ind vs pak match cancel: भारत-पाक मैच रद्द क्यों हुआ? क्रिकेट प्रेमियों के अरमानों पर फिरा पानी

Ind vs pak match cancel: वर्ल्ड चैम्पियनशिप ऑफ लीजेंड्स 2025 का सबसे बहुप्रतीक्षित मुकाबला यानी भारत-पाकिस्तान मैच 20 जुलाई को एजबेस्टन स्टेडियम में खेला जाना था। लेकिन यह मुकाबला अब रद्द कर दिया गया है। इस रद्दीकरण की वजह भारतीय टीम के 5 खिलाड़ियों का मैच में हिस्सा लेने से इनकार करना बताया जा रहा है। यह जानकारी एजबेस्टन स्टेडियम और डब्ल्यूसीएल के एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल से दी गई।

पांच बड़े नामों ने मैच खेलने से किया इनकार

जिन खिलाड़ियों ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से मना किया उनमें हरभजन सिंह, सुरेश रैना, इरफान पठान, यूसुफ पठान और शिखर धवन शामिल हैं। इन सभी का नाम भारत चैंपियंस की 15 सदस्यीय टीम में शामिल था। लेकिन इनके अचानक हटने से टीम इंडिया अपनी प्लेइंग इलेवन तैयार ही नहीं कर पाई। आयोजकों के पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था और मैच को रद्द करना पड़ा।

फैंस के लिए निराशा और टिकट का रिफंड


इस बड़े मुकाबले के रद्द होने से लाखों क्रिकेट प्रेमियों को बड़ा झटका लगा है। स्टेडियम में मैच देखने की तैयारी कर चुके फैंस को आयोजकों ने आग्रह किया है कि वे अब स्टेडियम न आएं। साथ ही उन्होंने ये भी आश्वासन दिया है कि जिन लोगों ने टिकट खरीदे थे उन्हें पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा। यह घोषणा एजबेस्टन स्टेडियम ने खुद की है।

पाकिस्तान ने पहले ही खेला था मुकाबला

पाकिस्तान की टीम इस टूर्नामेंट में पहले ही इंग्लैंड के खिलाफ अपना एक मैच खेल चुकी है जबकि भारत चैंपियंस का यह पहला ही मुकाबला था। अब भारत को अपने अगले मुकाबले के लिए 22 जुलाई तक इंतजार करना होगा। ऐसे में भारत की शुरुआत पर ही सवाल खड़े हो गए हैं और टूर्नामेंट में उसकी भागीदारी की गंभीरता पर भी चर्चा हो रही है।

क्या वजह थी असली बहिष्कार की?

हालांकि आयोजकों ने सिर्फ खिलाड़ियों के इनकार को कारण बताया है लेकिन इसके पीछे की असली वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है। क्या यह व्यक्तिगत कारण था या कोई राजनीतिक या भावनात्मक फैसला? इस पर अभी तक न खिलाड़ियों की ओर से कोई बयान आया है और न ही बीसीसीआई या डब्ल्यूसीएल ने कोई स्पष्टीकरण दिया है। क्रिकेट प्रेमियों को अब उम्मीद है कि भारत अगले मुकाबले में जरूर मैदान में उतरेगा।

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T20 Blast 2025: 17 साल का चमत्कारी गेंदबाज जिसने फिरकी से रचा इतिहास और लंकाशायर को घुटनों पर ला दिया

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WCL 2025: 17 साल का चमत्कारी गेंदबाज जिसने फिरकी से रचा इतिहास और लंकाशायर को घुटनों पर ला दिया

T20 Blast 2025: टी20 ब्लास्ट 2025 में एक 17 साल के पाकिस्तानी मूल के गेंदबाज ने ऐसा कमाल किया कि पूरा क्रिकेट जगत हैरान रह गया। फ़रहान अहमद ने नॉटिंघमशायर की तरफ से खेलते हुए लंकाशायर के खिलाफ हैट्रिक ली और पांच विकेट चटकाकर अपनी टीम को शानदार जीत दिलाई। वह नॉटिंघमशायर के लिए टी20 क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं।

लंकाशायर की पारी को किया तहस-नहस

लंकाशायर ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए मात्र 126 रन ही बना सकी। टीम की ओर से मैथ्यू हर्स्ट ने 36 और क्रिस ग्रीन ने 29 रनों का योगदान दिया। लेकिन पूरी बल्लेबाज़ी फ़रहान की स्पिन के आगे बिखर गई। फ़रहान ने आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर ल्यूक वुड को आउट किया। अगली ही गेंद पर थॉमस एस्पिनवाल को बिना खाता खोले चलता किया। आखिरी गेंद पर मिचेल स्टेनली क्रीज़ से आगे निकलकर शॉट मारने गए और विकेटकीपर टॉम मूर्स ने उन्हें स्टंप कर दिया।

फ़रहान ने लिए 5 विकेट, बना रिकॉर्ड

इस मैच में फ़रहान अहमद ने कुल 4 ओवर में 25 रन देकर 5 विकेट लिए। उन्होंने क्रिस ग्रीन और कप्तान कीटन जेनिंग्स को भी आउट किया। उनकी गेंदों में इतनी चालाकी थी कि बल्लेबाज़ समझ ही नहीं पाए कि गेंद किस तरफ घूमेगी। हैट्रिक के साथ-साथ 5 विकेट लेना उनकी प्रतिभा और मेहनत का बड़ा उदाहरण है।

टॉम मूर्स ने दिखाया दम, टीम को दिलाई जीत

लक्ष्य का पीछा करते हुए नॉटिंघमशायर की शुरुआत खराब रही। मात्र 14 रनों पर 4 विकेट गिर गए थे। लेकिन इसके बाद टॉम मूर्स ने मोर्चा संभाला और 75 रनों की तूफानी पारी खेली। उन्होंने 7 चौके और 4 छक्के लगाए। डैनियल सेम्स ने 17 रन बनाकर नाबाद रहते हुए टीम को जीत तक पहुंचाया। टीम ने यह मैच 4 विकेट से जीत लिया।

कौन हैं फ़रहान अहमद?

फ़रहान अहमद इंग्लैंड के उभरते हुए स्टार स्पिनर रेहान अहमद के छोटे भाई हैं। उन्होंने 2024 अंडर-19 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया था। पिछले साल उन्होंने नॉटिंघमशायर के लिए सबसे कम उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया और 140 रन देकर 7 विकेट झटके। इसके बाद उन्होंने ब्रिटिश क्रिकेट में सबसे कम उम्र में मैच में 10 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बनने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।

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R Prajnananda की चाल से टूटा कार्लसन का गुरूर – फ्रीस्टाइल में भारत का जलवा!

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R Prajnananda की चाल से टूटा कार्लसन का गुरूर – फ्रीस्टाइल में भारत का जलवा!

R Prajnananda: फ्रीस्टाइल चेस ग्रैंड स्लैम में भारत के युवा ग्रैंडमास्टर आर प्रग्गनानंधा ने एक बार फिर दुनिया को हैरान कर दिया है। उन्होंने नॉर्वे के ग्रैंडमास्टर और विश्व नंबर 1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को चौथे राउंड में हराकर एक बड़ी जीत हासिल की है। यह मुकाबला केवल 39 चालों में खत्म हो गया जो उनकी शानदार तैयारी और आत्मविश्वास का प्रमाण है। यह जीत प्रग्गनानंधा के करियर की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जा रही है।

तीनों फॉर्मेट में दिखाया कमाल

मैच में आर प्रग्गनानंधा ने कार्लसन के खिलाफ तीनों फॉर्मेट—क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज—में जीत दर्ज की। चौथे राउंड के इस मुकाबले में 10 मिनट + 10 सेकेंड के टाइम कंट्रोल के साथ खेले गए गेम में प्रग्गनानंधा का नियंत्रण पूरी तरह से दिखाई दिया। उन्होंने 93.9% की शानदार एक्यूरेसी से खेल दिखाया जबकि कार्लसन केवल 84.9% के नियंत्रण के साथ जूझते नजर आए। इससे साफ जाहिर है कि भारतीय खिलाड़ी अब किसी भी दबाव से डरते नहीं बल्कि आत्मविश्वास से भरपूर हैं।

जीत के साथ टॉप पर पहुंचे प्रग्गनानंधा

इस मुकाबले में जीत हासिल कर प्रग्गनानंधा व्हाइट ग्रुप के आठ खिलाड़ियों में से 4.5 अंकों के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष स्थान पर पहुंच गए हैं। उनकी निरंतरता और रणनीति ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। उन्होंने पहले दौर में नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव से ड्रॉ खेला फिर दूसरे राउंड में असाउबायेवा को हराया और तीसरे राउंड में ब्लैक पीस से खेलते हुए कीमर को मात दी।

भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ कमजोर दिखे कार्लसन

गौर करने वाली बात यह है कि हाल ही में मैग्नस कार्लसन भारतीय खिलाड़ियों के सामने लगातार हार का सामना कर रहे हैं। इससे पहले मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन डी गुकेश ने भी उन्हें हराया था। अब प्रग्गनानंधा की यह जीत इस बात की पुष्टि करती है कि भारत अब केवल उभरता हुआ नहीं बल्कि स्थापित शतरंज महाशक्ति बन चुका है।

फ्रीस्टाइल फॉर्मेट बना पसंदीदा

मैच के बाद प्रग्गनानंधा ने कहा कि उन्हें क्लासिकल से ज्यादा फ्रीस्टाइल फॉर्मेट पसंद है। उनका कहना था कि इस फॉर्मेट में रचनात्मकता और तेजी दोनों का मेल होता है जिससे खेलने में आनंद आता है। यह बयान भी दर्शाता है कि नई पीढ़ी के खिलाड़ी अब परंपरागत तरीकों से आगे बढ़कर नवीन सोच और साहस से खेलना पसंद करते हैं।

 

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